The Author Purnima Kaushik फॉलो Current Read मेरे प्रभु श्री राम आए हैं ...... By Purnima Kaushik हिंदी आध्यात्मिक कथा Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books निलावंती ग्रंथ - एक श्रापित ग्रंथ... - 1 निलावंती एक श्रापित ग्रंथ की पूरी कहानी।निलावंती ग्रंथ शोहरत का घमंड - 102 अपनी मॉम की बाते सुन कर आर्यन को बहुत ही गुस्सा आता है और वो... मंजिले - भाग 14 ---------मनहूस " मंज़िले " पुस्तक की सब से श्रेष्ठ कहानी है।... आई कैन सी यू - 53 (अंतिम भाग) अब तक कहानी में हम ने देखा कि लूसी कुछ बीती यादें भूल गई थी... नफ़रत-ए-इश्क - 15 श्लोक जानवी को ताने मारते हुए मुडकर जाने को हुआ के एकदम सामन... डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 82 अब आगे,उस आदमी की बात सुनकर अब रेहान के चेहरे पर एक टेड़ी मु... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी शेयर करे मेरे प्रभु श्री राम आए हैं ...... (2) 1.8k 4.4k 22 जनवरी का अत्यंत खुशियों से भरा दिन था, जिसका इंतजार अनेक वर्षों से भारत का प्रत्येक नागरिक कर रहा था। इस शुभ अवसर का इंतजार न जाने कितने वर्षों से सभी राम भक्त कर रहे थे। हमारे पूर्वज जिन्होंने इतने सालों से इस दिन का इंतजार किया था वह अब हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उन सभी का भी इंतजार और प्रयास कल सफल हुआ। प्रभु श्री राम के आगमन से पूरा देश रोशनी से सराबोर हो गया। श्री राम के आगमन से पूरे देश में एक बार फिर से दीपोत्सव मनाया गया। देश के अन्य हिस्सों में कई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। कलश यात्रा, भजन कीर्तन, हरिनाम संकीर्तन किए गए। 22 जनवरी पर ऐसा आभास हो रहा था जैसे यह सम्पूर्ण भारत राममय हो गया है। हर ओर श्री राम नाम की गूंज थी, हर ओर, चारो दिशाओ में प्रभु श्री राम के नाम का जयघोष कानों में पड़ रहा था। ऐसा सुखद अनुभव दीपावली पर शायद ही देखने को मिले। सुबह से ही सभी देशवासी श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का इंतजार कर रहे थे। प्रभु श्री रामलला के मन्दिर के गृभगृह में विराजमान होने का इंतजार था और जब लोगों ने प्रभु श्री रामलला के दर्शन किए तो उन क्षणों को शब्दों में बयां कर पाना संभव नहीं है। वो क्षण अभूतपूर्व थे, प्रभु श्री रामलला को देखते ही ऐसा लग रहा था जैसे सच में अयोध्या के राजा श्री राम हमारे समक्ष आ गए हों। उनको एक बार देख लेने से मन नही मानता, इच्छा होती हैं कि प्रभु श्री रामलला को बार बार निहारा जाए। प्रभु श्री राम आदर्शों को शब्दों में बयां कर पाना आसान नहीं है। लेकिन उनके आदर्शो को अपने जीवन में उतारने का प्रयास हमें अवश्य करना चाहिए। प्रभु श्री राम अयोध्या के ही नही बल्कि सम्पूर्ण ब्रह्मांड के अधिपति हैं। श्री राम ही इस सम्पूर्ण सृष्टि के रचयिता हैं, उन्हीं से यह समस्त विश्व जीवन्त हो रहा हैं। 22 जनवरी को प्रभु श्री राम के आने से यह देश अब फिर राममय हो रहा है। हर ओर केवल एक ही ध्वनि सुनाई देती हैं...... जय जय श्री राम..... जय जय श्री रामअयोध्या नगरी कई दिनों से फूलो से सज रही थी और प्रभु श्री राम के आने का इंतजार कर रही थी। प्रभु श्री राम 22 जनवरी को एक लंबे समय के बाद अपने महल में विराजमान हो गए हैं। उनके आगमन से सारा देश रोशनी से नहा गया है। चारों ओर बस प्रभु के आने की खुशी ही दिखाई देती है। अब हर राम भक्त एक बार अयोध्या नगरी जाना चाहता है और वहां श्री राम मंदिर में प्रभु श्री रामलला के दर्शन करने के लिए बहुत ही उत्सुक हो रहा है। हो भी क्यों न आखिर हम सबके अति प्रिय श्री रघुनंदन, कौशल्या नन्दन श्री राम, दशरथ नन्दन श्री राम, सियापति राम, अयोध्या नगरी के राजा प्रभु श्री राम , भीलनी (माता शबरी) के राम, हमारे श्री राघवेन्द्र सरकार आ गए हैं महल में। भए प्रगट कृपाला, दीन दयाला कौशल्या हितकारीहर्षित महतारी, मुनिमन हारी, अद्भुत रुप बिचारी 🙏 Download Our App