प्रेम दीवानी आत्मा - भाग 12 Rakesh Rakesh द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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प्रेम दीवानी आत्मा - भाग 12

कार की सीट पर डॉक्टर टोनी को बैठा देखकर अंकिता तुरंत सिद्धार्थ के कंधे से अपना सर हटा लेती है कि कहीं डॉक्टर टोनी यह ना सोचे कि मैं सिद्धार्थ से प्यार करती हूं और धीरे से सिद्धार्थ से कहती है, "यही टोनी है।" सिद्धार्थ यह सुनकर अंकिता से थोड़ा और दूर हो जाता है।

अंकिता के हाथ में खाना देखकर डॉक्टर टोनी हंसी मजाक के लहजे में पूछता है? "आज आप क्या कही पार्टी कर रही हैं।"

"नहीं खाना पकाने का आज मन नहीं था, इसलिए रेस्टोरेंट से पका हुआ खाना खरीद कर ला रही हूं। अंकिता कहती है

"बाहर का ज्यादा खाना पीना सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है।" डॉक्टर टोनी कहता है

और फिर टोनी सिद्धार्थ की तरफ देखकर कहता है "इनकी तारीफ।"

"यह सिद्धार्थ हैं और आप डॉक्टर टोनी।" अंकिता कहती है

डॉक्टर टोनी के व्यक्तित्व के आगे सिद्धार्थ अपने को बहुत छोटा महसूस करता है, क्योंकि डॉक्टर टोनी अपने जीवन में सफल था और सिद्धार्थ कि अभी पढ़ाई भी पूरी नहीं हुई थी, इसलिए हिचकिचाते हुए डॉक्टर टोनी के हेलो का जवाब देता है।

और जब डॉक्टर टोनी अंकिता से कहता है "आपकी ही कॉलोनी में किसी मरीज को देखने जा रहा हूं, आप दोनों को भी अपनी कार से छोड़ देता हूं।"

तो सिद्धार्थ बाजार से अपनी नई पुस्तक खरीदने के बहाने डॉक्टर टोनी अंकिता के साथ कार से घर जाने की जगह बाजार में ही रुक जाता है।

सिद्धार्थ को इस बात का बहुत दुख होता है कि अंकिता ने डॉक्टर टोनी के साथ अकेले जाने के लालच में एक बार भी मेरे से साथ चलने की जिद नहीं की जबकि उसे पता था कि मैं झूठ बोल रहा हूं।

दुखी सिद्धार्थ मार्केट से जल्दी घर पहुंचने के लिए उसी पुराने पीपल के पेड़ वाली चुड़ैल के छोटे रास्ते से घर के लिए निकल पड़ता है और सर्दी की अंधेरी रात में उसे पुराने पीपल के पेड़ के नीचे लाल साड़ी के जोड़े में एक खूबसूरत लड़की पहाड़ी पत्थर से बने चबूतरे पर बैठकर रोती हुई दिखाई देती है, लाल शादी के जोडे में नई नवेली दुल्हन को देखकर सिद्धार्थ समझ जाता है कि यह पुराने पीपल की चुड़ैल है, क्योंकि एक शराबी जुआरी युवक ने इसको अपने झूठे प्यार के जाल में फंसा कर इससे शादी कर ली थी और यह अपने घर से जो रुपए पैसे गहने चुराकर लाई थी, वह युवक इससे शादी करके शादी की पहली रात ही वह इसके रुपए गहने पैसे लेकर कहीं भाग गया था, यह अपने प्रेमी कि बेवफाई धोखा बर्दाश्त नहीं कर पाई थी, इसलिए इसने इसी पूराने पीपल के पेड़ पर फांसी का फंदा बना कर अपनी जान दे दी थी, इसलिए इसे इंसानों से इतनी नफरत हो गई है कि यह उनकी जान लिए बिना उनका पीछा नहीं छोड़ती है।

जब चुड़ैल सिद्धार्थ को देखकर धीरे-धीरे उसके करीब आने लगती है तो जब सिद्धार्थ को कुछ समझ नहीं आता है, तो वह बचपन में जैसे अपने नंदू भैया को मदद के लिए पुकारता था, वैसे ही अपने बड़े भाई नंदू को मदद के लिए पुकारने लगता है।

और कुछ ही सेकंड में पूराने पीपल की चुड़ैल और सिद्धार्थ के बीच में नंदू की आत्मा आकर खड़ी हो जाती है।

क्रोधित नंदू की आत्मा को देखकर पीपल के पेड़ की चुड़ैल हवा में उड़कर पुराने पीपल के पेड़ के ऊपर दोबारा जाकर उल्टी लटक जाती है।

इतना भयानक डरावना दृश्य देखकर सिद्धार्थ का दिल तेज़ तेज धड़कने लगता है, वहां लूटपाट के इरादे से रात के गुप अंधेरे में झाड़ियां में छुपकर बैठे लुटेरे एक साथ चुड़ैल नंदू के भूत को देखकर वहीं बेहोश हो जाते हैं।

नंदू की आत्मा के कहने से सिद्धार्थ अपने घर की तरफ जल्दी-जल्दी पैदल चलता है और नंदू की आत्मा उसकी सुरक्षा में उसके पीछे-पीछे पैदल पैदल चलती है।

कॉलोनी आने पर नंदू की आत्मा वहां से जाने से पहले सिद्धार्थ से बोलकर जाती है "अगर तू अंकिता से शादी करना चाहता है, तो कर ले वरना मौका देखकर उसके गले का लॉकेट तोड़ कर कहीं दूर फेंक दे।"

नंदू भैया से अंकिता से प्रेम करने की इजाजत मिलने के बाद पहले तो नंदू बहुत खुश होता है और फिर बाद में दुखी कि आप क्या फायदा जब अंकिता के जीवन में डॉक्टर टोनी आ गया है।

दूसरे दिन जब सुबह सिद्धार्थ अंकिता से पूछता है? "टोनी के साथ घर आते वक्त क्या-क्या बातें हुई, तुम दोनों में तो यह सुनकर सिद्धार्थ को टोनी से ज्यादा अंकिता पर गुस्सा आता है, क्योंकि वह टोनी के लिविंग रिलेशनशिप के ऑफर को कबूल करने की सोच रही थी, टोनी ने उससे कहा था कि "हम दोनों छह महीने बिना शादी के लिविंग रिलेशनशिप में रहेंगे और अगर इस बीच मुझे आपसे प्रेम हो गया तो मैं आपसे शादी कर लूंगा वरना आप अपने रास्ते और मैं अपने रास्ते।"

सिद्धार्थ आयु में अंकिता से छोटा था लेकिन उसको दुनियादारी की बहुत अच्छी समझ थी, इसलिए उसे टोनी की नियत पर शक होता है कि वह छ महीने अंकिता के साथ बिना शादी के लिविंग रिलेशनशिप में रहने के बाद हंड्रेड परसेंट अंकिता को छोड़ देगा अंकिता से किसी भी हालत में शादी नहीं करेगा, अगर टोनी सच्चा इंसान होता और उसकी नजरों में अंकिता के प्रेम की कदर होती तो वह अंकिता से सीधे-साधे शादी कर लेता, लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहा है, इसलिए टोनी पर इतना विश्वास करना ठीक नहीं होगा अंकिता तो टोनी के प्रेम में आंधी हो गई है, लेकिन मेरा टोनी पर पूरा विश्वास करना गलत होगा, क्योंकि कुछ भी हो मैंने अंकिता से सच्चा प्यार किया है और मैं अपने प्यार को किसी गलत हाथों में इतनी आसानी से नहीं जाने दूंगा।

इसलिए सिद्धार्थ टोनी के जीवन की पूरी सच्चाई जानने के लिए दोबारा अपने बड़े भाई नंदू की आत्मा का सहारा लेता है, लेकिन उसके सामने यह समस्या थी कि अगर कहीं मैंने नंदू भैया की आत्मा से कहा कि अंकिता टोनी से शादी करना चाहती है, तो इस बात को सुनकर कहीं नंदू भैया की आत्मा अंकिता से और क्रोधित ना हो जाए, इसलिए यह कह कर नंदू की आत्मा से मदद मांगता है कि "मैं डॉक्टर टोनी नाम के युवक के साथ पार्टनरशिप में बिजनेस करना चाहता हूं।"

नंदू की आत्मा दो दिन के अंदर ही डॉक्टर टोनी की सबसे करीबी नर्स को डरा धमका कर डॉक्टर टोनी के जीवन की पूरी जानकारी ले आती है और उस नर्स को सिद्धार्थ के सामने लाकर खड़ा कर देती है।

उस नर्स से सिद्धार्थ को पता चलता है कि इससे पहले भी डॉक्टर टोनी कई लड़कियों का शारीरिक शोषण कर चुका है, उसमें से एक लड़की दीपा को वह अच्छी तरह जानती है ।

यह जानकारी लेने के बाद सिद्धार्थ उसी समय दीपा के घर जाता है और दीपा डॉक्टर टोनी के एक-एक राज सिद्धार्थ को खुलकर बताती है, लेकिन सिद्धार्थ के सामने मुश्किल यह थी कि अंकिता उसकी यह बात मानेगी कैसे क्योंकि दीपा के पास डॉक्टर टोनी के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं था और दिवाली के तीन दिन रह गए थे, सिद्धार्थ यह भी नहीं चाहता था कि दिवाली से पहले अंकिता का दिल टूटे, क्योंकि फिर फिर शायद अंकिता दुखी दिल से नंदू की आत्मा की शांति की पूजा में पूरा साथ नहीं दे पाएगी और अंकिता मेरे बिना पूजा संपूर्ण होना असंभव है।