जिन्नातों की सच्ची कहानियाँ - भाग 33 सोनू समाधिया रसिक द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

जिन्नातों की सच्ची कहानियाँ - भाग 33

जिन्न का वारिश, भाग _०२ , सोनू समाधिया 'रसिक', द्वारा -

जावेद सरपंच से घर न जलाने को कहता है। तो सरपंच जावेद को एक रात का समय देता है। और कहता है अगर सुबह होने से पहले घर से बाहर नहीं निकले तो वो सब उस घर को जला देंगे।
जावेद अपने घर पहुंच जाता है। वह अपने गले में पड़े ताबीज को चूमकर अपने घर के अंदर दाखिल होता है। उसे बहुत अजीब लग रहा था। वह घर के अंदर जाने से झिझक रहा था।
जावेद जैसे ही घर के गेट को खोलने के लिए अपना हाथ बढ़ाता है तो उसे गेट को कुरेदने की आवाज आती है। जिससे जावेद डर जाता है। बाहर का मौसम भी खराब था। जिससे कुछ ही देर में बरसात शुरू हो गई।


जावेद घर के अंदर घुस कर अपनी बहन शब्बो और अपनी बीवी फातिमा को आवाज लगाता है। लेकिन उसकी कोई नहीं सुनता।
तभी पीछे से शब्बो असलाम वालीकुम बोलती है।

जावेद, शब्बो से कहता है कि गाँव वाले अपने घर के बारे में क्या कह रहे हैं?
जावेद की नजर शब्बो के पेट पर जाती है तब जावेद को पता चलता है कि शब्बो प्रेग्नेंट है।
जावेद इसके बारे में शब्बो से पूछता है तो शब्बो कहती है कि आप मामू बनने वाले हैं? क्या आप मुझे मुबारकबाद नहीं दो गे?
जावेद को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि घर में क्या हो रहा है। तभी जावेद शब्बो से फातिमा के बारे में पूछता है तो शब्बो कहती है कि आप आराम से बैठिए वो आपको सब समझा देंगे।

तभी जावेद के कानों में किसी के रोने की आवाज पड़ती है। आवाज पास के कमरे से आ रही थी। वह कमरा बाहर से लॉक था। जावेद ताला तोड़कर अंदर जाता है तो वहाँ उसे फातिमा रस्सियों से बंधी हुई मिली। वह बोल नहीं पा रही थी। जावेद फातिमा की रस्सी खोलने लगता है तो शब्बो उसे रोकने लगती है। लेकिन जावेद नहीं मानता और फातिमा की रस्सीयां खोल देता है।

शब्बो, जावेद को यासिर से मिलाती है और कहती है कि भाई यासिर मेरे शौहर हैं। जावेद, यासिर से गुस्सा होकर कहता है कि मेरी मर्ज़ी के खिलाफ तुम शब्बो से कैसे शादी कर ली और शब्बो से कहता है कि तुमने अपनी भाभी को जानवरों की तरह बांध कर कमरे में डाल दिया।
जावेद गुस्से से यासिर पर हाथ उठाता है तो शब्बो उसे रोक देती है और कहती है कि आप हमें अकेला बेसहारा छोड़ गए थे तब यासिर ने हमें सहारा दिया था। सब आपकी ही गलती है।
यासिर शब्बो को रोक देता है।

यासिर जावेद के गले में ताबीज देखता है। तो वह जावेद से कहता है भाई जान आप बहुत थके हुए हैं सो जाइए और वह ऎसा कहते हुए जावेद को सुला देता है और शब्बो से जावेद के गले से ताबीज निकालने की कहता है। शब्बो जावेद के गले से ताबीज निकाल देती है।
उसी रात जावेद की आँख एक डरावने सपने से खुल जाती है।

कहानी अगले भाग तक जारी रहेगी....... (to be continued 👻 ♥️)

(©SSR'S Original हॉरर)
💕 राधे राधे 🙏🏻 ♥️