Fight for War and love - 9 Mini द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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Fight for War and love - 9



अभिमन्यु भी रिदम को दोनों हाथों से लपेट लिया और सिर पर अपना ठुड्ढी रखकर मुस्कुरा दिया !!

रिदम फिर बोली ,"अभि आप आराम कीजिए चलिए वो उससे लिपटी हुई बोली..!!

अभिमन्यु ने एक गहरी सांस ली और छोड़ी फिर मुस्कुरा कर कहा ,"तो फिर ठीक है, तुम भी आराम करो क्योंकि कितने दिनों से तुम भी पूरी नींद नहीं ली हो , और जब हम मुंबई में है तो मॉम और डैड के साथ मेरी छोटी प्यारी बहन है हमारी देखभाल के लिए और उनके हाथ बंटाने के लिए सर्वेट है घर पर इसलिए तुम भी आराम करो !!

रिदम ने "क्या आप मुझसे नाराज़ हैं ??

अभिमन्यु फिर शॉक्ड हुआ ,"आज कौन सा दिन है ,रिदु क्यो ऐसा रिएक्ट कर रही है, वो पहले तो छह महीनों से उससे बात बिल्कुल भी नहीं की थी , और ना उसकी आवाज सुना था तो देखना रिदु को बहुत दूर था लेकिन मेरे ज़ख्मी होने के बाद से हम दिल्ली हॉस्पिटल में पिछले पंद्रह दिन से है और हमारे बीच सब सही हो रहा है फिर क्या हुआ ऐसा वो ऐसा बोल रही है!!

रिदम -" मुझे छोड़ो मैं वाशरूम से फ्रेश होकर आती हूं फिर लंच का समय हो रहा है तो मुझे नीचे जाना चाहिए ताकि मैं मॉम को कह देती हूं तुम्हारे लिए यही लंच ले आए !!

अभिमन्यु हल्के मुस्कान के साथ बोला ," नहीं मैं तुम्हारे साथ नीचे लंच करने चलूंगा , जाओ मैं इंतजार में हुं ,अब अपने पकड़ को छोड़ता है , अभिमन्यु के दिमाग में हलचल हुआ वो एक नये कॉमरेड के दिमाग में क्या चल रहा है वो पढ़ सकता है , उसके शरीर के गतिविधियों को समझ सकता है, लेकिन इस महिला के दिमाग को पढ़ना बेहद मुश्किल है ,वो सोचते हुए अपना बैग उठाकर सोफे में रखता है और शेल्फ की ओर आगे बढ़कर शेल्फ खोला और कपड़े निकाल कर शेल्फ में रखने लगा

रिदम वाशरूम से आई तो अब अभिमन्यु वाशरूम जाने लगा रिदम मिरर के पास खड़ी थी तो अभिमन्यु को वो नज़र भर देखने लगी उसके हर मूवमेंट को जब तक वो बाथरूम का दरवाजा बंद नहीं किया!!

उसके बाद रिदम फिर पूरे रूम को घूरती है यहां जितनी भी साज सज्जा है वो उसके पसंदीदा रंगों में से एक है, हां यहां सब इंटिरियर मुझे पसंद हैं, यहां जितने भी रंग है सब बढ़िया और कमाल के हैं,ये रूम तो उसके पैरेंट्स के घर के हॉल से भी बड़ा है वो शादी करके आई है और एक सप्ताह रही थी फिर वो मेडिकल कॉलेज पढ़ने चली गई ,रिदम के मां ने ज़िद किया था इसलिए वो एक सप्ताह यहां रही थी फिर कभी नहीं आई ..

फिर वाशरूम का दरवाजा खुला तो अभिमन्यु एक नॉर्मल टी शर्ट और लोवर में तौलिए से अपने बाल को पोछते आता है फिर वो भी रिदम के पीछे मिरर के सामने खड़े होकर बाल संवारता है ,रिदम अभी भी अनंत के हरकतों को देख रही थी उसे शुकून दे रहा था .......

अभिमन्यु तैयार हुआ और बोला "चलो चले वो बोलकर चलना शुरू किया और रूम के दरवाज़ा खोलता है रिदम भी तैयार थी तो अभिमन्यु के पीछे पीछे चलना शुरू किया!!

"रिदम कि निगाहें बस अपने सामने जाते हुए 6 फुट 2 इंच का इंसान पर रहती है जिसकी मर्दाना चाल के साथ अपने एक हाथ को अपने जेब पर रखे और दूसरे को हवा में झूलाते चल रहा है ,रिदम उसकी पैरों से सोल्डर को फिर सोल्डर से उसके कमर को घूरती है बेशक वो अभी भी जख्मी है पर वो अपने आप को फिट साबित कर रहा था....

अभिमन्यु अपने पीछे-पीछे चलने वाली 5 फुट 4 इंच महिला कि नजरें भांपते हुए हल्की मुस्कान के साथ आगाह करता है ,"रिदम घूरना बंद करो, सामने देखकर चलो सीढ़ियां आगे है, कहीं गिर ना जाओ ,उसने आने वाले खतरे को पहचान लिया और कुछ स्पेशल ट्रेनिंग से सीखें पीछे चलने वाले के हाव भाव को पहचानने की ताकत से वो रिदम को चेतावनी दिया था !!

रिदम मुस्कुराते हुए चलने लगी और सोची ये सोल्जर तो लोमड़ी से भी चालाक है !!

नीचे जब आई तो एक कर्रकस आवाज सुनाई पड़ी..


कहानी जारी है..