क्या से क्या हो गया Bhawani Bhai द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

क्या से क्या हो गया


EVERYTHING IS OVER.....
क्या से क्या हो गया।

एक धराशायी मकान के मलबे में दबे कुछ लोग।

उनमे से एक शख्स जिसका नाम राजू है और फ़िल्म का नायक है। राजू के पास उसी के दो हम शक्ल बैठे है । जिनको कुछ नही हुआ। उनमे से एक के मुँह पे टेप चिपकी हुई है ।

राजू अपनी नम आँखो से सभी को देखता है और फिर आसमान की ओर देख कर कहता है:

राजू: भगवान क्या कसूर था मेरा। जो तूने मेरे साथ ये किया??
अच्छा नहीं कर सकता था ,तो कम से कम बुरा तो ना करता??

अचानक तेज रोशनी होती है और एक आवाज उसी रोशनी से आती हे।

मुर्ख मानव तूझे भगवान को दोष देने के सिवाय आता ही क्या है । एक बार अपने करमो को याद कर फिर बता भगवान ने तेरे साथ क्या बुरा किया ?? जो हुआ सब तेरे ही कर्मो का फल है।

15साल पहले। सन 2002

राजू के पिता प्रताप और चाचा अखिलेश किसान परिवार से थे । गांव से शहर आने से पहले अपनी आधी पुस्तैनी जमीन बेच दी । जो पैसा मिला उससे शहर में दोनों ने एक एक दुकान ले ली। धीरे धीरे पैसा जमा करके अपना मकान भी ले लिया जिसकी किश्ते 20 साल तक भरते रहे। और कुछ बचत के लिए जमा कर लेते।
मतलब जो भी बचता वो मकान की किस्तो में और बचत में चला जाता। आज उनके पास खुद का घर है ।दुकान है और घर में सब खुश है।

सोनम ,राजू ,विवेक ,प्रियंका 4 भाई बहन है।

राजू की बहन सोनम कहती है: राजू भैया.............चलो खेलने चले.....

राजू बहन की आवाज सुनकर उसके पास आता है

राजू :क्या है सोनम। क्यों चिल्ला रही हो??

सोनम: भईया मेरा होमवर्क होगया ....चलो खेलने चले।

राजू: पर मेरा नहीं हुआ।

सोनम: क्यों भईया??

राजू:ये स्कुल के टीचर भी ना बच्चों के बारे में बिलकुल भी नहीं सोचते की इनको इतना होमवर्क देगे तो ये बिचारे खेलेंगे कब?

सोनम:आप होमवर्क करलो फिर चलते है।

राजू:नही रे। अभी चलते है। होमवर्क तो मैं स्कुल में कर लूंगा।।

सोनम: ठीक है भैया। अब जल्दी चलो।

विवेक: भैया हम भी चलेंगे ।

राजू: तू अभी छोटा है प्रियंका के साथ खेल । जब बड़ा हो जायेगा तो हम तुम्हे अपने साथ ले जायेंगे।

दोनो बाहर खेलने जाते है और खेलने लगते है। कुछ देर बाद राजू के दोस्त पास के पार्क में खेलने आते है । राजू का ध्यान खेलते हुए अपने दोस्तो पे जाता है।

राजू सोनम को घर जाने को कहता है : सोनम तू घर जा ।। मै कुछ देर अपने दोस्तों के साथ खेलूंगा।

राजू दोस्तो के साथ खेलने चला जाता है।
हरी ,गफूर,रमेस, प्रकाश , सनी ये सभी राजू के दोस्त है।

प्रकाश राजू को बल्ला देता है और बल्लेबाजी के लिए बोलता: ले राजू तू बैटिंग कर।

और सनी गेंदबाजी करता है , सनी पहली गेंद बड़ी तेज फेंकता है।
राजू को गेंद लगने से बाल बाल बचती
है। सनी दूसरी गेंद काफी तेज फेंकता है पर इस बार राजू ने गेंद को घुमा के मारता है और ....6 रन

तभी राजू को उसके दोस्त आवाज देते है । राजू सपने से जागता है और अपने दोस्तों के साथ खेलने चला जाता है।

हरी:ले राजू तू बैटिंग कर। देखते है कितना दम है तुझमे।

राजू बल्लेबाजी के लिए जाता है और ग़फ़ूर गेंदबाजी करता है। राजू पहली गेंद पे ही रमेश को केच दे देता है।

राजू गुस्से में बल्ले को दूर फेंकता है।

रमेश : ओये ज्यादा जोश आगया क्या। 2000 का बल्ला तोड़ेगा क्या।

गफूर: इसके पापा ने इसको बर्थडे गिफ्ट दिया था।

सनी: ढंग से खेलना हो तो खेला कर नही तो कोने में बैठ कर मैच देखा कर।

हरी: ओये राजू को कोई कुछ नही बोलेगा । अगर अब कोई बोला तो बत्तीसी तोड़ के हाथ में देदूँगा ।

सब सॉरी बोलो राजू को...

सभी एक साथ ....सॉरी राजू

राजू उदास होकर बैठ जाता है ।राजू की इच्छा है की वो हर जगह बेहतर बने। पर वो हर जगह फिसडी है।

हरी उसके पास आता है।

हरी राजू का खास मित्र है और उम्र में उससे 8 साल बड़ा है।

हरी :क्या हुआ??

राजू: कुछ नही।

हरी:शॉट अच्छा था। पर अगर तू रोज खेलने आए तो तेरी भी बल्लेबाजी अच्छी हो जायेगी। अपने सचीन की तरह।

राजू: सचिन नहीं। उससे भी बढ़िया । मै तो हर बॉल पे 6 मारूँगा। और बहुत पैसा कमाऊँगा। और तुम सब लोग मुझे सलाम ठोकोगे।

हरी खड़ा हो कर राजू को सलामी देते हुए कहता है।

हरी: राजू सेठ को हरी भाई का सलाम।

राजू हँसने लगता है और हरी भी।

दोनों दोस्त बहुत खुश हो जाते है

राजू : मै खूब मेहनत करके एक दिन बहुत बड़ा आदमी बनुंगा और हर जगह मेरा नाम चलेगा।

हरी : वो सब तो ठीक है... पर सुन तेरे लिये एक खुश खबरी है।

राजू : क्या है।

हरी: मेने तेरी भाभी ढुंढली । सन्डे को मेरे साथ चलना तेरे को मिलवा के लाता हु।

तभी राजू के पापा राजू को आवाज लगाते है।।

राजू
राजू.....राजू

राजू : ठीक है मैं तेरे घर आ जाऊँगा। साथ चलेंगे।

हरी: ठीक है।


राजू आवाज सुनते ही घर चला जाता है।
माँ का लाडला और पिता का आज्ञाकारी बेटा है।

राजू: हा पापा

पापा: राजू स्कुल का होमवर्क होगया??

राजू:हा पापा

पापा :चल कॉपीया दिखा??

राजू बैग लाता हे और पापा को दिखाता है।

पापा: राजू ये क्या हे एक भी कॉपी में तूने काम नहीं किया। और तू झूठ भी बोलने लगा?? बेटा झुठ इंसान को कमजोर और डरपोक बनाता है ।फिर कभी झूठ मत बोलना।
सच इंसान को मजबूत बनाता है। सचा इंसान कितने भी दुःख या मुसीबत हंस कर सह लेता है और सच से ही इंसान की नींव मजबूत होती है।

कुछ समझ आ रहा है मै क्या कह रहा हू।।

राजू हाँ में सर हिलाता है

पापा :मेरा बेटा राम बनेगा ना।
राजू फिर हाँ में सर हिलाता है।


राजू: झूठ बोलने के लिए सॉरी पापा।



पापा :चल अभी बैठ सारा काम कर उसके बाद बाहर जाना।

राजू आज्ञाकारी है पर वो पापा से डरता भी बहुत है।

राजू बैग लेके बैठता है ।और काम शुरू करते करते खो जाता हे सपनो की दुनिया में।

यहाँ उसके 2 दोस्त है । राजू 1 और राजू2।
राजू जब भी अकेला होता है । दोनों दोस्त उसके पास आ जाते है।

सपनो की दुनिया का राजा हे वो । जिसमे उसके कई रूप हे वहा डॉक्टर भी वो हे इजीनियर भी वो है । मतलब वहा के सभी बेहतरीन किरदार वो ही है।

उसके काल्पनिक दोस्त उसे बताते है की वो सबसे बेस्ट है। पर हकीकत में ऐसा नहीं इसलिए उसे अपने दोस्तों से ईर्ष्या हे की वो उससे बेस्ट क्यों है।

पर वो ये नहीं जानता की भगवान ने हर किसी को कुछ तो खास दिया है
जरूरत हे समझने की । की हम किस जगह बेहतर है।

राजू क्लास में सबसे कमजोर बच्चा है पर फिर भी पास हो ही जाता है। क्लास के सब बच्चे उसके दोस्त है।



राजू सपनो से खुश है उसे नहीं पता उसे क्या करना चाहिए क्या नही। उसे कामयाब बनना है पर वो मेहनत से जी चुराता है। उसे जो भी करना वो कल्पना की दुनिया में करता । वो जब भी किसे बड़े नाम वाले को देखता है तो उसमे खुद को देखता। जैसे अम्बानी धोनी सलमान
मेरा मतलब ये है की वो हर बेहतर इंसान में खुद को ढूंढता है।

11साल बाद सन 2013

अब राजू 21साल का हो गया है । और पापा के साथ दुकान में बैठने लगा है।उसकी बड़ी बहन सोनम की शादी को दो साल हो चुके है ।और पापा भी मकान की किस्तो से मुक्त हो चुके है।

रमेस आज एक बिजनस मेन है।

गफूर एक बुकी बन गया है ।

सनी मुंबई पुलिस में है।

प्रकाश आज एक बैंक मेनेजर है।

हरी पान की दुकान करता है।

राजू की शादी और विवेक की सगाई हुई है। बच्चों की शादी के लिए पापा ने बाकि बची जमीन भी बेच दी। किस्मत ने साथ दिया और इस बार कीमत भी अछ्छी मिल गयी ।।

आज राजू के घर पे मेहमानो का ताँता लगा है।

एक ग्रुप बनाये घर के बुजुर्ग खड़े है जिनमे गुप्ताजी जो बैंक में हैं और राजू के पड़ोसी भी। प्रताप राजू के पिता है। अखिलेश राजू के चाचा। वर्मा जी पापा और चाचा के दोस्त है बहुत रईस है। पहनावा बिलकुल अपने बपि लहरी की तरह।
राजू के ससुर और विवेक के ससुर भी साथ ही खड़े है।

गुप्ताजी: भाईसाहब शादी का आयोजन बहौत ही शानदार था। मजा आ गया।

राजू के पापा: सब काम बढ़िया आप सभी के सहयोग के कारण हुए है।

वर्मा: शादी का असली मजा तो गोविन्द की की शादी में आने वाला है। क्यों अखिलेश।

अखिलेश: हा वर्मा । एक ही तो लड़का है मेरा। उसकी शादी किसी राजा महाराजा के बेटे की तरह करूँगा।

वर्मा: प्रताप तूने थोड़ी कंजूसी करदी।

पापा: वर्मा हम तेरी तरह हाई फाई ..

गुप्ताजी जी बिच में टोकते है।

गुप्ताजी: चलो अब खाना खाले कहि ठंडा ना हो जाये जल्दी चलो।

गुप्ताजी प्रताप और वर्मा को खिंच के ले जाते है।

उधर

राजू की पत्नी बहुत ही सुन्दर है और अपनी तारीफ से बहुत खुश होती है। पर राजू इतना सुन्दर नही हे फिर भी रानी को वो बहुत अच्छा लगता है।

गुप्ता की पत्नी: बहनजी बहुए तो चाँद का टुकड़ा है।

माँ: सच कहा बहनजी आपने

वर्मा की पत्नी :राजू की पत्नी तो चाँद का टुकड़ा नही पूरा चाँद ।

सोनम: अरे आंटी हमारी भाभी तो स्वर्ग की अप्सरा लगती है।

राजू की चाची: रानी तो प्यारी सी परी है।

राजू:बस भी करो अब क्या सभी मिलकर इसको नजर लगाओगे।

सभी महिलाये हंसने लगती है।

गुप्ता:यार तू भी छोटी सी बात पे सेंटी हो जाता है।

प्रताप: सेंटी में सेंटी। अरे वो वर्मा जहा भी जाता है दुसरो को निचा दिखाने की कोशिस करता है। तू ना रोकता तो आज उसको उसकी ओकात दिखा देता।

गुप्ता: छोड़ ना। क्यों इन दो टके के लोगो की बातो पे टेंसन लेता।

प्रताप: तू कहता है तो....चल छोड़ दिया।

दोनों मुस्कुराते है।

गुप्ता की पत्नी : भाभिजी अब तो विवेक और प्रियंका की शादी साथ में ही करना।
एक बेटी जायेगी तो एक घर आएगी।

माँ: हा बिलकुल सही कहा बहनजी आपने।

माँ उदास होती हे। क्योंकि प्रिंयंका की सगाई नहीं हो रही। सुन्दर होते हुए भी शायद लोगों को लड़की से ज्यादा दहेज प्यारा होता हे। पर हमने तो दोनों ही संबंधियो (राजू और विवेक के ससुराल वाले) को दहेज के लिए साफ़ मना कर दिया था।

राजू और विवेक अपने सभी दोस्तों को विदा करते है।

कुछ देर बाद राजू रानी अपने कमरे में होते है।

दोनों की अरेंज मैरिज है। और एक दूसरे से पहली बार मिल रहे है।
राजू सोचता है बात कहा से शुरू करू।

सोचते हुए राजू पूछता है।

राजू :तुम्हारा नाम क्या है??

रानी चुप
राजू सोचता है कहि बहरी तो नहीं इस बार जोर से पूछता हु।

राजू :तुम्हारा नाम क्या है??

रानी :आपको नहीं पता |

राजू ना में गर्दन हिलाते हुए
राजू : नाजी!!

रानी: माँ ने नहीं बताया??

राजू: बताया पर एक बार तुमसे सुनना चाहता हु।

रानी:और मैं बहरी नही हूँ। मुझे धीरे भी साफ़ सुनाई देता है।

राजू: पहले क्यों नहीं।

राजू धीरे धीरे से: पहले क्यों नहीं बोली।

रानी:आपकी शर्म आ रही थी।

राजू: ओहो आज के जमाने में भी शर्माने वाली लड़की।

राजू: अब नाम भी बतादो।

रानी: रानी।

राजू:कितना सुन्दर नाम है रानी।
राजू की रानी। नाम की तरह तुम भी रूप की रानी हो।

रानी मुस्कुराते हुए: आप भी किसी राजा से कम नही

राजू: ओहो नहले पे देहला।

इतना कह राजू रानी को अपनी बाहों में भर लेता है।और दोनों एक दूसरे प्यार में डूब जाते है।

और प्रेम भरे जीवन की शुरुआत के साथ कैसे दो महीने निकल गए पता ही नही चला।

2 महीने बाद

राजू के परिवार को उसके चाचा के घर जाना होता है ।वहा दो दिन बाद गोविन्द की शादी है।
सभी शादी की पैकिंग में लगे है ।

विवेक : माँ एक्साम सर पर है। इसलिए मुझे और प्रियंका को देहली अपने कॉलेज जाना होगा।

माँ: बेटा सिर्फ दो दिन की ही बात है। फिर चले जाना।

प्रियंका: हां भैया माँ सही कह रही है।

विवेक: तुझे रुकना है तो रुक । पर मुझे अपने एक्साम की तेयारी करनी हे।

पापा: तू भी रूक जा विवेक।

विवेक: पापा इसे तो ससुराल जाना है। फैल हो जायेगी तो भी कुछ फर्क नहीं पड़ेगा। मै फ़ैल हुआ तो मुझे दुकान में बैठना पड़ेगा।

पापा:दुकान में क्या बुराई है।

विवेक: दुकान में बुराई कोई नहीं है ।
पर मै चाहता हु जो आपके खून पसीने की कमाई मेरी पढ़ाई में खर्च होती है उसका सही हक अदा हो।
और एक दिन एक बड़ा अफसर बनकर आपके सामने आऊ।

पापा: जियो मेरे शेर। दिल बाग बाग करदिया तूने।

आ गले लग जा मेरे बच्चे।

पापा विवेक को गले लगा लेते है।

प्रियंका :भैया मै तो रुकूँगी।

विवेक अपनी पैकिंग कर अपने कोलेज चला जाता हे।

बाकि सब चाचा के यहाँ पहुंचते है।

राजू के चाचा का घर इसी शहर में है। उनके दो बच्चे है गोविन्द और पूजा । गाँव से जब आये थे तब दोनों परिवारो की स्तिथि एक जेसी थी।

अब दोनों परिवारो की स्तिथि में बहुत अंतर है।

चाचा ने कुछ ही सालो में बहूत तरक्की कर ली।
आज चाचा का बहुत ही शानदार बंगला है। बाहार दो मर्सिडीज खड़ी है। चारो तरफ चकाचोंध ही चकाचोंध।।

रानी चाचा के ठाठ देख के बहुत खुश होती है।
रानी : राजू हम भी कभी ऐसा घर बनवाएंगे। देखो बिलकुल स्वर्ग जैसा लगता है।
राजू: हां(मेरी पूरी जिंदगी निकल जाएगी ऐसा बनवाने में)
रानी : राजू मेरा सपना हे की, हमारा भी ऐसा बड़ा महल हो और हम सब वहाँ राजा रानी की तरह रहे।
रानी की बात सुन राजू के मन में हिन् भावना और ईर्ष्या पनपने लगती है। वो सोचता है आखिर चाचा ने इतनी जल्दी इतने पैसे कमाए कैसे।

दोनों परिवार मिलकर शादी की तैयारी करते है।

मेहँदी रात,,,,,
सभी मेहमान महिलाये एक से बढ़कर एक तैयार होके आती हे सोने के जेवरों से लदी।।

रानी अपनी सास से: माजी ये औरते जो जेवर पहने हे, सब सोने के है।

सास: सोने के? हा बेटा। लग तो रहे है।

रानी :माँ मेरे लिए भी ऐसा एक बड़ा हार बनवा दोगे।

माँ:हा बेटा ... . क्यों नही । तू तो मेरी लाडली बेटी है। जरूर बनवा दूँगी।
पर छोटी की शादी के बाद।

माँ उदास हो जाती हैं
पर रानी मुस्कुराकर माँ के गले लग जाती है।

फिर दोनों सास बहू मेहमानो की आवभगत में लग जाती है ।

रानी चाची और उनकी दीदी को कोल्ड्रिंक देती है।
तभी।।।

दीदी: अरे दीदी इस नौकरानी को पहले कभी नहीं देखा। है बड़ी सुन्दर.. ...

चाची और दीदी दोनों की हँसी एक साथ निकलती है।

और रानी के आसु।

चाची स्थिति को भापकर चुप हो जाती है

दीदी:पर इसको घर के मर्दों से दूर रखियो कही अपने जाल में फसा न ले...हा हा हा

चाची: बकवास बन्द करो कुछ कहने से पहले पुछलिया करो की ये हे कौन।

दीदी: कौन हे ।कोई अप्सरा हे क्या । हा हा

चाची: ये मेरी बड़ी बहू हे अब एक शब्द भी मुह से मत निकालना ।।

चाची बहु से: बेटा ला ट्रे मुझे दे तू थोड़ी देर आराम कर।

रानी कमरे में जाती है ओर अपने आप
को शिशे में निहारती है।

और सोचती हे की पीहर में सब उसकी सुंदरता की कितनी तारीफ करते थे।
और ससुराल में भी सब तारीफ करते है

मुह दिखाई पर चाची ने ही कहा था तू तो बिलकुल परी जेसी है। फिर उस औरत ने मुझे नौकरानी क्यों कहा। और चाची भी मुझ पर क्यों हँसी।
ये बात उसके दिल में घर कर गयी । उसे लगने लगा की उसमे कोई कमी है।

तभी माँ और प्रियंका कमरे में आती है। और रानी से कहती है.....

प्रियंका: भाभी आप यहाँ हो हमने आपको कहाँ कहाँ नहीं ढूंढा।

माँ: जल्दी निचे चलो बहू डांस प्रोग्रम शुरू हो गया।
रानी : नही । मेरी तबियत ठीक नही माँ आप जाओ।


रानी के मना करने पर भी दोनों रानी का हाथ पकड़ के उसे निचे ले जाती है।

रानी की नजर उसी औरत पे जाती है। जो अभी भी उसे घूर रही हे। रानी नजर झुका के बैठ जाती है।
पूजा रानी प्रियंका माँ चाची सभी डांस करते है।

कुछ समय बाद डान्स प्रोग्राम समाप्त हो जाता है।

और वो औरत एक कमरे में जाती है रानी भी उसके पीछे पीछे चली जाती है।

रानी :कौन हो आप??

दीदी: मै तुम्हारी चाची की बहन हु।

रानी :क्या में बदसूरत हु??

दीदी : नही तो। तू तो यहा सबसे सुन्दर हे।

रानी:फिर ऐसी क्या कमी हे मुझमे जो आपने मुझे नौकरानी कहा??

दीदी: तुझे कमी देखनी है तो आ मैं तुझे दिखाती हु।

दीदी उसे बाहर ले जाती है और वहा दूर बैठी महिलाओ की और इशारा करती है।

दीदी: रानी देख उस भीड़ को जो जमा है उस काली बदसूरत औरत के पास जो सोने से लदी है।

रानी उसे देखते हुए: नौकरानी तो ये लगती है।

दीदी: शकल से ,पर उसका पैसा चीख चीख के कह रहा हे की वो किसी रानी से कम नही हे। इस दुनिया में पैसा ही आदमी की असली पहचान है।

रानी:सच में बिना पैसो के इंसान की कोई अहमियत नहीं।

इतना कह उदास मन से रानी वहा से चली जाती है।

वहा खड़ा राजू दोनों की बाते सुनलेता है।
और वो भी रानी के पीछे चला जाता है।

राजू रानी दोनों अब एक कमरे में बैठे है।

राजू : क्या बात हे आज रानी साहिब बड़ी उदास दिख रही है??

रानी : कुछ नहीं ऐसे ही थोड़ी तबियत ठीक नहीं ।ओर नींद भी आ रही है , आप भी सो जाईये।

इतना कह रानी आंखे बंद कर लेती है उस चुभन के साथ जो जीवन मै उसे पहली बार अनुभव हुई।


रानी आखे बन्द किये पैसे के पुजारियो के बारे में सोच रही है।

भगवान ने जो रूप दिया उसे पैसे ने कुरूप बना दिया।

इधर राजू को नींद नहीं आ रहि।


राजू सोचता हे की सिर्फ पेसो की वजह से उसकी पत्नी की बेजती हुई वो ये सहन नही करेगा।
अब चाहे कुछ भी करके उसे अमिर बनना है
और रानी के लिए सपनो का महल हकीकत में बनाना है।
अगले शाम बारत लड़की वालो के यहाँ पहुंचती है।
वहा का नजारा और भी शानदार था।

राजू की आँखे चोंधिया जाती है। राजू सोचता है की चाची की बहन सही कह रही थी। बिना पेसो के आदमी कुछ नहीं।

राजू को वहा अपना बचपन का दोस्त रमेश मिलता है।

राजू:और रमेस कैसे हो??

रमेस : बढ़िया भाई।बहुत समय बाद मिले।

राजू :हाँ भाई ....और सूना भाई केसा चल रहा हे तेरा बिजनस??

रमेस : बिजनस तो कब का छोड़ दिया ।

राजू: क्यों ऐसा क्या हो गया??

रमेस: भाई बिजनस कमजोर पड़ गया। तो अपनी किस्मत आजमाने के लिए बेटिंग की । मेरी तो किस्मत काम कर गयी । रातो रात लखपति से करोड़पती बना दिया।

राजू : तेरी तो लॉटरी लग गयी।

रमेस:अपनी अपनी किसस्त है।
तूने बी कुछ किया या अभी भी पापा की दुकान में ही पड़ा हे?? मुुश्कराते हुए कहता है

राजू को गुस्सा आता हे। पर रमेस भाप लेता हे और वहा से चला जाता है।

रमेस : ओके भाई चलता हु भाई। फिर मिलते है।

राजू के कानो में रमेश के शब्द गूंजने लगते हे।

और वो रानी को ढूंढने लगता है।

उधर

प्रताप जी आपने तो कंजूसी की हद कर दी। शादी में खूब बचत करली। अब कम से कम नया घर बनवा लीजिये , पेसो को क्या मरते वक्त साथ ले जायेंगे??

वहा मौजूद सभी हसने लगते है। जिसमे राजू के चाचा भी शामिल है।

राजू ये शब्द सुनता हे तो उसे ये शब्द अपने पिता की तोहिन लगती है।

प्रताप जी: अरे वर्मा जी अभी कुछ दिन रुको, पहले दो और बच्चो की शादी कर दु। उसके बाद घर का नम्बर आएगा।। और मरने के बाद हम तो जो भी होगा वो बच्चो के लिए छोड़ जायेगे,
पर आपको अपनी दौलत साथ ले जानी होगी। दौलत समभालने के लिए कोई वारिस भी तो होना चाहिए।

वर्मा जी के कोई औलाद नही जिसका एहसास पिता जी ने उन्हें करवा दिया।

वर्मा जी मुह उतार कर वहा से निकल जाते है।

उधर रानी और माँ जिन औरतो के साथ बेठी है वो।

आंटी: सेट तो बड़ा जोरदार पहना है??

आंटी2: मेरे हस्बेंड कनेडा बिजनस ट्रिप पे गए थे तो वही से दो सेट ले आये।

आंटी2 मेरे वाले तो अभी यूरोप टूर पे गए है 5 करोड़ की डील के लिए।
आते ही 10 सेट बनवाऊगी।

रानी वहा से उठकर राजू के पास जाने लगती है।

राजू रानी दोनों ही उस भीड़ में खुद को अकेला और छोटा समझते है।
उन्हें वहा इंसान नही बल्कि जेवर की दुकाने और नोटों की गढ़िया ही दिखती है।
राजू को लगता है बिना पेसो के उनकी कोई इज्जत नही उसे हर हाल में अमीर बनना होगा।

अब उसका कल्पनाशील मन महत्वकांसि बन चूका है।

रानी राजू के पास आती हे दोनों एक दूसरे को दर्द भरी नजरो से देखते । पर कुछ कहते नहीं।

कुछ देर बाद प्रोग्राम खत्म होता हे और सभी अपने अपने घर आ जाते है।

राजू का परिवार घर पहुंचता है।

पापा: सारी दुनिया का सुख एक तरफ और अपने घर आने का सुख एक तरफ।

माँ :बिकुल सही कहा आपने।

रानी सोचती हे की माँ और पापा सही कहते हे ।उस दिखावे के स्वर्ग से अपना घर कितना प्यार भरा हे। वो वहा जो भी हुआ उसे भुला अपने स्वर्ग को सजाने में लग जाती है।

पर राजू को वो घर अब खण्डहर लगने लगा है।
उसे चाहत है अपना भी स्वर्ग जैसा बंगला हो।

सभी घर में अपने कामो में व्यस्त हो जाते है।पर राजू सोच रहा है पैसे कमाने का तरीका।

राजू: वर्मा अंकल खुद को क्या समझते है। कभी भी कही भी किसी को कुछ भी कह देते है।

पापा: बेटा वर्मा बुरा नही है। असल में पैसा चीज ही ऐसी है ।

राजू : मै समझा नहीं।

पापा: तू नए कपड़े पहन के दोस्त के घर जाता है तो क्या होता है।

राजू: सब तारीफ करते है। पूछते है कहा से ली कितने की ली। मै भी वही से लाऊंगा।

पापा:अगर वो कुछ ना बोले तो।

प्रियंका: हमे बुरा लगता है। हम नई चीज लाये और इन्होंने देखी भी नही।

पापा : फिर आप क्या करते हो।

राजू: उनसे पूछ लेते है। भाई केसा लग रहा हु।

पापा: जेसे हम तारीफ चाहते है वेसे ही वो भी अपनी तारीफ चाहते है। और जब कोई उनकी तारीफ नहीं करता तो वो दुसरो की कमी निकालते है।
और इस बिच वो भूल जाते है की वो दुसरो को निचा दिखाने की कोशिस कर रहे है।

राजू: तो अमिर होना गलत है।

पापा: गलत नहीं है। पर हद से ज्यादा दिखावा करना या दूसरे को निचा दिखाना मुझे गलत लगता है।

राजू: पापा ,चाचा और आपने साथ ही दुकान की। फिर आप उनसे पैसो के मामले में पीछे कैसे रह गए।

पापा: ये मुझे नहीं मालूम। हो सकता है उसने अधिक मेहनत की हो। या भाग्य ने उसका साथ दिया हो।

राजू: हम भी एक और बिजनस शुरू करते है। जिससे हमारी भी इनकम बढ़ जायेगी।

पापा: तेरे ध्यान में कोई बिजनस है तो करले। अभी तो घर में पैसे भी है।
अपना खेत बेच कर जो 30 लाख मिले थे उसमे से 20 लाख घर पड़े है। और उनकी जरूरत प्रियंका की शादी में पड़ेगी। तब तक तू चाहे तो उनमे से 2 या 3 लाख लेकर उनका उपयोग कर सकता है।

राजू:थैंक यू पापा । मै आपको कोई अच्छा काम सोच के बताता हु।

पापा: ठीक है। पर जो भी काम करेगा वो तुझे ही सम्भालना होगा। मै अपनी दुकान नही छोड़ने वाला।

राजू:ठीक हे पापा।

राजू को लगता हे वो कोई भी काम करके इतना जल्दी अमीर नही बन सकता।
जितना जल्दी रमेश ने पैसा बनाया।
मुझे भी कुछ ऐसा ही करना होगा।राजू को लगता हे उसे भी अपनी किस्मत आजमानी चाहिए।

सोचते सोचते राजू की आँख लग जाती है।

अगली सुबह राजू दुकान के लिए जाता है। रास्ते में उसे गफूर मिलता है।

गफूर :और भाई राजू केसी चल रही है। दुकानदारी।

राजू :कुछ ख़ास नहीं ।

गफूर:कभी हमारे यहाँ भी आ जाया करो ।

क्या पता तेरी भी किस्मत चमक जाये रमेस की तरह।(राजू को अपना कार्ड देते हुए कहता है)

गफूर एक बुकी है। जो गैर क़ानूनी सट्टा चलाता है।

राजू के कपड़ो की दुकान है।
राजू:आंटी ये देखिये साडी बहौत अच्छी है।

राजू का मन दुकान में नहीं लग रहा।

वो दुकान से बहाना बनाकर सीधा गफूर के पास जाता है।

वहा खेल देखता हे। कोई लाख तो कोई 50 हजार जीत रहा है ।तो कोई 10 हजार। चारो तरफ पैसा ही पैसा।

गफूर: क्या राजू बड़े जल्दी आगये किस्मत आजमाने।

राजू: गफूर भाई इतना पैसा मेने एक साथ कभी नहीं देखा। क्या में भी इनकी तरह जल्दी पैसा कमा सकता हु।

गफूर: क्यों नहीं। जेब में माल और किस्मत का साथ होना चाहिए।

राजू: मै कल पैसा लेकर आता हु। पर पैसा कितना चाहीये।

गफूर: वो तेरे उपर है। जल्दी पैसा बनाना है तो बाजी भी बड़ी खेलनी होगी।

राजू : ठीक हे भाई मै कल आता हु।

राजू आज देर से घर आता है।

माँ :बेटा आज बड़ी देर करदी।

राजू: हा माँ आज वो हरी के यहाँ चला गया था।

(हरी राजू का बेस्ट फ्रेंड है )
रानी राजू को खाना परोसती है राजू थोड़ा बहुत खाकर सोने चला जाता है।

अगली सुबह
बाबा: राजू कहा हो दुकान के लिए लेट हो रहे हे जल्दी आओ।

राजू: पापा में थोडा लेट आउगा। मेरा कोई दोस्त आया हे कनेडा से। उससे मिलने जाना है।

तभी दरवाजे पे विवेक के ससुराल वाले आते हे। और रिश्ता तोड़ के चले जाते है।

पापा: आइए समधी जी । कैसे आना हुआ।

समधी: नमस्कार प्रताप जी।

पापा:आईये अंदर आईये।

समधी: नहीं ..प्रताप जी थोडा जल्दी में हु।
मुझे कोई जरूरी काम से जाना था। और आपसे भी कुछ कहना था।

पापा :हां कहिये।

समधी: जी समझ नही आता की कैसे कहु। क्या सोचेंगे आप मेरे बारे में।

पापा: जो भी कहना है बे जिझक कहिये। आप समधी है हमारे ।

समधी:जी वो विवेक और साधना की सादी

पापा : शादी की तारीख तय करने आये है? पर इतनी जल्दी क्या है।

एक बार बच्चों के एग्जाम हो जाये। उसके बाद आराम से तय करलेंगे।

समधी: जी ये बात नही है।

पापा:तो फिर क्या बात है।

समधी: बात ये की । शाधना और विवेक की शादी नही हो सकती।

पापा: क्यों । क्या हुआ । विवेक ने कुछ गलत किया क्या।

समधी:नहीं । असल में मेने रिश्ते से पहले अपने भाईयो से नहीं पूछा इसलिए वो मुझसे नारज हे। और उनकी जिद हे की वो तभी मानेंगे जब साधना की शादी उनकी पसंद के लड़के से होगी।

पापा: जैसा आपको उचित लगे वैसा कीजिये। आपकी बच्ची की जिंदगी का सवाल है।
पर इस बार रिश्ता सोच समझ के कीजियेगा।
समधी वहा से चला जाता है।

माँ: इस आदमी ने सिर्फ अमीर घराने में रिश्ता जोड़ने के लिए हमसे रिश्ता तोडा है।

राजू: नही ना माँ ऐसा कोई करता है क्या।

बाबा : बेटा तेरी माँ सही कह रही है। कल ही गुप्ता जी ने मुझे बताया की आपके समधी सेठ दीनदयाल के लड़के से रिश्ता जोड़ने के लिए । उनके घर के चक्कर काट रहे है।

माँ: पर क्या वो साधना को हमसे ज्यादा सुखी रखेंगे।

पापा: मै नही जानता। पर इतना कहुगा की वो जहा रहे सुखी रहे।
इतना कह पापा दुकान के लिए चले जाते हे।

माँ विवेक को जब फोन पर ये सब बताती है तो उसे बहूत दुःख होता है और वो भी कामयाब बनने के लिए दृढ़ सनकल्प से पढ़ाई में लग जाता हे।

उधर राजू का ध्यान गफूर की बातो पे जाता हे। और वो अपनी किस्मत आजमाने के लिए । बाबा की अलमारी से पैसे चुराने जाता हे।
राजू जेसे ही अलमारी खोलता हे उसका अंतर मन उसे रोकता हे। की वो गलत कर रहा हे।

पर उसका मन उसे रानी पापा और विवेक की बेज्जती याद दिलाता हे। और राजू अलमारी में पड़े 20 लाख रपये में से 5 लाख ले लेता हे। जो पापा ने विवेक और प्रियंका की शादि के लिए बचाये हे।

राजू पैसे लेकर गफूर के पास पहुचता हे।

गफूर:आओ राजू कितने लाये हो।

राजू: पुरे 5 लाख हे। इस को 25 लाख़ करदो

गफूर राजू से बेटिंग करवाता हे और 5 से 5.50 फिर 6 लाख करवा देता हे।

गफूर : मै चलता हु ।अब तू खेल आज तेरा दिन हे ।

राजू का अंतर मन उसे 6 लेकर चलने को कहता हे।

पर राजू 1 बाजी 2लाख की खेलता हे जीते तो 7और जायेंगे।राजू फिर जीतता है 7 फिर 8

इस बार राजू हार जाता हे 3 लाख । 4फिर । इस वार राजू 4 की बाजी खेलता है 2 और फिर हार जाता है।
तभी गफूर आता हे :राजू भाई कितना जीता।

राजू :हारने लगा हु।

गफूर ब्रोकर से पूछता हे राजू के पास कितना पैसा बचा ।

ब्रोकर: ये 5लाख माईनस में हे।

गफूर:तूने इसे माईनस में कैसे खिलाया।

राजू जा 5 लाख और लेके आ उसके बाद खेलना।

राजू:गफूर भाई मेरे पास जितना पेसा था वो सारा मेने आपको दे दिया। अब नही हे मेरे पास।

गफूर: चल ज्यादा होसियार मत बन । चुप चाप पैसा ले आ नही तो तेरे को यही ठोक डालूँगा। (बन्दुक सर पे रखते हुए)

राजू : तू मेरा दोस्त है और मुझ पर ही गन तान रहा।

गफूर: दोस्ती गयी तेल लेने। अपुन को अपना माल से मतलब है जा जल्दी से लेकर आ।

राजू: लाता हु पर मुझे कुछ दिनों का टाइम दो ।

गफूर: दोस्ती याद दिला दी इसलिए तेरे को टाइम देता हु। बोल कितनी बजे लाएगा।

राजू : बजे से क्या मतलब। कम से कम 20 25 दिन लग जायेगे।

गफूर: चल ठीक है ।अपनी दोस्ती के लिए तेरे को टाइम दिया।
पर टाइम का 1 लाख एक्स्ट्रा लगेगा ।

राजू: 1 लाख एक्स्ट्रा।

गफूर: टाइम चाहिये तो एक्स्ट्रा चार्ज लगेगा।

जा अब 6 लाख लेके आ तेरे पास 25 दिन का टाइम हे।

राजू वहा से निकलता हे । उसके पेरो तले जमीन हिल जाती हे। ये मेने क्या कर दिया। 10 लाख जुए में उडा दीए । अब घर वालो को क्या कहु गा । इसी उधेड़बुन में राजू घर पहुंचता हे।

और अलमारी में रखा 15 लाख और ले जाता है।

और गफूर के पास पहुँचता हे उसे 5 लाख देने के बाद वो वाही बैठ कर बाजी देखता है।
इस बार वह बैठे सारे लोग हार रहे है।सारे लोगो के चेहरे का रंग उड़ा हुआ है।
राजू सोचता है उसने बहुत गलत काम कर लिया बहन की शादी के पैसे जुए में उड़ा दिए अब क्या करे।
तभी पास में बैठा आदमी उससे कहता है।

आदमी -भाई कितना नुकसान हुआ

राजू- कुछ नही
आदमी - मेरा नाम सुशिल राठी हे। मै सब देख रहा था। 10 लाख डूबा दिए 1 दिन में इससे अच्छा mcx या स्टॉक मार्केट में करते।
तो लॉस नही होता। क्योंकि वो लीगल गेम है उसमें रिस्क भी कम है।

राजू सोचता है 10 लाख जो मेने डुबोये है उसे कही से कवर तो करना होगा। क्यों ना एक बार वो भी कर के देखे।
राजू -ये काम कहा होगा?

शुशील-यही गफूर भाई के ऑफिस में जो रॉड के उस साइड में है।

वो राजू के साथ उस ऑफिस में जाते है।

गफूर- क्या राजू दिल नही भरा क्या

राजू - दिल तो भर गया पर जो लुटा दिया उसको वापस पाने के लिए कुछ तो करना पड़ेगा।

सुशिल -भाई इसको स्टॉक और mcx के बारे में बताओ।

गफूर राजू को मार्किट के बारे में बताता कि ये काम कैसे होता है।
राजू समझ जाता है ये भी सट्टे की तरह है पर लीगल होने के कारण इसमें पैसा डूबेगा नहीं।

राजू गफूर भाई आज तो पूरा दिन खराब हो गया। अब कल देखेंगे क्या करना है।

और ये कह कर राजू अपने घर की और चलने लगता है।

रास्ते में सोचता है घर पर पेसो का पूछेंगे तो क्या कहूंगा।
अंतर्मन कहता है सच सच बता देना।
मन कहता है सच बताया तो घर में तूफान आजायेगा और हो सकता हे पापा इस झटके को सह ना पाये।
राजू मन की बात से सहमत है।
इस बीच राजू को बैंक दीखता है वो बाकि पैसा जमा करवा कर घर पहुंचता है

घर में सब परेसान ।

बाबा :राजू हम लूट गये बर्बाद हो ग़ये। घर से सारे पैसे चोरी हो गए।

राजू क्या कहता । चोर तो खुद ही था और सारे पैसे तो वो ही ले गया था।

राजू: बाबा पेसा तो मेने आज ही बैंक में जमा करवा दिए । आज कल घर में पैसे सुरक्षित नहीं।

बाबा: राजू पर तुझे मुझसे पूछना चाहिये था।

राजू: बाबा गलती हो गयी । आगे से ध्यान रखूँगा। इतना कह राजू अपने कमरे में चला जाता हे।

रानी भी उसके पीछे चली जाती है।। राजू के पास जाती है। राजू को सोता देखकर उसे उठाने की सोचती है। उसे अपनी ओर खिंचती है पर राजू हाथ झटक कर कहता है।

राजू: मुझे सोने दो। में बहूत थका हुआ हु।

राजू ने जिस तरह से उसका हाथ झटका उससे उसे बुरा तो लगा। पर उसे लगा सच में राजू थका हुआ होगा।

रानी धीरे से राजू के कान में कहती है: आप पापा बनने वाले हो।

राजू झटके से खड़ा होता है: सच । आज तुमने दिल खुश कर दिया।

और रानी को गोदी में उठाकर अपनी खुसी का इजहार करता है। और नीचे जाकर सब को बताता है। फिर ख़ुशी खत्म पेसो की चिंता शुरू उदास मन से सो जाता है।
कुछ दिन राजू पैसो की चिन्ता में लगा रहता फिर एक दिन फिर गफूर के ऑफिस पहुँचता है।

राजू : भाई एक सौदा करना है। किस में करु थोदी राय भी देदो।

गफूर: आ राजू।
सौदा crude बेच ले 4800 पर sl लेले4825 टारगेट 4725 ..1 लोट पे 2500 का प्रॉफिट हो सकता है।
बाकि ट्रेड अपने हिसाब से करना और लॉस प्रॉफिट हुआ तो मुझे मत बोलना।

ये मनीष है। इसको 1 लाख जमा करवा और काम शुरू कर ।

मनीष इसको अपना no देदे।ये भाई हे मेरा । 1 लाख माईनस में हो तब तक की छूट है इसको।

राजू: क्या मतलब । में समझा नहीं

गफूर : भाई जब तू 1 लाख प्रॉफिट में होगा तो तू मुझसे ले लेना। और जब तू 1 लाख लॉस में होगा तो मै तुझसे ले लूंगा।

राजू: ठीक है भाई
अब 2 क्रूड बेचने है।

मनीष : 4795 में हो रहे हे । करदु

राजू : करदो । sl भी लगा दो

मनीष: हो गया सर

एक घण्टे बाद राजू का sl हो जाता है।

राजू अब दिन भर युही सौदा करता रहता है।
कभि लिया कभी बेचा समय बीतता जाता है।
और महीने भर में राजू पूरा सटोरिया बनकर तैयार हो जाता है।
मतलब वो सुबह 10 बजे से रात 11:30 तक मोबाईल में और सौदे में ही व्यस्त रहता है ।

1 महीने बाद

मनीष : राजू भाई आज का बैलेंस स्टैंडिंग निल बैलेंस 30000

राजू :ओके क्रूड क्या आ रहा है।

मनीष :4500

राजू : 4 sell करो sl 4550

मनीष :हो गया

दिनों दिन पैसे हारता जा रहा हैं
पर पैसे के साथ वो कुछ कीमती चीज हार रहा था।
वो था वर्तमान ।
और एक अँधेरे भविष्य की और कदम बढ़ा रहा था।
इन दिनों दिन भर मोबाईल पर भाव देखने के कारण उसे कई बार उसे पापा और माँ की डांट भी पड़ी।
पर उसे वो 10 लाख रूपये चाहिए जो उसने डुबोडिये

पापा : राजू बहनजी को वो वाली साड़ी दिखा।

राजू :हा पापा।

15 मिनट बाद

पापा : राजू । तुझे सुनाई दिया मेने क्या कहा।

राजू :हा पापा। बस अभी लो।
राजू साड़ी दिखाते हुए
आंटी ये एकदम लेटेस्ट डिजाइन कैटरीना लुक वाला।

राजू का ध्यान मोबाईल पर जाता है।
क्रूड 4550

राजू का मुह उतर जाता है।

राजू: हां आंटी बताओ कोनसा लेना है।

आंटी: एक ही पीस दिखाया ओर दिखा फिर बताती हु ।

राजू साडी दिखाता है पर नजर बार बार क्रूड पर जाती है ।
मन साल sl खाने के बाद नीचे जा रहा है।

आंटी: ये वाली देदो।

राजू साड़ी पैक कर के देता है।
तभी नजर क्रूड पर जाती है क्रूड 4300
राजु : साला sl खा कर 200 पॉइन्ट डाउन

4×200 80000 अभी में आ जाता

किस्मत ही खराब है।

उधर पापा के फोन पर कॉल आती है।
हेलो
कोन हा जी कहिये
अच्छा ठीक है
पापा का चेहरे पर भी उदासी छा जाती है।

राजू: क्या हुआ पापा ।किसका फोन था।

पापा: प्रियंका के लिए फिर ना का जबाव आया है।

प्रियंका को कुछ दिन पहले लड़के वाले देखने आए थे ।और फिर वही बेमन जवाब आता हे की हमे रिश्ता पसन्द नहीं आया।

राजू उसके पिता पेसो की कीमत समझ चुके हे। उन्हें लगता है दहेज के बिना शादी होना बहुत मुश्किल है।

राजू और उसके पिता तय करते हे की इस बार जो भी रिश्ता आऐगा उनकी वो मांगे पूछेंगे।

कुछ दिनों बाद एक रिश्ता आता है।

समधी:हमे लड़की पसंद है ।पर लड़का इंजीनियर है । तो कुछ छोटी मोटी मांग हे।

पापा: हां निसंकोच बताईए ।

समधी: ज्यादा कुछ नही बस 25 टोला सोना एक कार और 5लाख नगद

राजू के पिता हा भरते हे और जल्द ही शादी की बात करते हे।

पापा विवेक को फोन करते है।

पापा: हेल्लो

विवेक : हेल्लो हा पापा।

पापा: विवेक एक खुसखबरी है। तेरी बहन का रिश्ता पक्का हो गया है जल्दी से छुट्टी लेकर आजा।

विवेक: सच पापा। ये तो बहुत ही अच्छी खबर सुनाई आपने । मै कल ही आता हु।

पापा: तूने जॉब के लिए एग्जाम दिए थे उसका क्या हुआ।

विवेक: पूछो मत पापा। ये आरक्षण हमे जीने नही देगा। कभी कभी ऐसा लगता है की काश हम भी sc st होते।

पापा: अरे बेटा तू चिन्ता मत कर मेहनत कर एक दिन कामयाबी तेरे कदम चूमेगी।

विवेक: विवेक मेहनत तो पूरी कर रहा हूँ। पर कामयाब कब होऊँगा पता नही।

राजू के पिता जो भी गांव की जमीन का पैसा आया है उसे प्रियंका की शादी में लगाने वाले हे।

राजू का दिमाग टनका पैसा तो वो पहले ही उड़ा चूका हे अब शादी के लिए पैसे कहा से आयेगे।

राजू की रातो की नींद उड़ गयी । (राजू का अंतर्मन फिर उसे सच बताने के लिए कहता हे । पर फिर उसका मन नही मानता)।

राजू रात भर पेसो के इंतजाम के बारे में सोचता हे।

तभी कमरे में रानी आती और राजू को परेसान देखति हे।

रानी: आज इतने परेसान क्यों लग रहे हो।

राजू: कुछ नही ऐसे ही । वो जो पैसे मेने बैंक में जमाँ करवाये थे ना। उनमे से मेने तुम्हारे लिए हार बनवा लिया।

रानी खुश होते हुए सच।

पर फिर उसे याद आता हे छोटी की शादी का। वो राजू के पास जाती हे प्यार से सर में हाथ फेरती हे।

राजू का मन कहता हे कितनी लालची होगयी। हार का कहते ही कितना प्यार उमड़ पड़ा।

रानी: एक बात कहु। आप मेरा कितना ख्याल रखते हो। पर आपने पापा से हार के बारे में बताया।

राजू: नही
रानी:पर क्यो

राजू:तुम्हे हार से मतलब हे या क्यो से।

रानी:मुझे हार चाहिये पर पहले घर की खुसी । आप वो हार वापस लोटा कर पापा को पैसे ला देना। घरवालो की खुसी के आगे हार का कोई मोल नही।
राजू:तुझे हार ना होने की वजह से दुनिया ने नोकरानी कहा। और तू उसी हार को ठुकरा रही हे।

रानी:मेरा हार मेरा परिवार मेरा घर हे । आप मेहनत करो कमाओ । मेंने भी अब घर में बचत शुरू करदी शादी में अपने लिये मुझे कोई फिजूल खर्ची नहीं करनी।

मेने इसके बारे क्या सोचा पर ये तो बिलकुल बड़ो की तरह बाते करने लगी । ये तो बड़ी समजदार हो गयी।

विवेक भी घर आ गया
और अब शादी की तयारी शुरू

पापा: विवेक शोरूम से गाड़ी दो बुक करवाना एक सोनम को बधाई में देगे उसकी शादी में कम खर्चा किया था । कहि उसके मन में ना आये की पापा ने उसके साथ भेदभाव किया। और हा तेरी भाभी के लिए भी एक सुंदर सेट बनवाना।

विवेक:ठीक है पापा।

सोनम :नही पापा मुझे कोई गाड़ी नहीं चाहिए।

रानी: हा पापा मुझे भी कोई सेट नही चाहिए।

सोनम रोते हुए: पापा आपने आज मुझे बिलकुल पराया कर दिया। मेने कभी नहीं सोचा आपके बारे में की आप हमारे साथ कोई भेद भाव रखते है।

पापा: अरे रो मत गुड़िया। मुझे माफ़ करदे बेटा मुझे नही पता था। की मेरी गुड़िया को बाबा की बात का इतना बुरा लगेगा।(तू नही सोचेगी मै जानता हूं। पर दामाद जी शादी में क्यों नही आने वाले ये मै जानता हूं । )

पापा सोनम के आंसू पोछते हुए कहते हे

पापा : बेटा पर अगर तुम दोनों मेरी दी चीज नहीं लोगे तो मेरा मन बड़ा दुखी होगा।
असल में मेरे मन को लगेगा की मेने गलत किया ।

रानी सोनम : नही पापा हम नहीं ले सकते।

पापा : पापा अगर अपने पापा को प्यार करते हो। और उन्हें खुस देखना चाहते हो तो विवेक के साथ जाओ और आज ही दोनों चीजे लेकर आओ।

दोनों कुछ नहीं बोलती और चुप चाप विवेक के साथ चली जाती है।

जब अंकल शादी में लगने वाले खर्च हिसाब जोड़ते है तो
5 लाख बजट से ज्यादा होता हे।

बाबा :राजू आज बैंक से पैसे लेकर आ जाना।

राजू का अंतर्मन :पैसे ?11 लाख उड़ा दिए वो कहा से लायेगा। पापा को सब सच बता दें।
मन कहता बैंक से लोन लेले और पिताजी को थमादे। फिर राजू सोचता हे लोन के लिए गिरवी क्या रखु। मन कहता हे घर रख गिरवी।
तभी
बाबा : सुन शादी का बजट बढ़ गया ।तू एक काम कर अपने मकान पे 5 लाख का लोन लेले। नही 6 का लेले । ज्यादा होंगे तो कोई दिक्कत नही। पर कम नही पड़ने चाहिये ।

राजू हा में सर हिला देता है।जो वो चाहता था वो उसे मिल गए मकान के कागज

अगली सुबह राजू मकान के कागज पे पापा के साइन करवा कर प्रकाश की मदद से बैंक से 25 लाख लोन लेता हे । ओर जो पहले वाले 9 लाख उसके पास बचे थे उस मे से 1 लाख मिलाकर 26 पापा को दे देता है।

बाकी उसके पास आठ लाख बचे है उनको वो किसी अछि जगह इन्वेस्ट कर। सारा लॉस रिकवर करने की स्किम लगता है।
उसे लगता हे उसने सब ठीक कर दिया।

अब यहा राजू बुरी तरह पसने वाला हे।उसे बैंक को ब्याज देना हे बैंक का होता हे 26000
दुकान से जो भी इनकम होती हे वो पापा रखते हे । ऐसे में वो ब्याज कहा से भरेगा।

वो हरी के पास जाता है।शादी का कार्ड देने और उससे सहायता मांगने के लिए।

राजू :भाई प्रियंका की शादी में जरूर आना है। तू मेरी शादी में भी नहीं आया था।

हरी: जरूर आऊंगा। तेरी शादी के टाइम तो माँ बहौत बीमार थी। पर अब ठीक है । मै पक्का आऊंगा।

राजू: एक काम था ।

हरी:हां बोल।

राजू उसे सारा घटनाकर्म बताता हे और किसी को न बताने के लिए कसम लेता हे।

हरी: राजू मेरे पास इतने पैसे नहीं की में तेरि सहायता कर सकु । असल में मै भी तेरी तरह15 लाख का कर्जदार हु।

राजू: तू ने कर्ज कब लिया। जूठ तो मत बोल।

हरी: ये देख मेरी बैंक की डायरी जिसमे मेरे खाते से हर महीने 15000 ब्याज कटता हे।

राजू :पर तूने कर्ज क्यों लिया। तूझे क्या जरूरत पड़गयी??

हरी: मुझे माफ करदे भाई मेने तेरी बात नहीं मानी। मै आज भी रमा के सम्पर्क में हु।
और वही मेरी बर्बादी का कारण है। लोगो से उधार लेके मै उस पर उडाता रहा। और आज मेरी ये हालत हो गयी।
काश की मेने तेरी बात मान ली होती।

#फ्लेश बेक#

सन्डे को राजू हरी के घर पहुंचता है।

राजू: भाई कहा है भाभी।

हरी: ओये आहिस्ता बोल माँ घर पर है। इसारा करते हुए केहता है।

और माँ के पास रसोई में जाकर कहता है।

हरी :माँ राजू आया है उसे घुमाने ले जाऊ।

माँ: ले जा पर जल्दी आना ।

हरी : ठीक है माँ।

माँ: अब खड़ा क्यों है। जा

हरी : माँ कुछ पैसा दो ना ।उसको पार्टी दूंगा।

माँ: ये ले 50 रूपये और जो बचे वो वापस लाकर देना।

हरी: आप ही रखो 50। मै उसे घर वापस भेज देता हूँ।

माँ : तो तुझे कितने चाहिए ।

हरी: 500।

माँ: इतने नहीं है मेरे पास । 100 लेने है तो ले नहीं तो ऐसे ही चला जा।

हरी: चलो 100 तो दो।

माँ से पैसे लेकर हरी राजू को एक घर ले जाता है।
हरी डोर बेल बजाता है।
दरवाजा विधवा औरत खोलती है और उन्हें अंदर आने को कहती है। अंदर जाने पर पता चलता है की उसके 3 बच्चे है।

औरत की उम्र 35 के आस पास है।
ओर बड़ी लड़की की उम्र 10 साल है।

राजू धीरे से: कहा ले आया भाई। और कहा है भाभी।

औरत: हरी ये कौन है।

हरी : ये मेरा दोस्त है । राजू।और राजू ये मेरी फ्रेंड है रमा।

राजू और रमा दोनों ही एक दूसरे को मुस्कुरा कर देखते है।

हरी तीनो बच्चों को बुलाता है। उन्हें माँ से लिया 100 का नोट देता है।

हरी: ये लो अपने और हमारे लिए जल्दी से आईसक्रीम ले आओ।

तीनो बच्चे खुस होकर चले जाते है।

कमरे में अब सिर्फ वो तीनो ही बचे है।

हरी: ये हे तेरी भाभी। रमा जी।
केसी लगी।

राजू: बहुत सुन्दर ।

हरी रमा को खिंच कर अपने और राजू के बिच बिठा लेता है।
राजू थोडा घबरा जाता है। कि अब क्या होगा।

हरी अपनी जेब से सोने की अंगुठी निकाल कर रमा को पहनता है।

रमा: इसकी क्या जरूरत थी। मै तुझे पहले भी मना कर चुकी हु। क्यों इतनी फिजूल खर्ची करता है।

हरी: मै तेरे लिए दिल से लाया। और तू नाटक कर रही है।

रमा: मै नाटक नही।तेरी चिन्ता करती हु की तू इतना पैसा लाता कहा से है। कहि तू कोई गलत काम तो नहीं करने लगा है।

हरी: गलत कुछ नही करता। मेरे बाप के पास बहुत पैसा है। ये चीजे मेरी जेब खर्च से लाता हूँ।

हरी रमा को चूमने की कोशिस करता है। रमा उसे दूर कर देती है। और राजू की और इसारा करती है

हरी:राजू तू बाहर बैठ। बच्चे आये तो मुझे बुला लेना । मै 5 मिनट जरूरी बात करके बाहर आता हु।

राजू बाहर चला जाता है।

राजू बाहार हरी का इन्तजार करता है। बच्चे आ जाते है तो राजू अंदर जाता है।
अंदर रमा और हरी एक दूसरे को चूम रहे होते है।
हरी के बदन पर शर्ट नही है और रमा ने भी अपना पल्लू गिरा रखा है।

रमा हरी को छोड़ अपना पल्लू ठीक करती है। और मुह फेर कर खड़ी हो जाती है।

राजू शर्ट पहनते हुए: अंदर क्यों आया। तुझे बाहर से हि आवज देनी थी।

राजू: वो बच्चे आ गये है।

राजू और हरी वहा से चलने लगते है। बाहर आकर दोनों में बातचीत होती है।

राजू: तू अंगूठी कहा से लाया।

हरी: वो तो मै भुआ के घर गया था। तो वहा से उड़ा लाया।

राजू : तूने चोरी की। यही बाकि रह गया था.।

राजू:तेरे बाबा को लकवा हुआ है ऊपर से तंगी, उनकी पेंसन से तेरा घर चलता है । और तू यु पैसे उड़ा रहा है । ये गलत है। तू किसी दिन बुरा फसेगा।

हरी: तू टेंसन मत ले। मै सब हैंडल कर लूंगा।

राजू: तेरा उस औरत के पास जाना भी ठीक नहीं।

हरी : तू अभी कुछ नहीं समझेगा। बड़ा होगा तो सब समझ जायेगा।

चल घर नही तो देर हो जायेगी।
दोनों घर पहुंचते है।

माँ: खाना तयार है मुह हाथ धोकर जल्दी आ जाओ।

दोनों खाना शुरू करते है।

माँ : बेटा मेरी अंगूठी नहीं मिल रही तूने देखि कहि।

हरी: नहीं माँ मेने नहीं देखि।

माँ: पता नहीं कहा रखदी । मै भी ना भुलक्कड़ हो गयी हू।

राजू सोचता है हरी ने उससे झूट बोला । उसने अपने ही घर में चोरी की।
अब में उससे दोस्ती नहीं रखूँगा।

खाना खाकर हरी राजू को उसके घर छोड़ने जाता है।

राजू: तू झूट भी बोलने लग गया।
अब हम दोस्त नही रह सकते।

हरी: ऐसा मत बोल भाई तू मेरी जान है। मेरा दोस्त है। दोस्ती मत तोड़। तू जो बोलेगा वो ही में करूंगा।

राजू: तो प्रोमिस कर आज से तू रमा जी के पास जाना छोड़ देगा।

हरी: पका प्रोमिस उसके पास नही जाऊंगा और कोई गलत काम नहीं करूँगा।

दोनों घर पहुंचते है। राजू हरी को गले लगा कर दोस्ती फिर से पक्की करता है।

दोनों अपने घर चले जाते है।

#फ़्लैश बेक ओवर#

राजू: चलो ठीक हे भाई चलता हु।
हरी: क्या हुआ । फिर से नाराज हो गया।
राजू: नहीं भाई। अब नाराज होने का हक खो दिया मेने। क्योकि आज मै भी गलत हु।

हरी: हम दोनो की समस्या एक ही है। पर तेरे पास समाधान के लिए तेरे पिता हे और मेरे पास कोई नहीं।मेरी बात माने तो तू अंकल को सारी बात बतादे वो तुझे सही रास्ता दिखाएगे।

राजू उसे राय के लिए ध्न्यवाद देता हे । वहा से चला जाता हे।
सभी शादि की तैयारी में लगे पर राजू मोबाइल पर लगा है

शादी बड़ी ही धूम धाम से सम्पन होती है। और विवेक वापस चला जाता है।

राजू इस बीच 3लाख और डूबा देता है।

राजू: सोना बेचा तो वो 30000 खरीदा तो 28000
किस्मत कितनी कमीनी क्रूड साला 4500 से 3500 sl खा कर ।
इन सोदो ने बर्बाद कर दिया।
4 महीनों में 15लाख
यानि 10 साल पीछे चला गया क्या करूँ।
कुछ समझ नही आ रहा।
एक आखरी सौदा और करता हु क्रूड बेचता हु।
और होल्ड करता हु क्रूड 3500 से 4000 4500 5000 राजू और बेचता है 7000
इस सौदे में राजू को 5लाख का और नुकसान होता है।क्रूड 3500 से 7000 आ जाता है।
इस बार राजू क्रूड 5000 पर फिर खरीदता है। क्रूड 4500 4000 3500 2000 राजू 5 लाख और डूबा देता है।
राजू एक बार फिर से 5लाख माईनस में।
गफूर उसे पैसे लाने को कहता है राजू समय मांगता है गफूर 1 महीने का टाइम देता है।

अब उसके पास पैसे इकठा करने का कोई रास्ता नही बचता तो उसे रमेश याद आता है।
और वो रमेश के घर पहुंचता है।

राजू: नमस्ते अंकल।

अंकल: आओ राजू कैसे आना हुआ।

राजू: अंकल वो नया साइड बिजनस शुरू किया हे तो।

अंकल: तो क्या बेटा।

राजू: कुछ पेसो की जरूरत थी।

अंकल: पैसे। कितने।

राजू: सिर्फ 6 लाख रूपये चाहिए थे साल या 10 महीने के लिए।

अंकल: इतने तो नहीं हे मेरे पास । पर मेरे दोस्त से दिलवा दुगा। पर वो इंट्रेस्ट 18000 महीना लेगा।
चाहे साल रख या 2 साल.

राजू : अंकल ब्याज कुछ ज्यादा नहीं। बैंक तो सिर्फ 10% सालाना लेती है। और आप 36%।

अंकल : बेटा फिर तुम बैंक से लेलो। मेरे पास क्यों आये।
राजू चुप

अंकल: जानते हो बैंक ब्याज कम क्यों लेता है।वो पहले सिक्योरिटी लेगा गोल्ड लाओ प्रोपर्टी लाओ। कोई रिस्क नही पैसा डुबा तो वो प्रोपर्टी बेच कर वसूल कर लेंगे ,और हम। सिर्फ चेक पर पैसा देते है। कितना बड़ा रिसक तो ब्याज तो ज्यादा बनता है।
कुछ देर शांति।

राजू सोचता है 20000 महीना बहुत ज्यादा है पर गफूर को भी देना जरुरी है।

राजू : ठीक हे अंकल मुझे मंजूर हे।

पर में आपको ब्याज सालाना दूंगा

आप 2 साल के लिए दिलादो

अंकल: ठीक है शाम को मुझे 10लाख का चेक देकर पैसे ले जाना।

शाम को अंकल राजू से सिक्यूरिटी के लिये चेक लेकर उसे पैसे दे देते हे।

राजू 6 लाख लेकर गफूर को दे देता हे।

राजू की किस्मत खराब थी या अछी ये मै भी नही जानता। अब प्रताप जी की दुकान अच्छी चलने लगीं है पहले महीने में 25000 होते थे अब 40से 45 हजार और अब उन्होंने महीने की बचत लगभग 25 से 30 हजार बैंक में रखवाना सुरु करदी । जीससे राजू को ब्याज भरने में परेशानी नहीं होती।

और घर पर माँ और रानी ने फिजूल खर्ची बंद करदी।

पर राजू तो पूरी तरह कर्ज के जाल में फंस गया है।
अब उसे आमिर बनने का शौक नही बस एक ख्वाहिस हैं कि सारा कर्ज उतर जाए फिर पहले की तरह चैन की जीनदगी जियेगा।

कुछ दिन बाद
सुबह सुबह रानी राजू को उठाती हे । और उसे कहती हे आज गुप्ता अंकल की रिटायरमेंट पार्टी में जाना हे। उनको तीस लाख देगी गोरमेंट।

राजू के कान खड़े होते हे और झट से तयार होकर गुपताजी के घर पहुँच जाता हे।
अंकल ने ज्यादा खर्चा नहीं किया नॉर्मल मिलने वाले। और साधारण पार्टी।
तभी राजू का ध्यान गुप्ताजी की पत्नी जो हाथ में बैग लिये कमरे में जारही थी उन पे गया।

राजू धीरे से उनके पीछे चल पड़ा।

उस बैग में थे 30 लाख
चाहते तो वो पैसे को बैंक में भी रख सकते थे। पर एक बार घर पर अपने बचो को जिंदगी भर की कमाई दिखानी थी। तो पैसा घर ले आये।

आंटी ने कमरे में बैग खोला और अलमारी में पैसे रकने लगी।

राजू के मुह से लार टपकने लगी। राजू के मन ने कहा राजू उड़ाले पैसे। अंतर्मन ने कहा नहीं राजू ये गलत हे ये इनके आजीवन मेहनत की कमाई हे तू कुछ गलत मत करना।

तभी आंटी को अंकल ने बुलाया ।आंटी ने पैसे वापस बेग में डाले और बैग को पलंग के निछे सरका दिया। राजू के मन में लड्डू फूटे।

आंटी के जाने के बाद राजू कमरे में गया और बैग लेके सीढ़ियों के रास्ते से जाने लगा तो उसके अनतर मन ने फिर रोका। राजू रुका इग्नोर किया और छत पे पंहुचा।
वहा से दो छत दूर अपने घर की छत पे पहुँचा। और वहा पड़े कबाड़े में छुपादिये । वहासे वापस गुप्ताजी के घर आकर खाने का आनंद लेने लगा।

सब कुछ नॉर्मल था। आंटी किचन में थी।

कुछ देर बाद ऑन्टी कमरे में गयी ।उनके होश उड़ गये क्योकि बैग वहा नहीं था।

आंटी जी ने अंकल को इसारे से बुलआया ।

अंकल : क्या हे क्यों बुलाया

आंटी:जी वो..

अंकल: क्या जी, वो । लगा रखा हे जल्दी बताओ क्या काम हे।

आंटी:जी वो ......पैसे

अंकल :क्या पैसे

आंटी:वो पेसो का बैग नहीं मिल रहा। मेने पलंग के नीचे रखा था अब वहा नहीं हे।

गुप्ताजी बेहोस । आंटी पानी लेके मुह पे छींटे मारति हे।

अंकल उठते हुए:मिल गया बैग

आंटी :नहीं मिला।

अंकल दहाड़े मार मार के रोना शुरू कर देते हे। सभी मेहमान वहा आजाते हे। और गुप्ता जी से पूछते हे क्या हुआ।

गुप्ताजी: में लूट गया बर्बाद होगया। मेरे जीवन भर की कमाई कोई लूट के ले गया।
मेने सोचा की रिटायरमेंट पे जो पैसा मिलेगा उससे बेटी की शादी धूमधाम से करूँगा। और दहेज की भी व्यवस्था हो जायेगी। पर बिना दहेज मेरी बेटी अच्छे घर नहीं जा पायेगी।

मुझे जीने का कोई हक नहीं ।

इतना कह खुद को मारने की कोसिस करते हे। लोग उन्हें रोकते हे समझाते हे।

और राजू का अंतर्मन उसे धिकारता हे। की अपने कर्ज के लिए वो इतना लालची होगया। की दुसरो के पैसे सुख चैन लूटने लगा।

इस बार राजू अंतर्मन की बात सुनता हे और पैसे लेने धीरे से छत पे जाता हे। पैसे लेकर वापस चुपके से गुप्ताजी की अलमारी में रख देता हे। जो पहले से खुली थी।

फिर गुप्ताजी के पास जाकर सभी को कुछ कहता हे।

राजू: आप सभी शांत हो जाये । और घर में पेसो को ढूंढे। और कुछ लोग बाहर ढूंढे । अगर चोरी हुए हे तो चोर ज्यादा दूर नहीं गए होंगे।

सभी सहमत होते हे और पेसो को ढुंढने में लग जाते हे। किसी को कुछ नहीं मिलता ।
तो राजू आंटी से पूछता हे:आपको याद हे आपने पैसे कहा रखे।

आँटी:हा में अलमारी में पैसे रख रही थी तभी तुम्हारे अंकल ने मुझे आवाज दी और में बैग पलंग के निचे रख कर बाहर आगयी।और जब वापस आई तो बैग वहा नही था।

अंकल :तुमने बैग कहि अलमारी मे तो नहीं रख दिया।

राजू : हा आंटी एक बार अलमारी चेक करो।

आंटी जाकर आलमरी चेक करती हे। तो पैसे वहि मिलते हे
पैसे मिलने पर सभी खुश होते हे।
फिर सबी खाना खाकर अपने घर चले जाते हे।

और राजू भी मायूस अपने घर लोट जाता हे।

एक दोपहर दुकान पर
राजू अख़बार पढ़ता है। चौंक के खड़ा होता है। और सीधा हरी के पास पहुचता है।

राजू: हरी देख ये अखबार इसमें क्या लिखा है।

हरी अखबार पढ़ता है।
जिसमे लिखा है । अमरीका में एक आदमी ने अपनी 1000 करोड़ की प्रोपर्टी कुत्ते के नाम करदी।

राजू : हम भी किसी ऐसे आदमी को ढूंढते है। जो हमारी मदद कर दे।

हरी: ये बेवकूफो वाली बाते कबसे करने लगा।

राजू: इसमें बेवकूफी वाली क्या बात है।

हरी: तू एक काम कर अपने किसी भी जानकर से मुझे 5000 लाकर दिखादे।

राजू : इसमें क्या बड़ी बात है। अभी ला देता हू।

हरी: पर एक शर्त है जिससे भी ले उसे कहना पैसे 1 साल बाद देगा । और उसका कोई ब्याज भी नहीं देगा।

राजू: इस शर्त के बाद कोई भी एक रुपया नहीं देगा।

हरी: यही तो मै कहना चाहता हू की हम जिस जंजाल में हम फसे है। उसमें से हमे कोई नहीं निकाल सकता।

राजू: पर हमारे पास कोई दूसरा रास्ता भी नहीं।
कर्ज के दबाव में कहि फिर कोई गलत काम ना हो जाये।
क्यों ना हम इंटरनेट के जरिये अमीर लोगो से सम्पर्क करे। और उनसे सहायता मांगे।

हरी: मुझे नहीं लगता इससे कोई काम बनेगा
राजू:इसके अलावा कोई ओर रास्ता तेरे पास है तो तू बतादे।

हरी: चलो दोनों मिलकर कोशिस करते है।

दोनों दोस्त मिलकर इंटरनेट के जरिये कई लोगो को अपनी बात कहते है। पर कोई जवाब नही आता।
कभी सलमान सम्मा। कभी राजीव अम्बानी । कभी मार्क सुकबर्क तो कभी जावेद शाहरुख।

दुखी दोस्त उदास मन से मिलते है और सोचते है की अब क्या करे ।

तभी हरी को write to pm एप के बारे में याद आता है।

हरी: राजू क्यों न हम अपनी बात प्रधानमन्त्री जी को लिखे । शायद वो हमारी मदद करदे।

राजू: ये तो बहुत बढ़िया होगा। पर हम लिखेंगे क्या।

हरी: यही की हम कर्जदार होगये है। सारा पैसा जुए में हार गए।

राजू: मुझे नहीं लगता इससे बात बनेगी

हरी: लिखने में क्या बुराई है। बात बनी तो ठीक नही बनी तो कोई और रास्ता ढूंढेंगे।

राजू हरी pm को msg करते है। और निश्चिन्त होकर उत्तर का इंतजार करते है।

इस बिच राजू की मुलाकात गफूर और रमेश से होती है।

गफूर: क्यों भाई राजू कैसे हो। दुबारा आये नही किस्मत आजमाने।

राजू:6महीने में तूने किस्मत की माँ बहन करदी।

गफूर: मेने क्या किया। मै तो तुझे जीता कर गया था। हारा तो तू खुद मुझे क्यों दोष देता है। भोसडीके।

रमेश: चुप करो दोनों। दोस्त होकर लडो मत।

दोनों शांत हो जाते है।

रमेश: राजू तू तेरा पैसा वापस चाहता है तो तुझे एक रास्ता में बता देता हु

राजू: बता भाई । हम भी अभी
इसी कोशिस में लगे है।

रमेश: सुन । अभी हम शराब की दुकान के लाइसेंस का फार्म भरने जा रहे है। तू भी भरदे एक फार्म ।क्या पता इस बार तेरा लक काम कर जाये

राजू: अगर मुझे लाइसेंस मिलता है तो उससे से होगा क्या।

गफूर: इतना आसन नहीं है मिलना। ये लॉटरी से मिलेगा। और अगर तुझे मिल जाता है तो तू मुझे बेच देना। बदले में तुझे तेरे सारे हारे हुए पैसे लौटा दूंगा।

रमेस: 20 हजार फार्म और 50हजार सिक्योरिटी । कुल 70 हजार जमा करवाने होंगे।

गफूर: कल लास्ट डेट है। तेरे पास सोचने का टाइम सिर्फ आज है।
गफूर बाइक को चलाते हुए कहता है।

राजू हरी के पास पहुंचता है और सारी बात बताता है।

हरी :पर इसके लिए हमे 70 हजार चाहिए वो कहा से लायेगे हम।

राजू:कोई जुगाड़ बिठा।

हरी: मेरे पास कोई जुगाड़ नहीं। हाँ क्यों ना हम रमा से ले लेते है। इतना तो वो दे ही सकती है।

दोनों रमा के पास पहुचते है।

रमा बूढ़ी हो चुकी है।

रमा: किसे लाया है।

हरी :ये राजू काफी साल पहले यहां आया था मेरे साथ।

रमा: हाँ। याद आया उस समय तो ये छोटा बच्चा था।

रमा:कहो कैसे आना हुआ।

हरी: तुम्हारी सहायता चाहिए।

रमा: कैसी सहायता । बताओ

हरी: 70 हजार रूपये चाहिए थे।

रमा: 70हजार तो नही है। पर तुमहारे लिए कुछ है मेरे पास। शायद काम आ जाये।

रमा अंदर जाती है और एक छोटा बक्सा लाती है।
और उसे खोलती है जिसमे कुछ जेवर पड़े थे।

हरी: ये तो वही है जो मेने तुम्हे दिए थे। अभी तक पड़े है तुम्हारे पास। मै तो सोचता था तूने इन्हें बेच दिया होगा।

रमा: ये तुम्हारी अमानत थी। सो मैने सम्हाल कर रखा अब तुम इन्हें ले जाओ।

राजू: आप उतनी बुरी नही जितना मै समझता था।

रमा: क्या मुझे वेस्या समझते थे।

राजू: हाँ में सर हिलाता है।

रमा: मै हरी को अपने घर इसलिए आने देती थी । मुझे डर था की कहि इसके कदम बहक ना जाये और ये गलत जगह ना चला जाये।

पर शायद मै गलत थी।

हरी :चलो चले। कल आखरी तारीख है

सुनार को ज्वेलरी बेचते है जिससे उन्हें 140000मिलते है ।

दोनों तय करते है की 5फार्म भरेंगे।

दोनों दोस्त आबकारी ऑफिस पहुंच कर फार्म देते है। और लॉटरी वाले दिन का इन्तजार करते।

10 दिन बाद लॉटरी का रिजल्ट आता है। और पता चलता की गफूर के 2 ठेके निकले है। और उनके एक भी ठेका नहीं निकला।

एक बार फिर दोनों दोस्त दुखी होते है

कुछ दिन बाद pm का जवाब आता है की वो उनकी कोई सहायता नही कर सकते।

राजू दुखी होकर pm app को कोसता है।
और उस pm app को रिप्लाई करता है। की बहुत घटिया एप्प है। जिस app से किसी की सहायता नहीं हो सकती वो app किस काम की।

समय बीतता है। राजू की टेंसन बढ़ने लगी है।

कुछ दिन बाद
राजू दोपहर में फोन पे बात करता है।

राजू : हेलो।

लेडी: हा राजू जी बोल रहे है।

राजू: हा।

लेडी हंसते हुए:ये सब क्या लिखा है। आपने pm के बारे मे।

राजू की फटने लगती है सोचता है जोश में कुछ गलत तो नही लिख दिया।

राजू: जी वो गलती हो गयी।

लेडी हंसते हुए यूपी भासा में: क्या समस्या है आपको कुछ बतायेगे।

राजू: जी वो लोन चाहिए था।

लेडी अभी भी हँसते हुए: अब क्या आपको प्रधानमन्त्री जी लोन देंगे।

राजू का मन कहता है ।
मेने जोश में पता नही क्या लिख दिया कल को ये घर आगये तो । सरकारी काम है लेने के देने पड़ जाएगे।

तेरे पेसो की जाँच होगी पुलिस आएगी पता नही क्या क्या होगा।

राजू: मेडम गलती होगयी । मेने ये गलती से लिख दिया प्लीज इसे डिलेट कर दे।

लेडी: क्या हुआ। देखिये हमे सरकार ने यहा बिठाया है आपका भला करने के लिए।
जो भी समस्या है हमे बताये । समस्या बतायेगे नही तो हम आपका भला कैसे करेगे।

राजू: राजू जी कोई समस्या नही है।

और फ़ोन काट देता है।

मन कहता है बाल बाल बच गए।

अंतर्मन कहता है। उसे बता नही पाये तो कोई बात ही। पर इसका नंबर सेव करले क्या पता कब काम आ जाये।


राजू अब दुःखी रखने लगा दिन भर पेसो की टेंशन । टेंसन के चलते राजू खैनी चबाने लगा है।
बाबा को नशे से सख्त नफरत है इसलिए राजू ने ऐसा नशा शुरू किया जिसका किसी को पता ना चले।

इस तरह दो साल बीत गए। वक्त ओर उम्र पंख लगा कर ऐसे भागते है। कि समय का पता ही नही लगता

समय के साथ साथ उसकी बढ़ती कमजोरी आंखों के नीचे काले धब्बे , चेहरा मुरझाया हुआ। जो उसका दर्द जलका रहा था। पर न जाने क्यों लोग इस दर्द को समझ नही पा रहे थे।

।।अब राजू के दो जुड़वाँ बच्चे हे। पिंकी और बिल्लू।

राजू के लिए विकट समस्या लोन कै 25लाख कहा से दे । और अंकल क़ो भी 10 लाख देने है।

राजू की नींद उड़ गयी। उसे नींद में कभी पापा कभी बैंक वाले तो कभी अंकल पैसे मांगते हुए नजर आने लगे।

अब क्या करे।

इन दो सालो मे दूकान से अच्छी कमाई हुई

तो अंकल राजू को कहते : बैंक में लगभग 5 लाख जमा होगये हे तू बैंक का लोन क्लियर कर और मकान के कागज माँ को लाकर देदे।

राजू पापा से कहता हे: मै बैंक जा के आगया बैंक वालो ने कहा अगर आप आज लोन क्लिर करते तो आपको 1 महीने का ब्याज लगेगा। और 25 दिन बाद करते हे तो भी उतना ही लगेगा।
तो मेने सोचा। 5000 तो कटेंगे ही उससे अच्छा बैंक में 25 दिन पैसा जमा रहेगा तो कमसे कम हमे 4000 का फायदा होगा। इसलिए लोन 25 दिन बाद ही क्लियर करवाऊंगा।

पापा:ठीक हे जैसा तुझे उचित लगे।
अब राजू को 25 दिनों में 30 लाख कैसे लाएगा ये सोचते हुए वो मार्केट जाता हे।

तभी राजू का फोन बजता हे

अनजान का फोन था

अनजान:हेलो राजू।

राजू: हा भाई

अनजान:राजू में रमेस का डेडी बोल रहा हु

राजू: हा अंकल

अंकल:राजू बेटे वो अभी अभी पुलिस का फ़ोन आया की रमेस ने सुसाइड करली।
में बाहर हु बेटा तू जल्दी वहा पहुँच।

राजू के होश उड़ जाते हे ।

अपने आपको सम्भालते हुए वो अंकल से कहता हे: ठीक हे अंकल में जल्दी पहुँचता हु।। और ऑटो लेके रवाना होता हे।

राजू रमेश के घर पहुंचता हे।

रमेश फंदे से लटका हुआ हे। राजू की आके फट के बाहर आने कओ हे पर। सिर्फआंसू झलक रहे हे।

पुलिस पूछती हे तू जनता हे इसको।

राजू: रोते हुए , ये मेरा दोस्त हे।।

पुलिस : इसके पास सुसाइड नॉट मिला की इसने जुए और सट्टे में पैसे लगा डीए। और 1 करोड़ का कर्जदार होगया इसलिये सुसाइड कर रहा हे।

तभी रमेशके पापा वहा पहुँचते हे।

पुलिस वाले उनहे सारी जानकारी देते और बॉडी पोस्टमार्टम के लिए ले ।जाते हे।
राजू को घर जाने का कह कर अंकल अंदर चले जाते हे ।

और दहाड़े मार के रोने लगते हे।

राजू अपनी नम आँखे लिए बाहर जाते हे।

वही दो ओरते बाटे करती ही आज कल लोग बहूत लालची होगये। जल्दी पैसे कमाने के लिए जुआ खेलते हे और हारने पे फांशी खा लेते हे।

अरे बहन मेरी पड़ोस बाली चाची का बेटा 25 साल का था। उसका तो हार्ट फ़ैल हो गया। वो भी कर्जे में था।

राजू को गुस्सा आता हे पर लगता हे वो सही कह रही थी।

राजू वहा से पैदल ही निकलता हे। उसे ख्याल आता हे उस पे भी 30 लाख का कर्ज हे। वो कहा से देगा।

क्या उसे भी फाँसी खानी पड़ेगी। या हार्ट फ़ैल हो जायेगा। अगर ऐसा हुवा तो उसके परिवार का क्या होगा ।

ये सोचते सोचते राजू का bp बढ़ने लगता हे धड़कन तेज होने लगती हे। उसे लगता हे वो मारने वाला हे।

वो बदहवास हो जाता हे ।

30 लाख दुकान में लगाये होते तो कुछ फायदा ही होता।

पर ये मेने क्या करदिया।

राजू खुद पे काबू करते हुए । पास के मन्दिर के बहार लगी नल से अपना मुह और सर धोके सरीर को शानत करने की कोसिस करता हे।

उसकी नजर मंदिर में बजरंग बलि की मूर्ति पे पड़ती हे।

वो भगवान से प्रार्थना करता हे : भगवन जी प्लीज मुझे बचाले में सारा सच पिताजी को बता दूंगा।मुझ पर नहीं तो मेरे छोटे छोटे बच्चों पर रहम करो। मेरे जाने के बाद उनका क्या होगा। मेरी माँ मेरी पत्नी मेरा परिवार सब की क्या हालत होगी। संसार में तेरा कहि भी अस्तित्व है तो मुझे बचाले भगवान।

पास ही चाचा का घर था उसने सोचा वहा कुछ देर आराम करता हु। अगर कोई गड़बड़ हुई तो चाचा अस्पताल ले जाएंग।

इतना कह वो कुछ ही दूर चाचा के घर पहुचता हे।

चाचा से मिलता हे पर उसका शरीर उसी तरह अंदर से बेकाबू।

चाचा भाप लेते हे की कुछ गबड़ हे। वो राजू से पूछते हे क्या हुआ।

चाची भी वहा आजाती हे।

क्या हुआ राजू

राजू :कुच नही थोड़ी घबराहट हो रही हे।

चाचा :क्यों क्या हुआ

राजू :मेरे एक दोस्त ने सुसाइड करली

चाची :बहुत बुरा हुआ। तू बैठ में निम्बू पानी लाती हु।

चाची अंदर चली जाती हे।

राजू चाचा के पास बैठ कर कहता हे।
मेने दोस्त को 10लाख उधार दिए थे । में बर्बाद होगया अब में क्या करू।

चचा: बेटा कोई बात नहीं खुद को सम्भाल पैसे तो फिर कमा सकता हे पर जीवन दुबारा नहीं मिलता। पैसे देने से पेहेले सिक्यूरिटी के लिए कुछ लिया था1(राजू ने चाचा को बतया ताकि चाचा उसकी मदद कर सके । पर उसे लगा चाचा उसकी मदद नहीं करेंगे।)

राजू:नही
चाचा : इतनी बड़ी लापरवाही कैसे करदी तूने।

राजू: मुझे नहीं पता था की ऐसा कुछ होगा। पर ये बात आपको बताने के बाद दिल को कुछ सुकून मिला ।

चाचा से प्रोमिस लेता हे की वो किसी को इस बारे में नहीं बतायेगे। कहि घर में कोई बुरी घटना न होजाये।

चाचा उसे वादा कर देते हे।

राजू अब चाची के पास जाता हे और चाची को भी बताता हे की उसने दोस्त को 10लाख दिए जो घर की बचत के थे।
और चाची से कहता हे की वो चाचा से 10लाख दिलादे वो धीरे धीरे सारे पैसे देदेगा

चाची: बेटा पैसा कहा हे। अभी गोविन्द की शादी में कितना ख़र्चा होगया। और अब पूजा की शादी में तो उससे भी डबल लगेगा। तू समझ रहा हे ना।

राजू:(आज रिस्तो की अहमियत समझ आगयी) हा चाची ।

राजू: चाची आप वादा करओ आप इस बारे में किसीको नहीं बताओगे

चाची: वादा।

राजू निम्बू पानी पिता हे और घर के लिए निकलता हे।

राजू सारे रस्ते सोचता हे कितने अमिर हे चाचा। अभी पिछले साल गोविन्द की शादी पे 40 लाख की कार ख़रीदी और शादी में भी 2 करोड़ लगाये थे। इनके लिए 10 लाख इतनी बड़ी और अगर में 30 लाख कहता तो शायद इनका भी हार्ट फ़ैल हो जाता। तो फिर मेरे बाबा मेरी मदद कैसे करेंगे। में घर पे किसी को कुछ नहीं बताऊंगा।

कुछ ही देर में राजू घर पहुँचता हे।

राजू अब ठीक महसूस कर रहा हे।

राजू अपने कमरे में जाता हे। वहा रानी कमरे में कम कर रही थी। राजू उसे प्यार से देखता हे जेसे सायद आखरी बार देख रहा हो।

रानी की नजर राजू पे पड़ती हे।राजू रानी के पास जाता हे और उसे कसके सीने से लगा लेता हे।

रानी :आज बड़े दिनों बाद इतना प्यार आया।

राजू:जिंदगी कितनी छोटी हे रानी।

क्या पता कल क्या हो। इसलिए जब जियो तक प्यार से जियो।

रानी:आज ऐसी बाते क्यों कर रहे हो।

राजू:आज मेरे 25 साल के दोस्त की मोत होगयी। सोचता हु कल को में मर गया तो।

रानी रोकते हुए:ऐसा मत कहो।

राजू: अगर कभी ऐसा होजाये तो तुम दूसरी शादी कर लेना। मेरे पीछे अपना जीवन खराब मत करना।

रानी रोते हुए: पहले मेरी जान लेलो उसके बाद अपने मरने की बात करना।

राजू: तू रो क्यों रही हे। मैंने तो एक बात कहि थी। चल तेरे लिए कभी नहीं मरूँगा। पर तेरी खूबसूरती पर मर मिटूँगा।

रानी आंसू पोछते हुए चलो हटो में आपके लिये चयि बनाकर लती हु।
राजू उसे जाने नहीं देता और जीवन के इस मोड़ पे अपने साथी से प्यार कर अपने गम भुलाने की कोसिस करता हे।
तभी माँ राजू को आवाज देती हे। रानी राजू को छोड़ अलग होजाती हे। और उसे माँ के पास जाने को कहती हे ।
राजू माँ के पास जाता हे।

माँ आँगन में चाय लिए बेठी हे ।

राजू :माँ

माँ: राजू तेरी आवाज में इतना दर्द क्यों।

राजू :माँ आज तेरी बड़ी याद आ रही थी

माँ :क्यों क्या हुआ

राजू :कुछ नहीं माँ

माँ :सच सच बता

राजू :माँ गर कल को मुझे कुछ हो जाये तो तू (माँ राजू के मुह पे हाथ रखति हे । राजू माँ का I हटाता हे और माँ से कहता) माँ तू अपनी बहू की दूसरी शादी करवा देना । वो मना करे तो भी । अकेली जीवन कैसे काटेगी बिचारी।
माँ :राजू हुआ क्या बेटा सच बता । बहु ने कुछ कहा क्या। सच बता बेटा मेरा जी घबरा रहा हे

राजू :माँ वो तो बहुत अछि हे मुझे बहूत प्यार करती हे।

मुझे कुछ हो जाये तो तू उसे कुछ मत कहना। उसे बेटी की तरह मानना।

माँ: राजू बता हुआ क्या हे। नह तो मेरी जान निकल जायेगी।

राजू: माँ आज मेरा 25 साल का दोस्त मर गया । डर लगता हे किसी दिन में मर जाऊंगा।

माँ: नही बेटा तुझे कुछ नहीं होगा। (माँ राजू को गोद में सुलाती हे।) तुझसे पहले यमराज को मेरी जान लेनी होगी।

राजू को माँ की गोद में सुकून मिलता हे । सरीर में जो भी दुःख पीड़ा चिंता थी सब दूर होने लगती हे । मन एकदम शांत हो जाता हे।

राजू को नींद आ जाती हे।

अगली सुबह राजू उठता हे ।

सोचता हे कई दिनों बाद ऐसी नींद आई। माँ के हाथ में तो जादू हे वो सच में मुझे कुछ नहीं होने देगी।

राजू का अंतर्मन उसे कहता हे अगर माँ तेरे लिए यमराज से लड़ सकती हे तो एक बार उसे अपनी असली समस्या बता वो उसका भी कोई हल निकाल देगी।
राजू का मन इस बात को नहीं मानता।

अब राजू का हाथ हर आधे घण्टे बाद अपने दिल की धड़कन चेक करता है।
राजू के पापा उसके पास आते हे और कहते हे।

पापा:क्यों मेरे शेर तेरी माँ बता रही थी कल तू बहूत डर गया था।

राजू: हा पापा थोड़ी घबराहट थी। पर में अब बिलकुल ठीक हु।

पापा: तेरा दोस्त रमेस जुआ खेलता था और 1 करोड़ का कर्जदार होगया था। इसलिए उसने सुसाइड की थी।

माँ:आप चुप करो और दुकान जाओ। इसे आराम करने दो और कोई इसके आगे ऐसी बाते नहीं करेगा।

पापा दुकान चले जाते हे।

राजू बैठा बैठा सोचता हे क्यों न मै पॉलिसी लेलु जिससे मेरे मरने के बाद मेरे परिवार को ।
कर्ज चुकाने में दिक्कत ना आये।

राजू पालिसी ऑफिस पहुँचता हे वो उसे डिटेल बताते हे। की नेतुरल डेथ पे पॉलिसी की कीमत और जमा राशि ब्याज सहित ।
और अक्सिडेंटल डेथ पे पॉलिसी राशि की डबल कीमत और जमा राशि ब्याज सहित।

राजू पालिसी लेने का मन बना लेता हे।
राजू को पालिसी के लिए 1 लाख की जरूरत हे ।

राजू माँ से 1 लाख लेकर पालिसी करवाता हे।

राजू : माँ में अपने लिए एक पॉलिसी लेना चाहता हू।

माँ: लेलेना पर अचानक पालिसी क्यों।

राजू: माँ रमेस की मोत के बाद अब डर लगने लगा है। उसे दूर करने के लिए।

माँ: ठीक है। कितने चाहिए।

राजू: 1 लाख

माँ: 1 लाख
कितने की पॉलिसी लेगा।

राजू: जी 15लाख की।

माँ: राजू अभी इतने तो नही है। थोडा रुक के करवा लेना।

राजू: नही माँ मुझे अभी करवानी है आप पापा से दिलवादो।

माँ: ठीक है कुछ करती हूँ।
माँ राजू को अपनी सारी बचत जो एक लाख से कुछ ऊपर होती है राजू को ला देती है।

राजू पॉलिसी करवा लेता है। कुछ देर तो खुस होता है।

पर फिर वही सभी को पैसा लौटने की चिंता शुरू हो जाती है।

राजू की टेन्सन बढ़ती जा रही हे।
रात भर जागता रहता हे। पत्नी से छोटी सी बात पे झगड़ने लगता हे।

गुसे में छोटे बचो पर हाथ उठा देता है।

अब वो ओर बीमार दिखने लगा हे। आँखे काली पड़ गयी शारीर भी कमजोर हो गया। चिड़चिड़ापन तो बहुत ज्यादा। बहुत कम बोलता हे।

इस दौरान महीना निकल गया।

महीना निकलते ही पापा बैंक से कागज लाने को कहते। तो राजू कहता हे आपने लेट करदी डेट निकल गयी । और 10 15 दिन बाद ही लेके आउगा ।

राजू कमरे में लेटा पंखे को देखता है।
मन: अब कोई रास्ता नही बचा।

अन्तर्मन: ढूंढोगे तो हजार मिलेंगे।

मन: घरवालो के लिए तूने पालिसी लेकर पेसो की व्यवस्था करदी। अब इस रोज रोज की टेंसन खत्म कर और इस पंखे से लटक जा।

अन्तर्मन: कभी ढंग की बात भी कर लिया कर

मन: ये कितना परेसान हे । मै समझता हूं। हु इसलिए कहता हूं आदमी खत्म परेशानी खत्म।
राजू लटक जा।

अन्तर्मन: नही राजू। इसकी बात मत सुन।

मन: लटक जा।
राजू फंदा तैयार कर लटकने वाला होता है।

अन्तर्मन: राजू रुक । सुन माँ का क्या होगा रानी और बच्चे , उनको क्यों अनाथ कर रहा है।
मन: सब खत्म अब कुछ नही हो सकता।

अन्तर्मन अब कैसे रोकू इसे।
तेरी पॉलिसी के पैसे नही मिलेंगे सुसाइड करने पर।

राजू रुक जाता है।

राजू : ये तो मैने सोचा ही नही

तभी

हरि का फ़ोन आता है।

राजू :हेलो हां भाई बोलो

हरि : कहा है। भाई जल्दी दुकान आजा तेरे लिए खुस खबरी है।

राजू: खजाना मिल गया क्या कोई।

हरि : खजाना तो नही मिला पर तुझे पैसा कमाने का मौका मिल गया ।

राजू : कहना क्या चाहता है ,साफ साफ बता
हरि तू दुकान आजा सब बताता हूं जल्दी आजा।

राजू सोचता हुआ हरि की दुकान पहुंचता है।
गुम शूम सा पर रास्ते मै बाजार शांत पड़े हे एटीएम के आगे लाइन लगी है।
पता नहीं क्या हो गया।
राजू हरी की दुकान पहुँचता है।

राजू: ये शहर आज अजीब सा लग रहा है क्या हुआ। और तू खुशखबरी क्या देने वाला था वो भी जल्दी देदे।

हरी : भाई pm ने 2नं वालो की वाट लगादी। 1000 500 पर रोक लगादी।

राजू :क्या ?

हरी: भाई नोट बंदी
इसमें हम पैसा बना सकते है

राजू :वो कैसे।

हरि कीसी को आवाज लगता है सोनी जी ओ सोनी जी इधर आना।
एक 15 16 साल का लड़का आता है।

सोनी जी: हां हरि भाई हुक्म करो
हरि : ये लो भाई अपना पाान
सोनी पान लेता है।
हरि: भाई ये मेरा दोस्त हे इसको 500gm सोना बेचना है।
क्या भाव में बिकवा डोगे।

सोनी:भाई मै तो खरीदता नही पर आपका दोस्त है तो पूछ लेता हूं।

सोनी किसी को फ़ोन करता है।
सोनी : भाई सोना क्या भाव ले रहे हो।
सामने वाला: 100के नोट में 28500 और 1000 500 के नोट में 45000
सोनी :भाई दे क्या भाव रहे हो ?
सामने से: 100 के नोट में 28800 और 1000 500 में 50000
सोनी: ओके सरजी

हरि राजू को सोनी भाव बताता है।

सोनी:100 के नोट लोगे तो 28500,
1000 500 मै 45000 10ग्राम के।

हरि: थैंक्यू भाई बात करके फोन करता हु।

सोनी वहा से चला जाता है।

हरि : अंकल आँटी तू भाभी विवेक मै मेरी माँ
कुल 7 खातों में हम 1750000 जमा करवा सकते है।

राजू :पर इतना सोना लाये कहा से

हरि : कुछ टिगड़म लड़ा ये मौका गया तो फिर नहीं मिलने वाला।
और सोना नहीं तो किसी पैसे वाले ...जैसे तेरा चाचा उससे पैसे लेले और अपने खाते में जमा करवाले। कमिसन में40% काट लेना

राजू : वो मेरा चाचा है दुनिया को चराता है।
हमे कुछ नहीं देगा।

हरि : उनके पास चलते है उनके शोरूम देखते है पैसे वालो का क्या हाल है।

राजू :चलो।

दोनों चाचा के शोरूम पहुँचते है।

लोगो की भीड़ 50000 में भी सोना खरीद रही और चाचा नॉट बन्दी में भी पुराने नॉट ले रहे है।

चाचा राजू को देखता है : बेटा अंदर आजा थोड़ी देर मदद करवा।

दोनों अंदर आते है रूपये गिनते है ।

और दो घण्टे के बाद एक बार sutter निचे।

चाचा: आज तो बम्पर सेल हो गयी 2 घंटे में चालीस लाख की बिक्री।

राजू : चाचा पर पुराने नॉट बन्द हो गए आप इनका क्या करोगे
हंसते हुए कहता है।
और Pm ने भी 250000 की छूट दी है।

चाचा : वो सब मेरा ca सम्भाल लेगा। उससे बात हो गयी 10% सब सेट कर देगा।

तभी एक ग्राहक और आता है ।
वो वर्मा जी हैं।

वर्मा : यार वो जो अपने जमीन ली थी 45लाख कि उसका एक खरीददार आया है 90लाख में।
नोट 1000 500 के देगा बेच दे क्या।

चाचा : नेकी और पूछ पूछ
2 महीने में डबल दे हो गए और क्या चाहिए।

वर्मा: मेंने 1करोड़ बोलकर छोड़ दिया। वापस कॉल आया तो 90 में दे देगे।

तभी फोन आता है भाई साब ना आपकी ना मेरी 95 में डन करो।

वर्मा: ओके डन
में आपको अड्र्स देता हूं वहा शाम को पेमेंट लेकर आजाओ । कागजी कारवाही भी वही कर लेंगे। में अपने वकील को बुला लूंगा।

वर्मा: ले भाई आज तो तेरी पार्टी बनती है।
पार्टी 95 लाख दे रही है। और क्या चाहिए।

चाचा : अब 3 करोड़ के आस पास होगया कॅश अपने पास। तो अब 1महीने दुकान की छुट्टी ।
और हा
अब और पुराने नॉट मत लेना ।

वर्मा: भाई दोस्त हो तो तेरा जैसा मजा आ गया।

राजू : ये देंगे हमे । बाबा जी ठुलु।

हरि: नोटबन्दी में पूरे देश में हाहाकार मचा है और ये ca के दम पे मजे ले रहे है।

राजू चल अपनी किस्मत ही ऐसी हे अपने क्या कर सकते हैं।

दोनों अपने घर चले जाते है।

पापा : राजू बैंक गया क्या

राजू : हां गया था । पर आज बहुत भीड़ थी।
तो वापस आगया।
पापा : तुझे नही पता ।
कल रात से 1000 500 के नोट बंद करके pm ने देश की उनती के लिये बहुत बड़ा फैसला लिया।

राजू : हाँ वहा किसी से पूछने पर पता चला।
और इस फैसले की धज्जियां उड़ाते हुए लोगो को देख कर आया हु।

पापा : क्या।

राजू : चाचा और वर्माजी ने 2 दिन में 3करोड़ का माल बेचा है। और लोग जिनके पास 10 20 हजार है वो बैंक के आगे लाईन लगा कर खड़े है।
पापा : मरेंगे दोनों ये क्या गलत कर रहे हैं।
250000 तक कि छूट है। फोन लगा उसको।

राजू : पापा वो आपसे ज्यादा समझदार है।
उन्होंने अपने ca से बात करके माल बेचा है।

राजू कमरे में जाता है बच्चे राजू के पास आते है

बच्चे : पापा आप हमारे लिए क्या लाये

राजू को लगता है जैसे किसी ने उससे सारे पैसे मांगे हो।
राजू दोनों को मार कर साइड में कर देता है। बच्चे रोने लगते हैं।

रानी सब देख रही होती हैं।

रानी:बस यही कमी रह गयी थी।
जो पूरी हो गयी।

राजू : हां ठीक है जाओ और अपना काम करो

रानी: राजू तुम मुझे बहुत प्यार करते थे। पर अब ये बेरुखी क्या हुआ।
क्या में तुम्हे अब अच्छी नहीं लगती।
आज बच्चो पर भी हाथ उठा दिया। इन मासूमो से केसी नफरत।

राजू कुछ नही कहता और बाथरूम में चला जाता है। आईने में खुद को निहारता है।
और रोने लगता है
उस तमाचे को याद करके जो अभी अभी मासूम सी बच्ची को जड़ा था।कुछ पल बाद ,अपने आंसू पोंछता है।
राजू का मन कहता है
कितने खुश थे हम शादी के बाद पर भगवान को शायद हमारी ख़ुशी रास नही आयी।

अन्तर्मन
भगवान को क्यों दोष देते हो , खुद ही गये थे रातो रात करोरपति बनने । एक बार ठोकर खाने से जी नही भरा जो बार बार वही ग़लती करते गए । कोई कमी रह गयी हो डूबने में तो एक बार ओर जा आओ गफूर के पास।

मन
राजू चिंता मत कर सब ठीक होगा। बस एक बार कर्जा उतर जाए । कोई रास्ता निकल जाए।

अन्तर्मन
रास्ता मिलता नही । रास्ता बना , ओर वो रास्ता ये है कि जो हुआ सो हुवा अब बाबा को सच बता चिंता मुक्त हो और फिर से जीवन की नई शुरुआत कर।

मन
इसकी मत सुन ये तुझे कुटवायेगा । मोहल्ले भर में तेरी ओर बाबा की बेज्जती होगी। वर्मा याद है,,, प्रताप कहता था मेरा बेटा राम है। और निकला क्या जुवारी ओर सटोरिया।

अन्तर्मन
कौन क्या कहेगा ये मत सोच, सच बोल अपना वर्तमान बचा ।

रानी ने दरवाजा खटखटाया

रानी :राजू आपका फोन

राजू दरवाजा खोलता है।
फोन लेता हे। रमेश के डैडी का फोन था
फिर दरवाजा बन्द करता है

राजू : हा हेलो अंकल।

अंकल: बेटा पेसो का क्या हुआ। मैं आज चेक लगा रहा हु।

राजू : अंकल पैसे तैयार है, मै आपके पास लेकर आने वाला था तभी आपका फ़ोन आगया।

अंकल: ठीक है । आजा मै तेरा वैट करता हु। अरे याद आया नोट कितने के है?

राजू: हजार हजार के है सारे।

अंकल: पर वो तो बन्द हो गए।

राजू': अंकल नए नोट के लिए आपको 2 महीने ओर रुकना होगा । मेने बैंक वालो से पैसा बदलने के लिए बात की है।

अंकल: ठीक है। कोशिश जल्दी की करना।

राजू बाथरूम में ही penic होता है कुछ देर देर तदफने के बाद आराम जा जाता है ।
वो जान चूका उसकी सहायता कोई नही करेगा उसे ही कुछ करना होगा।

अब राजू मंदिर जाता है।मस्जिद जाता है
गुरुद्वारा और चर्च जैन मंदिर।

कभी हाथ कि लकीरे देखता है। कभी नए नए रत्न पहनता है । कभी कोई टोटके करता है।

भगवान से दिन भर एक ही अरदास करता है मुझे इस मुसीबत से निकाल लो।



इस बीच 2 महीने पुरे हो जाते है।
राजू पूरी तरह टूट चुका है ।

आज मकान के कागज लाने है और अंकल को पेसे भी देने है।

राजू दिन भर निकाल देता की अब क्या करूँ मै पर कुछ नही ही होता। राजू एक पुल पे पहुंचता हे और हार मान लेता हे। .

...........और पुल से कूद जाता हे।

शायद एक हारे हुवे जुवारी का यही अन्त होना तय है।

मृत्यु।

पर शायद राजू की तकदीर में कूछ ओर ही लिखा था।

...................तभी

तभी कोई उसका हाथ पकड़ लेता हे

वो थी एक हसीन खुब्सुरत जवान लड़की ।

लड़की: कोन हो तुम ओर खुदखुशी क्यो कर रहे हो।

राजू: वो। ..... वो।

लड़की : वो वो क्या लगा रखा है भेंनके। मर क्यो रहा था।?

राजू: मै अपनी जिंदगी से हार चुका हूं। मेरा बाल बाल कर्ज में डूब है। जो मै चुका नही सकता।

लडक़ी: क्या नाम है तेरा।

राजू : जी राजू।ओर आपका?

लडक़ी : सारा नाम है मेरा।



और

मेरे को तेरे जेसे हैंडसम लड़के की जरूरत थी। जो मेरा काम कर सके। और रोज का 50000 कमा सके।

राजू की आँखे चमक उठती हे।

राजू: रोज का 50000।

सारा: हा । कमाने का हे तो बैठ मेरे साथ।

इतना कह सारा राजू के लिए गाड़ी का दरवाजा खोलती हे।

राजू सोचता हे रोज का 50000के हिसाब से में 2 महीने में सारा कर्ज उतार दूंगा। सायद ऊपर वाले ने मेरी सुनली।
राजू गाडी में बैठता हे और गाड़ी चल पड़ती हे

राजू : मुझे करना क्या होगा?

सारा: ज्यादा कुछ नहीं। बस रोज का एक खून।

राजू: गाड़ी रोको। मेने कहा गाड़ी रोको। मुझे किसी का घर उजाड़ कर अपना घर नही बचना।

सारा: अरे बाबा मै तो मजाक कर रही थी । तुम तो सीरियस हो गये। और हँसने लगती है।

अचानक

सारा :कितनी गर्मी हे । और अपना ड्रेस ब्रा तक निचे करती हे।ब्रा के बिच में उसने 50000 डाल रखे।

राजू की नजर पेसो पर जाती हे।

सारा:राजू अपनी आज की कमाई लेलो और मुझे अपनी जवानी के मजे देदो।

राजू का अंतर मन उसे गलत करने से रोक लेता हे।

राजू: गाड़ी रोको में ये नहीं कर सकता।
इस बार सारा गुसे में गाड़ी रोकती हे।

सारा: उतर भेनके । तू कुछ नहीं कर सकता जा मर।
मै ही बेवकूफ थी जो तुझे रोका। मेने तेरे परिवार की चिंता की तू साला खुदगर्ज।

राजू गाड़ी से उतर जाता हे।

राजू सोचता हे सारा सही तो कह रही थी । जब मेरी कोई मदद नही कर रहा था उस अंजान ने मुझे बचाया। और पैसे भी दे रही हे।

किसी का खून करने लूंटने और खुदखुसी करने से ये काम ठीक हे। ये रास्ता मुझे और मेरे परिवार को सुख की जिंदगी दे सकता हे।

मन कहता है।
तेरी जगह अगर मै होता तो खून करने को भी तैयार हो जाता। तुझे रानी का सपना पूरा करना माँ बाबा और बच्चों को सुखी जीवन देना है। विवेक की शादी करनी है। अपना कर्ज उतारना है।

राजू का अंतर्मन उसे समझाने की कोशिस करता है। पर राजू उसके मुह पर टेप चिपका कर वापस सारा की गाड़ी में बैठ जाता हे।

सारा: क्या हुआ फट्टू।

राजू कुछ नहीं कहता और सीधा सारा को चूमने लगता हे । और दोनों ही माधोसियो में खो जाते हे।

कुछ देर बाद राजू अपने मुह से उसकी ब्रा से पैसे निकाल लेता हे ।

सारा गाड़ी के शीशे और डोर लोक कर देती हे।

गाड़ी जम्प करती हे।कुछ देर बाद।

सारा: ये तेरी आज की कमाई थी। और आखरी बार सोचले, मै तुझे जहा भेजूगी जाना पड़ेगा। जो कहूंगी करना होगा। बार बार तेरा नाटक नही चलेगा।

राजू: मेने सोचना छोड़ दिया है। मैं हर काम के लिए तैयार हूं।

सारा: ठीक है कल सुबह 11 बजे यही मिलना।

राजू : ठीक है।

राजू गाड़ी से उतरता हे और सारा चली जाती हे।

राजू पेसो को देखता हे और खुश होता हे । जल्दी ही घर पहुंचता हे।

शाम के आठ बज चुके हे राजू घर में ख़ुशी खुसी एंट्री करता हे उसके हाथो में काफी सामान हे। घर के सभी सदस्य हाल में बेठे हे।

सभी की नजरे राजू की तरफ हे।

( सबको 50000 रपया रोज का बताया तो कहि इनका हार्ट फ़ैल न होजाये।)
पर अब मुझे जो नोकरी मिली हे उससे मुझे लाख रपया महीना मिलेगा।

अगली सुबह राजू घर से निकलता है तो राजू का मन कहता है। बेवकुफ है रानी उसे नही पता पैसो की अहमियत । अब एक बार बैंक का लोन क्लीयर करदे। फिर पैसा ही पैसा और मोजा ही मोजा।

राजू सारा की बताई जगह पहुंचता हे। सारा वहा पहले से ही उसका इन्तजार कर रही थी।

सारा राजू को गाड़ी से बस तक छोड़ चली जाती है । और राजू अगले दिन सलमान के घर पहुंचता हे

25 दिन बाद

राजू अपने घर बदहवास पहुचता है। माँ बाबा रानी कहा हो सब जल्दी चलो।

माँ :क्या हुआ बेटा । तू इतना घबराया हुआ क्यों हे।

रानी :हुआ क्या और कहा चले सब??

राजू: वो ऑरत बहोत खतरनाक हे वो हम सबको मार देगी।

बाबा:कौन औरत

राजू :सारा

सबी :सारा

राजू :हा जिसके साथ में काम करता हु।
राजू घर वालो को सारा घटना क्रम बताता हे। की कैसे उसे पेसो का लालच हुआ। घर से चोरी की। जुआ खेला पैसा हार गया ।घर पे लोन लिया और कर्जदार होकर मरने गया। सारा ने बचाया और उसे इस्तेमाल किया।

25दिन पहले

राजू सलमान को गिफ्ट देता हे सलमान उसे नहा कर फ़रेश होने को कहता हे। राजू नहाने चला जाता हे।

वापस आता हे तो सलमान उसका खाने की टेबल पे इंतजार कर रहा हे।

सलमान: बेठो राजू।

राजू बेठ जाता हे और दोनों खाना शुरू कर देते हे।

सलमान:आज तुम्हे कविता के पास जाना हे । वो तुम्हे यहाँ से 70किलोमीटर दूर शहर के मार्किट हे वहा मिलेगी।

उसके साथ घर उसके घर चले जाना।
समझ गए।

राजू हड़बड़ाते हुए : समझ गया।

सलमान हँसता हे ।ठीक हे।

गफूर इसको मेरा स्कूटर देदेना ।

सलमान: राजू तू मेरा स्कूटर लेकर मॉर्केट जाना। पास ही शिव मन्दिर हे वहा। स्कूटर शिव मन्दिर के आगे खड़ा करके तुम कविता को कॉल कर लेना। वो तुम्हे लेने आ जायेगी।

सलमान:ये लो उसका नंबर। और ये उसका फोटो गाड़ी का नंबर हे 5656
और आते वक्त ऑटो से आ जाना । में और हमीद बाजार जायेगे तो स्कूटर ले आएंगे।

राजू:फिर चाबी

सलमान:दूसरी चाबी हे मेरे पास।

राजू स्कूटर लेकर वहा जाता हे और रस्ते में बाजर का रास्ता पूछ कर बाजार पहुंचता हे।स्कूटर मन्दिर के आगे खड़ा करता हे। और अपने गंदे कामके कारण मन्दिर की तरफ देख नहीं पाता।

वो कविता को कॉल करता हे ।

कविता उसे मंदिर के पीछे वाली रोड पे आने को कहती हे। राजू वहा जाता हे।
राजू वहा जाता हे।

कविता उसे इशारा करती हे। राजू भी गाड़ी नम्बर और फोटो देख उसे पहचान लेता हे।
कविता राजू दोनों गाड़ी में बैठ कविता के घर पहुचते हे।

तभी राजू के फोन में msg आता हे की उसके अकाउंट में 1लाख जमा हो चुके हे।

राजू msg देख खुश होता हे।

कविता : क्या बात हे राजू बड़े खुस हो रहे हो। लगता हे कभी इतनी जल्दी पैसा कमाया नही।

राजू :आपको पेसो के बारे में कैसे पता चला।
कविता क्योकि पेस मेने ही ट्रांसवर किया हे।
अब तुम्हारी बारी मुझे खुस करने की ।

कविता उसे बेडरूम में लेजाती हे। और दोनों एक दूसरे से प्यार करते हे।
कुछ देर बाद दोनों बहार आते हे ।

कविता:राजू मुझे तुम बहुत पसन्द आये। तुम्हारा जवाब नहीं। तुम्हारी बीवी तो बहुत खुस रहती होगी तुम्हारे साथ।

राजू: हा । ये सब उसे खुश करने के लिए ही कर रहा हूँ।

ओर रानी को याद करता हे।

कविता:सारा ने मुझे सब बता दिया। एक बार सब कुछ भूल जाओ कुछ ही दिनों में तुम पैसे वाले हो जाओगे।

राजू खुस होता हे।

कविता:अब तुम्हें बोम्बे के लिए निकलना होगा।

राजू :क्यो

कविता: तुम्हें अगली पार्टी मिलेगी। अपना ध्यान रखना

राजू खुश होता हे

कविता :ये विजय का अड्रेस और नम्बर हे।
ये बस की टिकिट और ये उसके लिए मेरी तरफ से गिफ्ट।

राजू : इसमें क्या हे।

कविता : वो सामने जो कांच का ताज महल हेना। बिलकुल वेसा ही है और हाँ पुरे 2 लाख का है इसे ध्यान से ले जाना।

राजू:ओके

कविता उसे बस तक छोड़ती हे और राजू बस से बोम्बे पहुँचता हे ।

बॉम्बे विजय का घर काफी शानदार हे ।

विजय :आओ राजू केसा रहा सफर।

राजू : बढ़िया

राजू विजय को गिफ्ट देता हे। विजय गिफिट लेकर खुस होता हे । कमरे में रखने के लिए उसे नौकर को देता हे।

विजय:आज तुम खाना खाओ और आराम करो । और कल मुम्बई घूमेंगे काम पे तुम्हे परसो भेजेंगे।

अगली सुबह विजय :राजू तुम्हे कर चलानी आती हे

राजू : हां।

विजय ड्राइवर से चाबी लेके राजू को देता हे और ड्राइविंग को कहता हे।

दोनों गाड़ी में बैठ घुमने निलते हे ।

आते वक्त रस्ते में विजय राजू को मार्केट दिखाता हे और कहता हे:ये जगह याद रखना कल सोफिया बेगम तुम्हें यही मिलेगी।

दोनों घर पहुँचते हे।

अगली सुबह राजू को विजय गाड़ी की चाबी देता हे और साथ ही सोफिया का नम्बर भी।

राजू गाड़ी लेकर वहा से मार्केट पहुँचता हे। वो गाड़ी जहा पार्क करता हे वहा मस्जिद को देख नजर जुका वहा से सोफिया के पास जाता हे।

वो उसे अपने घर ले जाती हे।
सोफिया उसके साथ सम्भोग करने के बाद उसके खाते में 1लाख डाल देति हे।
उससे गाड़ी की चाबी लेकर अपने नोकर को देती हे और उसे गाड़ी विजय के घर ले जाने को कहती हे।

सोफिया: राजू तम्हे दूसरे शहर जाना होगा
राजू वहा से दूसरे शहर के लिए निकलता हे।

राजू मन कहता है की ये काम बुरा नहीं । नई नई लड़कियो के साथ मजे करो और पैसा भी खूब कमाओ। मै तो अब यही काम करूँगा।

ज्यादा नही साल में सिर्फ एक महीना। और बाकी 11 महीने परिवार के साथ रहूँगा ।।

राजू सपने में खो जाता की उसे अब बहुत । अब वो इन पेसो से बहुत सारी खुसिया खरीदेगा।

सांग

सांग ओवर

बस रूकती है और चेकिंग के लिए पुलिस आती है। सभी से अपनी चीजे चेक करवाने को कहती है।

अचानक पुलिस वाले की नजर राजू पर पड़ती है।

पुलिस वाला :क्या है इसमें।

राजू: गिफ्ट है।

पुलिस वाला : चल खोल के दिखा

राजू: कांच का ताजमहल है। पेकिंग खराब हो गयी तो टूट .......

राजू: सनी तू।

सनी: राजू

सनी बाकि पुलिस वालो से कहता है : सब के समान की चेकिंग करो ।

सनी राजू से चल निचे चल और सारा सामान चेक करा।

राजू को पकड़ कर निचे ले आता है।

सनी: सॉरी भाई बुरा तो नहीं लगा।

राजू: हा लगा। तू थानेदार क्या बन गया साला हुल देने लगा।

सनी: वहा इतने लोगो के बिच अपने दोस्त से बात करता तो कोई ना कोई सोश्ल साईट पर डाल देता ।

पुलिस वाले बस में करते है टाइम पास।

राजू: कोई बात नही भाई।

दोनों गले मिलते है।

नम आँखों से सनी: और घर पर सब कैसे है । अंकल आंटी।

राजू: सब ठीक है।

सनी: हां यार वो गलिया वो खेल का मैदान वो स्कुल बहुत याद आती है। तुझे देख कर आज फिर से बचपन याद आ गया ।

राजू: जैसा छोड़ के गया था वेसा ही है सब कुछ। कभी फुर्सत मिले तो आ जाया कर।
सब दोस्त साथ मिलकर वही पार्क में पार्टी करते है।

दोनों की हँसने लगते है।

राजू: चेकिंग किस चीज की है।

सनी: अभी दो लोगो ने एक कपल को मार दिया और घरसे सारा माल लुटके भागे है।

उन्ही की तलाशी चल रही है।

राजू: ये तो बहुत बुरा हुआ।
सनी: आज कल तू क्या कर रहा है।

राजू: नया काम शुरू किया है।
महीने का 2 लाख मिलता है।

सनी: ऐसा क्या करता है। हमे भी बता। हम भी तेरे साथ लग जाते है।

राजू: फिर कभी।

सनी: मै तेरे पेट पेट पर लात नही मरुंगा।
बतादे।

राजू: प्रोमिस कर किसी को बताये गा नही

सनी: प्रोमिस

राजू:कान इधर कर

सनी कान पास लाता है और राजू उसके कान में कुछ बोलता है।

सनी जोर जोर से हंसता है।

हवलदार: क्या हुआ साब।

सनी हँसी रोकते हुए: कुछ नही । तुम जल्दी से काम निपटाओ पीछे गाडियो की लाइन लगी है।

सनी राजू से: भेनके के तू और प्लेबॉय ।

मै नही मानता। दबी हुई हँसी।

राजू: क्यों बे झंडू क्या कमी है मुझमे।

सनी: ये मत पूछ । तू प्ले बॉय। हा हा हा।

यार मुझ जेसे स्मार्ट बन्दे से आज तक लड़की नही पटि और तू प्लेबॉय बन गया।

राजू: तेरी जल रही है क्या।

कांस्टेबल : साब चेकिंग होगयी । बस को रवाना करदे।

राजू शान के साथ कड़क आवाज में: चलता हूँ।

सनी हँसते हुए हाथ जोड़कर अलविदा करता है: प्ले....प्ले बॉय

राजू बस में आ जाता है।

बस में कुछ यात्री आपस में बातचीत करते हे।

यात्री1: यार ये आजकल अपराध बहुत बढ़गये है।
चोरी डकैती मार काट और ये आतंकवादी भी बड़े ब्लास्ट कर रहे।

यात्री2: यार इन सारे अपराधियो को लाइन में खड़ा कर गोलियों से भून देना चाहिये। कल ही बम धमाके में मेरे दोस्त का पूरा परिवार खत्म होगया।

यात्री 3: पता नहीं ये सब ऐसा क्यों करते हे।
यात्री :पैसे के लिए करते हे सब।

राजू का मन कहता है वो गलत तो है।पर इतना भी नहीं की लोग उसे गाली दे। और अंतर्मन कोने में चुप चाप बैठा है।

इस तरह राजू 24दिन बाद कई शहर घूमने के बाद अपने शहर जयपुर में सारा के पास आता हे।

और सीधा

सारा के पास पहुंचता है।

सारा:कैसे हो राजू। केसा रहा तुम्हारा बिजनस ट्रिप।

राजू : बहुत सानदार । पेसो की खूब बारिश हो रही हे।

सारा :राजू तुम्हे यहाँ फातिमा के घर जाना हे

राजू:एक बात समझ नहीं आती। तुम लोग मुझे गाडी देकर भेजते हो। वो हमेसा दूसरा ही क्यों लेके आता हे।

सारा: राजू तुम इतने फेमस होगये हो की ओरते तुम्हारी दीवानी हे। और तुम्हे एक जगह रुकने ही नही देती।

राजू शर्माते हुए : ऐसा कुछ भी नहीं हे।

सारा मुस्कुराती हे और उसे गाडी की चाबी देती हे। राजू गाड़ी लेकर फातिमा से मिलने पहुंचता हे पर
रस्ते में उसे हरी मिलता हे।

हरी : किसकी गाड़ी उड़ा के लाया हे।

राजू :दोस्त की हे। आ बैठ तुजे जहाँ जाना हे छोड़ देता हु।

हरी गाड़ी में बैठता हे ।

हरी:बड़ा खुस लग रहा हे। लोन क्लियर होगया क्या।

राजू:लोन तो क्या उससे भी ज्यादा हे मेरे पास।
नया बिजनस सुरु किया हे। अछि कमाई हे।

हरी:ऐसा क्या करता हे

राजू मन कहता है इसे बतायेगा तो ये भी सनी की तरह मेरा मजाक उड़ाएगा

राजू: एक बार खूब कमालु फिर तुझे बताऊंगा।

राजू के पास सारा का फोन आता हे । राजू फोन काट देता हे।

राजू: बता यार तेरा लोन कितना हे पहले तेरा ही क्लीयर करते हे।

हरी: मजाक मत कर भाई।

राजू: में मजाक नहीं कर रहा । चल अपना अकाउंट नम्बर दे।

हरी:########

तभी सारा का फोन आता हे राजू फिर काट देता हे।

राजू हरी के अकाउंट में 15 लाख दाल देताहै।

जिसका msg हरी के फोन पे आता हे।

हरी :15लाख

राजू :कम हे तो और डालु।

हरी: राजू सेठ को हरी भाई का सलाम।
आज तूने मुझे पैसे नहीं मेरे जीवन के 20 साल दिए है। तू सच में मेरा सच्चा दोस्त है।
हरी राजू को गले लगा लेता हे। और नम आँखों से उसे सुक्रिया कहता हे।

सारा का फ़ोन फिर आता हे और इस बार राजू फ़ोन उठाता हे।

सारा:कहा हो फातिमा तुम्हारा इंतजार कर रही हे।

राजू: 1 घण्टा और लगेगा । दोस्त को ड्राप करने जा रहा हु

सारा: घडी देखती हे और कहती हे। अभी कहा हो।

राजू: जोहरी बाजार।

सारा: गाडी दोस्त को दो ओर तुम वहि उतर जाओ मै फातिमा को वही भेजति हु।

राजू: ठीक हे।

राजू गाड़ी रोकता हे

राजू :हरी गाड़ी तू लेजा । मुझे क्लाइंट के पास जाना हे देर हो रही हे।

हरी :नही भाई तू लेजा में ऑटो से चला जाऊंगा।

राजू:अरे भाई मेरा क्लाइंट यही आ रहा हे । में उसके साथ चला जाऊंगा।

तू गाड़ी लेजा शाम को घर आ जाना में घर पर मिलूंगा।

हरी :ठीक हे भाई
हरी गाड़ी ले जाता हे। उधर से फातिमा आती हे ।

फातिमा:हाय राजू में फातिमा हु जल्दी गाड़ी में बैठो।

राजू गाड़ी में बैठता हे ।

और एक जोरदार धमाका होता हे। आग की लपटे फातिमा की गाड़ी तक आती हे।
राजू के होस् उड़ जाते हे। क्योकि धमाका हरी की गाड़ी में हुआ था। राजू गाडी से उतरने की कोसिस करता हे पर फातिमा डोर लोक कर देती हे और गाढ़ी स्पीड से लेजाती हे।

राजू: फातिमा गाड़ी रोको मेरा दोस्त ।।
फातिमा:भूलजाओ अपने दोस्त को वो मर गया। तुम्हारी वजह से।

राजू :मेरी वजह से।

राजू सोचता हे गाड़ी में धमाका क्यों हुआ।
राजू को याद आता हे की जयपुर में बस से आते वक्त लोग गडिया ब्लास्ट होने की बात कर रहे थे।

कोण हे वो टेरेरिस्ट जो गाडियो में बम लगाता हे।

और मासूम लोगो को मारता हे??

फातिमा गाड़ी रोकती हे। राजू सारा के पास जाता हे।

राजू: सारा गाड़ी ब्लास्ट हो गयी।

कोई हमें मारना चाहता हे।

मेरा दोस्त हरी कितना खुश था। कह रहा था मेने उसे 20 साल दे दिए। पर वो तो 20 मिनट भी जिन्दा नही रहा।

सारा राजू को चमाट मरती हे।

सारा : भेणके हरामी ।

राजू:मेरी गाड़ी में बम किसने लगाया। में तो सीधा तुम्हारे यहाँ से गया था। क्या तुमने ये सब किया।

सारा: हा मेने किया।

राजू: क्या तुम मुझे मारना चाहति हो।
सारा मुस्कुराती है

राजू को गाड़ीया याद आती हे ।

राजू: मै अब तक कितनी गाड़िया लेके गया और लावीरस छोड़ आया। क्या उन सभी में बम थे।। और वो गिफ्ट उनमे क्या होता था उनमे??

सारा: सारी में नहीँ सिर्फ 2 गाड़ियों में बम थे। और ये तीसरा था।
गिफ्ट
गिफ्ट में अफीम rdx हेरोइन हथियार । अगली पार्टी जिस चीज की मांग करती थी वो हम तुम्हारे साथ भेज देते थे।

और तुम कोई प्लेबॉय नहीं टेरीरस्त हो समझे।

25 दिनों में 50जाने ले चुके हो। 1 धमाके से 5लाख मिलते हे हमे।

राजू:तुमने मुझसे खून करवाये और में बेवकूफ पेसो के लिए सब करता रहा। धिक्कार हे ऐसे पेसो पर

सारा : जो होना था होगया । अब कुछ दिन आराम करो। फिर तुम्हे नया काम मिलेगा।और अबसे आधा आधा करेगे। 2.5 तेरे 2.5मेरे

राजू: आराम लाशो पर। और फिर वही खुनी खेल।जिसमे अभी अभी अंपने दोस्त के खून से हाथ रंगे हे।

हरी मेरे भाई मुझे माफ़ कर देना कास की उस दिन मेने तेरी बात मान ली होती। और पापा को सब बता दिया होता।

सारा:राजू सब ठीक है। जो आया हे उसे जाना होगा।
तुम अपने जीवन का आनंद लो।

सारा राजू को पकड़ कर चूमने लगती हे।
राजू उसे दूर फेंकता हे। और वो वहा से जाने लगता हे।

सारा: राजू सोच अपने परिवार की खुशियो के बारे में तुजे बहुत जरूरत हे पेसो की।

राजू: थूकता हु ऐसी खुसियो पे जो दूसरे के घर में आग लगाने से मिलती हे। कास में उस दिन मर गया होता
रानी ठीक कहती थी।

अमीर दिल से बनो दौलत से नही।
बड़ा दिलो को बनाओ मकानो को नही।

और मै पेसो का लोभी तुझ रंडी के पास आ गया।

सारा: फातिमा छोड़ आओ इस बदनसीब को जो दौलत को छोड़ दुखो को अपनाना चाहता हे।
इसका परिवार इसे अपनाये या ना अपनाये पर शायद भगवान इसे अपनाना चाहता हे।

फातिमा: ये हमारे बारे में सच जानता है।
अगर पुलिस के पास गया ।

सारा: ये पुलिस के पास नही जायेगा।
क्योकि ये अपनी बीवी रानी से बहुत प्यार करता हे
माँ से बाबा से
सोनम से प्रियंका और विवेक से।और पिंकी बिलु से भी बहुत प्यार करता हे ये सूअर।
ये उन्हें बचाने के लिए कुछ भी करेगा।

राजू को लगता है वो सब जानती हे उसके बारे में कहि उसके परिवार की जान खतरे में तो नहीं ।

राजू फातिमा से चाबी लेकर भागता हे गाड़ी की और। और गाड़ी में बैठता हे। और जल्दी से घर पहुंचने की कोसिस करता हे।

आज ट्रैफिक कितना हे। घर पे क्या हुआ होगा। क्या सब सुरक्षित हे।
काश मेने बाबा को सच बता दिया होता ।

तभी राजू का फोन बजता है।

राजू फोन रिसीव करता है: हेलो

राजू घर पहुच जाता है।

राजू :माँ अब वो हमे मार देगे ।

बाबा: मेरे बच्चे ये क्या किया तूने। तू पैसो के लिए लिए इस हद तक गिर गया।

तूने एक बार भी अपने परिवार अपनी पत्नी के बारे में नहीं सोचा।
एक गलती की उसे सुदारने के लिए गलतियों पे गलतिया करता गया।

कुछ देर सन्नाटा

बाबा दर्द भरी आवाज में

1 बार भी अपने बाबा से नहीं कहा । क्या तुझे अपने बाबा पर विश्वाश नही था।

राजू : मै डर गया था। हिमम्त नहीं जुटा पाया। अपने परिवार को परेसान नही देख सकता था।

बाबा: मै तेरा बाप हु। तुझसे ज्यादा दुनिया देखि हे। अगर एक बार भी तू अपने अंतरमन की सुनता और तू मुझे बताता।। तो मै तुझसे कुछ गलत ना होने देता।

माँ : बेटा भगवन ने माँ बाप को बनाया ताकि वो बच्चों को सही गलत में फरक बता सके। और उन्हें सही रस्ते पर चला सके। पर तूने तो बड़ी देर करदी मेरे बच्चे। सायद हमारी परवरिस और संस्कारो में कमी रह गयी होगी

राजू : नहीं माँ कमी मुझमे थी। जो में आपकी शिक्षा को डराना समझता था।

रानी:बाबा अब क्या करे??

बाबा: पुलिस के पास चलो और सब सच बता दो।

राजु: बाबा अगर पुलिस के पास गए तो वो हम सब को जान से मार देगी।
और मै आप सब को खोना नही चाहता।

रोते हुए कहता है। मै आप सबको बहोत प्यार करता हु।

पापा: बेटा अगर पुलिस के पास नही गए तो वो तुझसे और गलत काम करवायेगी। और तू उन लोगो की मौत को कैसे भूल पायेगा ।
भले ही तूने अनजाने में उनकी जान ली हो।

जिल्लत की जिंदगी से इज्जत की मोत बेहतर है। मेरे बच्चे

मरना तो एक दिन सभी को है। पर उस जेसी ऑरत का पकड़ा जाना भी जरुरी है।
ना जाने वो ओर कितने लोगो की मजबूरी का फायदा उठायेगी। और कितने मासूमो की जान लेगी।

माँ रानी और बच्चे रोने लगते हे।

उधर

फातिमा: आपने उसे जाने क्यों दिया। वो पकका पुलिस के पास जायेगा । और हम सब पकड़े जायेंगे।

सारा: वो घर तो गया हे पर अपने खानदान की मौत का सामान साथ लेके गया हे।
हा हा हा हा।
काम खत्म आदमी खत्म। boooooom

धमाके के साथ राजू का घर तबाह हो जाता हे।
सब उस मलबे के निचे दब के मर जाते हे ।

देखा तेरे बाबा ने तुझे क्या कहा की एक बार तू सच बता देता तो वो कुछ गलत नहीं होने देते।
और सब ठीक हो जाता।

तूने मुझसे जीवन दान माँगा मेने दिया। पर तू अपने वादे से मुकर गया। तेरे अंतर्मन ने तुझे गलत करने से रोका तू नही माना। तू सच भी नहीं बोला।

राजू : ये सब पहले आके बोल देते तो ये सब नहीं होता।

मानव तू अब भी मुझे नहीं पहचान पाया।
में तेरा अंतर मन हु। जिसे भगवान ने बनाया मानव को सही मार्ग दिखाने के लिये ।
किन्तु जिसकी मानव कभी नहीं सुनता। और आज तेरे मरने के बाद तुझे छोड़ किसी दूसरे प्राणी के मन में जाकर रहुगा शायद वो मेरी आवाज सुने और कोई बुरा काम ना करे।

राजू मर चूका है।

वो रौशनी वहा से गोले का रूप लेकर चली जाती है।
और कहि दूर एक गर्भवती महिला के पेट में प्रवेश करती है।

6 महीने बाद

सारा आज उसी पुल के पास खड़ी एक और नोजवान को अपने जाल में फसाने की कोशिश कर रही है।

सारा: कोण है भेनके के। और यहाँ क्या कर रहा है।

लड़का: वो। वो वो

सारा: भेंनके क्या वो वो लगा रखा हे । मर क्यों रहा था।

लड़का: मै अपनी जिंदगी से हार चूका हु और मेने खूब मन लगाकर पढ़ाई की नंबर भी अच्छे लाया फिर भी मुझे नोकरी नही मिली। नोकरी मिली उसे जिसके पास आरक्षण था। मेरी काबिलियत ने आरक्षण के आगे दम तोड़ दिया।

और 6 महीने पहले मेरा पूरा परिवार एक हादसे में खत्म हो गया।

अब तो जीने की इच्छा भी खत्म हो गयी।

सारा: क्या नाम हे तेरा।

विवेक: विवेक

और आपका।

सारा :हिना।

मेरे को तेरे जेसे हैंडसम लड़के की जरूरत थी। जो मेरा काम कर सके। और रोज का 50000 कमा सके।

विवेक की आँखे फट जाती है।

विवेक: रोज का 50000।

हिना: हा । कमाने का हे तो बैठ मेरे साथ।

इतना कह सारा उर्फ़ हिना विवेक के लिए गाड़ी का दरवाजा खोलती हे।

विवेक सोचता है रोज का 50000 । इतना तो मै किसी भी नोकरी से नही कमा सकता था।

और गाड़ी में बैठ जाता है।

गाड़ी चलती है

विवेक : मुझे करना क्या होगा ।

हिना: ज्यादा कुछ नही। सिर्फ रोज का एक खून और एक लाख कीमत।

विवेक: मंजूर है।

हिना आश्चर्य से: बहुत जल्दी मान गए।

विवेक गन निकालता है।और हिना के सर पे रखता है।

और कहता है। क्यों ना तुम्ही से सुरुवात की जाये । हिना उर्फ़ सारा बेगम।

हिना :: क क कौन हो तुम।

विवेक सोचता है फ्लेश बैक

मै भी तो हिम्मत हार गया था। मै भी मरने गया था।

विवेक पढ़ाई पूरी करने के बाद जॉब की तैयारी करता है। और आरक्षण के कारण हर बार चूक जाता हे।
हिम्मत हार कर वो भी मरने जाता है।
पर उसे अच्छा विवेक(अंतर्मन) रोकता है।
और बुरा विवेक(मन) मरने के लिए उकसाता है।

वो अंतर्मन की बात मानता है। और अगले एग्जाम की तयारी करता है।

अंतर्मन उसे कड़ी मेहनत और तैयारी करने को कहता है।

मन उसे मौत को गले लगाने को कहता है। अंतर्मन उसे उसकी बात मानने से मना करता है।

विवेक मन के मुँह पर टेप चिपका कर उसका मुँह बन्द कर देता है।
और बड़ा ऑफिसर बन जाता है
विवेक वो कॉल याद करता है।

राजू: हेलो

विवेक: भैया आपके लिए खुसखबरी है मुझे नोकरी मिल गयी है। छुट्टी लेकर घर आ रहा हु। आप एक बार किसी को मत बताना । सबके लिए ये सरप्राइज होगा। जल्दी घर आ रहा हू।

राजू : विवेक । विवेक तू यहाँ मत आना । यहाँ बहौत खतरा है। वो हम सब को मार देगी।।

विवेक : भाई क्या हुआ कौन मारदेगी । वहाँ सब ठीक तो है।

राजू सारी बात विवेक को बताता है।

कुछ देर बाद पड़ोसी उसे उसके परिवार के मरने की सुचना देते है।

विवेक ये बात अफसरों को बताना चाहता है। पर अच्छा विवेक उसे रोकता है।

अगर वो अफसरों को बताएगा तो उसकी नोकरी चली जायेगी। और वो इन आतंकवादियो का कुछ नही कर पायेगा।

और अगर अपराधियो को सजा देनी है। तो उसे ये राज अपने दिल में ही रखना होगा।
और उसकी योग्यता देख कर खुद pm उसे इन
घर में घुसे देश द्रोहियो को ढूंढने का काम सोपते है।
Pm- ओफ्फिसर इस धमाको के खेल के पीछे जो भी हो वो जल्द से जल्द हमारी गिरफ्त में हो
चाहे जिन्दा या मुर्दा। ये देश की जनता के जीवन का सवाल।

विवेक - सर जल्द ही आपको रिजल्ट दूंगा।
Pm - बेस्ट ऑफ़ लक।

फ्लेश बैक से वापस आता है।

और एक फायर ठाय्य्य्य्य्य्य एक ही गोली में सारा को ढेर कर देता हे।

विवेक के पास उसका मन और अंतर्मन दोनों आते है। जिसमे बुरे विवेक का मुह बन्द है।

विवेक अपने अंतर्मन को को थैंक्स कहता है।

और दर्शको से पूछता है की आपने किसकी सुनी

अपने मन या अंतर मन की।

THE END

जितनी चादर हैं उतने पांव पसारो।
चादर छोटी पड़े तो मेहनत से बड़ी करो।
बुरे काम का परिणाम स्वररूपी फल पुरे परिवार को भोगना पड़ता है।

निवेदन : जैसे हो मस्त रहो।