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Tanmay - In search of his Mother - 48

48

गिरफ्तार

 

 

कहाँ भाग रहें हो, बच्चोI तुम तो ज़रूरत से ज्यादा स्मार्ट होI लगता है, जेम्स बांड की फिल्मे ज़्यादा देखते हो। वह गाड़ी से उतरते हुए बोला৷

 

अंकल, आपने मेरी मम्मी की फोटोज क्यों लगा रखी है? उसने गुस्से में कहा।

 

तुम्हारी मम्मी मेरी अच्छी दोस्त थी, इसलिए। अब शरीफ बच्चो की तरफ यह लिफाफा मुझे दे दो। अब वह दोनों डर गए, उन्होंने आसपास देखा तो कोई नहीं है। सड़क पूरी खाली है। अब वह दोनों बच्चो की तरफ बढ़ा तो, दोनों पीछे हटने लगे। मगर उसने जल्दी से लपककर लिफाफा उसके हाथ से खींच लिया।

 

तन्मय उसे देखता रह गया। राघव डर के मारे तन्मय के पीछे खड़ा हो गया। अभिषेक ने उसके हाथ से लिया लिफाफा खोला और उसे खाली करने लगा। मगर उसमें से तो कुछ नहीं निकला। वह ज़ोर से हँसता हुआ बोला,

 

तनु ! बेटा तनु, चिठ्ठी तो नहीं है। लिफाफा तो खाली है। वह फ़िर ज़ोर से हँसने लगा। दोनों बच्च उसे पागलों की तरह हँसता देखकर हैरान हो रहें हैं ।

 

तभी उसने ज़ोर से कहा, "अंकल आपको पता है कि मेरी मम्मी कहाँ है ?"

 

अब वह गंभीर हो गया और उस घूरता हुआ बोला,

 

तुम्हारी मम्मी मेरे यहाँ रहती है, उसने अपने सीने पर हाथ रखते हुए कहा।

 

वह फ़िर ज़ोर से हँसने लगा।

 

तनु ! यह अंकल तो अजीब है।

 

तू घबरा मत, मैं हूँ न। उसने हाथ कसकर पकड़ लिया।

 

अंकल हमें जाने दो, अब वह दोनों वहां से जाने लगे। उसने तन्मय का हाथ ज़ोर से पकड़ लिया और राघव बुरी तरह चिल्लाया तो उसने उसके मुँह पर थप्पड़ जड़ दिया। वह दूर जाकर गिरा, तन्मय ने गुस्से से अभिषेक को देखा और अपना हाथ उसकी पकड़ से छुड़ाने लगा। मगर उसने अपनी पकड़ और मज़बूत कर ली।

 

छोड़ो ! मुझे । छोड़ो।

 

सारी मर्दानगी बच्चो पर ही दिखानी है, कुछ हमारे लिए भी छोड़ दें। उसने पीछे मुड़कर देखा तो रुद्राक्ष आँखों पर शेड्स लगाए खड़ा है। उसने अभिषेक को घूरते हुए उसके मुँह पर खींचकर थप्पड़ मारा। जिससे उसके हाथ से तन्मय का हाथ छूट गया। वह जल्दी से राघव के पास गया और उसे गले लगाते हुए पूछा, तू ठीक तो है??

 

हाँ, तनु मैं ठीक हूँ । फ़िर तन्मय ने रुद्राक्ष की तरफ देखते हुए कहा, अंकल इसके पास मेरी मम्मी की फोटोज है।

 

बेटा तुम घर जाओ, हम इनसे बात कर लेंगे । हरिलाल दोनों बच्चो को घर छोड़ने जाओ और फ़िर उसने अभिषेक को कॉलर से पकड़ा और जीप में बिठा लिया।

 

हरिलाल ने दोनों बच्चो को एक ऑटो में बिठाया और खुद उनके पीछे दूसरे ऑटो में आने लगा।

 

यार! पुलिस कैसे आ गई।

 

राघव ने मुस्कुराते हुए कहा, मैंने बुलाया, जब मैं तेरे पीछे खड़ा था, मैंने तभी अपने मोबाइल से नंबर डायल कर दिया था।

 

वाह ! रघु तू मेरे साथ रहकर स्मार्ट होता जा रहा है। उसने उसकी पीठ थपथपाई।

 

राजीव अपने ऑफिस के काम में लगा हुआ है, तभी मालिनी ने उसके पास आकर प्यार से कहा,

 

तुम्हें मेरी याद नहीं आई।

 

उसने भी उसका हाथ पकड़कर उसे अपने करीब लाते हुए कहा,

 

बहुत आई।

 

फिर लेने क्यों नहीं आए?

 

मुझे अपने किए पर पछतावा हो रहा था। मैंने बेकार में तुमसे इतना झगड़ा कर लिया।

 

मुझे भी बुरा लग रहा था कि मैंने तुम्हें इतना सुना दिया। अब मालिनी ने प्यार से हाथ उसके गाल पर रख दिए। राजीव ने अपना लैपटॉप स्लीप मोड पर डाला और मालिनी को खींचते हुए उसे अपनी गोद में बिठा लिया। अब उसने उसकी गर्दन चूमते हुए कहा,

 

तुम्हें नहीं लगता कि हमें अपनी गलती में सुधार करना चाहिए ।

 

मालिनी भी उसके सीने से लगते हुए बोली,

 

अभी काम कर लो, फ़िर करते है, सुधार।

 

भाड़ में जाए काम, उसने अब उसके होंठो को चूम लिया।

 

क्या बात है, तुम तो सचमुच मेरी याद में इतना बदल गए हो। पहले पता होता तो पहले ही चली जाती। उसने उसके बालों में हाथ घुमाते हुए कहा। तभी राजीव का फ़ोन बजा, उस पर नंदनी का नंबर फ़्लैश कर रहा है। उसने फ़ोन काट दिया। मगर फ़ोन बहुत बार बजा तो मालिनी ने कहा, पहले तुम काम कर लो, उसके बाद सुधार करेंगे। अब वह हँसने लगी और वहां से चली गई।

 

उसने झल्लाते हुए नंदनी का फ़ोन उठाया,

 

क्या है, क्यों कॉल किया , मैंने तुम्हे मना किया था न ?

 

मुझे कुछ पैसे चाहिए।

 

मेरे पास अब कुछ नहीं है।

 

मुझे एक लाख रुपए चाहिए।

 

तुम्हारा दिमाग ख़राब है, हज़ारो से तुम लाखो पर पहुँच गई हों, बेशर्म औरत।

 

अगर पैसे नहीं दिए तो यही बशर्म औरत तुम्हारे घर पहुँच जाएगी। समझे ! उसने फ़ोन काट दिया। मगर राजीव उसकी बात सुनकर परेशान हो गया।

 

अगर सचमुच घर आ गई तो !!!!!!

 

पुलिस स्टेशन में अभिषेक को एक कमरे में पूछताझ के लिए ले जाया गया। मगर तभी इंस्पेक्टर श्याम ने उमा के घर में होने वाली चोरी की सारी डिटेल्स उसे दी। तुम घर के सभी लोगोके फिंगर प्रिंट्स लो और घर में आ जाने वाले पर नज़र रखो और जितने भी चोर हमारी ब्लैक लिस्ट में है, उन्हें हाज़िर करो । देखो, उस एरिया से पहले कौन सा चोर पकड़ा गया है।

 

सर घर में फिलहाल तीन लोग है, उमा और उनके तीन बच्चे। इसके अलावा घर में दो नौकर है। उनके भी फिंगर प्रिंट ले लिए हैं और उस एरिया के एक्टिव चोरो को भी बुलाया गया है।

 

गुड, अभी मैं बिजी हूँ, बाद में बात करते हैं। तुम मुझे रिपोर्ट देते रहना ।

 

यस सर, कहकर वह चला गया।

 

राजीव को ऑफिस का काम करते हुए तीन घंटे हो गए। काम की उलझन ने उसे नंदनी के बारे में सोचने का ज्यादा वक्त नहीं दिया। उसे लगा कि वह ऐसे ही धमकी दे रही होगी। उसने उसकी कही बात को नज़रअंदाज़ कर दिया। मगर ठीक आधे घंटे बाद उसके घर की घंटी बजी और मालिनी ने दरवाजा खोला तो सामने नंदनी खड़ी है।

 

नमस्ते ! मैडम साहब घर पर है।

 

ऑफिस का काम कर रहें है। क्यों कोई ज़रूरी काम था ?

 

जी, बहुत ज़रूरी काम था।

 

शाम को आ जाना।

 

नहीं कोई बात नहीं, मैं आपसे बात कर लेती हूँ।

 

हाँ कहो, क्या बात है?

 

नंदनी की आवाज सुनकर राजीव के हाथ लैपटॉप पर रुक गये । उसकी उँगलियाँ काँपने लगी। यह तो सचमुच यहाँ आ गई। अगर इसने मालिनी को बता दिया तो !!!!

 

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