1
दिल्लगी में हो, ना जाना इतने मशगूल
की सही गलत का फर्क भी जाओ भूल
दिल लगाना किसी ऐसे शख्स से
जिससे हर बात कह सको पूरे हक़ से
अक्सर जल्दी बाजी में दिल लगा बैठते हैं लोग
जहां देखी सूरत सोनी वही मर मिटते हैं लोग
सुनो कहीं प्यार में पछताना न पड़े
ये है एक सजा, यूं ही नहीं कह कर गए बड़े
हो,ना जाना किसी के प्यार में अंधे
की चौपट हो जाए तुम्हारे सारे धंधे
सोच समझ कर दिल लगाना जी
साथ में हकीकत को भी अपनाना जी
बाकी जो होगा देखा जाएगा
कौन छोड़ता है और कौन साथ निभाएगा
2.
तेरी चाहतों की बारिश हो मुझ पर कुछ इस कदर
कि मैं ना चाह कर भी इसमें भीग जाऊं
जो तू कोशिश भी करें थमने कि अगर
मगर मैं फिर भी ना खुद को रोक पाऊं
अपने हर एक अंग पर महसूस करूं
मैं तेरी चाहतों की बूंदे
तू भी बरस कर खुश हो जा मुझ पे
यह आलिंगन हो कुछ इस तरह का
तेरी चाहतों की बूंदो और मेरे जिस्म का
की भीगने के बाद भी तेरा असर मुझ में कायम रहे
तेरी चाहत मेरे हर एक अंग अंग में रमे
2.
क्या आपको पता हैं, ज़िन्दगी हमें नहीं रुलाती
रुलाते हमें वो लोग हैं, जो हमारी ज़िन्दगी में होते हैं
जिन्हे हम अपनी ज़िन्दगी समझते हैं
तकलीफ बहुत हैं ज़िन्दगी में हमारी
लेकिन कभी किसी से कहा नहीं
और कोई मेरे बिन कहे समझ ले ऐसा कोई मिला नहीं
3.
गुमनामी में जिए जा रही थी मैं अब तक
ना अपना होश था, और ना ही खबर
किसी से मोहब्बत करने की थी ये सजा
दिल टुटा था मेरा और वो ले रहा था मजा
अश्क़ आँखों से थम ही नहीं रहे थे
मर तो हम पहले ही चुके थे, अब तो बस जीए जा रहे थे
फिर एक दिन अपने गमो को यूँ अल्फाजो में उतार दिया
और लोगो की चाहत ने भी हमें शायर बना दिया
भूलने लगी थी उसकी बेवफ़ाईयो को अब
क्यूंकि उसके इश्क़ ने ना सही
लेकिन उसकी बेवफाई ने हमें मशहूर बना दिया
4.
सुंदरता क्या है सुंदरता
क्या किसी की आंखों को अच्छा लगना है सुंदरता
या किसी को देखकर नजरों का ठहर जाना है सुंदरता
क्या सुंदरता बस बाहरी ही अच्छी लगती है
क्या मन के सुंदर होने से इसका कोई लेना-देना नहीं
क्या किसी के रंग गोरे और तीखे नैन नक्श होना है सुंदरता
या सांवली सूरत और भोली सीरत भी है सुंदरता
अक्सर लोगों को चेहरो पर मरते देखा है
उनकी तारीफ में कविता कहते सुना है
क्या वाकई यह होती है सुंदरता
अरे किसी को उसके चेहरे से नहीं मन से देखो
उसके अंदर छिपे मर्म को देखो
तो शायद जान पाओगे की
असल में क्या होती है सुंदरता
5.
गर इश्क ना होता इनमें
तो आंखें इतनी खूबसूरत ना होती
जो गम न दिए होते जमाने ने
तो खुशी की कीमत पता नहीं होती
जो बेवफाई ना की होती यारों ने
तो वफा की चाहत ना होती
जो तन्हाई का एहसास ना होता
तो महफिलों में रौनक ना होती
जो मांगे से ही मिल जाती हर मुराद
ना खुदा, खुदा की जरूरत ना होती
6.
जब आप किसी के साथ एक रिश्ते में बंद जाते हो
और आप सिर्फ उसी के बनकर रह जाते हो
आप तब उसके लिए वह सब करते हो जो उसे अच्छा लगता है
उसकी पसंद और नापसंद सबका ख्याल रखते हो
उससे पहले कभी मिले भी नहीं होते, फिर भी उससे बेइंतहा
प्यार करने लगते हो
आपकी हर खुशी फिर उसी से शुरू और उसी पर
खत्म होने लगती है
आप उससे अपनी हर बात शेयर करते हो
बिना यह सोचे कि वो इसका क्या मतलब निकालेगा
लेकिन कैसा लगे जब आपको यह पता चले
की जिसे आप अपनी जिंदगी अपना सब कुछ
मानकर जो बात खुलकर बता देते हो
असल में वो तो आप पर एतबार ही नहीं करता
नहीं करता आप पर यकीन आपकी हर बात पर
उसकी नजरे शक करती हैं
फिर उस वक्त आपकी सारी सफाईयाँ भी
बेमतलब होने लगती हैं
और लगने लगता है की कैसे आपने अपनी
जिंदगी कि इतने साल
एक ऐसे शख्स के साथ गुजार दिए
जिसने आपको कभी समझा ही नहीं