साथिया - 59 डॉ. शैलजा श्रीवास्तव द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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साथिया - 59

*नील का घर*

नील के घर उसके मम्मी पापा और निशि डाइनिंग टेबल पर नाश्ते के लिए बैठे थे।

"नील अब तो तुमने पूरी तरीके से बिजनेस संभाल लिया है...!! अच्छे से तुम जम गए हो और काफी टाइम हो गया है तुम्हे बिजनेस देखते हुए तो अब हम लोग चाहते हैं कि तुम शादी करके आगे बढ़ो।" मिस्टर वर्मा ने जैसे ही कहा नील की आंखों के आगे आगे मनु का चेहरा आ गया और चेहरे पर हलकी सी मुस्कान।

"काश कि मैं बता पाता कि मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं। पर तुम तो मुझसे नफरत करती हो। मेरे जैसे लड़के तुम्हें पसंद नहीं है।" नील ने मन ही मन सोचा और मुस्कुराहट तुरंत गायब हो गई।


"रिया के पापा से बात हुई थी...!! रिया अगले हफ्ते यहां आ रही है और वह लोग चाहते हैं कि तुम्हारी और रिया की जल्द से जल्द शादी हो जाए!" मिस्टर वर्मा बोले।


"क्या रिया? " नील ने एकदम से चौंकते हुए कहा


"हां और इसमें इतना शोक्ड होने की क्या बात है? तुम और रिया एक दूसरे को पसंद करते हो। एक दूसरे के साथ रिलेशनशिप में हो तो फिर शादी करने में क्या प्रॉब्लम है? और बेटा हम भले दिल्ली में रह रहे हैं पर अभी इतने एडवांस नहीं हुए हैं कि तुम्हारा अफेयर किसी और लड़की से चलता रहे और शादी किसी और लड़की से हो जाए।" मिस्टर वर्मा ने सख्ती से कहा।

"पर आपसे किसने कह दिया कि मैं और रिया रिलेशनशिप में है। हमारे बीच एसा कुछ भी नहीं है पापा।" नील एकदम से उठ खड़ा हुआ।


"क्या बकवास कर रहे हो? सब लोग जानते हैं कि तुम और रिया रिलेशनशिप में हो। रिया तो सबसे बोलती है और उसके जाने से पहले ही उसके फादर ने हम लोगों से बात की थी और कहा था कि उसके आते ही तुम दोनों के रिश्ते की बात होगी क्योंकि तुम दोनों एक दूसरे से शादी करना चाहते हो।" मिस्टर वर्मा बोले।

"नहीं पापा रिया ने एकदम झूठ बोला है...!! मेरा और रिया का ऐसा कुछ भी नहीं है। वह हर जगह सबसे झूठ बोलती रहती है, पर मैं उससे शादी बिल्कुल नहीं करूंगा।" नील नाराजगी से बोला।

"क्या बकवास कर रहे हो और वह झूठ क्यों कहेगी?" मिस्टर वर्मा बोले।

"पता नहीं क्यों कहेगी पापा? पर उसके कारण अच्छी खासी प्रॉब्लम हो गई है। इन फैक्ट जिस लड़की को मैं पसंद करता हूं उसे भी यही गलतफहमी हो गई है कि मेरे और रिया के बीच में कुछ चल रहा है। और इसी के चलते वह भी मुझसे दूर हो गई है। पर मैं रिया के साथ बिल्कुल भी शादी नहीं करूंगा। मैं उसे बिल्कुल पसंद नहीं करता।" नील गुस्से से बोला और घर के बाहर निकल गया।

"यह सब क्या है ? " मिस्टर वर्मा ने मिसेज वर्मा की तरफ देखकर कहा।

"मुझे लगता है शायद रिया को कोई गलतफहमी हुई होगी। क्योंकि मुझे नहीं लगता कि नील के दिल में ऐसा कुछ है। अगर ऐसा कुछ होता तो वह कभी तो हम लोगों से बात करता। रिया को गए हुए तो कितने साल हो गए हैं पर आज तक नील ने कभी हमसे रिया के बारे में बात नहीं की। इनफैक्ट मैंने उसे खुद कभी रिया से फोन पर बात करते हुए या मैसेज करते नहीं देखा। अगर दोनों रिलेशनशिप में है तो फिर ऐसा कैसे हो सकता है कि दोनों इतने सालों तक अलग रहे और दोनों में से किसी को कोई प्रॉब्लम ना हो। न हीं एक दूसरे से बात करें।" मिसेज वर्मा बोली।


"हां पापा मम्मा सही कह रही है। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। मैंने भी एक बार भाई से पूछा था तो भाई ने क्लियर मना कर दिया था और मुझे तो रिया शुरू से ही गड़बड़ लगती है। भाई के पीछे जबरदस्ती का हाथ धोकर पड़ी हुई है। मैं हमेशा भाई को गलत बोलती हूं।।कुछ चीजों में वह गलत है भी पर इस रिया के मामले में वह बिल्कुल क्लियर है। उनका रिया के साथ ऐसा कुछ भी नहीं है। आप प्लीज किसी भी जल्दबाजी में आकर कोई भी फैसला मत लीजिएगा, वरना आगे जाकर भाई तो प्रॉब्लम आएगी पर अगर रिश्ता नहीं निभा तो रिया के लिए भी प्रॉब्लम हो जाएगी।" निशि बोली।

"ठीक है मैं आज मिस्टर मल्होत्रा से मिलता हूं और सारी बातें क्लियर करता हूं...!! और अगर मेरा बेटा इस रिलेशनशिप में नहीं है और वह शादी नहीं करना चाहता तो जबरदस्ती तो शादी नहीं की जा सकती, आखिर तुम दोनों की खुशियां ही चाहते हैं हम लोग।" मिस्टर वर्मा बोले।।


"जी पापा। " निशि ने कहा।

"और एक बार सौरभ और उसके पेरेंट्स को भी एक किसी दिन बुला लो...!; मैं चाहता हूं कि तुम दोनों की शादी की तारीख भी फिक्स हो जाए। अब तो तुम दोनों की सगाई हुई भी काफी टाइम हो गया है।" मिस्टर वर्मा ने कहा तो निशि के चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट आ गई।

"जी पापा मैं आज ही सौरभ को बोलती हूं कि वह अपने मम्मी पापा और आव्या को लेकर किसी दिन घर आ जाए।" निशि ने कहा और फिर वह अपने क्लीनिक निकल गई।

"समझ नहीं आता इस लड़के के लिए क्या किया जाए...!! शुरू से कंफ्यूज रहा है। पहले एजुकेशन को लेकर फिर वकालत और बिजनेस को लेकर। अभी भी कंफ्यूज है। अब तक यह भी क्लियर नहीं है कि किसी लड़की को चाहता है..?? कि लड़की को से शादी करना चाहता है..?? अगर मुझे इस चीज का अंदाजा होता कि इसके और रिया के बीच में कुछ भी नहीं है तो अब तक तो इसकी शादी करवा भी चुका होता। मैं खुद इसी इंतजार में था कि शायद यह रिया का इंतजार कर रहा है और आज सडनलि कहता है कि इसके और रिया के बीच में कुछ भी नहीं है। समझ नहीं आता क्या है?" मिस्टर वर्मा बोले।

मिसेज वर्मा ने उनकी तरफ देखा।

"इसी मामले में निशि का हमेशा से क्लियर रहता है..! चाहे पढ़ाई लिखाई हो चाहे लाइफ पार्टनर चुनना हो, उसने कभी भी कंफ्यूजन क्रिएट नहीं किया। सीधा मेडिकल की तैयारी की और अपना क्लीनिक चला रही है, नौकरी कर रही है। और अब वैसे ही सौरभ के मामले में भी क्लियर रही। सीधे आकर हम लोगों को बोला कि सौरभ और वह एक दूसरे को पसंद करते हैं और शादी करना चाहते हैं। पर इस लड़के का न जाने क्या होगा? " मिस्टर वर्मा बोले।

"यही उसकी प्रॉब्लम है। साफ दिल है और अपनी बात नही कह पाता । कुछ लोग इसको अच्छाई में ले लेते हैं तो कुछ लोग उसका फायदा उठा लेते हैं। वह कभी भी चीजों को क्लियर नहीं बोल पाता है यह सोचकर के सामने वाला हर्ट ना हो और शायद इसीलिए उसने कभी रिया का भी विरोध नहीं कर पाया और रिया उसकी दोस्ती को गलत समझने लगी। और शायद इसी वजह से उसके साथ अक्सर गलतफहमी हो जाती है, क्योंकि वह अपने दिल की बात पूरी मजबूती के साथ कह नहीं पाता है।" मिसेज वर्मा बोली।


"पर कभी-कभी सच बोलना भी जरूरी होता है वरना लाइफ में प्रॉब्लम आ जाती है।" मिस्टर वर्मा ने कहा और फिर अपने ऑफिस निकल गए।


"पता नहीं कौन लड़की है जिसे नील पसंद करता है, पर अब उन दोनों के बीच में जब गलतफहमी ही चल रही है तो क्या किया जा सकता है? बस भगवान करे कैसे भी करके नील और उस लड़की के बीच की जो भी मिस अंडरस्टैंडिंग है वह क्लियर हो जाए और मेरे नील की लाइफ में भी खुशियां आ जाए।" मिसेज वर्मा ने मन ही मन भगवान से प्रार्थना की।





उधर निशि अपनी क्लिनिक पहुंची और उसने सौरभ को कॉल लगा दिया ।

" हाँ निशि बोलो।" सौरभ की आवाज आई।

" यार कितने दिन हो गए हैं। आज क्लीनिक आ जाओ अगर तुम्हारा कोई लाइव रिपोर्टिंग ना हो तो।" निशि बोली।

"नहीं आज कोई रिपोर्टिंग नहीं है..!! मैं आता हूं मिलने के लिए।" सौरभ बोला।


" और आव्या कैसी है? उसका मेडिकल कैसा चल रहा है?" निशि ने कहा।

"बढ़िया चल रहा है तुमसे ही तो गाइडेंस लिया था उसने और फाइनली नीट क्लियर कर लिया और अब तो सेकंड ईयर में आ गई है। तुमको अपना रोल मॉडल मानती है।" सौरभ बोला।।

" अरे मैंने कुछ नहीं किया। वह खुद ही ब्रिलियंट है और तुमने बहुत अच्छा डिसीजन लिया जो अपनी फैमिली और अपनी बहन को लेकर दिल्ली शिफ्ट हो गए। उस गांव में कुछ नहीं रखा था सिवाय बिना मतलब की बातों के। उस गांव ने बहुत कुछ छीन लिया हम सब की जिंदगी से और खास तौर पर मेरे भाई नील के दोस्त अक्षत भाई की जिंदगी से।" निशि बोली।

"मुझे भी इस बात का अफसोस हमेशा रहेगा कि मैं सांझ की मदद नहीं कर पाया। हमेशा ही ना जाने क्यों ऐसा है कि मैं लेट हो जाता हूं। नियति के समय में भी मैं लेट पहुंचा था और सांझ के समय में भी मुझे पहुंचने में देर हो गई थी मैंने गाँव जाना छोड़ दिया था और जब तक आव्या ने ये खबर दी और मैं गाँव पहुंचा तब तक बहुत कुछ बदल गया था। पर तभी मैंने तय कर लिया था कि मैं अब अपने परिवार को यहां नहीं रहने दूंगा और मेरे पापा भी इन सब चीजों से ऊब गए थे तो फाइनली आ गया आव्या मम्मी पापा को लेकर हमेशा के लिए।" सौरभ बोला।

"तुम्हारी लाइफ का सबसे अच्छा डिसीजन था..!" निशि ने कहा।

"हां बिल्कुल क्योंकि इस डिसीजन के बाद ही तो मुझे तुम मिली और मेरा लाइफ को देखने का और समझने का नजरिया बदला। थैंक यू निशि कि तुम मेरी लाइफ में आई और इतनी पॉजिटिव चीजे हम लोगों की लाइफ में हुई।" सौरभ ने कहा।

"अब ज्यादा चने के झाड़ पर मत चढ़ाओ। जब फ्री हो तो मुझे मिलने आओ। तुमने कुछ जरूरी बात करनी है।" निशि ने कहा।

"ठीक है आता हूं एक घंटे में।" सौरभ ने कहा और कॉल कट कर दिया।

निशि भी अपने पेशेंट देखने में बिजी हो गई।


क्रमश:

डॉ. शैलजा श्रीवास्तव