सुनसान रात - 6 Sonali Rawat द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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सुनसान रात - 6

वो थोड़ा और आगे बढ़ी, धीरे धीरे अपने डर को खुद में समेटते हुए, उसने कांपते होंठों से आवाज़ लगाई भोली- भोली और अपनी नज़रें इधर उधर घुमाई, तभी अचानक उसकी नज़र एक औरत पर पड़ी, जिसने काले वस्त्र पहने हुए थे, बिखरे हुए बाल थे उसके, चारों ओर खून बह रहा था वो वहाँ ज़मीन पर बैठी हुई कुछ खा रही थी उसके चबाने की आवाज़ गूंज रही थी।

वह स्त्री उसको देख कर बहुत ज्यादा सहम गई थी, उसके शरीर से पसीना छूट रहा था वो डर से थर थर काँप रही थी, फिर भी उसने डरते डरते आवाज़ दी भोली-भोली, उसकी आवाज़ सुनते ही उस भयानक सी दिखने वाली महिला ने चबाते चबाते, वही बैठे बैठे बिना धड़ घुमाए उसकी ओर अपना पूरा सर घुमा दिया, अब वह उस स्त्री को वही बैठे बैठे अपनी ख़ौफ़नाक आंखों से घूर रही थी, और उसके हाथ मे थी भोली जिसे वो चबा चबा कर खा रही थी, उस गर्भवती स्त्री ने जब ये मंजर देखा तो उससे रहा नहीं गया, और वो अपनी भोली को उससे छिनने के लिए उसकी तरफ भागी, इससे पहले की वो कुछ कर पाती उस भयानक ख़ौफ़नाक चुड़ैल ने उस स्त्री को जोर से धक्का दिया, वो स्त्री दूर जाकर जोर से ज़मीन पर गिरी, उसके पेट मे जो बच्चा था उसने तुरंत ही दम तोड़ दिया जैसे ही उस स्त्री को इसका आभास हुआ उसने भी तुरंत ही अपने प्राण त्याग दिए।

और अब उस स्त्री के मृत शरीर में उस चुड़ैल ने प्रवेश कर लिया, अब वो चुड़ैल शक्तिशाली हो चुकी थी क्योंकि अब कब्रिस्तान के बाहर जा सकती थी गांव में भी प्रवेश कर सकती थी क्योकि उसे अब पूरा शरीर मिल चुका था चलने फिरने के लिए।

धीरे धीरे उस चुड़ैल का आतंक बढ़ता गया उसने सभी कब्रिस्तान की चुड़ैलों को भी खुद में मिला लिया।

और उसकी शक्ति बहुत अधिक बढ़ चुकी थी।

गांव की स्थिति खराब होने लगी थीआलम ये था जो भी पुरुष अकेला सोता था वो अगली सुबह अपने बिस्तर से गायब मिलता था।

कुछ घटनाये तो ऐसी हुई कि चुड़ैल रात में जाती आवाज लगाती, जो भी पुरुष दरवाजा खोलता उसको साथ लेकर हवा बन गायब हो जाती।

धीरे-धीरे गांव में पुरुषों की संख्या कम होने लगीफिर लोगों ने इसका उपाय ढूंढने की कोशिश की, और इसका उनको वही एक उपाय सूझा जो उन्होंने कब्रिस्तान के लिए सोचा था और वह उपाय था कि सबने अपने दरवाजों पर लाल स्याही से लिख दिया था नाले बा अर्थात कल आना।

ऐसा करने से यह फायदा हुआ कि जब भी चुड़ैल किसी के घर आती और उसके घर के बाहर ही नाले बा लिखा हुआ पाती तो वापस चली जाती और फिर अगले दिन आती और फिर वही नाले बा लिखा पाती और वापस चली जाती है इस तरह यह क्रम चलता रहता और लोग अपने घर में सुरक्षित रहते हैं परंतु ऐसा करने से उनकी दिनचर्या पर असर पड़ने लगा वो डरे सहमे से रहने लगे घर से बाहर निकलना उनके लिए दूभर था रात को उन्हें किसी भी कार्य के लिए बाहर जाना हो तो वह नहींं जा सकते थे।

धीरे-धीरे सभी लोगों ने उस गांव से पलायन शुरु कर दिया और वह गांव धीरे-धीरे खाली हो गया कहते हैं कि वो गाँव अभी भी हैं और वह चुड़ैल भी अभी भी हैं उस चुड़ैल का दायरा बहुत बढ़ चुका हैं वह आते जाते लोगों को परेशान करती हैं उन्हें डराती हैं और पुरुषों को तो वह अपने साथ लेकर गायब हो जाती हैं।

अब वह चुड़ैल सिर्फ कुछ कब्रिस्तान या गांव तक सीमित नहींं हैं बल्कि उस गांव से लगी हुई मुख्य सड़क पर वह सुनसान रातों में भटकती रहती हैं और अपने शिकार की तलाश में लोगों को उस कब्रिस्तान तक लेकर आती हैं वह कोई भी रूप धारण कर सकती हैं वह किसी स्त्री का या किसी पुरुष का जिस प्रकार संभव हो उसी रूप में लोगों को अपने पास लेकर आती हैं और उनका भक्षण करती हैं ऐसा करने से उसकी शक्ति और ज्यादा बढ़ जाती हैं अब वह सिर्फ जानवर भेड़ बकरियां नहींं खाती बल्कि अब वह इंसानों को खाती हैं।