Tanmay - In search of his Mother - 62 (Last Part) Swati द्वारा थ्रिलर में हिंदी पीडीएफ

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Tanmay - In search of his Mother - 62 (Last Part)

62

फैसला

 

अभिमन्यु फुर्ती से नैना और तन्मय के पास चला गया और उसने दोनों को गले लगा लियाI अब रुद्राक्ष ने बोलना शुरू किया I मुझे तुम पर उसी दिन शख हो गया था, जब तुम उस रात ऑटो में  गए थें और ऑटो के  नंबर से मैंने  पता लगाया कि   वो  तुम्हारा  ही ऑटो था और तुम्हारा ही आदमी था  पर वो तुम्हारा आदमी नहीं मिला क्योंकि  तुमने उसे  जरूर गायब करवा दिया होगा। मुझे उसी  दिन समझ आ गया था कि  तुम कोई खेल रहें हो। पर क्या वो नहीं पता था। फ़िर जब अभिमन्यु ने मुझे मनोरमा के बारे में  बताया तो मेरे कहने पर उसने नैना का वो राज भी बता दिया, जो तुमसे  जुड़ा हुआ था और तुम्हारा नाम सुनकर  मैंने अंदाज़े से  तुम्हारा फ़ोन ट्रैकर पर डाल दिया थाI , फिर राघव ने मुझे वो नंबर बता दिया था और उस नंबर की लोकेशन और तुम्हारे नंबर की लोकेशन एक  जैसी थींI सिद्धार्थ दो फ़ोन रखना, हर किसी के लिए सेफ नहीं होता, तुम्हारे केस में तुम फँस  गए और नैना बच गई।

 

सिद्धार्थ ने अपना पैर पकड़ते हुए उसे गुस्से में  घूरकर देखाI घबराओ मत, गोली सिर्फ छूकर निकली है, तुम मरोगे नहीं, जेल  में  सड़ोगे और   तुम तो पुलिस वाले हो, तुम्हें  तो पता ही है कि  तुम्हारे साथ क्या होगाI, लेकर जाओ इसे I शिवांगी ने उसके हाथ में  हथकड़ियां डाली और पूरी टीम के साथ उसे लेकर चली गईI रुद्राक्ष ने नैना को देखा, वह हकीकत में  भी बहुत खूबसूरत हैI

 

आप ठीक तो है? वह अभिमन्यु तन्मय और नैना के पास जाते हुए बोलाI

 

उसने हाँ में  सिर  हिलायाI 

 

अंकल आप बहुत स्मार्ट हो,

 

तुमसे कम क्योंकि तुम्हारी मम्मी को तुमने खोजा है, मैंने नहीं और देखो, तुम्हारा जन्मदिन भी आने वाला है  और तुम्हारी  मम्मी तुम्हारे  पास है। उसने हँसते हुए कहा।

 

नैना जी बात हो सकती है? उसने तन्मय  को देखा । रुद्राक्ष ने प्यार से तन्मय के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा, लो अपने दोस्त से बात कर लो । बहुत परेशां हो रहा है वो। अब वो दोनों को एक तरफ़ ले गया।

 

बताए , यह  सब  कैसे हुआ ?

 

मैं उस दिन अभिषेक को एयरपोर्ट के बाहर  छोड़कर सिद्धार्थ से मिलने पहुँची। हम दोनों हाईवे के पास गाड़ी में बैठे बातें कर रहें थें, तभी एक ट्रक कही से आया, उसके ड्राइवर ने पी रखी थी, उसने हमें   टक्कर मार दीं। सिद्धार्थ को तो ज़्यादा  चोट नहीं लगी, मगर मुझे सिर पर चोट लगी। करीब एक महीना मैं कोमा में  थीं। सिद्धार्थ मेरे पास ही रहा।

 

उसने आपको  कौन से हॉस्पिटल में  एडमिट करवाया।

 

पता नहीं कोई मथुरा में था।

 

आपने वापिस आने के बारे में  नहीं सोचा,

 

मैं तो होश में  आते ही वापिस आना चाहती थीं पर सिद्धार्थ ने मुझको आने नहीं दिया और यहाँ लाकर कैद कर दिया।

 

वो आपसे क्या चाहता था,

 

वो चाहता था कि मैं अभिमन्यु को छोड़ दूँ और तन्मय को लेकर उसके साथ रहो ।

 

मुझे यह मंजूर नहीं था,  मैंने मना किया तो उसने अभि को जान से मारने की धमकी दीं। एक बार तो उसने मुझे बताया कि  उसने अभि  पर हमला भी करवाया  है। अभिमन्यु की आँखों के सामने गाड़ी से टक्कर वाला दृश्य सामने  आ गया और उसके मुँह से निकला, "हाँ एक बार मुझे एक गाड़ी ने जानबूझकर मारा था।" रुद्राक्ष उसकी तरफ देखने लगा।

 

वो चिठ्ठी ?

 

सिद्धार्थ ने वहीं जान से मारने की धमकी देकर ज़बरदस्ती लिखवाई थीं।

 

और वो लाश?

 

उसकी बीवी की थी, उसकी बीवी को मेरे बारे में पता चल गया था इसलिए उसने उसे जान से मार दिया।  उसका प्लान तो अभिमन्यु को इस मर्डर के लिए अंदर करवाने का था। उसके लिए वह सबूत भी जुटा रहा था। यह  सुनकर अभिमन्यु नैना की तरफ देखने लगा।

 

आपने दूसरा फ़ोन सिद्धार्थ से बात करने के लिए लिया था?

 

उसने ही मुझे उससे बात करने के लिए यह फ़ोन दिलाया था, यह  नंबर भी उसी का दिया हुआ है। 

 

तभी कॉल रिकॉर्ड में  आपका और उसी  का नंबर है।

 

 नैना ने हाँ में सिर  हिलाते हुए फिर  बोलना शुरू किया, मैंने उसे समझाया कि तन्मय तुम्हारे साथ नहीं रहेगा, तो उसने कहा कि मैं  तन्मय को मार दूंगा, मगर तुम्हे नहीं छोड़ूंगा। इससे पहले वो पूछता नैना बोल पड़ी, मैं जब फर्स्ट ईयर में  थीं,  तब सिद्धार्थ से मिली थीं। दो साल तक    उसने मुझे सपने दिखाए और एक दिन अचानक ही मुझे छोड़कर चला गया। बाद में  पता चला कि वह किसी और के साथ है। फिर हालात ऐसे थे कि अभिमन्यु से  शादी करने के अलावा कोई रास्ता नहीं था ।

 

तन्मय सिद्धार्थ का बच्चा है ?

 

आप मनोरमा से तो  मिल ही चुके हैं। उसने अभिमन्यु की तरफ देखते हुए कहा ।

 

मम्मी ! तन्मय ने पुकारा तो सब चौंक गए। उन्हें नहीं पता था कि  तन्मय ने यह सुन लिया है।

 

एक साल बाद सबकी ज़िन्दगी बदल गई। नैना को शिकायत थी कि अभिमन्यु ने उस पर विश्वास न करते हुए उसकी तालाश नहीं की । अभिमन्यु भी झूठ पर खड़े इस रिश्ते को आगे नहीं ले जाना चाहता था । इसलिए  दोनों आपसी सहमति से अलग हो गए पर उसने तन्मय से अपना रिश्ता नहीं तोडा और न  ही उसने उसे  अपना  पिता मानना  बंद किया। नैना  ने गॉंव का पुश्तैनी घर बेचा और तन्मय को लेकर बंगलौर  चली गई, जो उसके मम्मी-पापा ने उसके लिए  कभी खरीदा था। तन्मय अपने पापा  से और राघव से  मिलने दिल्ली आता रहता है। नैना का  बिज़नेस पहले से अच्छा चल रहा है।

अभिमन्यु ने प्रिया से शादी कर ली  हैं। प्रिया  ने भी उसे  अपना सच बता दिया है कि  वह  पहले से  जानती थी कि वह नैना का पति है । उसके अभि ने हँसकर उसे माफ़ भी कर दिया है।  दोनों ने एक बच्चे को गोद ले लिया है। सिद्धार्थ को उम्र कैद की सजा हुई, उस पर नैना की किडनेपिंग और अपनी बीवी नताशा के मर्डर का चार्ज लगा।  नंदनी किसी साहिल सलूजा नाम के व्यक्ति  से भी पैसे ले रही थीं, उसने जमाल  को उसे मारने के लिए कहा था और राजीव को फँसाने के लिए भी उसने ही उसे पैसे दिए थें।  इस सच्चाई के सामने आते ही राजीव जेल से छूट चुका  है, मगर मालिनी से उसका साथ छूट गया है। आज वह अभिमन्यु को अपनी  कही बात पर  शर्मिंदा हो रहा  है कि  "नौकरी करने वाले सेफ है।"  मालिनी ने अभिमन्यु की मदद से अपनी खुद की बेकरी खोल ली हैं ।  उसका बेटा अब अपनी माँ के पास रहने आ गया है।  रुद्राक्ष को डबल प्रमोशन मिल गया है।

 

नैना केस के साथ-साथ उसने  तन्मय के बताने पर मानव तस्करी करने वाले गिरोह को पकड़ लिया ।  तन्मय  के कारण कितने ही बच्चे और नाबालिग लड़कियाँ आज़ाद  हो गए। तन्मय ने अभिमन्यु को कहकर  दिमू का दाखिला ओपन स्कूल में  करवा दिया । वह पढ़ाई  के साथ-साथ अभिमन्यु के मॉल  में काम भी कर रहा है। आख़िर तन्मय की मदद करना उसके लिए बेकार नहीं गया।   रुद्राक्ष ने तन्मय को 26 जनवरी पर राष्ट्रपति से सम्मानित करवाया। अख़बार में  उसकी बहादुरी की कहानी पढ़कर एक फिल्म डायरेक्टर उस पर  एक डॉक्यूमेंट्री बना रहा है, जिसका नाम है, " तन्मय : इन सर्च ऑफ़ हिज मदर ।"

 

समाप्त