The Author Purnima Kaushik फॉलो Current Read एक बेटी के लिए क्या होते हैं पिता ..... By Purnima Kaushik हिंदी महिला विशेष Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books मंजिले - भाग 14 ---------मनहूस " मंज़िले " पुस्तक की सब से श्रेष्ठ कहानी है।... आई कैन सी यू - 53 (अंतिम भाग) अब तक कहानी में हम ने देखा कि लूसी कुछ बीती यादें भूल गई थी... नफ़रत-ए-इश्क - 15 श्लोक जानवी को ताने मारते हुए मुडकर जाने को हुआ के एकदम सामन... डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 82 अब आगे,उस आदमी की बात सुनकर अब रेहान के चेहरे पर एक टेड़ी मु... नशे की रात - भाग - 6 राजीव को इस तरह देखकर अनामिका का दिल टूट गया। सुहाग रात के स... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी शेयर करे एक बेटी के लिए क्या होते हैं पिता ..... 1.2k 3.4k 1 एक बेटी जब इस दुनिया में जन्म लेती है तो सबसे अधिक खुशी, उसके पिता को होती है। बेटी का जन्म होने पर एक पिता अपनी बेटी सबसे पहले गोद में उठाना चाहता है। अपनी नन्हीं सी जान के लिए वह एक प्यारा सा नाम पहले ही सोचकर रखता हैं, और उसी नाम से वह हमेशा अपनी बेटी को पुकारता है। एक पिता हमेशा अपनी बेटी के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते हैं। अपनी बेटी की हर छोटी छोटी इच्छाओं का वह बहुत ध्यान रखते हैं। उसके कुछ भी कहने से पूर्व ही वे उसकी सारी इच्छाओं को पूरा कर देते हैं। वैसे तो माता पिता के लिए उनकी हर संतान समान होती हैं। वो अपने सभी बच्चों को बराबर ही प्यार करते हैं। लेकिन पूरे घर में एक बेटी का स्थान का अलग ही होता है। एक पिता जब बाहर काम से थक कर घर आते हैं, तो अपनी बेटी के साथ बातें करने पर, उसके साथ खेलने पर वे अपनी सारा दिन की थकान को भी भूल जाते हैं। एक पिता ही अपनी बेटी का सबसे अच्छा मित्र होता है। जिनसे वह अपने जीवन की बातें, विशेषकर अपने करियर और लक्ष्य सिद्धि की बातें भी वह अपने पिता से करती हैं।अपने पिता के स्वप्न को साकार करने के लिए वह अपना एक लक्ष्य निर्धारित करती हैं। उन्हीं के आदर्शों और संस्कारों को वह अपने जीवन में उतारकर वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकने में सफल रहती हैं। एक बेटी के सफल होने पर पिता ही होते हैं, जो उसके लिए सर्वाधिक खुश होते हैं। वे अपनी बेटी को इस काबिल बनाता है कि वह अपने पैरों पर स्वतंत्र रूप से खड़ी हो सके। वह अपनी सफलता की कहानी को, अपने लक्ष्य प्राप्ति को सबसे पहले अपने पिता के साथ बांटना चाहती हैं। वह चाहती है कि वो अपने पिता की सभी परेशानी को दूर कर सके। इसके लिए वह सदैव ही चिंतित रहती है। एक बेटी के जब विवाह का समय धीरे धीरे निकट आता है, तो एक पिता भले ही अपनी बेटी के विवाह की तैयारी में लीन रहते हैं, लेकिन वह मन ही मन अपनी बेटी के दूर जाने के बारे में चिंतित रहते है। बेटी को विवाह होने के बाद उसके नए घर में उसे कोई समस्या न आए, इसके लिए वे अपनी बेटी के लिए एक अच्छा और उचित वर ढूंढते हैं। ताकि हमेशा वह हसती और मुस्कुराती रहे। अपनी बेटी को यदि एक पिता दुखी और परेशान देख लेते हैं तो वे उसे उस परिस्थिति से निकालने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं।एक बेटी के लिए उसके पिता उसके सबसे अच्छे मित्र होते हैं। जो उसकी हर इच्छा को बिना कहे ही पूर्ण करने का प्रयास करते हैं। कभी भी, कहीं भी, किसी भी परिस्थिति में अपनी नन्ही सी जान को हर हाल में खुश देखना चाहते हैं, एक पिता। उसके भविष्य के लिए क्या उचित है यह सब एक पिता से बढ़कर भला और कौन जान सकता हैं। अपनी बेटी को बड़े ही लाड प्यार से रखते हैं, एक पिता। उसके कोई दुःख न हो इसका बहुत ही ख्याल रखते है, एक पिता। इसलिए तो अपने पिता की सबसे लाड़ली होती हैं, बेटियां। साथ ही अपने पिता का गर्व, उनका गुरुर और स्वाभिमान होती हैं, बेटियां ....... Download Our App