कॉंन्ट्रैक्ट मैरिज - 19 Mini द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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कॉंन्ट्रैक्ट मैरिज - 19



पुलिस गश्ती टीम ने एक्सिडेंट हुई गाड़ी को देखी और दूर जाते गाड़ी के पीछे पीछे आई और ट्रैफिक सिग्नल पर अजान की गाड़ी को रोक लिया चुंकि अजान शहर बड़े बिजनेसमैन था और बड़े खानदान से था तो पुलिस टीम ने शराफ़त से बात किया तो अजान ने भी थोड़ी शरफात दिखाई और गाड़ी के पीछे एक्सिडेंट लड़की को हॉस्पिटल ले जाने की बात कहा ....

पुलिस टीम अजान के गाड़ी के पीछे गई हॉस्पिटल ....
" डॉक्टर हुसैन के नर्सिंग होम आकर अजान की गाड़ी रुकती है साथ ही पुलिस की गाड़ी भी ...

डॉक्टर हुसैन तो पुलिस देखकर चौंक गए पर वो डॉक्टर है उसे हेडल करना आता था उसने अपने डॉक्टर और वार्ड बॉय ,नर्स के साथ स्ट्रेचर लिए खड़े थे ,ये उस जगह पर थे जहां वीआईपी का आना जाना था ,वो जल्दी से अजान के गाड़ी से लड़की को निकाले और स्ट्रेचर पर लेटाया डॉक्टर हुसैन ने नब्ज और टटोले धड़कन सुने फिर बोले ओटी में ले चलो पेशेंट को फिर डॉक्टर हुसैन अजान को देखकर कहा "अजान मियां पेशेंट गंभीर मालूमात होता है ये पुलिस केस है तुम सारी र्फोमालिटी पूरी करो मैं ओटी में हुं उसने पुलिस को देखकर बोला ...

ओटी स्टार्ट हुआ ....

अजान ने हॉस्पिटल के फार्म फिलिप किया पुलिस ने भी अजान के स्टेटमेंट लिया पेशेंट के बारे में ..!!


रात आधी होने को आई थी अजान के पास फोन आया स्क्रीन देखा तो आंखें चौड़ी हुई और फोन उठाया और बोला"असला वालेकुम भाई जान ...

फोन के दूसरे तरफ से आवाज आई"वालेकुम सलाम .. अजान कहां है आप क्या आपको घरवालों कि फ़िक्र नहीं है जब देखो काम को गले लगाएं रहते हो दादी अम्मी परेशान हैं खाला जान परेशान हुई आपकी भाभी जान सुरैया बेगम को बुरा लगा , नरगिस को आपके आने का बेसब्री से इंतजार था , अब्बा जान परेशान थे इतनी बड़ी जश्न का माहौल था बस कमी आपकी थी सभी मेहमानों को भी आपकी कमी ना गुजार लगी ..!!

अजान ने नॉर्मल शब्दों में कहा "सॉरी भाईजान हम समझ सकते हैं पर यहां भी बेहद जरूरी काम है हम घर आकर हकीकत गुफ्तगू करते हैं सब्ब खैर..!!


अजान ने पुलिस ऑफिसर से कहा एक्सिडेंट पेशेंट की सारी फारमॉलिटी कर दिया है और रिस्पॉन्सिबलिटी लेता हूं इसलिए आप लोगों से भी उम्मीद है कोशिश कीजिएगा मीडिया को इस बात पता नहीं लगनी चाहिए ..!!

पुलिस ऑफिसर ने कहा " ओके खान सर आई विल हेंडल इट् ,डोंट वरी ..!!


चार घंटे बाद सुबह का ब्रम्ह मुहूर्त था डॉक्टर की टीम ऑपरेशन थियेटर से बाहर आया तो पुलिस ऑफिसर और अजान खड़े मिले डॉक्टर हुसैन ने पेशेंट की कंडीशन बताया " अभी पेशेंट की कंडीशन क्रिटिकल नहीं है , ब्लिडिंग बहुत है इसलिए आज आईसीयू में रखना होगा होश भी आएगी तो बोल नहीं सकती फिर डॉक्टर अपने केबिन की ओर बढ़ते हुए कहा अजान मुझे आपसे कुछ बात करना है वो दोनों गये..!!


सुबह छः बजे..

मुंबई हॉस्टल में..

अक्षा अपने आप को अच्छा महसूस कर रही थी उसे रात के घटनाक्रम से उबर आई थी फिर भी डर कहीं बैठ गई थी,हिना और अक्षा तैयार होकर गाने के बारे में डिस्कस करते कॉलेज का समय हुआ और वो दोनों कॉलेज आई


रणविजय के डिजायर विला में...

टोनी काफी लेट नाइट आया था तो उसे कुछ मालूम नहीं हुआ था जब सुबह हुई और अक्षा के लिए नाश्ता का ऑर्डर दिया कूक से तो वो लोग बताए कि कल विक्रम सर आए थे और मैम के साथ बहुत बदतमीजी किया था तो मैम रात से ही कहीं चली गई है ...

टोनी परेशान था घर की जिम्मेदारी उसने संभाली है जब रणविजय सर आएंगे तो क्या जवाब दूंगा फिर उसने फोन लगा दिया अक्षा को .....

अक्षा कॉलेज के समय फोन वाइब्रेंट में रखती है इसलिए फोन नहीं उठाई ....

संगीत युनिवर्सिटी में...


कॉलेज में आज ऑडिशन का आखिरी दिन था शीतल खुराना ने दबाव दिया तो ऑडिशन के पहले राउंड में सक्षम के बैंड को बुलाया और परफोर्मेंस शुरू हुआ दो मिनट का गाना शुरू हुआ....


कभी चुप चुप रहे
कभी गाया ये करे
बिन पूछे तेरी तारीफे सुनाया ये करे
है कोई हक़ीकत तू या कोई फ़साना है
कुछ जाने अगर तो इतना के
ये तेरा दीवाना है
रे मन मेरा, माने ना मन मेरा

तुझको जो देखे, ये मुझको लेके
बस तेरे पीछे पीछे भागे
तेरा जुनून है, तू ही सुकून है
तुझसे ही बांधे दिल के धागे
मन मेरा … माने ना मन मेरा
कभी चुप चुप रहे
कभी गाया ये करे
बिन पूछे तेरी तारीफे सुनाया ये करे
है कोई हक़ीकत तू या कोई फ़साना है
कुछ जाने अगर तो इतना के
ये तेरा दीवाना है
रे मन मेरा, माने ना मन मेरा

इस गाने को अच्छा नंबर दिया जज टीम के पैनल ने , फिर बारी आई अक्षा कि तो उसने शोलो परफोर्मेंस दिया ..

गाना ....

हवा के झोंके आज मौसमों से रूठ गए

गुलों की शोखियाँ जो भँवरे आके लूट गए

बदल रही है आज ज़िन्दगी की चाल ज़रा

इसी बहाने क्यूँ ना मैं भी दिल का हाल

ज़रा संवार लूं हाय सवार लूं संवार लूं हाय सवार लूं.......

अक्षा ने आधे गाने पर रुक गई और बिना कुछ बोले ऑडिशन रूम से निकल गई..

जूरी मेंबर के पैनल अक्षा को सुनकर एक दूसरे को फुसफुसा कर बोलने लगे तो माणिक मल्होत्रा जो इस संगीत युनिवर्सिटी का ओनर था वो पैनल में बैठे थे और जजों को अक्षा का इंट्रोड्यूस किया था कि इस कॉलेज कि सबसे अच्छी आवाज कि सिंगर है लेकिन अक्षा के ऑडिशन देखकर वो सदमे था कि अक्षा कैसे ऐसा कर सकती है ....

जजों के पैनल ने सक्षम बैंड ग्रुप से कम नंबर दिया....

मिस्टर माणिक ने नंबर देखा और बिना कहें किसी को वहां से उठकर बाहर आया और आसपास खड़े स्टूडेंट्स को पूछा "सुनो अक्षा देसाई कहां है ...

कुछ स्टूडेंट्स ग्रुप में खड़े थे वो अपने उंगली से इशारा करके बताया वो रही ...


अक्षा उदास बैठी थी हिना के साथ तभी मिस्टर माणिक मल्होत्रा आया और रौबीले आवाज में पूछा " अक्षा देसाई आज तुमने जो ऑडिशन दिया है क्या तुम सेटिस्फाई हो ...??


अक्षा और हिना आवाज सुनकर जल्दी से खड़े हुए घबरा कर क्योंकि मिस्टर माणिक मल्होत्रा किसी भी स्टूडेंट्स से कभी बात करते नहीं दिखते थे वो बस मीटिंग के लिए आया करते थे बाकी अपनी म्यूजिक कंपनी में वक्त देते थे लेकिन आज तो कुछ और हो रहा है अक्षा के खराब प्रदर्शन से नाखुश मिस्टर माणिक मल्होत्रा खुद आया है पूछने ,अक्षा और हिना सोच ही रही थी माणिक ने फिर सवाल किया " मेरे सवाल का जवाब दो मिस अक्षा देसाई क्या तुम सेटिस्फाई हो अपने परफॉर्मेंस से ..??

अक्षा ने सिर झुकाकर नहीं बोली...

माणिक मल्होत्रा ने कहा " अगर तुम्हें दोबारा मौका मिला तो तुम अपने आप को साबित कर पाओगी कि तुम एक बेस्ट सिंगर हो ,और हां मैंने सुना था कि तुम अपने दादा जी की तरह अच्छा सिंगर बना चाहती हो तो मैंने ग़लत सुना था शायद है , ना ..!!


अक्षा दादाजी कि बात सुनकर याद किया वो कैसे घंटों प्रेक्टिस किया करते हैं अभी भी वो सुबह चार बजे उठकर वीणा लेकर गायन में लगे रहते हैं .. फिर कुछ दादाजी को दिए वादा याद किया .... माणिक मल्होत्रा अक्षा के कोई जवाब नहीं देने पर मायूस लौटने के लिए कदम बढ़ा दिया ... अक्षा ने फिर आत्मविश्वास से भर गई दादाजी को याद करके और फिर दौड़कर माणिक के पास आई और बोली " सर मैं गाऊंगी अपने आप को साबित करना है मुझे मैं अच्छा सिंगर हुं ...!!


माणिक मल्होत्रा के आंखों पर चमक आई जो मायूस हो गया था फिर बोला " ठीक है फिर चलो लेकिन कोई गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए समझी ...!!

अक्षा ने हल्का मुस्कुराते हुए कहा " नहीं होगी गड़बड़ी ... फिर वो माणिक के पीछे गई ...

माणिक आया और जजों को देखकर बोला मुझे मेरी स्टूडेंट को एक चांस देना है क्या आप सब राजी है ....

जजों के पैनल एक दूसरे को देखने लगे तो शीतल ने कहा " ऐसे कैसे हो सकता है हम एक स्टूडेंट के लिए नियम नहीं बदल सकते अगर एक को मौका दिया तो सबको एक एक बार मौका देना होगा ..!!

माणिक ने सपाट शब्दों में कहा" ठीक है तो मैं ये ऑडिशन को यही रद्द करता हुं और कोई स्टूडेंट की सलेक्शन नहीं होगी ये रद्द करता हुं क्योंकि मेरी नज़रों में एक भी सही सिंगर नहीं है ..!!

अब फिर सभी जज ने एक दूसरे को देखकर फुसफुसाने लगे फिर माणिक उठकर जाने लगे तो शीतल ने कहा " ठीक है हम रेड्डी है एक मौका देने के लिए मिस्टर माणिक मल्होत्रा लेकिन बाहर कोई भी बात लीक नहीं होनी चाहिए वरना स्टूडेंट्स हल्ला मचा देंगे ,शीतल के साथ सभी जजों ने हां कहा ..!!

माणिक ने आवाज दी" मिस अक्षा देसाई प्लीज़ कम और अपना परफोर्मेंस दो ...!!

अक्षा आई और ऑडिशन देने लगी ...


गाना....

साथिया.. साथिया..

पगले से दिल ने ये क्या किया
चुन लिया.. चुन लिया.. तुझको दीवाने ने चुन लिया दिल तो उड़ा-उड़ा रे आसमान में बादलों के संग

ये तो मचल-मचल के गा रहा है
सुन नयी सी धुन बदमाश दिल तो ठग है बड़ा
बदमाश दिल ये तुझसे जुड़ा बदमाश दिल मेरी सुने ना ज़िद पे अड़ा
बदमाश दिल तो ठग है बड़ा बदमाश दिल ये तुझसे जुड़ा बदमाश दिल मेरी सुने ना ज़िद पे अड़ा ओ..

अच्छे लगे, दिल को मेरे हर तेरी बात रे

साया तेरा, बन के चलूँ, इतना है ख्वाब रे

काँधे पे सर, रख के तेरे, कट जाये रात रे

बीते ये दिन, थामे तेरा, हाथों में हाथ रे

ये क्या हुआ, मुझे मेरा ये दिल फिसल-फिसल गया

ये क्या हुआ, मुझे मेरा जहां बदल-बदल गया बदमाश दिल तो ठग है बड़ा

बदमाश दिल ये तुझसे जुड़ा
बदमाश दिल मेरी सुने ना ज़िद पे अड़ा
बदमाश दिल तो ठग है बड़ा बदमाश दिल

ये तुझसे जुड़ा बदमाश दिल मेरी सुने ना ज़िद पे अड़ा

नींदें नहीं, चैना नहीं, बदलूं में करवटें तारे गिनूँ, या मैं गिनूँ, चादर की सलवटें यादों

में तू, ख्वाबों में तू, तेरी ही चाहतें जाऊं जिधर, ढूँढा करूँ,

तेरी ही आहटें ये जो है दिल मेरा, ये दिल सुना ना कह रहा यही वो भी क्या ज़िन्दगी,

है ज़िन्दगी कि जिसमें तू नहीं बदमाश दिल तो ठग है बड़ा बदमाश दिल ये
तुझसे जुड़ा बदमाश दिल मेरी सुने ना ज़िद पे अड़ा
साथिया…साथिया…


अक्षा ने परफार्मेंस खत्म किया नहीं था और सारे जजों ने तालियां बजाते हुए अपने अपने चेयर से उठे माणिक बेहद खुश हुआ वो भी ताली बजाकर खुशी जाहिर किया ,सभी जजों ने आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट दिया और सलेक्शन कर दिया ...


अक्षा खुशी से दौड़कर बाहर आई और हिना जो टेंशन में खड़ी थी उसे गले लगा लिया और कहा " हिना मेरी सलेक्शन हो गई है ...

हिना भी बहुत खुश हुई और पार्टी के लिए कहा ...

कहानी जारी है

पाठकों अजान खान की जिस लड़की से एक्सिडेंट हुआ है वो रणविजय कि बहन है अगर आप सभी पाठक चाहते हैं अजान और राधिका रावत की स्टोरी पढ़ना तो मैं पार्ट में लिखूंगी और आप नहीं चाहेंगे तो‌ नहीं लिखूंगी इसलिए कमेंट करके ओपिनियन दीजियेगा ...
धन्यवाद..