तुम हो तो हम है DINESH KUMAR KEER द्वारा कुछ भी में हिंदी पीडीएफ

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तुम हो तो हम है

1.
उम्र मुझे यूँ छलती रही
उम्मीदों में ही कटती रही

सुख - दुख की राहों पर,
वक्त की धारा बहती रही

कभी उठती कभी गिरती,
लहरों सी मचलती रही

कुछ पाने की ख्वाहिश में,
पलकों में आस पलती रही

स्वार्थ भरी इस दुनिया में,
कमी प्यार की खलती रही

कदम कदम पर आई बाधा,
समझौतों में ही ढलती रही

अंधकार से भरें दीपक की,
बनकर बाती जलती रही

तुफानों में जब निराशा घेरे,
आशा के उजाले भरती रही

वक्त का पहिया रहा घूमता,
दिल की धड़कन चलती रही

उम्र बस यूँ ही छलती रही,
जीवन की शाम ढलती रही

2.
तेरा मेरा रिश्ता
जज्बात से जुड़ा है

ये वो संगम है
जो बिन मुलाकात से जुड़ा है...
मिलना बिछड़ना तो
नसीब की बात है
ये तो वो बंधन है
जो तेरी खुशी

और मेरी चाहत के
एहसास से जुड़ा है

3.
इन होठों पर मान मनुहार
बचाए रखना

दिल में बस थोड़ा सा प्यार
बचाए रखना

चलन दिखावे का है जमाने
में आजकल

हर हाल में अपना किरदार
बचाए रखना

4.
अधूरे सवालों के मुकम्मल
जवाब सी है
गहरी नींद में देखे हसीन
ख्वाब सी है
महकती है खुशबू दूर
तलक जिसकी
शख्सियत उस शख्स की
गुलाब सी है

5.
अंधेरी रातों से कह दो,
सुहानी भोर बाकी है

गम की इस उदासी में
खुशी का छोर बाकी है

बढ़ रही है धीरे - धीरे आहट
अब पदचापों की

माना वक्त है अभी तुम्हारा,
हमारा दौर बाकी है

6.
मुसीबत में अपनों के सहारे
छूट जाते हैं

डूबती है जब कश्ती, किनारे
छूट जाते हैं

मिला जिंदगी में जो वो हंसकर
अपना लो

चांद की चाहत में वरना सितारे
छूट जाते हैं

7.
मुझे मुश्क़िलो ने गिराया बहुत
मेरे हौसलो ने पर उठा लिया

मजबूरियो ने पीछे धकेला बङा
मेरी जिद ने मुझे आगे बढ़ा दिया

जब जब लगा मेरी आंखें भरी
मेरी मसखरी ने मुझे हँसा दिया

जब थक गई दुनिया से बहुत
मेरी ममता ने मुझको खङा किया

जब भी लगा मेरा कोई नही
मैने खुद को अपना बना लिया

समझदारी ने जब सताया बहुत
मैने बचपन को बुला लिया

ये गलत नही होगा कहना मेरा
मैने जिन्दगी को खुलके जिया

जब बोलने से कोई सुना नही
तो कलम को हमने उठा लिया

8.
हम जब से उनके हवाले हुए हैं
हर तरफ देखिए उजाले हुए हैं

उम्मीद की हम पतवार थामे
गमों की कश्ती संभाले हुए हैं

सच बोलने का जब वक्त आया
जुबां पर सबके ही ताले हुए हैं

वो हमारे हैं, हमारे रहेंगे सदा
खुशफहमियां हम पाले हुए हैं

ईमान के रास्ते जो भी चला
मुश्किल उसको निवाले हुए हैं

पाप का बोझ जितना है बढ रहा
उतने ही मंदिर शिवाले हुए हैं

कल तक जो थे दुश्मन अमन के
वतन के अब वो रखवाले हुए हैं
9.
कर रहे हैं शिद्दत से इंतजार आपका
काश हो जाए कहीं दीदार आपका
हर एक रज़ा आपकी है कुबूल हमें
हर हुक्म सर आंखों पे सरकार आपका
चाय पर फुर्सत से कभी बुलाओ तो हमें
महका देंगे हम सनम रविवार आपका

रिहाई और जमानत आसान नहीं है अब
दिल कर लिया है हमने गिरफ्तार आपका
हार जाते है जाने क्यों तुमसे बार बार
दिल जीत लेता है अक्सर व्यवहार आपका
कीमत का अंदाजा सब लगा सकते नहीं
हो नहीं सकता हर कोई खरीददार आपका
कायल हैं हम तो सादगी के आपकी
तारीफे काबिल है अजी किरदार आपका