अगर तुम ऐसे ही जिद करोगी तो भगवान जी तुम्हारे भाई को वापस ले लेंगे इसलिए मेरी बात समझो करना रमन की बात सुनकर चुप हो गई और फिर बोली ठीक है बाबा मैं भाई का इंतजार करूंगी कान्हा जी ने मेरे भाई को दिया है
इसलिए मैं उनसे जाकर धन्यवाद करके आती हूं और उनसे यह भी कहूंगी कि वह मुझे मेरा भाई नहीं छीन मैं जिद नहीं करूंगी मैं अभी उनसे बात करके आती हूं
(कनक बहुत खुश रहने लगी थी क्योंकि अब छोटा भाई आ गया था ••••! हर वक्त उसके साथ रहते थी उसका पूरा ध्यान रखती थी कोई भी परेशानी नहीं होने देती थी लेकिन जैसे ही कनक का भाई थोड़ा बड़ा हुआ •••! तो लड़का पागल है लेकिन कनक और उसकी फैमिली को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था वह हमेशा उसका ख्याल रखते थे•••!)
5 साल बाद
कनक अब 15 साल की हो गई थी घर के कामो में अपनी बहनों का हाथ बताती थी
अब आगे•••! कनक झाड़ू लगा रही थी इतने में उसका भाई गुड्डू उसके पास आया और कनक को अपने साथ ले जाने लगा क्या हुआ गुड्डू कहां लेकर जा रहे हो क्या तुम्हें कुछ चाहिए गुड्डू कनक की कोई भी बात सुने उसको बाहर लेकर आया वहां पर बच्चे खेल रहे थे•••!
(गांव में आपने देखा होगा आम की गुठली से जो बचती थी उससे बच्चे खेल रहे थे )••••!गुड्डू ने उसकी तरफ इशारा किया (क्योंकि गुड्डू बोल नहीं सकता था)•••!
कनक उसकी बात समझ गई और बोली ठीक है मैं तुम्हारे लिए ला दूंगी••! अभी मुझे झाड़ू लगाने दो जब तक तुम इन बच्चों के साथ खेलो और हां कोई शैतानी मत करना नहीं झगड़ा करना तुमसे समझे गुड्डू उसकी बात सुनकर हां में सर हिला दिया •••!और उनके पास चला गया कनक दोबारा अपने काम में लग गई ••••! गुड्डू उन बच्चों के पास आया और उनसे आम की गुठली मांगने लगा
( मुझे नहीं पता उसको क्या कहते हैं इसलिए मैं तो बस आम की गुठली ही लिखूंगी आप समझ ही गए होंगे नहीं समझे हो तो मुझसे पूछ सकते हैं मैं आपको विस्तार में बता दूंगी )•••!लेकिन वह बच्चे गुड्डू को देख कर उसे पर हंसने लगे और बोले यह देखो पागल आ गया ••• ! गुठली गुड्डू की तरफ करके यह बजाएगा गुड्डू ने हां में सर हिला दिया बच्चे अच्छा यह बजाएगा तो अपना खाना तो खुद से खा नहीं सकता•••! यह बजाएगा चल निकल यहां से यह कहकर उसको धक्का दे दिया गुड्डू उन लोगों के इस तरह करने से उदास हो गया और वहां से चला गया •••! गुड्डू वहां से जंगलों में आया और वहां पर आम की गुठली को देखने लगा वही झाड़ियां में एक छोटा सा सांप का बच्चा बैठा हुआ था उसने आम की गुठली समझ कर उसको उठाया••••! और वहां से अपने घर के बाहर आकर उसने सांप का मुंह पकड़ और उसकी दीवार पर घिसने लगा••!
थोड़ी देर बाद
गुड्डू सांप को घिसकर उसका मुंह पकड़ अपने मुंह में लगाकर बजने लगा इतने में कनक जो गुड्डू को देखने आई थी उसने जैसे ही गुड्डू के मुंह में सांप देखा ••••! तो वह चीखने लगी कनक की चीख सुनकर उसकी बहाने और मां बाहर आ गई जैसे ही उन्होंने गुड्डू के मुंह में सांप को देखा तो बहुत डर गई कनक जल्दी से गुड्डू के पास आई और उससे सांप को छीनकर फेंका और उसको अपने सीने से लगा लिया ••!