थ्री गर्लफ्रैंड - भाग 7 Jitin Tyagi द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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थ्री गर्लफ्रैंड - भाग 7

आने वाली मुलाकातों में, मैं जैसे-जैसे उसे जानता गया, मैं उसके और करीब हो गया था। मैं उसके दर्द से जुड़ रहा था या मुझे उससे प्यार हो रहा था, मैं दोनों ही बातों से पूरी तरह अनजान था, पर एक बात "मैं पक्के तौर पर जानता था कि उसका साथ मुझे बदल रहा था।, नए रंग में रंग रहा था और उस नए रंग में ख़ुशबू उसकी थी।

उसने मुझे बताया था। कि वो चार बहनें हैं। जिनका पिता एक ही हैं। लेकिन माँ अलग-अलग हैं। उसकी अपनी माँ वर्षों पहले जब वह नौ साल की थी और बाकी दो बहने जो जुड़वा पैदा हुई थी और बहुत छोटी थी। उन्हें छोड़कर वह अपने किसी आशिक़ के साथ भाग गई थी। और पँद्रह दिन बाद पिता भी जाने कहाँ गायब हो गया था। जिस वजह से उसकी नानी उन तीनों बहनों को अपने पास ले आई थी। पर छाता ऊपर से गिरने वाली बारिश को भले ही कितना रोक लें। लेकिन बारिश के कारण सड़क पर हुई कीचड़ पैरों में लग ही जाती हैं। नानी की छत्र छाया ने उसे भले ही जंगल के बाकी जानवरों से बचा लिया हो, पर अपने घर में पल रहे आस्तीन के सांप यानी कि अपने बेटे से नहीं बचा पाई थी। उसके मामा ने अपनी शादी होने तक उसका चार साल तक लगातार रेप किया था। शादी के बाद लगातार तो रेप होना बंद हो गया था पर हो ज़रूर रहा था। उसने कई बार सोचा था। कि वो नानी से इस बारे में सब कुछ कह दें। पर बचपन से ही उसके अंदर एक डर बैठ गया था। जैसे माँ-बाप छोड़कर चले गए। ऐसे ही नानी भी उसे छोड़ देंगी। इसलिए उसने अपने दर्द पर अपने डर को हावी करके दर्द को सहने की आदत डाल ली थी। लेकिन उसने बताया कि जब वो सोलह की हुई, तब कहीं से अचानक उसका पिता एक अधेड़ उम्र की औरत से शादी करकर, उन्हें लेने के लिए आ गए, पहले तो नानी ने उसके पिता के साथ उन्हें भेजने से मना कर दिया था कि जो इंसान एक बार अपने बच्चों को छोड़कर जा सकता हैं। वो ऐसा दोबारा भी कर सकता हैं। पर जब राबिया अंधेरे कमरे में उसके साथ होने वाले दर्द के डर के कारण नानी के पास रुकने के लिए तैयार नहीं हुई। तो हार थककर नानी ने छोटी जुड़वां बहनों को अपने पास रख लिया। और राबिया को उसके पिता के साथ भेज दिया था। वो औरत जो उसकी नई सौतेली माँ बनी थी। वो उससे काफी प्यार करती थी। पर इस प्यार और दुलार को, वो राबिया को ज्यादा वक़्त तक दे नहीं सकीं। और आने वाले एक साल के भीतर ही वो एक और छोटी बच्ची को जन्म देकर मर गई। अब एक बार फिर राबिया अपने पिता और बहनों के साथ अकेली रह गई। लेकिन इस बार उसके पिता को अपनी जिम्मेदारियों के एहसास था, पर वो अपने कंधों पर पड़े इस उत्तरदायित्व को आने वाले आठ सालों तक ही निभा सकें। और वो भी एक बार फिर राबिया को अकेला छोड़कर मिट्टी की कब्र में जा कर हमेशा के लिए सौ गए।

लेकिन इस बार जो सुनामी उसकी ज़िंदगी में आयी थीं। वो उसमें खुद को और अपनी बहनों को संभालना सीख चुकी थी। पिता के मरने से चार साल पहले जब उसकी नानी मरी थी। तब वह अपनी उन दोनों जुड़वा बहनों को भी मामा के डर से अपने साथ ले आयी थी। इसलिए अब उस पर अपनी जिम्मेदारियों के साथ-साथ तीन बहनों की भी जिम्मेदारी थी। जिस वजह से उसने इन तीनों की इच्छाँए पुरी करने के लिए अपनी जरूरतों का गला घोटना शुरू कर दिया था।

राबिया की ग्रेजुएशन पुरी हो चुकी थी। और वो B.ED कर रही थी। लेकिन अचानक आयी समस्याओं की वजह से उसने अपनी पढ़ाई बीच में छोड़कर एक स्कूल में पढ़ाना शुरू कर दिया था बच्चों को पढ़ाते-पढ़ाते वह कब प्यार की भाषा पढ़ने लगी थी। उसे पता नहीं चला था। किसी भी चीज का पता ना चलना बड़ी व्यवहारिक सी लाइन लगती हैं। लेकिन देखा जाए तो ये ज़िन्दगी को सबसे ज्यादा बदलती हैं। कोई सादिक नाम का लड़का था। जिससे उसे प्यार था। वो उससे शादी भी करना चाहती थी। लेकिन बाद में उसने नहीं की, और तभी से वो अपनी तीनों बहनों के साथ अकेली रह रही हैं। मैंने कई बार पूछने की कोशिश भी की, पर उसने बताना जरूरी नहीं समझा; फिर मैंने सोचा इस सादिक के चक्कर में, मैं अपनी दोस्ती क्यों खराब करूं। इसलिए मैंने सादिक की बात को सदा के लिए जाने दिया। पर अभी हाल ही में दो दिन पहले उसने मुझे प्रपोज कर दिया।

उसने कहा, “जो मैंने तुम्हारे साथ महसूस किया। वो कभी किसी के साथ नहीं किया, तुम्हारी नज़रे मुझमें कुछ और नहीं तलाशती, वो बस एक भोलापन लेकर प्यार ढूंढ़ती हैं।“

उसके इस प्रपोजल का मैंने कोई जवाब ना देकर, बस आंखों से उस एक भरोसा दे दिया। वो मेरे इस तरह के व्यवहार के बारे में क्या सोच रहीं होगी। कि कैसा पागल लड़का हैं। जो सामने से आए प्रपोजल का जवाब नहीं दे रहा।

“ साँप सूंघ गया लड़के को, कैसा पागल लड़का हैं।

अब तक जो लड़कियों के लिए बावला होकर घूम रहा था

चुप लड़की के आगे से निकल आया, कैसा पागल लड़का हैं।, कहकर सुनील ने जोर का ठहाका लगाया।

“मेरी बात अभी तक पुरी नहीं हुई, विकास ने कहा

“बात पुरी करने की अब जरूरत भी नहीं रह गयी हैं। undevlopment bro, सुनील एक बार फिर हँसा

इस बार सुनील के हँसने पर विकास को एक खिन्न सी आ आई। और वह बोला, “बेवकूफ हैं। क्या? तु जो बार-बार मेरा मज़ाक उड़ा रहा हैं।“

सुनील, “अरे नहीं, वो तो बस यूं ही…पर ठीक हैं। तु ये जानना चाहता हैं। कि तेरे लिए कौन सी लड़की सही रहेगी। जिसे तु जाकर अपना हाल-ए-दिल बता सकें।“

विकास, “ना मुझे ये बात क्यों जाननी हैं। मैं तो इतनी देर से सत्संग कर रहा था।“

सुनील, “ ठीक हैं। नाराज़ मत हो, दे रहा हूँ। तेरी परेशानियों का जवाब; ‘तेरी जिंदगी में तीन लड़की हैं। जिनमें से रुचि को आपने प्रपोज़ किया। और उसने आपको ठुकरा दिया। लेकिन इसके विपरीत राबिया ने आपको प्रपोज़ किया। और आपने उसे कोई जवाब नहीं दिया। और रही बात तीसरी लड़की मीनाक्षी की, जो चाहती क्या हैं? ये उसे खुद नहीं पता लेकिन एक बात जो मुख्य रूप से लगातार प्रदर्शित हो रही थी। वो ये थी। कि आपको इन तीनों से कही ना कही प्यार हैं। इसलिए अगर आप मेरी सलाह माने तो घर जाए। और अलमारी में कुछ किताबें रखी होंगी। उनमें जाकर सर खपायें। और कामयाब होने की कोशिश करें। हो सके तो फिर कुछ हो जाए। आखिर, ये प्यार, इश्क़, मोंहब्बत के रास्तों पर चलना मर्दों के काम हैं। तुम इन राहों पर कहाँ भटकने के लिए निकल रहे हो’

विकास, “ हो गया खुश ये सब बोलकर, और कोई परेशानी तो नहीं हैं।……और रही बात अब प्रपोज़ करने की, वो मैं अब खुद ही संभाल लूंगा। you don’t suffer your little mind”

इतना कहकर विकास तेज़ी से अपने घर की तरफ चल दिया। और सुनील उसे पीछे से आवाज़ लगाता रहा, पर उसने उसकी नहीं सुनी।