Tanmay - In search of his Mother - 42 books and stories free download online pdf in Hindi

Tanmay - In search of his Mother - 42

42

 

पहला प्यार

 

प्रिया की आँखों के सामने वह दिन आ गया, जब वह पहली बार नैना से मिली थींl

 

31/08/2023

 

नैना जतिन के ऑफिस में बैठी हुई हैंl तभी जतिन को एक कॉल आता है और वह उसे ऑफिस आने के लिए कहता हैl फ़ोन रखते ही वह नैना की ओर देखकर बोलता है,

 

नैना, मेरी बीवी आ रहीं हैl


तो ??


मैं चाहता हूँ कि तुम उससे बात करो, मेरे और उसके बीच कुछ ठीक नहीं चल रहाl

 

मैं क्या बात करो? कभी-कभी तो मुझे ही कॉउन्सिलिंग की ज़रूरत महसूस होती हैl उसने हँसते हुए ज़वाब दियाl

 

यार ! तुम्हें तो पता ही है, वो बच्चे न होने की प्रॉब्लम हैl उसकी वजह से वो डिप्रेशन में आ जाती है, फ़िर हमारे बीच झगड़े होते हैंl

 

ओह ! अच्छाl अब समझीl

 

अभी दोनों बात ही कर रहें होते हैं कि प्रिया वहाँ आ जाती हैl

 

प्रिया इनसे मिलो, नैना राठौर सिंह l मैं इनके बिज़नेस की मार्केटिंग कर रहा हूँ और अब तो यह मेरी अच्छी दोस्त हैl

 

प्रिया ने उसे हेल्लो कहाl उसने भी हेल्लो का जवाब हेल्लो से दे दियाl

 

अच्छा तुम दोनों बैठो, मेरी क्लाइंट से एक मीटिंग हैl

 

उसके जाते ही प्रिया ने नैना को गौर से देखा, ख़ूबसूरत चेहरा, नीली आँखें, छरहरी काया, काले भूरे बाल और प्यारी सी हँसीl जीन्स और शर्ट में वह कॉलेज गर्ल दिख रही हैl नैना ने भी प्रिया को देखा, गेहुँआ रंग, तीखे नैन नख्श, काले लम्बे बाल और जीन्स-टी शर्ट में उसकी भी उम्र का अंदाज़ा लगा पाना मुश्किल हैl अब दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगीl

 

और नैना जतिन मेरे बारे में क्या कह रहा था?

 

तुम्हें पता चल गया!!! हैरान होते हुए उसने पूछाl

 

पति है मेरा, वैसे भी उसकी आदत है, खूबसूरत औरतों के आगे अपना दुखड़ा रोने कीl

 

नहीं यार ! उससे सचमुच तुम्हारी चिंता हैl तुम लोग सरोगेसी से बच्चा प्लान क्यों नहीं करतेl

 

मैं भी यही सोच रहीं हूँl वैसे तुम शादीशुदा तो नहीं लगतीl

 

क्या बात कर दी, मेरा पंद्रह साल का एक बेटा भी हैl

 

अच्छा! यह सुनकर वह हैरान हो गईl

 

फाइनल ईयर क पेपर देते ही मेरी शादी हो गई थींl तब मैं बीस साल की थीं और अब अगले महीने पेंतीस की हो जाऊँगीl उसने मुस्कुराते हुए कहाl

 

ओके! वैसे तुम अपने बेटे की बड़ी बहन लगती होl यह सुनकर वह खिलखिलाकर हँस पड़ीl

 

वैसे मेरी छोड़ो, तुम अपने और जतिन के बीच की प्रॉब्लम को सॉल्व करोl वो तुम्हारी बहुत परवाह करता हैl

 

न परवाह करता है न प्यार करता है l

 

तुम गलत सोच रही हो, उसे तुम्हारी फ़िक्र है और जहाँ परवाह होती है, वहां प्यार हो ही जाता हैl इसलिए अपने बीच के इश्यूज सॉल्व करते हुए अपना फ्यूचर प्लान करोl

 

हम्म ! उसने यह कहकर बात खत्म कर दीl तभी नैना का फ़ोन बज पड़ा और वह फ़ोन उठाते हुए बोली,

 

हाँ, अभि l

 

कहाँ हो ?

 

जतिन के ऑफिस में हो, उसकी वाइफ से बात कर रहीं हूँl

 

जल्दी आऊँ, कुछ गेस्ट आने वाले हैंl

 

प्रिया ने यह सुनते ही फ़ोन रख दिया और जाने के लिए खड़ी हो गईl अच्छा मैं चलती हूँ, तुमसे मिलकर अच्छा लगाl

 

तुम्हारे हस्बैंड का फ़ोन थाl

 

यस ! मिस्टर अभिमन्यु मुझे घर बुला रहें हैंl उसने यह कहते हुए उस से विदा लींl

 

अभिमन्यु , अभि ! बहुत दिनों बाद यह नाम सुना हैl यह कहते हुए उसे अपने दोस्त अभिमन्यु की याद आ गईl

 

उसके जाने के बाद जतिन वापिस आया और दोनों घर की तरफ निकल गएl उसने ड्राइव करते हुए पूछा,

 

कैसी लगी नैना ?

 

कैसी लगनी चाहिए ?

 

यह क्या सवाल हैl

 

तुम्हारे सवाल का जवाब हैl वैसे तुम्हें तो बहाना चाहिए, सुंदर औरतो से चिपकने काl

 

यार! तुमसे तो बात करना बेकार हैl

 

और तुम हमारी पर्सनल बातें दूसरों को बताना बंद कर दोl मुझे पता है, तुम मुझसे छुटकारा चाहते हो और जानबूझकर नैना जैसो की हमदर्दी लेने के लिए, उनके सामने अपना रोना रोते रहते होंl

 

प्रिया! अब वह चिल्ला पड़ाl

 

नैना कोई ऐसी वैसी औरत नहीं है, वह बहुत सुलझी हुई समझदार किरदार की हैl


उसकी तारीफ़ करना बंद करो, अगर वो शादीशुदा न होती तो तुम कबका उसके साथ आगे बढ़ चुके होतेl

अपना मुँह बंद रखोl मुझे आगे बढ़ने से उसका मैरिज सर्टिफिकट नहीं रोक सकता समझीl और तुम सही कह रहीं थीं, मुझे तुमसे छुटकारा चाहिएl अब उसने गुस्से में गाड़ी अपने घर के बाहर लाकर रोक दी और दनदनाता हुआ अंदर चला गया l प्रिया की आँख भर आयी, तभी तो मैं अब बच्चा नहीं चाहती, क्योंकि बाप बनने वाली तुम्हारी कोई हरकत नहीं हैl उसने अब अपने आँसू पोंछ लिए और गाड़ी से बाहर निकलकर अंदर चली गईl

 

रात को बिस्तर पर लेटे-लेटे वह नैना के बारे में ही सोच रहीं हैंl उसे कभी भी जतिन की किसी महिला दोस्त में कोई रुचि नहीं दिखाईl मगर नैना की बात अलग थींl क्योंकि पहली बार जतिन ने उससे किसी के बारे में पूछा था और उसकी इतनी साइड भी ले रहा थाl वरना वह अपनी किसी महिला दोस्त के बारे में उससे बात ही नहीं करता थाl सुबह उसने जतिन से बातो-बातो में नैना के बिज़नेस के बारे में पूछाl हालाँकि जतिन कल की बात से उखड़ा हुआ था, मगर सुबह वह अपना मूड नहीं ख़राब करना चाहता था इसलिए उसने बता दियाl उसके ऑफिस जाते ही उसने नैना की वेबसाइट से उसका अड्रेस लिया और उसकी सोसाइटी के बाहर पहुँच गईl नैना जिस शख्स के साथ सोसाइटी के गेट से निकल रहीं है , वह कोई और नहीं बल्कि यह तो उसका अभिमन्यु है, उसका सबसे अच्छा दोस्त अभि, पहला प्यार अभि l इसका मतलब नैना ही वह लड़की है, जिससे वह प्यार करता था और शादी भी उसी से कीl

 

उसने कई दिनों तक उनका पीछा कियाl वह कभी अभिमन्यु के मॉल के सामने पहुँच जाती तो कभी उसकी सोसाइटी के बाहर और एक दिन तो वह तन्मय को देखने उसके स्कूल भी पहुँच गईl उसे नैना से जलन हो रहीं थीं, प्यार करने वाला पति और इतना प्यारा सा बेटाl काश ! नैना की जगह वो होतीl मगर वह अभि को प्यारा सा बच्चा कहाँ दे सकती थीं पर अगर वो साथ देता तो कोई न कोई रास्ता निकल जाताl उसने लम्बी गहरी साँस ली और उसे ऐरोप्लेन में होने का एहसास हुआ, यहीं एहसास उसे वर्तमान में ले आयाl प्लेन लैंड होने में बस पंद्रह मिनट बचे हैl अब उसने पास रखा पानी का गिलास उठाया और धीरे से बुदबुदाई, नैना हो सके तो तुम कभी वापिस मत आना क्योंकि मुझे अपने अभि की ज़िन्दगी में वापिस जो आना हैl यह कहते हुए वह पानी का पूरा गिलास एक ही साँस में पी गईl

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