Tanmay - In search of his Mother - 16 Swati द्वारा थ्रिलर में हिंदी पीडीएफ

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Tanmay - In search of his Mother - 16

16

ज़रूरी काम

 

 

अभिमन्यु इससे पहले कुछ और कहता, उस आदमी ने फ़ोन ही काट दियाI उसने उस नंबर पर दोबारा फ़ोन किया तो वह स्विच ऑफ बता रहा है, वह  घबराता हुआ घर के अंदर घुसा, उसने देखा कि तन्मय  अपने कमरे में  बैठा हुआ, स्कूल का होमवर्क कर रहा है, तन्मय को भी पता था कि उसने आज क्या किया है, इसलिए वह अभिमन्यु के सामने आने से  झिझक रहा है । वह जानता था कि अभिमन्यु उसके कमरे में  झाँक  रहा है। मगर उसने जानबूझकर  अपनी नज़रें कॉपी में  गढ़ाए  रखी। वह परेशां होता हुआ, सोफे पर बैठ गया। उसे समझ नहीं आ रहा है कि वह  क्या करें, उसकी आँखों के सामने नैना का चेहरा आ गया। क्या उसे पुलिस को बताना चाहिए या  ख़ुद  ही कुछ करना चाहिए। उसने कुछ सोचते हुए प्रिया को फ़ोन लगा दिया। पहले तो उसने फ़ोन नहीं उठाया, मगर थोड़ी देर बाद उसका नंबर अभिमन्यु की स्क्रीम पर  फ़्लैश होने लगा। उसने झट से फ़ोन उठाते हुए एक ही साँस में  प्रिया को  सारी बात बता  दीं। यह  सुनकर  प्रिया भी हैरान  हो गई। उसने उसे समझाते  हुए कहा,

 

अभि,  जतिन अभी घर पर है। अब इतनी  रात को मैं घर से नहीं निकल सकती। कल मिलते है, क्या पता कोई मज़ाक कर  रहा हों। अभी कुछ भी उल्टा-सीधा मत करना। कल  बात करते हैं। अभिमन्यु ने भी  प्रिया की बात को समझते हुए फ़ोन रख दिया और अपने कमरे की लाइट  बंद करके सोने की कोशिश करने लगा।

 

पुलिस स्टेशन में रुद्राक्ष और शिवांगी के सामने  मालिनी बैठी हुई है। उसके चेहरे पर डर  साफ़  झलक  रहा है।

 

जी मिस मालिनी, आज शाम को आप किससे मिली थीं?

 

मैं कुछ समझी  नहीं।

 

इतनी नादान  तो आप नहीं  लगती, खैर आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि आपको  एक आदमी को पैसे देते हुए देखा गया है।

 

मालिनी के तो  होश उड़ गए। उसने खुद पर काबू  पाते हुए कहा,

 

आपको  ग़लतफ़हमी हुई है, ऐसा कुछ नहीं है।

 

रुद्राक्ष ने शिवांगी को देखा तो उसने  सख्त लहज़े में  कहा कि  हमें  और तरीके भी आते हैं।

 

मैं कह रहीं  हूँ न ऐसा कुछ नहीं है।

 

आप झूठ  बोल रही है, आपने ही नैना राठौर को किडनैप  किया है, अब  आपका उसको  मारने का प्लान है।

 

क्या ! यह  सुनते ही वह  डर  गई । यह  झूठ है, भला मैं ऐसा क्यों  करूँगी?

 

क्योंकि आपका और मिस्टर सिंह का अफेयर चल  रहा है।

 

वो मेरे अच्छे दोस्त है।

 

कितने अच्छे ? रुद्राक्ष ने सवाल  किया।

 

आप अपनी हद में  रहें, मैं एक  शरीफ और शादीशुदा  औरत हूँ।

 

शादीशुदा औरत पराए आदमी के साथ  होटल में अपना  जन्मदिन मनाती फिरती है।

 

वह पुलिसवालों को हैरानी से देखने लगी।

 

हमें  सब  पता है, अब आप बताए कि  नैना कहाँ है/

 

मुझे नहीं पता।

 

वो आदमी  कौन था, जिससे आप मिली थीं।

 

कौन सा आदमी?

 

आप मेरे सब्र का इम्तिहान ने  लें, अब रुद्राक्ष  खड़ा हो गया।

 

उस  कमरे के बाहर  बैठा हुआ राजीव भी परेशान  हो रहा है। हरिलाल ने उससे कहा, साहब आप वकील बुलवा लीजिए आपकी धर्मपत्नी तो लम्बा अंदर जाएगी।

 

क्या मतलब ? यह  मामूली  पूछताझ ही तो है। उसने अपने मुँह में  रखे पान को चबाते हुए कहा, आपको लगता है कि  सिर्फ़  मामूली  पूछताझ है। उसने हँसते हुए कहा, आपको नहीं पता कि आपकी पत्नी आपके पीछे क्या-क्या गुल खिला रहीं  है। हरिलाल ने उसे सारी  बता दीं।  अब  राजीव ने गुस्से में अपनी मुट्ठी भींच ली। 

 

अंदर मालिनी अब भी इंकार करती रहीं कि वह कुछ नहीं जानती । जब रुद्राक्ष को लगा कि  घी सीधी ऊँगली से नहीं निकलेगा तो उसने  आखिरी दाँव  फेंकते हुए  कहा, ठीक है मालिनी जी आप  एक रात लॉकर  में काटें, सुबह तक आपका मन बदल जाए तो बता देना, वरना  आपको हमेशा के लिए अंदर करने का रास्ता भी हम  पुलिसवाले जानते हैं। मालिनी ने यह  सुना तो उसके पैरो तले ज़मीन खिसक  गई। अब दोनों  उठकर  जाने लगे तो मालिनी रोते  हुए  बोली,

 

सर मैं बताती हूँ। रुद्राक्ष ने बैठते हुए कहा,

 

बताए!!!!!!!

 

वो पीटर था।

 

कौन पीटर?

 

वो दलाल  है, ज़मीन दिलवाता है ।

 

मतलब ?

 

मैंने एक मकान   देखा था, सब कुछ फाइनल  हो गया था।  मगर आख़िरी  मौके पर वो बुढ़िया ने मना कर दिया।  अब  वो मरने को पड़ी है, मैं  उससे यहीं कह रहीं  थीं कि  जैसे  वो मरे मुझे बता दें ताकि  मैं  वो मकान  ले लूँ और उसे उसकी आखिरी  किश्त भी दें  दूँ।

 

उसके घर में  कोई नहीं है, क्या? जो वो तुम्हें अपना मकान देंगी।  

 

नहीं, वह अकेली रहती है, पहले कह रही थीं कि  मरने के बाद तुम ले  लेना।  आधे पैसे भी दिए थें।  मगर उसने वापिस कर दिए और अब कहती है कि  नहीं देना। 

 

तो ? आप उसके मकान पर कब्ज़ा करना चाहती थीं?

 

 उसका  कोई है नहीं मकान, मेरे काम  आ  जायेगा।  हम ऊपर वाले फ्लोर पर रहते और  नीचे  मैं अपनी  बेकरी  लगाती। बस यहीं  बात है, मालिनी फूट-फूटकर  रोने लगी। 

 

यह  बात तो आप  पहले भी बता सकती थीं।

 

मैं डर  गई  थीं, देखा जाए  तो यह ग़ैरक़ानूनी है। 

 

रुद्राक्ष ने गहरी साँस ली और पीटर का नंबर माँगा ।  थोड़ी देर  में  पीटर भी पुलिस स्टेशन हाज़िर हुआ और उसने भी वहीं  बताया, जो मालिनी ने बताया था।  शिवांगी ने उसका  बैकग्राउंड चेक किया।  उस  बुढ़िया से बात की तो उन्हें यकीन हो गया कि  मालिनी सच कह रहीं हैं। 

 

सुबह के सात बजे मालिनी को घर जाने दिया गया। राजीव ने पुलिस से पूछा कि  उनको यह  खबर किसने दी? हमारी  नज़र आपकी पूरी सोसाइटी पर है। आपने भी कुछ  छुपा रखा है तो बता दें। राजीव ने घबराते हुए कहा, "कैसी बातें कर रहें है, आप ?  हम  शरीफ़  लोग है। 

 

वो तो दिख  रहा हैं।रुद्राक्ष के मुँह से यह सुनकर मालिनी झेंप गई ।

 

घर पहुँचते ही राजीव मालिनी पर चिल्लाने लगा, "तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है क्या? तुम किन चक्करों में  पड़ी हुई  हो। तुम्हें  क्या ज़रूरत थीं, यह   सब करने की।  उसने मालिनी का मुँह पकड़कर उसे सोफे पर धक्का दे दिया। मालिनी ने अब  चिल्लाना शुरू कर दिया। तुम्हें कभी मेरी फिक्र होती है? न तुम्हारे पास मेरे  काम के लिए पैसे होते हैं।

 

काम काम काम ! भाड़ में  जाए , तुम्हारा काम।

 

इतना बड़ा मकान लेकर कौन सी  बिज़नेस वुमन  बन जाऊँगी और तुम उस  कमीने अभिमन्यु के  साथ अपना बर्थडे मना रहीं  थीं।  अब उसने  मालिनी के बाल  पकड़ लिए। छोड़ो मुझे ! उसने  राजीव को खुद से अलग किया। 

 

हाँ मना रहीं  थीं, क्या कर लोंगे ?

 

तुम  कौन सा कम  हो, मुझे सब पता है। 

 

क्या पता है? उसने मालिनी का हाथ  मोड़ते हुए पूछा। 

 

उसने अब  राजीव को ज़ोर से धक्का मारा।  यहीं  कि  तुम उस  नैना को चुपके-चुपके  देखते  थें ।  मैंने कितनी बार तुम्हें, अपनी बॉलकनी  से उसके  बैडरूम में  झांकते हुए देखा  है। 

 

क्या बकवास कर रहीं  हों ?

 

सही  बात बकवास लग रहीं।  मैं  इसलिए इस सोसाइटी से निकलना  चाहती थीं और हाँ आईन्दा मझे हाथ लगाया तो पुलिस को बता  दूंगी कि  मेरा पति भी नैना का आशिक है।  मालिनी गुस्से में  बेडरूम में  गई और दरवाज़ा बंद कर लिया। राजीव को काँटो तो खून  नहीं । मैं तो इस औरत को बेवकूफ समझता था, मगर यह तो...... तभी उसके फ़ोन की घंटी । सर  काम हो गया, गाड़ी  का पता चल गया। राजीव समझ चुका  था कि  किस काम की  बात हो रहीं हैं।