just yesterday, the day before yesterday book and story is written by Dilip das in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. just yesterday, the day before yesterday is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. अभी कल परसों की बात बैरागी दिलीप दास द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ 2 1.5k Downloads 4.9k Views Writen by बैरागी दिलीप दास Category प्रेम कथाएँ पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण "अभी कल परसों की बात" , जब मिला था पहला नजराना,वो नजरों का नजरों से टकराना,और फिर प्यार की शुरुआत, वो समय लगता हसीं और प्यारा चाहे हो आधी रात , अभी कल परसों की बात।दिल में छुपे थे अनगिनत ख्वाब, हो रहे थे अब सब जतन,बदल गई थी जिंदगी,मेरे सीने में बज उठा था मृदंग।पहली मुस्कान में, बिखरा था सारा जहाँ,प्यार का इकरार अब , था लबो पे हर पल का भरोसा कहां?लेकिन समय ने बदला सब,हुआ दर्द से सामना,इश्क़ का सफर, हर मोड़ पर ले आता था नई कामना।ब्रेकअप के अलम में, रातें हुई बेरंग,आँसुओं के साथ, बिखरा More Likes This सनातन - 1 द्वारा अशोक असफल Revenge Love - Part 1 द्वारा zarna parmar Revenge by Cruel Husband - 1 द्वारा starwriter बीच के क्षण द्वारा Raj कुछ रंग प्यार के ऐसे भी - भाग 1 द्वारा Shruti Sharma अनंता - पार्ट 5 द्वारा zarna parmar फरमाइश... 1 द्वारा pooja अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी