अनाड़ी इज बेक - फिल्म रिव्यू SURENDRA ARORA द्वारा फिल्म समीक्षा में हिंदी पीडीएफ

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अनाड़ी इज बेक - फिल्म रिव्यू

फिल्म अनाड़ी इज बेक का रिव्यू

24 नवंबर 2023 से सिनेमाघरों में प्रदर्शित हिंदी फिल्म ‘ अनाड़ी इज बेक ‘ की बात करें तो आपसे एक प्रश्न करना पड़ेगा कि क्या आप हलके - फुल्के मूड में किसी प्रेम कहानी को परदे पर एंज्यॉय करना चाहते हैं तो यह फिल्म आपके लिए है। इस फिल्म की कहानी ऐसी है जिसे आपने थोड़े - बहुत फेर बदल के साथ बहुत सी हिंदी फिल्मों में देखा होगा। फिल्म की नायिका की भूमिका ताजगी से भरपूर मिशिका चौरसिया ने जसप्रीत के रूप में निभाई है। जसप्रीत विदेश से भारत में अपने उस परिवार के पास आयी है जो बहुत सम्पन्न होते हुए भी भारतीय मूल्यों एवं संस्कारों को महत्व देता है। जसप्रीत भले ही आधुनिकता को स्वीकार करती है परन्तु भारतीय जीवन मूल्यों के प्रति पूरा सम्मान रखती है और घर - परिवार में उसे ही ढूंढ़ती रहती है। दूसरी ओर फिल्म में नायक का किरदार अफगानी कलाकार नवाब खान ने राजबीर के रूप में निभाया है। नायक अनाथ है और एक बेहतर जीवन की खोज में अफगानिस्तान से भारत के लखनऊ शहर में आता है। वहां उसकी मुलाकात अब्बू जान अर्थात मिथुन चक्रवर्ती से होती है जो अपने बड़े से घर में अकेले रहते हैं और उन्हें एक पेइंग गेस्ट की जरुरत है। राजबीर के रूप में उनकी यह जरुरत पूरी होती है। घटनाओं का क्रम ऐसा बनता है कि वे राजबीर को अपना बेटा मानने लगते हैं। धीरे - धीरे उन दोनों के बीच का यह दुनियावी रिश्ता, सारी सामाजिक और धार्मिक मान्यताएं तोड़कर उन दोनों के लिए आत्मीय रिश्ता बन जाता है। अब्बू जान के रूप में मिथुन चक्रवर्ती का अभिनय बेहद स्वाभिक ही नहीं भावुक कर देने वाला है। इस किरदार में अभिनय के क्षेत्र में उनका अनुभव सर चढ़ कर बोलता है और फिल्म के किसी भी दृश्य में उनकी उपस्थिति पूरी फिल्म को एक नया अंदाज दे जाती है।

संयोगवश एक दिन नायक की मुलाकात नायिका मिशिका चौरसिया से होती है, जो ख़ुशी के रूप में एक चंचल और मासूम लड़की है और दुनिया - समाज की उलटबासियों से अलग अपनी अल्हड़ दुनिया में मस्त है। संयोगवश उन दोनों की हुई प्राम्भिक मुलाकात आगे चलकर परस्पर प्रेम में बदल जाती है। प्रेम का दीवानापन भविष्य के सपनो का रूप ले लेता है। वे एक - दूसरे से कभी अलग न होने के सपनों में डूब जाते हैं। परन्तु यहीं पर खलनायक के रूप में ख़ुशी के परिवार की अमीरी और राजबीर की गरीबी वह अवरोध खड़ा कर देती है, जो ढेर सारी हिंदी फिल्मों के कथानक का बहुत पुराना किस्सा है। इस रूप में अनीता राज ने आधुनिक समय की अमीर माँ जिसे अपनी अमीरी का बहुत घमंड है का रोल कहानी की मांग के अनुरूप बखूबी निभाया है।

भारतीय फिल्मों में बहुत बार दोहराई गयी इस कहानी के विभिन्न किरदारों के रूप में नायक - नायिका के अतिरिक्त मिथुन दा, अपने समय की सौंदर्य से भरपूर अभिनेत्री अनीता राज, शक्ति कपूर, मनोज जोशी जैसे अनुभवी कलाकारों का अभिनय देखने को मिलेगा, जिन्होंने एक साधारण कहानी को अपने अभिनय कौशल से असाधारण बनाने का सफल प्रयास किया है। विशेष रूप से मिथुन चक्रवर्ती के अभिनय की परिपक्वता और संवाद - प्रस्तुति के आकर्षक अंदाज से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन होता है। वे फिल्म के जिस भी दृश्य में आते हैं, स्वाभाविक अभिनय का नया और प्रभावी अध्याय लिख जाते हैं। दर्शक उन्हें सुनकर हर बार वाह - वाह कर उठता है। वे मानव मन की मानवीयता को स्पर्श करते हैं और दर्शकों से फिल्म को बांधे रखते है। फिल्म के संवाद भावुकता से ओत - प्रोत है :

" आपको खरीदना भले ही आता हो परन्तु हमें बिकना नहीं आता " या " किसी को अपना कह देने से वो अपना नहीं हो जाता या फिर " अरे बाहर ही तो गया था, ऊपर थोड़े ही चला गया था। " आदि संवाद दिल को छू लेते हैं।

मुकेश रावत और पहलाज निहलानी के कुशल निर्देशन ने नायक - नायिका के रूप में दोनों कलाकारों से उनकी सीमाओं के अंदर बहुत अच्छा काम करवाया है। शक्ति कपूर पुराने जमाने से खलनायक की भूमिका निभाते आ रहे हैं। इस फिल्म में उन्होंने नयापन लाने के लिए मुँह में पान रखकर संवाद अदायगी के लिए शायद पुराने जमाने के मशहूर चरित्र अभिनेता प्राण जी को दोहराने की कोशिस की है, जिसमें वे खरे नहीं उतर सके हैं। अच्छा होता वे अपने ओरिजनल अंदाज पर ही टिके रहते तब शायद ज्यादा स्वीकार्य होते।

किसी भी फिल्म की कहानी जो प्रेम पर आधारित हो, बिना प्रणय - गीतों के बिना पूरी नहीं हो सकती। ‘ अनाड़ी इस बेक’ में भी तीन - चार प्रेम आधारित गाने हैं जो आकर्षक लोकेशनो पर मोहक स्वरूप में फिल्माए गए हैं और सुनने में भले लगते हैं। फिल्म के अंत के करीब में आयी कव्वाली " तेरा इश्क इबादत है " में नायक - नायिका के प्रणय दृश्य अच्छे बन पड़े हैं। इसका पूरा श्रेय संगीतकार और निर्देशक को ही जाता है।

फिल्म को मिथुन चक्रवर्ती के अभिनय और नए कलाकारों की ताजगी की वजह से देखा जा सकता है।

 

सुरेन्द्र कुमार अरोड़ा, साहिबाबाद - 201005 ( ऊ . प्र . )

मो. न.09911127277