किस्मत से मिला रिश्ता भाग - 2 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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किस्मत से मिला रिश्ता भाग - 2

तनवी की याददाश जाना…!”

 

अब आगे,

 

अभय, राज से पूछता है,

 

" क्या हुआ है मेरे बच्चे को (अभय प्यार से तनवी को बच्चा कहकर बुलाता है और उसने तनवी को अपनी बहन से ज्यादा अपने बच्चे की तरह ही पाला होता है) जो उसको आईसीयू में रखा हुआ है...? "

 

अभय को बहुत डर लग रहा होता है क्योंकि उसकी बहन तनवी आईसीयू में भर्ती है पर वो अपने डर को छुपा लेता है और किसी को कुछ नही दिखाता है पर वो तनवी से जल्द से जल्द मिलना चाहता है...!

 

उसके बॉडीगार्ड्स हॉस्पिटल के सब लोगो को एक तरफ करते हुए रास्ता साफ कर रहे होते हैं और बिना किसी भाव के साथ अभय देहरादून के सिटी हॉस्पिटल के अंदर जा रहा होता है और उसके साथ राज और आकाश भी उसके पीछे पीछे चल रहे होते हैं...!

 

आकाश, अभय को बता रहा होता है,

 

" बॉस, तनवी मैम को आईसीयू के स्पेशल वार्ड में रखा गया है और जोकि इस हॉस्पिटल के सेकंड फ्लोर पर है..! "

 

फिर अभय हॉस्पिटल के सेकंड फ्लोर पर जाने के लिए लिफ्ट की तरफ मुड़ जाता है और राज लिफ्ट का बटन दबाकर उसको खोल देता है फिर पहले अभय और उसके बाद आकाश और फिर राज लिफ्ट में अंदर चला जाता है..!

 

फिर अभय आईसीयू की तरफ जाने लगता है और फिर आईसीयू के गेट के सामने खड़े होकर अपनी बहन तनवी को उस गोल शीशे से देखने लगता है..!

 

अभय अपने आपसे ही गुस्से में बोले जा रहा होता है,

 

" मुझे समझ नही आ रहा है कि कौन है वो इंसान जिसने मेरी तनवी की ये हालत की है, और अगर वो मुझे मिल जाए तो मै उसको जिंदा ही जमीन में दफन कर दूंगा...! "

 

अभय जैसे ही आईसीयू में जाने को होता है की कोई उसको पीछे से आवाज़ देता है। तो अभय पीछे मुड़ कर देखता है तो उसको पता चलता है कि वहा कोई लगभग 40 वर्षीय महिला खड़ी होती हैं और अब वो महिला, अभय को रोक के बोलती हैं,

 

" रुक जाए मुझे आपसे कुछ बात करनी है...! "

 

अभय उस महिला को देख ही रहा होता है कि अब आकाश, अभय से कहता है,

 

" बॉस, ये इस सिटी हॉस्पिटल की एक सीनियर डॉक्टर है..!"

 

अभी अभय जो अपनी बहन तनवी से मिलने के लिए आईसीयू के कमरे में जा ही रहा होता है वो आकाश की बात सुनकर वही रुक जाता है...!

 

अब अभय अकड़ के साथ उस सीनियर डॉक्टर से कहता है,

 

" बोलो क्या बोलना है तुम्हे...? "

 

अभय की बात सुनकर अब सीनियर डॉक्टर, अभय से कहती हैं,

 

"यहां नही क्या हम केबिन में चलकर बातकर सकते हैं..? "

 

उस सीनियर डॉक्टर की बात सुनकर, अब अभय उस सीनियर डॉक्टर से कहता है,

 

" ठीक है चलो...! "

 

सीनियर डॉक्टर के केबिन में,

 

अभय उस सीनियर डॉक्टर से पूछता है,

 

" हां, अब बोलो क्या बोलना है तुम्हे...? "

 

वो....वो, सीनियर डॉक्टर कुछ बोल ही नहीं पा रही होती है क्योंकि अभय के साथ आकाश और राज भी सीनियर डाक्टर के केबिन में आ गए होते हैं और राज के पास गन को देख उस सीनियर डॉक्टर को बहुत ज्यादा डर लग रहा होता है..!

 

वो सीनियर डॉक्टर अभी भी राज को देख डरे जा रही होती है तो जब अभय और आकाश उस सीनियर डॉक्टर की नज़र का पीछा करते हुए देखते हैं तो उनको पता चलता है कि क्या माजरा है..!

 

अभय गुस्से से उस सीनियर डॉक्टर को बोलता है,

 

" अब तुम बोलोगी भी या राज से के कहकर तुम को अभी के अभी ऊपर ही पहुंचवा दू ..! "

 

वो सीनियर डाक्टर डर के साथ अभय से कहती हैं,

 

" नही प्लीज ऐसा मत कीजिएगा..! "

 

अभय गुस्से से उस सीनियर डाक्टर को देखकर बोलता है,

 

" जो बोलना है जल्दी बोलो वरना...! "

 

वो सीनियर डॉक्टर अभय की बात सुनके घबरा जाती है पर फिर भी अपने डर को कंट्रोल कर अभय से कहती हैं,

 

" मैं अभी जो कुछ आपको बताने जा रही हू उसको आप समझने की कोशिश करिएगा..! "

 

अभय लगभग उस सीनियर डॉक्टर को डराते हुए कहता है,

 

" तुम कहना क्या चाहती हो? और अगर तनवी को कुछ भी हुआ न तो तुम अपने परिवार की शक्ल तक देखने को नसीब नही होगी, समझ में आया ना तुम को..! "

 

वो सीनियर डॉक्टर, अभय के सामने रोते हुए कहती हैं,

 

" प्लीज ऐसा मत कीजिएगा, अब इसमे मेरी क्या गलती है कि उस पैसेंट को अब कुछ भी याद नहीं है..! "

 

अभय, सीनियर डॉक्टर की बात सुनकर घबरा जाता है,

 

" क्या ! अभी क्या कहा तुमने और तनवी को कुछ भी याद नहीं से तुम्हरा क्या मतलब है...? "

 

वो सीनियर डॉक्टर, अभय से कहती हैं,

 

"आप ने सही सुना कि अब पेसेंट को कुछ भी याद नहीं है इसका मतलब है कि उनकी याददाश चली गई हैं..!"

 

अभय उस सीनियर डॉक्टर से पूछता है,

 

"अब कब तक तनवी की याददाश वापस आ जायेगी..!"

 

वो सीनियर डॉक्टर लगभग अभय को समझाते हुए कहती हैं,

 

" कुछ कहा नही जा सकता है क्योंकि ऐसे केस में पैसेंट की याददाश उनके द्वारा देखे गए पुराने लोगो और उनसे जुड़ी बातों पर निर्भर करती है..! "

 

अभय उस सीनियर डॉक्टर से पूछ रहा होता है,

 

" अच्छा, तो फिर भी कितना समय लग सकता है तनवी की याददाश आने मे..! "

 

अभय की बात सुनने के बाद वो सीनियर डॉक्टर को समझ में ही नही आ रहा होता है कि वो क्या बोले क्योंकि किसी भी व्यक्ति की याददाश आने मे कितना वक्त लगेगा यह तो कोई भी डॉक्टर नहीं बता सकता है...!

 

तभी उस सीनियर डॉक्टर के केबिन में उसकी जूनियर डाक्टर वहा आ जाती हैं और अपनी सीनियर डॉक्टर से कहती हैं,

 

" मैम उस पैसेंट को देख कर लगता नही है कि अब एकदम से उसकी याददाश आएगी क्योंकि मैंने उसकी रिपोर्ट पढ़ी है...! "

 

वो जुनियर डॉक्टर आगे बोलने ही वाली होती है की वो अभय, आकाश और राज को भी अपनी सीनियर डॉक्टर के केबिन में देख लेती है तो आगे कुछ बोल ही नहीं पाती है..!

 

पर उसको पता नहीं था कि वहा पर अभय भी बैठा हुआ है और यह सब सुनने के बाद अभय का गुस्सा और बढ़ जाता है..!

 

अभय ने उस जूनियर डाक्टर की बातो को सुनकर उससे कहता है,

 

" क्या, क्या कहा तुम ने अभी..? "

 

अभय अब तनवी के लिए परेशान हो रहा होता है, और इसलिए अब उस सीनियर डॉक्टर से पूछता है,

 

" तनवी की हालात कैसी है और तुम मुझे ठीक से बता क्यों नही रहे हो और क्या लिखा है तनवी की रिपोर्ट में..?"

 

वो जूनियर डाक्टर, अभय के डर से हकलाते हुए उससे बोलती है,

 

" वो...वो मेरा मतलब था कि अभी थोड़ा समय तो लग ही जायेगा ना उस पैसेंट को ठीक होने में क्योंकि उसकी याददाश जो चली गई हैं..! "

 

अभय गुस्से में उन दोनो डॉक्टर्स को देखकर बोलता है,

 

" मुझे नहीं लगता है कि तुम लोगो से तनवी का इलाज ठीक से हो पाएगा और मैं अभी इसी वक्त तनवी को मुंबई लेकर जाऊंगा और वही पर मुंबई के बेस्ट डॉक्टर्स की मदद से तनवी को ठीक कर लूंगा..! "

 

अभय का गुस्सा शांत होने का नाम ही नही ले रहा होता है और वो, उन सीनियर डॉक्ट्स से कहता है,

 

" अब खड़े खड़े मेरा मुंह क्या देख रहे हो जाओ जाके तनवी के डिस्चार्ज पेपर तैयार करवाओ...! "

 

उस सीनियर डॉक्टर और उसकी जूनियर डॉक्टर के तो अब अभय के सामने खडे होने पर भी पसीने छूट रहे होते हैं और अब वो सीनियर डॉक्टर अभय से डरते हुए कहती हैं,

 

" जी...जी ठी...ठीक है हम डिस्चार्ज पेपर तैयार करवाते है...! "

 

अब अभय गुस्से से उस सीनियर डॉक्टर के केबिन का दरवाज़ा खोलता है और बाहर निकल आईसीयू की तरफ मुड़ जाता हैं फिर अभय के पीछे पीछे आकाश भी जाने लगता है..!

 

पर राज अपनी गन निकल के उस सीनियर डॉक्टर पर प्वाइंट कर देता है और उससे कहता है,

 

" अगर मेरी तनवी मैम को कुछ भी हो गया न तो बॉस तो तुम्हे बाद में कुछ करेंगे, पहले तो मैं ही तुम्हारे परिवार को मौत की नीद सुला दूंगा...! "

 

अपनी बात कहकर राज भी अब उस सीनियर डॉक्टर के केबिन से बाहर निकल जाता है तो....!

 

वो जूनियर डाक्टर, राज की बात सुन अपनी सीनियर डॉक्टर से कहती हैं,

 

" मैम यह लोग तो बहुत खतरनाक है, अब हम क्या करेंगे.!"

 

अभय तनवी को देखने के लिए उस आईसीयू के कमरे की तरफ जा ही रहा होता है पर उसको बहुत ज्यादा डर लग रहा होता है और पर वो किसी को भी यह दिखाता नही है...!

 

किसकी वजह से गई होगी तनवी की याददाश और किसने की होगी तनवी की ये हालत और अब अभय उस इंसान के साथ क्या करने वाला है और अभय ये केसे पता लगा पाएगा कि ये सब तनवी के साथ किसने किया है...?

 

To be Continued....

 

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