My Toxic Love - 29 misbutterfly द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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My Toxic Love - 29

नायर रक्षित का नाम सुनकर पहले ही शॉक्ड थी अब उसे सच में खुद पर ही शर्म आ रही थी कि ये आदमी आखिर चीज क्या है ।।

ऐसा कौन सा इंसान ह जो जाकर डायरेक्ट लड़की के घरवालों से उसी लड़की के बारे में बात करता है।

ये आदमी सच में साइको ह नायर जी भर के रक्षित को कोसती ह

तभी राकेश जी वापस नायरा के हाथ से फोन लेकर साइड में रख कर उसके हाथ को अपने हाथ में लेते हुए बोलते हैं हम तुम पर कोई भी फोर्स नहीं कर रहे हैं

तुम्हें सही लगे तुम करना हम तुम्हारे साथ हैं और ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है ठीक है ,,,,

उससे आगे राकेश जी कुछ बोलते की नायरा का फोन बजने लगता है unknow नंबर देख राकेश जी फोन उठा लेते हैं ।।

हेलो कौन? तभी वहां से एक भारी आवाज आती है।

मुझे नायरा से बात करनी है

राकेश जी इस आवाज को बहुत अच्छे से जानते थे इसलिए वो नायरा की तरह फोन रखते हैं और नीलम जी को लेकर वहां से चले जाते हैं।।।

सक्सेना इंटरप्राइज,,,,,

मीटिंग रूम,,

यहां आज बोर्ड आफ डायरेक्टर्स की मीटिंग थी और सभी लोग हाजिर थे ।

जिनमें से एक मानव भी मीटिंग में शामिल हुआ था क्योंकि आज कंपनी बहुत ही बड़े प्रोजेक्ट को लॉन्च करने वाली थी जिसमें कुछ विदेशी डीलर्स भी शामिल थे आज मीटिंग रूम का माहौल कुछ अलग ही था ।।

और नायरा प्रोजेक्टर के सामने खड़ी होकर अपने हाथ हल्के रब कर रही थी उसके माथे पर हल्का ठंडा सीन था जिसे देखकर मानव के चेहरे पर एक ना धिकने वाली स्माइल थी

और वही माहिरा थोड़ी परेशान नजर आ रही थी क्योंकि जिस प्रोजेक्ट पर वो लोग काम कर रहे थे वह इंटरनेशनल प्रोजेक्ट था जिसमें बहुत से क्लाइंट आउट ऑफ कंट्री के शामिल थे ।

और कुछ जो आज इंडिया से वापस दुबई जाने वाले थे पर उन लोगों की लैंग्वेज अरबी थी और माहिरा ने एक ट्रांसलेटर को हायर भी किया था।

लेकिन वो नहीं आया था और हजारों मैसेज और कॉल करने के बाद भी वह अभी तक नहीं आया था और नही फोन pic कर रहा था।

वही मीटिंग रूम का माहौल अजीब ही तरह से बदलता जा रहा था लेकिन जैसे-जैसे टाइम बीत रहा था वैसे-वैसे मानव के चेहरे की स्माइल बढ़ती जा रही थी जिसे देखकर

मानव हल्का सा अपनी नजरें घुमा कर चारों तरफ देखता है जहां बाकी के सभी मेंबर आपस में ही खुसरूपुर में लगे हुए थे सभी के चेहरों पर नाराजगी और निराशा साफ दिखाई दे रही थी।।

साफ पता चल रहा था की करने वाला कोई और नहीं बल्कि माना है ही है

माहिरा खुद से ही बोलती हैं आई नो very well मिस्टर शेरगिल तुमने ही यह सब क्या है ना तुम बस देखते जाओ आगे मैं क्या करती हूं बोलते हुए खुद ही एक डेविल स्माइल मानव को पास करते हैं जिसे देखकर मानव माहिरा को घूरने लगता है।।।

i hope gya aapko story pasand a rahi hogi