Tanmay - In search of his Mother - 44 Swati द्वारा थ्रिलर में हिंदी पीडीएफ

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Tanmay - In search of his Mother - 44

44

जंगल

 


अब वहीं होटल का कमरा है,


तुम यहाँ क्या कर रहीं हो ? प्रिया ने चिल्लाते हुए कहाI


इसे पहले वो कोई जवाब देती जतिन बोल पड़ा, पहले तुम बताओ, तुम मेरा पीछा कर रहीं थींI


हाँ, तुम्हारा पीछा कर रही थीं, नैना तुम्हारे साथ है ?


तुम्हारा दिमाग ख़राब हो गया हैI मेरे साथ यह है, जो तुम्हारे सामने खड़ी हैI

 

इसका मतलब तुम रातो को इससे मिलने जाते थेंI

 

हाँ, जाता थाI रात में भी जाता था और दिन में भी जाता थाI

 

अच्छा ! उसने सिर पर हाथ रख लिया, तुम्हें लगा कि मैं नैना के साथ हूँI अगर मैं नैना के साथ होता तो तुम मुझे जेल भिजवाकर प्रॉपर्टी अपने नाम कर लेतीI तुमसे यही उम्मीद थीI उसने चिढ़कर कहाI

 

तुम्हें सही उम्मीद थीI


अब निकलो यहाँ से, दिल्ली पहुँचकर बात करते हैंI उसने प्रिया को बाहर की तरफ़ धकेला और एक बात और सुनती जाओ, मैं रेवती से नैना की वजह से ही मिला था I यह कहकर उसने दरवाजा उसके मुँह पर बंद कर लियाI कहते हुए प्रिया ने पलके झपकाई और वो वर्तमान में वापिस आ गईI


जतिन, रेवती के साथ है!!! वह हैरान हैI पहले तो वो किसी रंजन मलिक के साथ थींI


अब जतिन के साथ हैI

अभिमन्यु ने अपने बालों में हाथ फेराI अब ???


अब क्या, वह दिल्ली आया, हमने डाइवोर्स पेपर साइन किए I प्रॉपर्टी का हिस्सा उसे दिया और कहानी खत्म I उसने मुस्कुराते हुए कहाI

 

जतिन मुंबई क्यों गया था?

 

वह रेवती के साथ वही सेटल हो रहा हैI उसने वहीं ऑफिस और घर भी खरीद लिया हैI

 

सॉरी !!

 

किस बात के लिए ?

 

नैना की वजह से वह बीच में ही बोल पड़ी, नैना ने कुछ नहीं कियाI रेवती नहीं होती तो कोई और होतीI

 

तुमने अब क्या सोचा हैI

 

अब मैं उस घर में आराम से रहूँगी, तुम्हारा मन करें तो तुम भी आ जानाI उसके चेहरे पर शरारती मुस्कान हैI

 

राजीव के सामने मालिनी हाथ में सूटकेस लिए खड़ी है, तुम कैसे आ गई ? उसने हड़बड़ाते हुए कहाI

 

मेरा घर है, मैं कभी भी आ सकती हूँI अब अंदर भी आने दोI उसने उसे एक तरफ करते हुए कहाI

 

अरे! रोको तो सही, मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ, वह उसके पीछे गया I मगर उसने किसी की बात नहीं सुनीI वह आराम से सोफे पर बैठी कि तभी हाथ में पानी का गिलास लिए नंदनी उसके पास पहुँच गईI तुम कौन हो?


मेरी दो दिन से तबीयत ठीक नहीं थी, इसलिए मैंने इसे खाना बनाने के लिए रख लियाI राजीव जल्दी से बोल पड़ा।

तुम तो अभिमन्यु जी के यहाँ काम करती होI

 

जी, वहां भी करती हूँ I

 

उसने उसे पानी का गिलास लिया और राजीव की तरफ देखते हुए बोली,

 

कितने पैसे दे रहे हो?

 

दो दिन के हज़ार रुपए ही बनते थेंI उसने जेब से हज़ार रुपए और निकाले और उसे पकड़ा दिएI

 

साहब अब तो नहीं आना?

 

उसने मालिनी की तरफ देखा तो उसने न में सिर हिला दियाI

 

वह दोनों को नमस्ते बोलकर चली गईI

 

तुम्हारा पैर कैसा है ?

 

ठीक है, तभी तो वापिस आई होंI मैं बैडरूम में आराम करने जा रही हूँI उसके अंदर जाते ही उसने चैन की साँस लीI मगर उसे नंदनी के जाने का दुःख भी हैI चलो, कोई और रास्ता निकाल लेंगे, उसने हँसते हुए कहाI

 

शाम हो चुकी है, तन्मय और राघव स्टेडियम से वापिस लौट रहें हैं I दोनों आपस में बात कर रहें हैं, तभी तन्मय की नज़र सड़क के किनारे खड़ी अभिषेक की गाड़ी पर पड़ीI अभिषेक ने भी देख लिया कि तन्मय उसे देख रहा हैI वह जल्दी से गाड़ी वहां से भगाकर ले गयाI


यार ! मुझे वो अभिषेक अंकल दिखे थेंI


कहाँ, वो सड़क के किनारेI राघव ने भी अब उसी तरफ देखाI


अब चले गएI यह हमारा पीछा क्यों कर रहें हैं?

मुझे लगता है, यह कुछ छिपा रहें है, हो सकता है, यह मेरी मम्मी के बारे में जानते होI

मुझे लगता है, यह उसी लिफाफे के चक्कर में हमारे पीछे हैI


एक काम करते हैं, तू अपने घर में देख और मैं अपने घर में देखता हूँI अगर तुझे मिल जाये तो तू उसे लेकर मेरे घर पर आ जाना और अगर मुझे मिल गया तो मैं तुझको बुला लूंगा I

 

इसका मतलब हम इनकी चिठ्ठी पढ़ने वाले हैंI

 

ऐसा ही समझ लेंI उसने उसे देखते हुए जवाब दिया तो वह उसके चेहरे के हाव-भाव देखकर मुस्कुराने लगाI

 

किशन बिश्नोई उमा के घर पर बैठा हुआ हैI चेहरे से लग रहा है, वो बहुत परेशान हैI उमा उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहती है,


तुम्हारे पास फार्म हाउस तो है न और बच्चे जब इस लायक होंगे तो कौन सा फैक्ट्री संभालेंगेI मेरी बेटी शुभी तो फैशन डिज़ाइनर का कोर्स कर रही हैI कुछ महीनो में वह अपना बुटीक खोलने वाली है और छोटा बेटा अमन तो बाहरवीं के बाद इंजीयरिंग करेगा I तुम्हारे बच्चे भी अभी छोटे हैI कोई न कोई रास्ता निकल जायेगाI

 

बात वो नहीं है , मैंने भी इस फैक्ट्री में बहुत मेहनत की है, मेरा भी कुछ हक़ बनता हैI

 

हाँ वो तो है, पर यह तो होना ही थाI

 

यह सब उस नैना की वजह से हुआ हैI

 

तुम्हें अपने भाईसाहब का नहीं पता, वह कितना सनकी इंसान है I उमा ने गुस्से में कहाI


उमा, मैं इस तरह प्रॉपर्टी अपने हाथ से नहीं जाने देने वालाI मैं कुछ न कुछ तो ज़रूर करूँगाI उसने दाँत भींचते हुए कहाI

 

उमा ने उसका चेहरा देखा तो वह गुस्से से तमतमा रहा हैI


पुलिस स्टेशन में रुद्राक्ष और शिवांगी बिश्नोई मर्डर केस की ही बात कर रहें हैंI


सर, मुझे तो लगता है किशन बिश्नोई ने ही अपने भाई को मारा हैI


हम पुलिस वाले है, हमे कुछ भी लग सकता है, मगर इससे कुछ हासिल नहीं होताI


क़त्ल वाली रात बिश्नोई जंगल क्या करने गया थाI जाहिर सी बात है या तो उसे किसी ने बुलाया होगा या फ़िर वो ही किसी का पीछा करता हुआ वहां पहुँच गया होगाI


सर एक बात सोचने वाली है, वह उस रात किशन के फार्म हाउस पर भी रुका थाI


हम्म I मगर क्यों ? किशन तो वहाँ था नहींI


कातिल बहुत होशियार हैI उसने जानबूझकर उसे जंगल बुलाया होगा ताकि किसी को पता न चलेI

उसके फ़ोन रिकॉर्ड में तो कुछ ऐसा नहीं मिला, जिससे कुछ पता चल सकेI

किशन के फ़ोन रिकॉर्ड को चेक किया ?

 

जी सर, वो भी क्लीन है और उस रात वो अपने घर पर था I


हमसे कुछ तो छूट रहा है, शिवांगी I


एक काम करो, तुम उस पर नज़र रखे रखोI वसीयत खुलने के बाद ज़रूर कुछ हो सकता हैI

 

सर मनोहर पर भी ??

 

हाँ, उस पर भीI हम कोई चांस नहीं ले सकतेI