ये तुम्हारी मेरी बातें - 1 Preeti द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

ये तुम्हारी मेरी बातें - 1

"सुनो, कहां हो तुम"?

"सुबह घर से निकलते वक्त बता कर आया था , भूल गई "?

"सीधे सीधे जवाब देने में दिक्कत है क्या कोई "?

"आज अचानक से मेरी जासूसी क्यों की जा रही "?

"अरे! हद है भला ! पति कहां है कैसा है पूछ लिया तो जासूसी हो गई"?

"एक ही दिन में कितने झटके देने का इरादा है तुम्हारा "?

"क्या मतलब"?

"पति भी मान रही , में कहां हूं पूछ कर पत्नी का हक भी जता रही , बुखार अब तक उतरा नही या दिमाग पर चढ़ गया है"?

"अजीब इंसान हो, तब से सवाल सवाल में जवाब दिए जा रहे , बताओ हो कहां तुम ? बोलकर गए थे मीटिंग में जा रहे हो , अब तक मीटिंग खत्म न हुई तुम्हारी"?

"मेरी याद आ रही ? या कोई काम है ? या शक कर रही हो ? झूठा बुला रही मुझे"?

"एक लाइन में चार सवाल कौन करता है ? कसम से हद ही हो , वीडियो कॉल करूं"?

"अरे अरे अरे ! ड्राइंग रूम नही है घर का , मीटिंग रूम में हूं, लोग इंतजार कर रहे , फ्री होकर सबूत देता हूं"।

"हां, तब तक ऑफिस पहुंच ही जाओगे , है ना"!

"देखो , ये शक्की बीवी बन कर मुझे खुश मत करो तुम , दिक्कत हो जायेगी तुम्हें । कह दे रहा हूं । फोन क्यों किया ये बताओ"।

"मुझे चाय पीनी थी"।

"बेडरूम से किचन का रास्ता भूल गई तुम "?

"कहां हो ? कब तक आ रहे हो ? और वीडियो कॉल करने से क्यों कतरा रहे हो"?

"सुनो , यहां सबसे तुम्हें मिलवाना है , लेकिन इस तरह अच्छा नही लगेगा । घर पर डिनर कर सबको बुला लेते हैं ,वहीं सबसे मिल लेना।"

"बातें मत बनाओ , कितनी देर में आ रहे हो वो बताओ वरना मेरा वीडियो कॉल उठाओ !"

"देखो, मुझपर हुकुम चलाओ , हुकुम चला कर अपना दीवाना बनाओ , वीडियो कॉल लगाओ और कहां हूं खुद जान जाओ!"

"अभिषेक!"

"प्रतिमा!"

"मुझे चाय पीनी है।"

" एक घंटे में आकर बनाता हूं , तब तक इतनी देर जो मेरा खून पिया है , उससे काम चल जाएगा ।"

"तुम ऑफिस में नही हो न ?"

"वीडियो कॉल कर रहा , उठाओ तुरंत !"

"फ्रेंड्स , मीट माय लवली ओवर पोसेसिव एंड केयरिंग वाइफ प्रतिमा !"

(मीटिंग रूम के प्रोजेक्टर से कनेक्टेड अभिषेक के फोन की स्क्रीन पर प्रतिमा सभी को नज़र आती हुई , और सभी प्रतिमा को नज़र आते हुए)

"हेलो एवरीवन ! सॉरी , आई डिस्टर्ब्ड द मीटिंग !
प्लीज़ कंटिन्यू। अभिषेक, डिस्कनेक्ट द कॉल प्लीज़ ।"

वीडियो कॉल कट हुई , अभिषेक ने तुरंत ऑडियो कॉल लगाया और मीटिंग रूम से बाहर आ गया ।

"हेलो !"

"सॉरी, तुम्हें मीटिंग में डिस्टर्ब किया !"

"हक से गुस्सा करना सूट करता है तुम पर, तुम्हारा शक मंजूर है , आवाज़ में उदासी नहीं । टाइमर लगाओ , एक घंटे में चाय के साथ मिलूंगा । बेडरूम से बाहर अब मेरे आने पर ही निकलना, खबरदार किचन में जाकर चाय बनाई तो !"

"तो क्या कर लोगे ?"

"पी लूंगा , बस अदरक थोड़ी कम डालना ।"