हम है राही प्यार के दिनेश कुमार कीर द्वारा कुछ भी में हिंदी पीडीएफ

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हम है राही प्यार के

1.
कुछ होश नही रहता,कुछ ध्यान नही रहता,
इंसान मुहब्बत में, इंसान नही रहता...

2.
तुम पसंद आए ये इतेफाक था,
तुम ही पसंद रह गए ये इश्क हैं...

3.
सुना हूं बहुत बारिश हुई है तुम्हारे शहर में ज्यादा भीगना मत,
अगर धूल गई गलतफहमीयां तो बहुत याद आएंगे हम...

4.
मेरे अपनों ने तोड़ा है मेरे वजूद को,
गैरों को क्या खबर मैं कमजोर कहां हूं...

5.
वो दिन गए की मुहब्बत थी जान की बाजी,
किसी से कोई अब बिछड़े तो मर नही जाता...

6.
मैं तो वक्त से हार कर सर झुकाएं खड़ा था,
सामने खड़े कुछ लोग खुद को बादशाह समझने लगे...

7.
मैं नींद में उठकर इधर उधर ढूंढता हूं तुम्हें,
ख्वाबों में इतने करीब आ जाते हो तुम...

8.
खत्म हो गया है जो कुछ भी था हमारे दरमियान,
कसम है तुम्हें, आंखों में अश्क बन, लौट मत आना...

9.
अकेले बैठ कर रोने का अपना ही मजा है,
इश़्क का दर्द भी इश़्क के बराबर ही लगता है...

10.
इस दौर में इंसान का चेहरा नहीं मिलता,
कब से मैं नक़ाबों की तहें खोल रहा हूँ...

11.
सहना कहना रहना बेवजह,
तेरे बिना यूँ जीना बेवजह...

आँखें तकें राहों को मगर,
ऐसे सफ़र का होना बेवजह...

12.
जो हद में रहकर धरके ओ धड़कन कैसी,
और जो बेहद ना हुई फिर ओ मुहब्बत कैसी...

13.
तेरे वादे का तू जाने, मेरा वो ही इरादा है,
कि जिस दिन सांस छूटेगी, उसी दिन आस टूटेगी...

14.
आपको महसूस करना ही इश्क है मेरा,
छूकर किसी ने खुदा को भी नही देखा...

15.
दिल के जज़्बात तमाम ज़बान पर नहीं लाया करते,
हर भटकते मुसाफ़िर को कभी घर नहीं लाया करते...

16.
हर दुःख दर्द सह कर वो मुस्कुराती है,
पत्थर के दीवारों को नारी ही घर बनाती है...

17.
रंग में रहिए रंग में रहिए,
रंग बदलने वाले से बच के रहिए...

18.
रस्ता जितना लम्बा हो घर का लम्बा नहीं लगता
दरमियाँ ग़ैरों के बहुत देर तक अच्छा नहीं लगता

लहजा उसका शामिल रहता है मेरे लहजे में अब
तन्हा हो कर भी, किसी को मैं तन्हा नहीं लगता

19.
पूछा किसी ने की याद आती है उसकी,
मैं मुस्करया और बोला तभी तो जिन्दा हूँ...

20.
दिल भर सा गया है इस मतलबी दुनिया से जनाब,
लगता है जिंदगी का आखिरी मोड़ आ गया है...

21.
इश्क़ वाजिब था हम़ पर जो हमनें कर लिया,
वफा फर्ज हैं उन पर देखें अब़ वो क्या करते हैं...

22.
हथेली वो पिया से जा जुड़ी है,
सुना मेंहदी बड़ी गहरी चढ़ी है...

23.
ज़िसका हक़ है उसी का ही रहेगा,
मोहब्बत चाय नहीं जो सबको पिलाई जाये...

24.
उस जगह हमेशा खामोश रहना जहां दो,
कौड़ी के लोग अपनी हैसियत के गुण गाते हो...

25.
पांव हौले से रख कश्ती से उतरने वाले,
जिंदगी अक्सर किनारों से ही खिसका करती है...

26.
लोग तौल देते है चंद बातों पर किरदार,
बारी अपनी हो तो तराजू नहीं मिलता...

27.
एक उम्र गुस्ताखियों के लिये भी नसीब हो,
ये ज़िन्दगी तो बस अदब में ही गुजर गई...

28.
यूं बेवजह ना हमे जगाया करे,
कितनी बार कहा है सपनो में न आया करे...

29.
एक रोज़ खेल खेल में हम उसके हो गये,
और फिर तमाम उम्र किसी के नहीं हुएं ....

30.
वो मुकम्मल अलविदा नहीं हुआ मुझसे,
दिल के एक कोने में दाग़ की तरह रह गया है...

31.
खामोशी ने जब हम दोनों पे काबू पा लिया,
प्यार तो करते रहे पर तब से बात नहीं करते...

32.
सब यार सो गए, करवट अपनी अपनी,
बस एक रात है जो मुझसे बातें करती है...

33.
वो मेरे चेहरे तक अपनी नफरतें लाया तो था,
मैंने उसके हाथ चूमे और बेबस कर दिया...