बावरी DINESH KUMAR KEER द्वारा कुछ भी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

बावरी

1.
तु कितना भी छुपा ले मुझसे मगर तेरी आँखो मे प्यार नजर आता है
तु कितन भी छुपा ले तेरे लबो पर इजहार नजर आता है
तु कितना भी छुपा ले मगर तेरी बातो मे ऐतवार नजर आता है
तु कितना भी छुपा ले तेरी साँसो मे मेरी महक आती है
तु कितना भी छुपा ले मुझसे तेरे बदन से मेरी खुशबु आती है
तु कितना भी बाँध ले जुल्फो को अपनी
मेरी बाँह मे आकर खुल ही जाती है
तु कितना भी रोक ले खुद को मेरे करीब आने से
लेकिन मेरे सामने आते ही तु मदहोश हो ही जाती है
तु चाहे कितना भी कर ले इनकार मुझसे,
तेरी आँखें मुझ से तेरी चाहत का इकरार कर ही जाती है

2.
जिदंगी है तु मेरी, आ तुझे मैं अपना बना लूँ
तरसती है बाँहे मेरी, आ तुझे मै इनमे बसा लूँ
जितने भी दर्द है सारे तेरे, मै वो सारे अपना लूँ
एक मुस्कराहट मैं फिर से, तेरे लबो पर सजा दूँ
तेरी इन आँखो मे आ कोई ख्बाब नया मै बसा दूँ
तुझे अपने सीने से लगा कर तेरी धड़कनो को बढ़ा दूँ
जिदंगी है तु मेरी आ, तुझे मै अपना बना लूँ

3.
वो मन्द - मन्द तेरा युँ छुप कर मुस्कुराना
वो दबे पांव तेरा पीछे से आकर मुझे चौंकाना
कहना तो बहुत चाहे लेकिन वो अल्फाजो का
तेरे लबो तक युं आकर लौट जाना
झलकता है आँखो में प्यार तेरा, मेरे लिये
पर वो तेरा नजरों का युँ चुराना
खामोश रहकर, कुछ ना कहना
और वो ना कहते हुए भी तेरा सब कुछ कह जाना
वो तेरा मुझे हर छोटी - छोटी बात को बताना
याद है मुझे अब तक वो तेरा मेरा फसाना
याद है वो तेरा मुझ से युँ बात - बात पर रूठ जाना
हाँ याद है मुझे वो तेरी मेरी मोहब्बत का गुजरा हुआ जमाना

4.
मेरे लव खामोश रहे
फिर भी उसने मेरी आँखों से मेरे दिल का हाल पढ़ लिया
उसने मुझे छुआ भी नही
फिर भी बिन छुए ही मुझसे प्यार कर लिया
वो मुझसे कभी मिला ही नहीं
फिर भी उसने मेरी चाहत का एतबार कर लिया

5.
चलती है सीने मे साँसे मेरी
और उन साँसो मे सिर्फ तुम समाते हो
मेरी निगाहों मे दुनियां है,
और दुनियां मे मुझे सिर्फ तुम नजर आते हो
महकती है हवाओं मे खुशबू,
और खुशबू मे मुझे तुम महकते नजर आते हो
देखती तो हुँ आइने मे अक्स मेरा
और मेरे अक्स मे मुझे तुम नजर आते हो
युँ तो तारे भी है आंसमा में
मगर मुझे सिर्फ चाँद,और चाँद मे तुम नजर आते हो
ना जाने ये मेरी निगाहों का है कसुर
या है तेरी यादों का वजुद
रहते हो मुझसे दुर कहीं
पर फिर भी मुझे सामने सिर्फ तुम ही नजर आते हो

6.
दर्द बन कर दिल मे ना जाने छुपा कौन हैं
रह - रह कर इस दिल मे ना जाने चुभता कौन है
आँखे भी भर आती है बात - बात पर मेरी ना जाने इनसे आँसु बन कर बहता कौन है
सिसकियाँ है अब यादो मे मेरी, ना जाने याद बन कर मुझ मे रहता कौन है
आइने जैसा हो गया अब दिल ये मेरा
एक तरफ दिल है तो एक तरफ आइना
देखना ये है कि इस बार पहले टूटता कौन है

7.
माना तुझ से दुरी है
माना तुझ से दुरी है
पर तेरे ख्यालो से ही तेरे पास होने का एहसास कर लेती हुँ
कौन कहता है कि मोहब्बत नजदिकियों से ही पुख्ता होती है
कौन कहता है कि मोहब्बत नजदिकियों से ही पुख्ता होती है
हमने तो तुम्हे दुर से ही चाह कर मिसाल कायम कि है
लोग तो बेवजह कहते है कि काश तुम पास होते
लोग तो बेवजह कहते है कि काश तुम पास होते
कोई हमसे भी तो पूछे कि जो मजा काश मे है
वो पास मे कहाँ