Tanmay - In search of his Mother - 33 books and stories free download online pdf in Hindi

Tanmay - In search of his Mother - 33

33

सम्बन्ध

 

आपको ऐसा क्यों लगता था ?

 

वो ख़ूबसूरत सी नीली आँखों वाली औरत हैl

 

तो? उसकी खूबसूरती से उसके चाल-चलन का पता कर लिया आपने?

 

वो मेरे पति से कुछ ज़्यादा  ही हँस-हँसकर बात करती  थींl

 

हँसकर बात करने का मतलब यह  नहीं है कि  उसका चाल-चलन  ठीक नहीं हैl शिवांगी की त्योरियाँ चढ़ गई l रुद्राक्ष ने उसे  चुप रहने का ईशारा कियाl

 

ठीक है, उमा जी हम आपको दोबारा भी याद कर सकते हैं l

 

उमा मुँह बनाते हुए चली गईl

 

शिवांगी मुझे यहाँ  फेमिनसिम नहीं चाहिएl वो जितना ज़्यादा  झूठ  बोलेगी, उतना पकड़ी जाएगीl हमें उसे सच निकलवाना है न कि उसके झूठ में  फँसना हैl

 

सॉरी  सर l  शिवांगी ने शर्मिदा होते हुए कहा तो रुद्राक्ष ने ज़वाब दिया, इट्स ओकेl अब ज़रा इसके डॉक्टर से मिलोl

 

ओके सरl

 

प्रिया अभिमन्यु से एक रेस्ट्रा  में  मिली तो उसने उसे  अभिषेक के बारे में  बतायाl मुझे लगता है कि  तुम्हें पुलिस को बताना चाहिएl हो सकता है कि  यह  अभिषेक  कुछ जानता हो और हमसे कुछ छुपा रहा होl हाँ, हो  तो सकता हैl पुलिस ही इससे सच निकलवा पायेगीl  उसने रुद्राक्ष को फ़ोन उस सब  बता दियाl उसने भी बिना समय  गँवाए अभिषेक को पुलिस स्टेशन बुला लियाl

 

उसने अभिषेक को गौर से देखा और उससे वहीं सवाल दोहराएं कि  वो नैना को कैसे जानता है l उसने सारी बातें खुलकर बता दीl

 

मिस्टर कपूर! आपने नैना को किसी के साथ जाते देखा थाl

 

नहीं सर, मैं तो अंदर गया था और वो बाहर से ही चली गई  थींl

 

तभी उसने हरिलाल को बुलाकर कहा, "पालम एयरपोर्ट के बाहर जो सी.सी.टी.वी लगा है,उसकी फुटेज निकलवाओ l ठीक है, मिस्टर कपूर आप जा सकते हैं, मगर आपको दोबारा  भी याद किया जा सकता है l

 

सर  मुझे ख़ुशी होगी, अगर मैं आपके किसी काम आ  पायाl रुद्राक्ष ने मुस्कुराकर सिर  हिला दियाl

 

प्रिया और अभिमन्यु एक सुनसान जगह पर गाड़ी रोककर आपस में  बात कर रहें हैl 

 

इस शाम के लिए थैंक्यूl

 

कैसी बात कर रहीं  हो, मेरी वजह से तुम मुसीबत में  फँस गईl थैंक्यू तो मुझे कहना चाहिएl

 

तुम जतिन की बात कर रहे हों? अभिमन्यु ने सिर हिला दियाl

 

ये सब तो होता रहता है l

 

उसने तुम्हें कोई नुकसान तो नहीं पहुँचायाl

 

धक्का मारा था, मेरी गर्दन पर लग गईl

 

वो तुम पर हाथ उठाता  है?

 

अरे ! नहीं, उस दिन  तुम्हें पता तो है हीl

 

सॉरी l  दिखाओ, कहाँ लगी हैl

 

क्या करोंगे देखकरl उसने उसकी आँखों में  देखते हुए कहा तो अभिमन्यु ने उसे अपने करीब लाते हुए उसके टॉप को हल्का सा हटाया तो उसे वहाँ  पर एक चोट  का निशान दिखाl उसने उस गहरे निशान पर अपनी उँगलियाँ फेरी तो प्रिया ने सिहरकर अपनी आँखे बंद कर लीl उसने फ़िर  कुछ सोचते हुए उस निशान पर अपने होठ रख  दिएl प्रिया ने जल्दी से अपनी आँखे  खोल ली और थोड़ा उससे पीछे हटते हुए बोली, अभि आज तुम होश में हो!!!!

 

हाँ, मुझे पता हैl उसने भी अब झेंपते हुए अपने हाथ वापिस स्टेरिंग पर रख  लिएl

 

तुम उस दिन जतिन के बारे में  कुछ कह  रहीं थींl

 

हाँ, मुझे लगता है कि  नैना और वो साथ-साथ हैl

 

क्या ! तुम्हें  पता भी है क्या कह रहीं  हो?

 

अभी कुछ पक्का नहीं है पर मैं जल्द ही तुम्हें  कोई खबर  दूँगीl

 

अगर नैना उसके साथ होती तो अब तक जतिन पकड़ा जाताl

 

अब भी पकड़ा गया तो भी कोई बड़ी बात नहीं होगीl

 

अभिमन्यु ने उसकी तरफ सवालियाँ नज़रों  से देखते हुए  गाड़ी दौड़ा दीl

 

रात का खाना बना रहीं, नंदनी को राजीव गौर से देखा रहा हैl 

 

ऐसे क्यों देख रहें है, उसने बिरयानी में  कड़छी मारते हुए पूछा,

 

तुमने दोबारा शादी नहीं की ?

 

कोई मिला नहींl

 

यह तो हो नहीं सकता, तुम इतनी अच्छी लगती हो l यह सुनकर वह झेंप गई  और उसने खाना टेबल पर लगाना शुरू कर दियाl अब दोनों साथ में  खाना खाने लगेl तभी राजीव ने फ्रिज से ड्रिंक की बोतल निकाली और उसे कहा, बिना ड्रिंक के बिरयानी का मज़ा नहीं आएगाl

 

मैं नहीं पीतीl

 

यह सिर्फ बियर हैl उसने दो गिलास में ड्रिंक डालकर टेबल पर रख दीं l फ़िर बिरयानी खाते हुए उसने कहा, इतना टेस्टी खाना बनाती हो, मन करता है कि  तुम्हारे हाथ चूम लूँl यह सुनकर वो हँसने लगी और राजीव ने उसके हाथ कोअपने हाथ में  लेकर चूम  भी लियाl नंदनी ने उसे कनखियों से देखा और फ़िर बड़े आराम से अपना हाथ छुड़ा लियाl खाना खत्म करके उसने बर्तन साफ़ किये और जब जाने को हुई तो राजीव ने उसे अपनी बाँहो में भरते हुए कहा, आज रात यहीं  रुक जाओ, कौन सा तुम्हारा घर में  कोई इंतज़ार कर रहा हैl

 

नहीं, यह  गलत हैl उसने खुद को छुड़ाते हुए कहाl

 

कुछ गलत नहीं हैl मैं और तुम कबसे अकेले हैl उसने उसे इस बार कसकर अपनी बाँहो में  भर और उसे प्यार से खीचंते  हुए अपने बैडरूम में  ले गयाl

 

अरे ! आप छोड़े न जाने देंl

 

मैडम को पता चल गया तो आपकी खैर नहींl

 

उसका नाम मत लोl अब उसने उसके होंठ चूम लिएl मगर फ़िर भी!!! नंदनी ने खुद को उससे छुड़वाने की दोबारा कोशिश की, मगर उसने उसे बेड पर लिटाकर चूमना शुरू कर दियाl जब वह पूरी तरह उस पर हावी हो गया तो अब उसे भी अच्छा लगने लगाl उसने भी उसकी टीशर्ट उतार दी और राजीव ने उसे  उसके ब्लाउज और साड़ी से आजाद कर दियाl अब दोनों हर बात से बेखबर  चरम सुख का आनंद लेने लगेl रात  गहराती जा रही हैl  राजीव ने नंदनी की गर्दन को चूमते हुए कहा," तुम तो मदहोश कर देने वाली चीज़ होl" आप कौन सा कम हैl "आपने मुझे आखिर यहाँ रोक ही लियाl "

 

मैं तो चाहता हूँ कि तुम हर रात यहीं रुक जाओ l

 

ऐसा नहीं हो सकताl

 

 

क्यों नहीं हो सकता, तुम चाहो  तो बहुत कुछ  हो सकता हैl  उसने नंदनी के होंठो को चूम  लिया और अब दोनों एक दूसरे को बाँहो में जकड़े हुए सो गएl राजीब ने फ़ोन साइलेंट पर रख दिया था, जिस वजह से उसे यह पता ही नहीं चला कि  मालिनी की पाँच मिस कॉल आ चुकी हैl

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