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चरित्र
जतिन भी उसे देखकर सकते में आ गया और उसने प्रिया को ज़ोर से आवाज़ लगाई और जैसे ही प्रिया वहाँ आई तो उसने उस पर चिल्लाना शुरू कर दियाI प्रिया ने भी उसकी हर बात का करारा ज़वाब दिया तो तब उसने गुस्से में पास रखा हुआ फूलों का गुलदस्ता उठा लिया, उसे ऐसा करता देखकर, अभिमन्यु ने उसका हाथ पकड़ लियाI अब प्रिया डरकर पीछे हट गईI
तुम पागल हो गए हो? उसने अभिमन्यु को धक्का माराI
तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई, मेरी बीवी के साथ मेरे ही घर में रात गुज़ारने कीI
अपनी बकवास बंद करोI ऐसा कुछ भी नहीं हुआI
फ़िर तुम मेरे घर में क्या कर रहें हो?
तभी प्रिया बोल पड़ी, मैं लाई हूँ, यह मेरा भी घर हैI समझेI
तुम मुझसे अलग हो और फ़िर जो चाहे करो, मगर मेरे घर में यह सब नहीं चलेगा समझी ! अब वह प्रिया पर दोबारा चिल्लायाI
मैं जा रहा हूँ, तुम शांत हो जाओI यह कहते हुए वह बाहर की तरफ चला गयाI प्रिया ने जतिन को नफरत की निगाह से देखा और अभिमन्यु के पीछे चली गई I
अभि, रुको I वह पीछे मुड़ा और उसकी तरफ देखते हुए बोला,
तुम्हें मुझे यहाँ नहीं लाना चाहिए थाI
मैं क्या करती, तुम सोसाइटी में रहते हो और वहां जाना भी ठीक नहीं थाI
तो मुझे वहीं छोड़ देना चाहिए थाI
वो तुम्हें सड़क पर फ़ेंक देतेI
तो फ़ेंक देते, कोई भी पति यह बदार्श्त यही करेंगा कि उसकी पत्नी किसी गैर को घर लाएI
तुम गैर नहीं हो
उसके लिए तो हूँI
वो भी कोई कम नहीं है, थोड़े दिन रुक जाओ, उसकी सच्चाई भी सबके सामने आ जाएगीI
कैसी सच्चाई ?
प्रिया ने कोई ज़वाब नहीं दिया, मैं तुम्हें अब बताऊँगी, लेकिन अभी नहींI
जो भी है, अपना ख्याल रखनाI अगर उसने तुम पर हाथ उठाया तो मुझे बतानाI
मैं सम्भाल लूँगीI उसने प्रिया को एक नज़र देखा और बाहर की तरफ़ निकल गयाI
दिन बीतते जा रहें हैI पुलिस अपना काम कर रहीं हैI तन्मय ने अपनी माँ की मिसिंग की खबर सोशल साइट्स पर डाल दी हैंI हालाँकि उसे राघव ने समझाया भी, मगर उसने कहा रिस्क तो लेना पड़ेगाI अभिमन्यु थोड़ी और जगह लेकर मॉल को बड़ा बनाने में लगा हुआ हैI मालिनी को पैर में चोट लग गई है, जिसकी वजह से वह थोड़े दिन और देहरादून रहने वाली हैI राजीव को नंदनी से बात करना पसंद आने लगा हैI वह उसकी ज़िन्दगी में दिलचस्पी दिखाने लगा हैI प्रिया को प्रतीक से अभी भी किसी बड़ी खबर के मिलने का इंतज़ार है I प्रतीक साए की तरह जतिन के पीछे लगा हुआ है, पर वह अब भी कुछ बताने लायक खबर प्रिया को नहीं दे सकाI जतिन प्रिया पर प्रॉपर्टी उसके नाम करने का दबाव बनाने में लगा हुआ हैI मगर प्रिया जतिन को पहले रंगे हाथों पकड़ना चाहती है क्योंकि उसे लगता है कि वह और नैना अगर एकसाथ है तो जतिन हर हाल में जेल जायेगा और फ़िर प्रॉपर्टी उसके नाम करने की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगीI
पुलिस स्टेशन में शिवांगी रुद्राक्ष के सामने रखी कुर्सी बैठते हुए बोली,
सर, एक खबर मिली हैI
क्या ?
बिश्नोई की पत्नी ने एक बार उसके खिलाफ साउथ दिल्ली पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट लिखवाई थींI
अच्छा पर क्यों?
सर, घेरलू हिंसा का मामला थाI मगर पुलिस के समझाने पर मसला सॉल्व हो गयाI
ओह ! ऐसा भी कुछ थाI इस उमा को स्टेशन पर हाज़िर करो I
पूरे दस दिन बीत चुके हैंI अभिमन्यु घर पर अपनी अलमारी की कुछ चीज़े समेट रहा हैI तन्मय भी इंटरनेट पर कुछ न कुछ देखने में लगा हैI तभी उसकी डोरबेल बजती हैI अभिमन्यु तन्मय को आवाज़ लगाता हैI
तन्मय ! बेटा देखो कौन हैI
तन्मय ने आवाज सुनकर दरवाजा खोला तो देखा सामने एक अंकल खड़े हैंI
जी
तुम तन्मय हो?
आप कौन?
मैं अभिषेक कपूरI तुम्हारी मम्मी का फ्रेंडI तुमसे बात हुई थीं I
अच्छा अंकल आप, आइए I
अंदर आते ही तन्मय ने अपने पापा को आवाज़ दी और वह हॉल में आ गया I
एक तीस-बत्तीस साल के आकर्षक व्यक्तित्व वाले युवक को देखकर वह थोड़ा हैरान हो गया I उसने उसे गौर से देखा और बैठने के लिए कहा और तन्मय को उसने पानी लाने के लिए कहाI
मैं करीब एक महीने से जर्मनी में थाI नैना का पता चला तो मुझसे रहा नहीं गया I मैं अपने घर से सीधे यहीं आ गया I
आप नैना को कैसे जानते है?
मैं उससे बुक फेयर में मिला था, दरअसल मैं एक पब्लिशर हूँ I वह वहाँ अपनी वेबसाइट को प्रमोट कर रहीं थीं I वैसे वो तन्मय की माँ लगती नहीं है I उसने हँसते हुए कहा तो अभिमन्यु ने मुँह बना लिया I
एक महीने से नैना लापता हैI तन्मय ने मुझे यह बताया था I
तन्मय ने ? उसने उसे सवालियां नज़रो से देखा तो उसने कहा, पापा, वो इन्होने बुक भेजी थी, उस पर इनका नंबर था I तन्मय ने झूठ बोला I
हाँ, शायद होगा I उसने सोचते हुए कहा I
मुझे नैना उस दिन एयरपोर्ट पर छोड़ने आई थीं I
अच्छा ! उसके बाद कहाँ गई ?
मुझे छोड़ने के बाद वो कहाँ गई, इसके बारे में मुझे कुछ नहीं पता I
अभिषेक ने कोई जवाब नहीं दिया, बल्कि वह सोच रहा था कि नैना ने कभी इस आदमी के बारे में बताया नहीं I
अच्छा मिस्टर सिंह मैं चलता हूँ I कुछ जरूरत हो तो मुझे याद करना I उसने उससे हाथ मिलाया और तन्मय को एक नज़र प्यार से देखा और बाहर की तरफ़ चल दिया I
सोसाइटी से बाहर निकलते हुए उसे राजीव ने भी देखा, मगर उसे क्या मालूम था कि यह वहीं अभिषेक कपूर है I
उमा को पुलिस स्टेशन बुलाया गया I
आपके पति आपको मारते थें ?
जी नहीं I
फ़िर आपने कंप्लेंट क्यों की ?
दरअसल उनके भाई से उनका झगड़ा हुआ था, उनके बीच हाथापाई हो गई थीं I मैं बीच में आ गई तो मुझे लग गई I फ़िर मेरे बच्चों ने पुलिस को कॉल कर दिया I
आपकी तबीयत ठीक है ?
अब तो ठीक हूँ, भगवान का शुक्र है, बच गई I अभी बीमारी शुरू हुई थीं, पहले ही पता चल गया I
यह तो अच्छी बात है I
पति के जाने के बाद क्या कर रहीं है ?
मतलब ?
आगे क्या सोचा है ?
सोचना क्या है, बच्चो की जिम्मेदारी है I इन्होने हमारे लिए बहुत पैसा छोड़ दिया है, हो जायेगा सब I उसने राहत की साँस ली I
हमें पता चला है आपकी नैना सिंह से लड़ाई हुई थीं I
वह थोड़ी हैरान हुई और फ़िर सोचते हुए बोली,
मुझे उसका चाल-चलन सही नहीं लगता था, उसकी बुरी नज़र मेरे पति पर थीं I रुद्राक्ष और शिवानी ने उसे घूरकर देखा, मानो उसकी कहीं बात को हज़म नहीं कर पा रहें हो I