कॉंन्ट्रैक्ट मैरिज - 16 Mini द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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कॉंन्ट्रैक्ट मैरिज - 16


कॉलेज में सारा दिन ऑडिशन के लिए अक्षा अपने नंबर का इंतजार करती रही लेकिन नंबर नहीं आया वो घर आ गई और रिहर्सल करते गाना गा रही थी अपने कमरे में चुकी शाम ही था घर में दो मेड थी पर टोनी ने सुबह ही बोल दिया था कि उसके फैमिली फंग्शन है तो वो आज रात नहीं लौट रहा है ..!!

विक्रम आज मुड खराब होने के वजह से ऑफिस में सबसे चिढ़ कर बात किया हर छोटी गलती पर एम्प्लोई के मुंह पर पेपर और फाइल मार दिया फिर पांच बजे ही वो बार में जाकर बैठ गया और शराब के बोतल से गिलास पर गिलास शराब डालकर पीने लगा था वो गुस्से में उठा और रणविजय से दो चार बात होने के मुड में बार से निकल गया डिजायर विला..!!

अक्षा कभी कमरे से लॉन आती तो कभी गाते हुए डांस करते लिविंग रूम में आती तो कभी गाते हुए स्विमिंग पूल के पानी पर हाथ डाल कर पानी को ऊपर फेंकती हुए एंजॉय कर रही थी ..!!

जैसे ही अक्षा गाना गाते लिविंग रूम के सोफे पर बैठी थी उसी समय विक्रम की गाड़ी आई और घर के दरवाजे पर रुकी ,अक्षा के गाने कि आवाज आई तो विक्रम को ताजुब हुआ और फिर भड़का नौकरों को भी कितनी आजादी दे रखा है ये रणविजय वो बड़बड़ाते हुए अंदर आया और अक्षा को डांस करते हुए सीढ़ियों पर चढ़ते देखा , विक्रम के लिए शॉकिंग था और नशा पूरा उड़ गया और सोचने लगा रणविजय ने किसे अपने घर में रखा है कौन है वो ..??वो युनिफॉर्म में नहीं है और ना किसी नौकर कि इतनी हिम्मत कि वो इस घर में जैसे चाहे रहे वो कौन है मुझे जानना है वो सोचकर ऊपर गया !!

अक्षा अपने कमरे कि दरवाजा बंद नहीं किया था और बिस्तर पर पेट के बल लेटने हुए अपने गाने में खोई थी और वो एक फ्रॉक पहनी थी और अपने दोनों पैरों को ऊपर की ओर मोड़ें लेटी थी..!!

विक्रम अक्षा कि आवाज सुनकर अक्षा के कमरे में आ गया और अक्षा के गोरे गोरे पैरों को देखा तो उसके शरीर का तापमान बढ़ गया और सोचने लगा,"ये नौकरानी तो नहीं हो सकती तो कौन है ये कहीं रणविजय ने अपने ऐश के लिए कोई लड़की रखी होगी वैसे भी इस घर में कोई आता जाता नहीं है तो एक रखैल रखने में क्या जाता है , उसके मन में गंदे ही विचार आने लगा था और अक्षा को बिस्तर पर करवट बदलते हुए गोल घूमते हुए देख भी रहा था ..!!

अक्षा तो अपने ही धुन में मस्त थी उसे अपने कपड़े का हाल बेहाल हो चुका था उसके पूरे गोरे पैर से गोरे टांगें दिखाई दे रहा था ..!!

विक्रम तो था लड़कियों का यूज करने वाला भंवरा अक्षा कि खूबसूरती देखकर वो पूरी तरह से गरम हो चुका था उसके अंदर अक्षा को पाने की चाहत पूरी उफान मारने लगी और वो धीरे धीरे बिस्तर के तरफ बढ़ा और पेट के बल लेटी अक्षा के पैरों पर हाथ रखकर धीरे धीरे चलाने लगा ..!!

अक्षा घबरा कर पलटी और देखा कोई अजनबी आदमी सूट बूट पहने यहां पर है अक्षा जल्दी पलटकर बिस्तर के दूसरे तरफ आकर खड़े हुई और आंखें सिकोड़ कर गुस्से से पूछा "कौन हो तुम और मेरे कमरे में क्या कर रहे हो ..??


विक्रम मुस्कुराते हुए अक्षा के तरफ बढ़ते हुए कहा "स्वीटहार्ट मैं भी आशिक हुं प्यार का मारा ताजी फूलों का रसपान करने वाला भोगी हुं मुझे प्यास लग रही है ..!!

अक्षा इधर उधर देखने लगी उसे समझ नहीं आया वो किसे मदद के लिए बुलाए और विक्रम उसके तरफ बढ़ रहा था फिर वो पीछे कदम लिया और सोची आज टोनी भी नहीं है और ये शैतान मेरी तरफ ही बढ़ रहा है क्या करूं किसे आवाज दूं ,वो सोचते हुए दीवार पर लग गई और विक्रम अपने दोनों हाथों को दीवार पर रख दिया अक्षा को घेरा करके ..!!

अक्षा अब आवाज लगाई विक्रम का हल बढ़ रहा था घर में दो मेड है वो आ जाएंगे तो ये आदमी खुद भाग जाएगा वो सोचकर विक्रम के हाथ के घेरे से झुकी और जाने लगी आवाज लगाते " सुमी दीदी , रमेश भैया बचाओ मुझे ,सुमी दीदी ,अक्षा घर के दोनों मेड के नाम लेकर आवाज लगाई ..!!

विक्रम झटके से अक्षा का हाथ पकड़कर खींचा और अक्षा बिस्तर पर आकर गिरी ..!!

किचन से बाहर आकर सुमी और रमेश ने देखा तो ऊपर से अक्षा के हिचकियों कि आवाज आ रही थी वो दोनों सीढ़ियां चढ़ने लगे ..!!

विक्रम अपने टाई ढीली करके कोट निकाल कर फेंक मुस्कुराते हुए और कहा " तुम मेरे सामने क्यों शरमा रही हो रणविजय और मुझे एक ही जानो क्योंकि ये तो चला आ रहा है जो रणविजय को पसंद हैं वो मुझे पसंद है जिसे रणविजय ने छुवा हो उस पर मेरा भी अधिकार है क्योंकि मैं रणविजय का उतरन ही अपनाता हूं तो आज कोई ग़लत नहीं हो रहा है ..अक्षा बिस्तर से उठने लगी तो विक्रम अपने पैर को मोड़कर बिस्तर पर आया और बुरी तरह से अक्षा को दबोच लिया और बोला,"कहा जा रही हो जानेमन रणविजय से ज्यादा मजा और एनर्जी तो मुझमें है ट्राय नहीं करोगी , विक्रम अक्षा के गर्दन पर बाइट किया ..तभी दरवाजे पर सुमी और रमेश आ गये और बोले "रुख जाइए , छोड़ दीजिए मैम को ...

विक्रम आवाज सुनकर रुका और दरवाजे के तरफ देखा तो घर के मेड थे ,अक्षा विक्रम के ध्यान मेड के तरफ देखकर जोर से विक्रम को धक्का दिया और वो अलग फेंका गया अक्षा बिस्तर से कूदकर भागने लगी मेड के पास ..!!

विक्रम भी तेजी से उठा और गुस्से से तमतमा कर बोला "घर के मेड हो तो मेड बनकर रहो जाओ यहां से ,वो तेजी से लपककर अक्षा के हाथ पकड़कर लिया और मेड को चीखकर बोला,"गो इन आउट जाओ नहीं तो तुम दोनों को मेरी गुस्से से कोई नहीं बचा सकता "गेट लॉस्ट..

मेड सिर झुकाए घबरा कर जाने लगे तो अक्षा चिल्लाने लगी मदद करो मत जाओ यहां से वो खींचा रही थी विक्रम के खिंचने पर ....

कहानी जारी है...