कॉंन्ट्रैक्ट मैरिज - 20 Mini द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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कॉंन्ट्रैक्ट मैरिज - 20



अक्षा का ऑडिशन में सलेक्शन से बहुत खुश थी उसे याद नहीं था कल शाम विक्रम ने उससे बतमीजी किया था ...

अगली सुबह


रणविजय एकदम सुबह ही सिंगापुर से भारत पहुंचे और अपने विला आया वो बहुत खुश था कि दो दिन बाद अक्षा से मुलाकात होगी सोचकर जब वो घर के दरवाजे पर कदम रखा तो उसके दिल कि धड़कन तेज थी पता नहीं कैसे पर आजकल अक्षा के याद आने मात्र से उसके दिल के धड़कन तेज होती है वो हॉल में आया और सोफे पर बैठा सिराज उसका पर्सन सेक्रेटरी रणविजय के लगेज लेकर अंदर आया और आज कि शेड्यूल बताने लगा कि आज दोपहर कपूर के साथ एक मीटिंग है

रणविजय ने सिर हिला कर कहा " ठीक है ,अभी तुम भी फ्रेश हो जाओ फिर हम ऑफिस में मिलते हैं ..सिराज से टोनी ने लगेज लिया और रणविजय के कमरे में लगेज रखने चला गया रणविजय ने अपने फोन पर ईमेल चेक किया और अपने कमरे कि ओर चला गया...

कुछ देर बाद


रणविजय तैयार होकर डायनिंग टेबल पर आया तो देखा अभी भी अक्षा कमरे से बाहर नहीं आई है जबकि आज रणविजय ही बहुत लेट समय से चल रहा था जो कि अक्षा का समय था मतलब नौ बजे
थे ...

टोनी नाश्ता लेकर आया और डायनिंग टेबल पर रखने लगा तो ..

रणविजय ने पूछा बेताबी से "टोनी अक्षा अभी तक डायनिंग टेबल पर नहीं आई और ना घर में उसकी गुनगुनाने कि आवाज है घर बिल्कुल शांत लग रहा है अक्षा को कॉलेज जाने में लेट नहीं हो रहा है..??

टोनी के हाथ पैर फूलने लगा कि वो क्या बताए पर बताना तो पड़ेगा ही उसने धीरे से हिम्मत जुटाई और बोला" सर अक्षा मैम घर नहीं है ...

रणविजय जो प्लेट पर नाश्ता परोसने पर ध्यान दें रहा था वो टोनी को घूर कर देखा उसे समझ नहीं आया अभी अभी टोनी ने क्या कहा , फिर उसने बात दोहराने को कहा...

टोनी ने आंखें नीची करके बोलने लगा " सर अक्षा मैम घर पर नहीं है आप जिस दिन गये उसके दूसरे दिन मैं शाम यहां घर पर नहीं था बहन के बेटे का जन्म दिन था बहन के जिद़ से चला गया उसी शाम विक्रम सर यहां आए थे उसने मैम से बदतमीजी किया तो वो उसी रात को ही घर छोड़ कर चली गई जो अभी तक नहीं आई मैंने मैम को बहुत कॉल किया मैम कोई जवाब नहीं दे रही है ..!!

रणविजय के आंखों में खून उतर आया था टोनी की बात सुनकर उसे महसूस हुआ कि उसके शरीर जल रहा है और दिल पर हजारों सुईयों को एक साथ चुभो दिया है , रणविजय गुस्से से उठ खड़ा हुआ और घर से निकाल गया अपने मर्सिडीज बेंज पर बैठ गया और ड्राइविंग करते फोन किया रिंग गया तो सिराज ने फोन उठाया और हेलो बोला

मैं रणविजय ...सिराज तुम विक्रम इस वक्त कहां है पता करो मैं उसके ऑफिस जा रहा हुं शायद मुझे अपने ऑफिस आने में देरी हो तुम जल्दी बताओ विक्रम कहा है , उसने फोन डिस्कनेक्ट किया बोलकर ..!!


सिराज ने अपने सोर्सिंग से पता किया तो विक्रम अपने ऑफिस पर था अभी बहुत जरूरी मीटिंग करने के लिए कुछ कंपनियों के डायरेक्टर के साथ ...सिराज ने फोन पर मैसेज भेज दिया रणविजय को ..!!

इधर ...

विक्रम अपने बिजनेस सूट पहने मीटिंग हॉल में इंट्री किया और मदन अपने पर्सनल सेक्रेटरी से फाइल के बारे में जानकारी ले रहा था फिर लोगों का आना शुरू किया सब आते जा रहे थे और विक्रम को अभिवादन करके अपने सीट पर बैठने लगे ....

रणविजय कि गाड़ी कंपनी के मेन गेट पर खड़ी किया और बेहद गुस्से से अपने कोट निकाल कर गाड़ी के पैसेंजर सीट पर रखा फिर वो गाड़ी के दरवाजा खोला और अपने कलाई के कॉलर मोड़ते हुए मीटिंग हॉल के तरफ कदम बढ़ाते जाने लगा लंबी डग भरते हुए ..!!

विक्रम सबसे मुस्कुराते हुए बातचीत करने लगा था उसे ज़रा भी खबर नहीं थी उसके साथ क्या होने वाला है ..!!

रणविजय ने दरवाजे को अपने पैर से धक्का मारा और खुला तो तेज आवाज से सबका ध्यान दरवाजे के तरफ गया एक पल के लिए वहां पर के सभी सदमे में चला गया ..!!

विक्रम भी पलटकर देखा तो वो रणविजय के चेहरे का एक्सप्रेशन देखकर शॉक्ड हुआ और शून्य में चला गया उसे कुछ भी नहीं सुझा वो बस रणविजय को देखता ही रहा ..!!

रणविजय विक्रम के पास आया और रौबीले आवाज में बोला " तुझे यहीं सबके समाने मार खाना है या बाहर चलकर डिसाइड तुम करो , वो मारने के लिए ऐसा पूछ रहा था जैसे उसे डिनर इन्वाइट कर रहा हो ..!!

विक्रम तो रणविजय के कोल्ड आंखों को देख रहा था वो चुपचाप खड़े हुआ अपने गाल पकड़कर , रणविजय के चेहरे पर सख्ती को देखकर विक्रम के मुंह से कुछ भी नहीं निकल रहा था ..

रणविजय ने आखिरकार वॉर्निग दिया और बोला" तुम्हें तुम्हारे कर्मों का सज़ा यही चाहिए ठीक है वो पहले तो विक्रम के सामने पीठ किया फिर जोरदार घुमाकर एक मुक्का विक्रम के जबड़े पर दिया ...

विक्रम दूर जाकर गिरा उसका मुंह खून ही खून से भर गया..


वहां आए सारे कंपनी के डायरेक्टर घबराने लगे और दौड़कर भागने लगे विक्रम और रणविजय को देखकर वो शोरगुल करने लगे..!!

रणविजय आज ग्रेनेड बम के समान लग रहा था जब जब वो गुस्से से फटा तो विक्रम पर जबरदस्त वार कर रहा था जब विक्रम अधमरा हुआ तो फिर गुस्से से विक्रम के शर्ट के कॉलर पकड़ कर वॉर्निग दिया " ये सज़ा अक्षा के साथ बदतमीजी करने कि है जो बहुत कम सज़ा मिली है जिस दिन तू किसी को परेशान करते दिखा तो उस दिन तेरा इस चकाचौंध के दुनिया में आखिरी दिन होगा याद करके रखना तेरी हर कदम पर अब मेरी नज़र रहेगी ,वो बोलकर पटक दिया और जाने लगा ..!!


इधर ..

अक्षा के कॉलेज में डिस्प्ले बोर्ड में सूचना आया कि ऑडिशन में अक्षा देसाई को चुना गया है सोलो सॉग के लिए...

सक्षम ग्रुप अपने क्लास रूम में इसी बात पर चर्चा कर रहे थे ...

साहिल ने कहा " सक्षम ये ग़लत है हमारे ग्रुप तो ऑडिशन में अच्छा प्रदर्शन किया था जबकि अक्षा देसाई तो पहले ही निकल गई थी..!!

उदय ने कहा गुस्से में" हां सक्षम अब दोस्ती निभाने का दिन उस अक्षा देसाई को है उसे जाकर बोल वो छोड़ कर चली जाए हमारे जगह से हमारा बैंड ही एलबम के लिए गाना प्लेय करेगा वो नहीं ..!!

सक्षम ने कहा " हूम्म...बात सही है चाहे तो अक्षा हमारी बैंड में फिमेल वाइस में कोलेब्रेशन कर सकती है पर मौका नहीं छिन सकती इसलिए पहले मुझे बात करना होगा वो बोलकर जाने लगा...


अक्षा और हिना डिस्प्ले बोर्ड के पास से अपने क्लास रूम के तरफ बढ़ रही थी और सक्षम उन दोनों के सामने आकर खड़े हुआ ...


इधर ...

रणविजय गुस्से से लंबे डग भरते हुए अपने केबिन कि ओर प्रवेश कर रहा था और सिराज जस्ट उसके पीछे पीछे चल रहा था रणविजय के बातों को सुन रहा था " सिराज अक्षा कहां है किस हालत में है उसका पता करो जैसे ही पता चले मैं उससे मिलना चाहुंगा समझ आया ये काम जल्दी हो तो अच्छा है मैं आज के आज ही मिलना चाहता हुं और विक्रम पर नजर रखो ...

कहानी जारी है....