अपने जीवन को खुलकर जीना सीखो...... Purnima Kaushik द्वारा प्रेरक कथा में हिंदी पीडीएफ

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अपने जीवन को खुलकर जीना सीखो......

आते रहते हैं जीवन में सुख दुःख ऐसे, जैसे आई हो ठंड में सुनहरी धूप के बाद घनेरी धुंध और सुख ऐसे आते हैं कि भीषण गर्मी में, तपाती धूप में बरस रहे हो मेघ गरज गरज कर। इन सुख दुःख के मौसम से हमे आखिर घबराना क्यों...... ये तो आते हैं दिन रात की तरह। जीवन में सुख दुःख का होना भी अनिवार्य होता है। इनके आने से ही तो मानव लोहे सा मजबूत बनता है। हमने अपने जीवन में ऐसी अनेक कहानियों , उपन्यासों, कवि,ताओं और गीतों में विभिन्न साहसी वीरों और वीरगनाओ की गाथाएं सुनी हाेगी। इन कहानियों में हम उनके अदम्य साहस, अभूतपूर्व शौर्य और किसी भी परिस्थिति में कभी हार न मानने का जुनून से परिचित होते है। हम खुद को उनके जैसा ढालने का प्रयास करते हैं। हम चाहते हैं कि अपने जीवन में एक दिन हमारे परिश्रम से भी लोग परिचित हो। इसके लिए हम निरंतर प्रयासरत रहते हैं और अपने जीवन के छोटे छोटे पलो को जीना ही भूल जाते हैं।

अथक प्रयास और सबसे आगे निकलने की इस दौड़ में हम अपने जीवन में कभी कभी हंसना ही भूलना जाते हैं और जीवन में सदैव हंसते रहना और लोगो को खुश रखना अत्यंत आवश्यक है। कहते हैं न कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। अर्थात हमारा मन खुश होगा तो हमारा शरीर भी स्वस्थ रहेगा। हां, यह पूर्णतः सत्य है कि अपने लक्ष्य को पाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए। कभी न थकना,कभी न रुकना यही तो जीवन का मूलमंत्र है। इसी से ही हम जीवन में अपने लक्ष्य को प्राप्त कर पाते हैं।

अकसर देखा जाता है कि लोग जीवन में आने वाली विभिन्न निराशाजनक परिस्थितियों से बहुत ही जल्दी भयभीत हो जाते हैं और कभी कभी इतना अधिक विचलित हो जाते है कि अपने जीवन को समाप्त कर लेने की ठान लेते हैं। लेकिन यह तो किसी समस्या का हल नहीं। ईश्वर ने हमें यह मानव जीवन दिया है और हमे इस काबिल बनाया है कि हम कुछ भी कर सकते हैं। मनुष्य ही तो है, जो असंभव को संभव बनाने का प्रयास करता है। यदि हमारे पास यह शक्ति है तो हम परेशान क्यों हो..... मृत्यु तो एक दिन सभी को आनी है। मृत्यु कब किस तरह से आ जाय, यह कोई नहीं जानता सिवाय ईश्वर के। लेकिन जब यह तक जीवन है तब तक खुश रहें, स्वस्थ रहें और खुलकर जीए।

पल-पल, डगर डगर, हर दिन नई समस्या घेरे हुए रहती है, लेकिन इनसे घबराना नहीं, डगमाना नही। ये जीवन बड़ा अनमोल है इसे यूं ही गवांना नही। सपनो को साकार करने की चाह में, खुद को मजबूत बनाना, खुद को उन लक्ष्यो तक जिन्हें पाने के लिए अथक प्रयास किया गया, लेकिन अपने जीवन का विशेष ध्यान रखना। अपने मस्तिष्क को स्वस्थ बनाए रखने के लिए अच्छी अच्छी कहानियां पढ़ना, अपने मित्रों तथा परिवार के साथ कुछ समय व्यतीत करना और अच्छी पुस्तकें पढ़ना। विशेष रूप से गीता, जो व्यक्ति को बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान भी खोज निकलती हैं। यदि गीता में भगवान श्री कृष्ण द्वारा बताई गई बातो को हम अपने जीवन में उतार लें तो जीवन बहुत ही सुन्दर हो जाएगा। गीता, हमारे जीवन को एक नया रुप प्रदान करती है। जीवन में सदैव हंसते रहें और अन्य लोगो को भी हंसाने का प्रयास करिए और सदैव जपिए ......

हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ......🙏