अभी कल परसों की बात बैरागी दिलीप दास द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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अभी कल परसों की बात

"अभी कल परसों की बात" ,
जब मिला था पहला नजराना,
वो नजरों का नजरों से टकराना,
और फिर प्यार की शुरुआत,
वो समय लगता हसीं और प्यारा चाहे हो आधी रात , अभी कल परसों की बात।

दिल में छुपे थे अनगिनत ख्वाब,
हो रहे थे अब सब जतन,
बदल गई थी जिंदगी,
मेरे सीने में बज उठा था मृदंग।

पहली मुस्कान में,
बिखरा था सारा जहाँ,
प्यार का इकरार अब ,
था लबो पे हर पल का भरोसा कहां?

लेकिन समय ने बदला सब,
हुआ दर्द से सामना,
इश्क़ का सफर,
हर मोड़ पर ले आता था नई कामना।

ब्रेकअप के अलम में,
रातें हुई बेरंग,
आँसुओं के साथ,
बिखरा था हर सपना।

मायूसियत की छाया में,
मिली थी एक परी नई काया में,
इस बार था मिला शायद अच्छा हाथ,
सच्चा प्यार का सच्चा साथ।

दिल का दर्द था कुछ खास,
मिला उसी में जिसके था आज पास,
फिर से आया दिल में यार,
हर रिश्ता था प्यार।

अब हर दर्द,
हर खोई हुई मुस्कान से,
अब नए सफर में,
है खुदा आशीर्वाद दे।

"अभी कल परसों की बात ",
"ये कहानी है प्यार की सौगात,
जिसमें हैं खोज किसी यार की , प्यार की, बिछे हर मोड़ पर एक नये इज़हार की"।

"अभी कल परसों की बात",
एक ख्वाब था जिंदगी का,
प्यार की मिठास से भरा,
हर पल था सुहाना सा।

दिल की धड़कनों में,
उम्मीदों का सफर था,
खुशियों की छाया में,
दिल था बेहद प्यारा सा।

फिर आया वह दिन,
जब बदल गई राहों की बातें,
इमोशन्स का झूला,
टूटा दिल की बाहों में।

ब्रेकअप का दर्द,
साया बन बैठा दिल के पास,
मोहब्बत की राहों में,
था एक अजीब सा हाल ,
"अभी कल परसों की बात"।

रातें लम्बी हो गईं,
जैसे आंसुओं का सफर हो गया,
मगर दिल का सुरूर,
कहानी की पहली मिसाल बन गया।

फिर एक दिन आया,
नया सवेरा जीने का,
प्यार की राहों में,
खोजा नया सफर हो गया।

फिर से दिल को मिला,
वो प्यार का जज्बा,
अब दिल कह रहा है,
खुशियों का नया सफर है।

"अभी कल परसों की बात" ,
"ये कहानी प्यार की,
जिंदगी की मिठास की , हर कदम पर महसूस होती आज"।


"अभी कल परसों की बात" ,
एक प्यार भरा किस्सा,
भावनाओं का सफर,
दिलों को आबाद किया।

पहली मुलाकात से ही,
दिल था उनका दीवाना,
प्यार की मिठास में,
बीता हर पल सुहाना।

भावनाओं का मेला,
जीवन को सजाता रहा,
हर बार उसकी मुस्कान से भरा चेहरा,
दिल को बहुत भाता रहा।

प्यार में बहुत कुछ है,
जो कहा नहीं जा सकता,
दिल की धड़कनों की,
एक खास भाषा,
जिसे महसूस ही किया जा सकता।

लेकिन फिर एक दिन आया,
वो बिछड़ने का समय,
दिल टूटा,
बिखरा,
इतनी बातें हुई पूरी!
कितनी बातें रह गई अधूरी?

जो अलग हो गए,
प्यार की दूरियों ने सोचा,
मगर दिल था उसी का,
जो जीने का बहाना बना।

समय बीता,
दर्दों का सामना किया,
फिर एक दिन,
मिले फिर से उसी का चेहरा था खिला।

आंसुओं की बौछार में,
बहकर मिले वही राहों में,
फिर से जुड़ गए बातो बातो में,
वो अभी कल परसों की बात है।

ब्रेकअप की गहराईयों से,
उभरा एक नया सवेरा,
दिलों को को मिलाने को बांध के आया सेहरा।

खोए हुए अहसासों को,
खोजा मिला एक नया मतलब,
प्यार ने बदला,
खोई हुई मुस्कान की तलाश को।

"इस कहानी में है,
एक नया सिकंदर,
जिसमें है प्यार की शुरुआत",
"अभी कल परसों की बात"।