अभिमन्यु कि हालात ज्यादा गंभीर हो चली थी उसके शरीर पर खून का रिसाव बहुत था आधा बेहोश पर भी मुस्कुरा रहा था , एयरक्राफ्ट सभी को सिक्किम आर्मी बेस्ड पर उतारे और आर्मी हेलिकॉप्टर अभिमन्यु और चोटिल सोल्जर को लेकर एमरजेंसी उड़ा भरी दिल्ली हॉस्पिटल में
कर्नल राघुवीर शेखावत और ब्रिगेडियर लांबा और आर्मी हॉस्पिटल डायरेक्टर के अगुवाई में
हॉस्पिटल के छत पर डॉक्टर स्टैंड बाय पर थे हेलिकॉप्टर उतने वाला था
थोड़ी देर बाद
हेलिकॉप्टर के रोटर की आवाज आई फिर हेलिकॉप्टर छत पर लैंड किया हेलिकॉप्टर की दरवाजा खुला तो दो डॉक्टर हेलिकॉप्टर से उतरे उनका सफेद कोट खून से रंगा था, उन्होंने स्ट्रैचर पर को उतारा उसमें लेटे अभिमन्यु की पूरी बॉडी खून से लथपथ थी
डॉक्टर ने कहा,"सर हम दिल्ली में है आंखें बंद मत करों..
पेशेंट की क्या सिचुएशन है ...आर्मी हॉस्पिटल के अस्सिटेंट डायरेक्टर ने पूछा..??
हॉस्पिटल से सुबह चार से स्पेशियलिस्ट डॉक्टर के टीम ओटी पर इंतजार में थे ..!!
कुछ जाने पहचाने दोस्त भी स्ट्रेचर को धक्का देने लगे...
अभिमन्यु अपने कुछ दोस्तो को पहचान लिया जो उसके आसपास थे जिसमें उसके खास दोस्त से राजवीर शेखावत कर्नल शेखावत के पोता और मिहिर खन्ना , ध्रुव मेहता और जीत पाटेकर..!!
राजवीर शेखावत ने अभिमन्यु को खून से लथपथ देखा और ढांढस बंधाते कहा,"मेरा शेरा तू हिम्मत नहीं हारेगा सब ठीक होगा वो बोलते हुए आंसुओं को रोक नहीं पा रहा था ..यही हाल ध्रुव , मिहिर और जीत की भी थी..!!
अभिमन्यु ने मुस्कुराते हुए धीरे आवाज़ में लंबी सांस लेते बोला,"कोई गल नहीं यारा हम तो शान से इस दुनिया से जाएंगे क्योंकि हमने वादा किया था वतन से हम जीएंगे और मरेंगे ये वतन तेरे लिए बस गम है तो अपने प्यार को हासिल ना कर पाने की वो मायूस हो गया..!!
राजवीर ने कहा,"तू टेंशन ना लै शेरा मैं अभी फोन लगाकर ...
अभिमन्यु बीच में बोल पड़ा,"ना ...ना घरवालों को कोई खबर नहीं करेगा मैं मर जाऊं तब तो पता चल ही जाएगी और रिदम तक भी बात नहीं जानी चाहिए...
फिर ऑपरेशन थियेटर के रूम आया और अभिमन्यु अंदर हुआ तो सभी दोस्त बाहर रह गए..!!
डॉक्टर्स ने अभिमन्यु को ओटी बेड पर लिटा दिया और एनेस्थीसिया दिया .....
नागपुर शहर ...
मेहर हाऊस...
रात 4 : 15 am
रिदम गहरी नींद में सोई थी उसने चादर से अपने आप को सिर तक ढककर सोई थी ....तभी
चादर अपने आप नीचे खिसकने लगी एक मिनट तक वो चादर उसके कमर तक ही थे तो एसी के वजह से ठंडी लगी वो नींद में चादर को ढूंढ कर फिर ओढ़ी
चादर फिर खिसककर नीचे आया इस तरह से तीन चार बार हुआ तो रिदम के आंखें खुली तो डीम लाइट थी और चादर को अपने पैर के तरफ देखी फिर वो उठी और चादर ओढ़ने लगी तो महसूस हुआ उसके बगल में कोई है उसने झट से देखी तो मटमैली और ग्रीन कलर के कपड़ों में ऊंचा पूरा आदमी लेटा है ,रिदम ने नाइट लैप के लाइट का बटन तुरंत दबाई और देखी वो बगल में लेटा हुआ आदमी कोई और नहीं अभिमन्यु उसका पति है ..!!
रिदम ने अभिमन्यु को गौर से आश्चर्य से देखी तो उसका चेहरा विचलित कर देने वाली थी रिदम भले ही एक डॉक्टर है रोज हजारों लोगों का खून बहना और सीज़र्स करना देखा है लेकिन अभिमन्यु की हालत देखकर वो कांप गई भले ही वो अभिमन्यु से प्यार नहीं करती पर भी वो उसका पति है उसे ऐसा देखकर उसका दिल आह भर लिया उसकी आंखें चौड़ी हो गई और आंख नम हो गई फिर हिम्मत करके पूछी ,"अभिमन्यु आप इस हालात में ..????
अभिमन्यु उठकर बैठते हुए मुस्कुरा रहा था वो बोला ,"हां.. मैं आखिरी बार मिलने आया हुं , तुमसे ना मिलने के लिए बहुत सोचा , तुम्हारे पास नहीं आऊंगा सीधे चला जाऊं तुमसे बिना मिले लेकिन मेरे दिल ने ज़िद किया और एक आखिरी बार तुमसे मिलने चला आया ,जाने से पहले अधुरी बात पूरी करने की इजाजत दोगी , हमारी सुहागरात के दिन मैं बता ही नहीं पाया अपने दिल का हाल ..????
रिदम अपने हाथ को मुंह पर रखी थी अभिमन्यु के सिर पर खून आ रहा था उसके कपड़े से भी खून आ रहा था हाथों पर छोटे छोटे चाकू से कटने के निशान पर भी खून आ रहा था रिदम का आत्मा टूट रहा था दिल तेजी से धड़कने लगा फिर उसने सिर हिला कर हां कहा...!!
अभिमन्यु ने रिदम के हाथ पकड़ लिया और सोफे पर जाकर बैठाया और बोलना शुरू किया,"
रिदु हमारी शादी छह महीने से ज्यादा हो रहा है ,है ना .. मुझे नहीं पता था कि तुम मुझसे शादी नहीं करना चाहती थी ,क्योकि तुम्हें अपने डॉक्टर की स्टडी करना पसंद है पर मैं हमारी शादी को लेकर बहुत खुश था बहुत खुश , सच कहूं तो मेरी दुआ मुकम्मल हो गई थी ,पर मैंने यह जानने कि कोशिश ही नहीं किया कि तुम इस शादी के लिए राजी हो या नहीं , मैं सिर्फ तुमसे शादी करके अपना प्यार लुटाना चाहता था ,तुम मुझे पसंद नहीं करती ये बात जब हमारे सुहागरात को पता चला तब भी मेरा दिल टूटा जरूर ,पर मेरा दिल को यकीन था कि शादी के बाद मैं तुम्हें बेहद प्यार करूंगा और किसी भी चीज का कमी महसूस नहीं होने दूंगा मैं तुम्हें एक रानी की तरह रखूंगा फिर भी तुम मुझे प्यार नहीं करोगी तो एक अच्छे पति की तरह पेश आऊंगा फिर शायद तुम्हें भी मुझसे प्यार हो जाएगी इसी विश्वास से मैं आगे बढ़ रहा था..
"मुझे याद है वो दिन जब मैं पहली बार तुम्हें देखा तुम ट्रेन के दरवाजे पर फोन पर किसी से बात कर रही थी और मैं वहां से गुजर रहा था अचानक खड़ी ट्रेन चल पड़ी और तुम झटके से गिरने वाली थी मैंने देखा और तुम्हारी हाथ थाम लिया और तुम मुझसे चिपक गई थी तुम्हारी नज़रें मिली जब तुम अपने आप को मुझसे छुड़वाई तब तक तुम्हारी महक मेरे सांसों में बस चुका था और तुम्हारी क़ातिल आंखें मेरे दिल पर अपना वार कर चुका था फिर मैंने तुम्हें उस टेरेरिस्ट के हाथ में देखा था ,उस दिन मेरे दिल में कुछ हुआ था तुम्हें देखकर , उस दिन से बस एक मन्नत मांगी रब से रिदम ...
रिदु अब मैं जा रहा हुं हमेशा हमेशा के लिए मेरी ग़लती के लिए मुझे माफ़ कर देना और तुम अपना ख्याल रखना , मेरा मन बिल्कुल भी तुमसे जुदा नहीं होना चाहता, पर रब की मर्जी के आगे मैं बेबस हुं , लेकिन मैं ऊपर आसमानों से देखा करूंगा तुम्हें सिर्फ तुम्हारा अभिमन्यु ओबेरॉय बनकर और वो अभिमन्यु पीछे कदम लेते हुए जाने लगा....रिदम के मुंह से सॉरी निकल पड़ी सिसकियों के साथ और रोकने के लिए उसका हाथ पकड़ने लगी लेकिन अभिमन्यु का हाथ नहीं पकड़ पाई क्योंकि वो एक हवा को पकड़ रही थी, अभिमन्यु के चेहरे पर तेज झलक रहा था होंठों पर मुस्कान थी लेकिन आंखें नम थीं ...और वो गायब हो गया...
रिदम दौड़ कर पकड़ने गई तो उसके आंखों में अंधेरा छा गई, उसके दिमाग काम करना बंद कर दिया और वो अपने आप को अंधेरे जगह पर महसूस किया उसका मन अभिमन्यु के लिए आत्मग्लानि से भर गई और पश्चयाताप करते वो बेहोश होकर गिर जाती है ... इतना प्यार करता था वो मुझसे....
To be continued....