अब आगे
थोड़ी देर बाद कनक गुड्डू से अलग हुई और बोली तुम ठीक हो तुम्हें कुछ हुआ तो नहीं है•••! और तुम यह क्या कर रहे थे तुम्हें पता है वो सांप है अगर वो तुम्हें काट लेता तो गुड्डू कनक की बात सुनकर उदास हो गया•••!
और इशारा करते हुए बोला वह बच्चे मुझे खेलने नहीं दे रहे कह रहा है मैं पागल हूं इसलिए मैं आम की गुठली ढूंढने गया था•••!
और मुझे यह मिल गया मैं समझा यही है कनक वो खुद ही पागल तुम पागल नहीं हो तुम तो सही हो और हां•••! दोबारा तुम ऐसा कुछ नहीं करोगे तुम्हें कोई भी चीज की जरूरत हो मुझे बताना चलो मैं तुम्हारे लिए कुछ लेकर आई हूं तुम्हें दिखाती हूं •••! यह कहकर उसको घर के अंदर लेकर चली गई और अंदर जाकर उसको आम की गुठली दी गुड्डू वह लेकर बहुत खुश हुआ और दोनों हाथों से ताली बजाने लगा •••!
अपने दोनों हाथों से ताली बजाने लगा कनक उसको देखकर मुस्कुराने लगी एक दिन रमन जी के दोस्त उनके घर आए हुए थे उन्होंने कनक को देखकर बोले यार रमन तेरी छोटी बेटी कनक मुझे बहुत पसंद मैंने सोचा है•••! क्यों ना उसको अपने घर की बहू बना लो अगर तु मना भी करेगा तो मुझे बुरा नहीं लगेगा हमारी दोस्ती पहले की जैसी रहेगी कनक मेरे घर की बहू बने या ना बने लेकिन हम दोनों दोस्त रहेंगे रमन कैसी बात कर रहा है यार ऐसी कोई बात नहीं है कनक भी तो तेरी बेटी है वैसे भी तेरा बेटा और मेरी बेटी साथ में बड़े हुए हैं ••••!
एक दूसरे को जानते भी हैं और अगर हम उसकी शादी कर देंगे दोनों खुश रहेंगे क्योंकि दोनो एक दूसरे को अच्छी तरह से जानते हैं सही रहेगा और हम दोस्त समाधि बन जाएंगे हमारा रिश्ता और गहरा हो जाएगा •••!
रमन का दोस्त विजय तो देरी किस बात की है हम इन दोनों की शादी करवा देते हैं जब कनक बड़ी हो जाएगी तब इसकी रोखसती करा देना रमन ठीक है फिर पंडित जी को बुलाकर दोनों की शादी का मुहूर्त लिकल बातें है विजय बिल्कुल ठीक कहा इस बात पर तो मुंह मीठा करना बनता है •••!
(रमन सही का मैं अभी मिठाई मंगवाता हूं )
1 महीने बाद
आज कनक की शादी हो गई थी सब लोग बहुत खुश थे कनक भी बहुत खुश थी क्योंकि जिससे शादी हुई है उसको बहुत पसंद करती हैं•••!
2 महीने हो गए थे कनक की शादी को लेकिन अभी उसकी रुखसती नहीं हुई थी क्योंकि रमन जी ने कहा कि जब तक बड़ी बहनों की शादी नहीं होगी तब तक कनक की रोखसती नहीं कर सकते विजय भी मान गए•••!
6 महीने हो गए थे कनक की शादी बाद सब सही चल रहा था कनक और उसकी बहाने भाई दलान में बैठे बातें कर रहे थे इतने में इनको कुछ गिरने की आवाज आई जैसे कि आवाज़ सुनकर कमरे में गए तो देखा शांति की जमीन बेहोश पड़ी है•••!
कनक और उसकी बहने शांति को देखकर जल्दी से उनके पास आई कनक मां क्या हो गया तुम्हें मां आंखें खोलो मां दीदी देखो ना मां•••!
को क्या हो गया आंखें नहीं हो रही बड़ी बहन सोनी बोली तुम जल्दी से बाबा को बुला कर लाओ उनसे और कहो की मां बेहोश हो गई है कनक सोनी की आवाज सुनकर जल्दी से वहां से बाबा को बुलाने भागी •••
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