मेरा भाई भाग - 1 Naaz Zehra द्वारा महिला विशेष में हिंदी पीडीएफ

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मेरा भाई भाग - 1


मेरी यह कहानी में एक बहन आपने भाई के खातिर अपनी पुरी जिंदगी कुर्बान कर देती है तो शुरू करते हैं




एक छोटा सा गांव जिसका नाम है ( सोन पुर ) वही एक घर है जो मिट्टी से बना हुआ था उसी घर एक औरत और एक आदीम पलंग पर बैठ बातें कर रहे थे




इतने मे वह पे चार लड़की आई उनमें से एक लड़की बोली बाबा मुझे कुछ नही सुना बस मुझे एक भाई चाहिये मेरी सब दोस्तो के पास भाई है बस मेरे पास नही है




आप केसे भी करके एक भाई ला कर दो आदमी जिनका नाम रमेश था उस छोटी लड़की को अपनी गोद में बिठाया और बोलें मेरी कनक बेटी को एक भाई चाहिये



लेकिन भाई आ गया तो सारा प्यार उसको मिलेगा क्योंकि वो सबसे छोटा होगा फिर तुम्हें कोई प्यार नहीं करेगा कनक मासूमियत से बोली कोई नहीं बाब मुझे कोई प्यार नहीं करेगा तो चलेगा


क्योंकि सब करेंगे तो मेरे भाई को प्यार मेरे भाई को करे या मुझे बता तो एक ही है क्योंकि भाई तो मेरा होगा ना आप बस भाई लाकर देदो और हां आप‌ बेफिक्र रहिए क्योंकि में आपने भाई का ख्याल ख़ुद रख लोगी उससे बहुत प्यार करोगी उसका हमेशा ख्याल रखोगी



आप लोग सोच रहे होंगे इस कहानी में बड़ी बात क्या है सभी भाई बहन एक दूसरे से प्यार करते हैं लेकिन आपने कभी देखा है कि एक बहन अपने भाई के लिए पूरी जिंदगी गुजारी है और अगर वो भाई पागल है तो लेकिन मे यह कहानी में आपको बताऊंगी कैसे एक बहन ‌ने अपने पागल भाई को पाला है भाई जो अपने हाथ से नहीं खाना खा सकता है ना ही खुद नहा सकता है अपने आप कुछ भी नहीं कर सकता इस कहानी में मैं आप लोगों को तब बताऊंगी और यह कहानी सच्ची है बस नाम और जगह बदली हुई है बाकी सब सच है कहीं से भी झूठी नहीं है


अब आगे

कनक की बात सुनकर रमन ने कनक के सर पर हाथ रखा और बोले सच में तुम अपनी भाई से इतना प्यार करोगी तो जरूर ऊपर वाला तुम्हारी बात सुनेंगे और तुम्हारे लिए एक भाई जरूर देंगे




मां की बात सुनकर कनक रमन की बात सुनकर वाली ठीक है फिर मैं कान्हा जी से प्रार्थना करूंगी वह मुझे एक भाई देते हैं मैं अभी जाकर कान्हा जी से भाई के लिए कहती हूं



यह बोलकर कनक बहा से चली गई रमन कनक को जाता देख बोले एक उपर बाले मेने आज तक तुम से कुछ नहीं मांगा लेकिन आज मेरी बेटी के लिए एक भाई देदो चाहे पागल ही कियू ना हो






रमन ने कनक को गोद में उठाया और उसके माथे पर किस कर के बोलें क्योंकि आज सब घरवाले बहुत खुश हैं और मैं भी बहुत खुश हूं कनक मासूमियत से बोली किसी ने मुझे नहीं बताया कि खुशी किस लिए हैं



क्या सब मुझे भूल गए अकेले-अकेले ही खुश हो रहे हैं मुझे तो बताओ मैं भी खुश हो लूं वैसे भी मैं बहुत उदास हूं क्या पता आप लोगों की खुशी की बात सुनकर मैं भी खुश हो जाऊं कनक की बात सुनकर रमन मुस्कुरा कर बोले तुम भी बहुत खुश हो हो जाओगे जब तुम्हें पता चलेगा सब खुश क्यों है



कनक तो बताओ ना बाबा रमन क्योंकि ऊपर वाले ने तुम्हारी बात सुन ली और तुम्हारे लिए एक छोटा सा भाई भेज रहे हैं कनक रमन की बात सुनकर उनके गले लगी और खुशी से बोली क्या सच कह रहे हो बाबा कान्हा जी मैं भाई भेज रहे हैं


रमन हां मेरी गुड़िया के लिए एक छोटा सा भाई आने वाला है कनक जल्दी से रमन की गोद से उतरी और बोली कहां है मेरा भाई मुझे अभी उससे मिलना है रमन बेटा अभी उसको आने में टाइम है



जब आएगा तुम मिल लेना कनक नहीं मुझे अभी मिलना है मुझे उससे बहुत सारी बातें करनी है उससे बहुत प्यार करना है आप बताओ ना बाबा कहां है मेरा भाई रमन कनक की बात सुनकर मुस्कुराए और बोले देखो गुड़िया अभी तुम्हारे भाई के आने में टाइम है



अगर तुम ऐसे ही जिद करोगी तो भगवान जी तुम्हारे भाई को वापस ले लेंगे इसलिए मेरी बात समझो करना रमन की बात




Cantinue