किस्मत से मिला रिश्ता भाग - 3 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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किस्मत से मिला रिश्ता भाग - 3

अभय का तनवी से मिलना..!”

 

अब आगे,

 

उधर उस आईसीयू के कमरे में,

 

अब अभय आईसीयू का दरवाज़ा खोलता है तो देखता है कि तनवी आईसीयू के स्पेशल वार्ड में एक बेड पर लेटी हुई होती है जिसको दोनो तरफ से मशीनों द्वारा घेरा हुआ होता है साथ में उसने हल्के नीले रंग की हॉस्पितलो में उपयोग होने वाले कपडे पहने होते हैं..!

 

तनवी के सिर पर चोट लगी हुई होती है साथ में उसके सिर पर पट्टी भी बंधी होती है और उसको खून की बोतले चढ़ रही होती है क्योंकि उसका बहुत ज्यादा खून बह चुका होता है..!

 

अभय गुस्से में, अब राज से कहता है,

 

" राज जिस किसी ने भी तनवी की यह हालत की है उसको पाताल से भी ढूंढ के निकालो और हां उसको सलामत ही लेकर आना क्योंकि मुझे वो इंसान जिंदा चाहिए और उसका मै क्या करूंगा, वो तो तुम को अच्छे से पता ही है..! "

 

और एक खतरनाक हसी हस देता हैं, जिसे देखकर राज अपना सलाइवा गटक लेता है..!

 

आज अभय, तनवी को पूरे चार दिन बाद देख रह होता है और वो भी इस हालत में देख कर दुखी हो जाता है कहने के लिए तो मुम्बई में उसका पूरा परिवार रहता है पर वो सिर्फ तनवी को ही अपना परिवार और सब कुछ मानता है..!

 

अभय अभी आईसीयू में लेती हुई तनवी को देख रहा होता है और साथ में आकाश और राज भी वही खड़े होते हैं, तभी वो तीनो देखते हैं कि तनवी की आंखे धीरे धीरे खुल रही होती है..!

 

तनवी, वहा खड़े अभय, आकाश और राज को देखकर उन तीनो से पूछती है,

 

" आप सब कौन हैं और क्या मै आप सबको जानती हूं, बताए मुझे..! "

 

अभय, तनवी के सवाल का जवाब देते हुए कहता है,

 

" मै तुम्हारा बड़ा भाई हू..! "

 

अभय की बात सुनकर तनवी को लगता है कि अभय और उसके साथ आए राज और आकाश भी उसके भैया ही है इसलिए ही वो अब अभय से पूछती हैं,

 

" अच्छा तो आप तीनो मेरे भैया हो..! "

 

तनवी की बात सुनकर आकाश और राज की आंखे तो फटी की फटी रह जाती है और दोनो एक दूसरे का चेहरा देख रहे होते हैं..!

 

तनवी, आकाश और राज को ऐसे देख के पूछती है,

 

"क्या हुआ आप दोनो एक दुसरे को ऐसे क्यो देख रहे हो भैया और क्या मैने कुछ गलत पूछ लिया है..?"

 

अभय, तनवी को बड़े प्यार से कहता है,

 

" नही बच्चा, ऐसी कोई बात नही है और चलो फ्रेश हो जाओ हम मुंबई चलते हैं...! "

 

तनवी अभय की बात पर सवाल करते हुए पूछती है,

 

" यहा बच्चा कहा है, भैया और आप किसकी बात कर रहे हैं..? "

 

अभय, तनवी के सवाल का जवाब देते हुए कहता है,

 

" मैं तुम्हारी बात कर रहा हूं और मैं तुम्हे प्यार से बच्चा कह कर ही तो बुलाया करता हूं ..! "

 

तनवी, अभय के जवाब पर दुबारा सवाल कर रही है,

 

" क्या भैया? आप भी कुछ भी बोल रहे हो, मै आपको कहा से बच्ची नजर आ रही हू , बताओं मुझे...? "

 

अभय थोड़े से गुस्से के साथ बोलता है, क्योंकि अभय एक शॉर्ट टेंपर्ड इंसान हैं इसलिए उसको गुस्सा बहुत जल्दी आता है,

 

"अब बहुत हुआ, इससे आगे मुझे अब कुछ नही सुनना है..!"

 

तनवी, अभय की बात पर गुस्सा करते हुए कहती है,

 

" मै आप से बात नहीं करूंगी भैया, मै आपसे अभी मिली हू और आप मुझ पर गुस्सा कर रहे है..! "

 

और फिर अपना मुंह फुलाकर गुस्से से अपना मुंह दूसरी तरफ कर लेती है..!

 

तनवी को ऐसे बच्चो जैसा गुस्सा करते देख अभय के चेहरे पर मुस्कान आ जाती हैं पर आकाश और राज को तो जैसे झटका ही लग जाता है क्योंकि उन्हे तो याद भी नहीं कि उन दोनो का बॉस (अभय) आखरी बार कब हंसा होगा..!

 

तनवी, अभय पर झूठमूठ का गुस्सा करते हुए कहती है,

 

" क्या भैया? यहां मै आप से गुस्सा हो रही हू और आप हस रहे हो..? "

 

अभय, तनवी की बात पर हस्ते हुए कहता है,

 

" नही बच्चा, तुम्हे तो सच में गुस्सा होना भी नहीं आ रहा है इसलिए मेरी हसी छूट गई..! "

 

तनवी, अभय की बात पर बोलती हैं,

 

" जाइए, नही करती मै आप से बात..! "

 

अभय बात को बदलते हुए कहता है,

 

" अच्छा अब जल्दी जाओ और तैयार हो कर आओ..! "

 

तनवी, अभय से गुस्सा दिखाते हुए कहती है,

 

" नही, पहले आपको मुझसे माफ़ी मांगनी होगी, तब कही जाकर सोचूँगी..! "

 

आकाश और राज दोनो हैरानी से एक साथ बोलते है,

 

" बॉस को आपसे माफ़ी मांगनी होगी..! "

 

तनवी, आकाश और राज को बोलते हुए कहती और साथ में बोलती है,

 

" हां... हां आप के बॉस को माफ़ी मांगनी होगी..! "

 

अपनी बात कह कर अब तनवी, राज और आकाश की बात पर गौर करते हुए उन दोनो से पूछती हैं,

 

" बॉस...? यहां बॉस कौन हैं और मुझे तो लगा था कि आप मेरे भैया हो..?"

 

तनवी की बात सुनकर राज और आकाश को एक बार फिर से झटका लग जाता है वही अब अभय, तनवी से कहता है,

 

" इन दोनो मे से एक मेरा पी ए है और दूसरा मेरा पर्सनल बॉडीगार्ड है ये दोनो मेरे सगे भाई नही है मगर उससे कम भी नहीं है..!"

 

अभय की बात सुनकर, अब राज और आकाश दोनो उसको देख रहे होते हैं वही तनवी, अभय से कहती हैं,

 

" फिर तो ये दोनो भी मेरे भैया ही हुए क्योंकि हमारी हिफाजत करने वाला और हर समय हमारे साथ रहना वाला भी किसी से कम नही होता है..!"

 

तनवी की बात सुनकर इस बार अभय को थोड़ी हैरानी होती हैं क्योंकि तनवी ने आज तक ऐसी बाते नही करी थी खासकर अभय के साथ काम कर रहे लोगो के लिए तो बिलकुल भी नहीं..!

 

अब तनवी आगे कहती हैं,

 

" और आप दोनो ऐसे चॉक क्यू रहे थे जैसे भैया ने कभी किसी से माफ़ी ही नही मांगी होगी..! "

 

तनवी की बात सुनके आकाश और राज कुछ बोलने ही वाले होते है.....!

 

तभी बीच मे अभय, तनवी से कहता है,

 

" अच्छा....अच्छा, ठीक हैं मैने ही गलत कह दिया तुम्हे, अब तो जाओ जाकर तैयार हो जाओ..! "

 

अभय की बातो को सुन आकाश और राज को तो अपने कानो पर यकीन ही नहीं होता है कि उनका बॉस (अभय) अपनी गलती मान रहा हैं..!

 

तनवी, अभय के बार बार एक बात बोलने पर कहती है,

 

" Hmm, ठीक है तेयार होने जा तो रही है आप बार बार ऐसे क्यों बोल रहे हो जैसे आपकी कोई ट्रेन छूट ने वाली हो..! "

 

तनवी, अभय से पूछती हैं,

 

"भैया, वैसे हम घर जा रहे हैं तो वहा पर सब लोग होंगे न, मेरे कहने का मतलब है कि हमारे परिवार में कौन कौन हैं..?"

 

तनवी की बात सुन, अभय गुस्से से तनवी को कहता है,

 

" कोई नही है, मेरे पास सिर्फ तुम्हारे अलावा, समझ आया तुम को और आज के बाद मेरे से इस टॉपिक पर कोई बात मत करना..! "

 

अभय, अब आकाश देखता है तो आकाश अपने बॉस के इशारे को समझ कर आईसीयू के कमरे से बाहर निकल जाता हैं..!

 

अबतक तनवी का चेहरा उतर चुका होता है जिसे देख राज को अच्छा नहीं लग रहा होता है और वो यह सब अपने मन में सोच रहा होता है,

 

" बॉस को पता तो है कि तनवी मैम की याददाश नही है फिर भी उन पर गुस्सा कर रहे हैं..! "

 

साथ में राज अपने बॉस के गुस्से के आगे बोलने की हिम्मत नही कर पता है..!

 

तनवी आगे बोलने ही वाली होती है,

 

" पर भैया....! "

 

तनवी बोल ही रही होती है कि अभय बीच में बोल पड़ता है,

 

" अब क्या रह गया है तुम्हरा..? "

 

अभय की बात सुन, तनवी गुस्सा करने के साथ डाटते हुए अभय से कहती है,

 

" भैया, पहले मेरी बात ध्यान से सुन लो, ठीक है उसके बाद अपनी बात कहना, पहले यह जो मेरे सिर पर पट्टी बंधी है उसको हटवा दो और यह जो मेरे हाथ में ड्रीप चढ़ रही हैं उसको भी तो हटवाओ तभी तो मै अपने कपड़े बदलने जाऊंगी ना..!"

 

तनवी से डाट सुनने के बाद अभय का मुंह देखने लायक होता है, और आकाश व राज को हैरानी के साथ साथ हसी भी छूट रही होती है क्योंकि उन दोनो के बॉस को आजतक किसी ने भी डाटने की हिम्मत नही करी थी..!

 

क्या सच में आजतक अभय को किसी ने भी डाटने की हिम्मत नही करी थी जो आज तनवी ने कर दी है और अभय को आकाश और राज ने कभी हंसते हुए क्यू नही देखा होगा..?

 

To be Continued.......

 

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