दो पल की राहत में बैरागी दिलीप दास द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ

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दो पल की राहत में

(1)
दो पल की राहत में ना भूलाओ जिंदगी की चाहत को,
दिल की धड़कनों से सुनो प्यार की आहट को।


ज़िंदगी के रंग बदले, फूल खिलें या मुरझायें,
प्यार का आगाज़ हर पल नया सवेरा ले आयें।

मुस्कानों की चादर ओढ़े, दिया जाए दिल को सहारा,
प्यार की आहट सुनो, बन जाओ दिल का सहारा।

मधुर स्वरों में गुंजित शब्दों की ध्वनि हो तुम,
जीवन के ताल में ताल बदलो, सबको भावुक कर दो।

प्यार की आहट धड़कनों में गूंजे,
हर सांस में महके, हर ख्वाब पूरे हो जाएं।

चाहत के इशारों को समझो, इश्क की भाषा बोलो,
प्यार की आहट को सुनो, खुद को दिलदार बना लो।

जीने का आनंद पाओ, प्यार के साथ बहारों की रातों में,
दो पल की राहत में, जिंदगी को खोजो नई मोहब्बतों में।

(2)
तू क्यों उदासी में बिताए
ज़िंदगी के ये दो पल कहाँ जाएं
चिंता भरी सोच को भुलाए
राहत के बंधन में खुद को भिगाए

दिल की धड़कने सदा गुनगुनाए
प्यार की आहटों को दिल से सुनाए
जीवन के रंगों में खो जाए
ख्वाबों के सहारे अपना मन बहलाए

खुद को खो दें गमों की चादर में
ये रातें बिताए, ख्वाबों के संग सजाएं
हर रोज़ जीने को हौसला बढ़ाएं
प्यार की गहराई में खुद को ढूँढ़ लाएं

दो पल की राहत में खो जाएं
ज़िंदगी की चाहत को न भूलाएं
दिल की धड़कनों से सुनें एक नगमा
प्यार की आहट को दिल से महकाएं

(3)
दो पल की राहत में ना भूलाओ जिंदगी की चाहत को
दिल की धड़कनों से सुनो प्यार की आहट को


जीवन के सफर में छोटी सा ठहराव है ये,
ख्वाबों की उड़ान को ना तुम खोया करो।

हर लम्हे को समेटो, खुशियों से गुलज़ार करो,
इन आँखों में बसी हुई मुस्कान को जगाओ।

जीने का दिल से तरीका है ये इश्क़ का,
प्यार की राहों में हर दिन चला करो।

अपने चाहत के पन्नों को खुद खोल लो ,
ये ज़िंदगी की लड़ाई है, हार ना माना करो।

दिलों की धड़कन से जुड़ी हर एक आहट,
इश्क़ की कहानी को सुनाओ, गुनगुनाओ।

दो पल की राहत में ना भूलाओ जिंदगी की चाहत को
दिल की धड़कनों से सुनो प्यार की आहट को।

इश्क़ भरी रातों को गीतों से सजाओ,
दिल के तारों को संगीत की आहटों में बुलाओ।

ख्वाबों की ऊँचाइयों पर आसमान सजाओ,
प्यार की मस्ती में ज़िंदगी को रंगीला बनाओ।

हर सांस में छुपी हुई आरज़ू बताओ,
प्यार की आहटों में ज़िंदगी को बहलाओ।

दो पल की राहत में ना भूलाओ जिंदगी की चाहत को
दिल की धड़कनों से सुनो प्यार की आहट को।

(4)
दो पल की राहत में ना भूलाओ जिंदगी की चाहत को,
दिल की धड़कनों से सुनो प्यार की आहट को।


जो छू जाए दिल को, वही खुदा कहलाता है,
प्यार की मिठास जब बरसे, दिलों में उजाला होता है।

चंचल है ये दिल की धड़कनें, अनकहीं बातें कह जाती हैं,
जो आंखें कहने से रह जाती हैं, वो दिल से दर्द बयां कर जाती हैं।

ख्वाबों की डोरी से बंधे ये रिश्ते, हंसी और ग़म के मेल में हैं,
जब दिल मिल जाए तो राहत मिलती है, प्यार की राहों में खुशियाँ मिल जाती हैं।

सुना है इश्क़ दीवाना कर देता है, दिल को उड़ान देता है,
प्यार की आहट जब गूंजे, खुशियों का आगाज़ होता है।

दो पल की राहत में ना भूलाओ जिंदगी की चाहत को,
दिल की धड़कनों से सुनो प्यार की आहट को।

(5)
दो पल की राहत में ना भूलाओ जिंदगी की चाहत को
दिल की धड़कनों से सुनो प्यार की आहट को

मौसम की हवाओं में उड़ते परिंदे की तरह
हाथों की रेखाओं में बदलते तक़दीर की ख़बर को

जीवन का सफर है ये, अनमोल रंग बिखेरे
चाहत की राह पर आगे बढ़ो, ना थको, ना रुको

प्यार की आहट गूँजे दिलों के आँगन में
इश्क़ की राह पर चलो, खुशियों की मंज़िल को

दर्द भरी रातों में जब बिखर जाए चाँदनी
अपनी हंसी के सितारों को जगाओ, सपनों की आरज़ू को

जिंदगी की हर राह पर खुशियों का गीत बजाओ
दिलों को मोहब्बत के उजाले से सजाओ

दो पल की राहत में ना भूलाओ जिंदगी की चाहत को
दिल की धड़कनों से सुनो प्यार की आहट को