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इति सी खुशी


भरत 35 year गरिमा 33year कहानी के नायक नायिका और उनके दो बच्चे ,री yearऔर यो 10year।
पति पत्नी के सपने , इछाये भिन्न है।
इस वजह से दोनो में अक्सर कलह होती रहती है।

जहाँ गरिमा का सपना अमीर और ऐशो आराम की जिंदगी जीना है।
वही भरत को भरपूर प्यार(18*) की लाइफ जीना है।

भरत गरिमा को केश नही देता तो गरिमा भरत को ऐश नही दे पाती।

इसलिए दोनों के सपने अधूरे।

आज के दौर में हर कोई ऐश की जिंदगी जीना चाहता है।
वही असर अब उनके बच्चो पर भी है, जो आधुनिक चीजो को देख तरस्ते है, लेकिन पिता की स्थित देख कुछ नही कहते।

गरिमा भरत को दिन भर उसकी गरीबी और निकमेपन के लिए ताने मारती है।

भरत भी अपनी लाइफ से कुछ खास खुस नहीं,
वह सफल बनने की नाकाम योजनाएं बनाता है लेकिन आजमाता नही।।। डरता है।।

कभी जीवन की तुलना करता है आखिर जीवन है क्या,जन्म लिया ,फिर नोकरी , फिर शादी, फिर बच्चे , फिर उनकी शादी, फिर बच्चो के बच्चे , फिर मौत।
सभी के जीवन का यही तो चक्र है। चाहे अमीर हो, गरीब हो, मेरे दादा हो या मेरे पिता। सिर्फ चिंता ही चिंता।

कभी कभी वह पशुओं को मनुष्य जीवन से बेहतर मानता है,लेकिन जब सारांश निकालता है , तो बेईमान आदमी की जिंदगी उसे बेहतर लगती है।

गरिमा भरत को याद दिलाती है कि उसने उन्हें कई बार घुमाने ले जाने का वादा किया ,,लेकिन कभी लेकर नही गया।

गरिमा जिद करती है इस बार उन्हें घूमने ले जाए।
भरत हामी भरता है।

भरत अपने बॉस कम दोस्त, झींगे से दो महीने की सेलेरी लेकर परिवार को घुमाने ले जाता है कश्मीर।

भरत का बजट कम होने के कारण , वह कहि कमरा बुक नही करता जिससे गरिमा नाराज होती हैं।

ओर उन्हें पहली रात कश्मीर बस स्टैंड पर बितानी पड़ती है।

अगली सुबह एक बच्चा उन्हें अपने घर सस्ता कमरा देने का वादा कर उनसे पैसे ऐंठ लेता है।

और कमरे के नाम पर ले जाता है ,,एक झोपड़ी में,, जिसका जर्जर कमरा देख भरत गुस्सा करता है।

मजबूर की नब्ज कोई भी पकड़ लेता है,, ठीक उसी तरह बच्चा उन्हे सस्ता खाना देने का वादा करता है।

गरिमा रसोई देखती है, वहाँ एक बुढ़िया लजीज खाना बनाती है। जिसे खाकर सभी उसकी तारीफ करते है।
लेकिन अगले ही पल दूसरी दुनिया मे पहुच जाते है।

जहाँ के राजा रानी , भरत गरिमा है।

गरिमा को बेशुमार दौलत मिलती है।
भरत को 3 रानियां।
दोनो का सपना सच होता है और दोनो अपना मन पसन्द जीवन जीते है।

गरिमा को पैसा मिला , लेकिन जिस जगह पहुंचे वहां आधुनिक सुख नही था।


वहाँ की मंत्री रंम्भा गरिमा के मन की बात उससे पूछता है,
तो गरिमा उसे आदुनिक सुख सुविधा के बारे में बताती है।

मंत्री रंम्भा बताती है, जैसा आप चाहे वैसा ये राज्य हो जाएगा,, लेकिन महाराज की आज्ञा चाहिए।
और मंत्री उसे हर आदुनिक चीज लाकर देती है।

गरिमा उस दुनिया मे घूम कर देखती है। कि वहाँ कोई आधुनिक सुविधाएं नही है , फिर भी सब खुस है।

वहाँ के लोग कई भाषाएं जानते है, हर देश के लोग वहां मौजूद है फिर भी वहाँ कोई धर्म जाती नही है, ।

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