प्यार भरा ज़हर - 25 Deeksha Vohra द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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प्यार भरा ज़हर - 25

एपिसोड 25 ( राक्षश ओर नागिन ! )

"अब रोने से क्या फायदा , जिसे आना था , वो तो आ गया | अब हिम्मत है , तो उससे बच कर बताओ |" 

तभी वो लड़की अचानक से गायब हो जाती है | या यूँ खो , की वो इतनी तेज़ भागने लगती है , की किसी को दिखाई ही नहीं देती | पहले वो लड़की लोकल हॉस्पिटल जाती है | वहां वो किसी नर्स से पूछती है | 

"सुनिए ..."

नर्स :: "जी मैम ?" 

तो वो लड़की उस नर्स से पूछती है "ब्लड बैंक किस ओर है ?"

नर्स उस लड़की ओर बड़े अजीब तरीके से देखती है | तो वो लड़की अपनी आँखें बंद करती है , ओर फिर खोलती है , ओर उस नर्स की आँखों में आँखें डालते हुए , नर्स को समोहित कर देती है | जब उस लड़की को यकीन हो जाता है , की नर्स सम्होती हो चुकी है , तब वो उस नर्स से दुबारा सवाल करती है | 

अब बताऊ की ब्लड बैंक कहाँ है ?" नर्स अपने हाथ से इशारा कर देती है | जिसके बाद , लड़की वहां से जाने लगती है | पर जाने से पहले वो लड़की , उस लड़की के उपर अपनी समोहन क्रिया का फिर से प्रयोग करती है , ओर उस नर्स से कहती है | 

"मेरे यहाँ से जाते ही , तुम भूल जाओगी की तुम मुझसे कभी मिली भी थी |" ओर ये खे वो लड़की वहां से चली जाती है | जैसे ही वो लड़की वहां से जाती है, वो नर्स अपने होश में आती है | ओर मन ही मन सोचने लगती है | 

नर्स :: "आखिर मैं यहाँ क्या कर रही थी ?" ओर फिर सोचते हुए ही वहां से वोर्ड की ओर चली जाती है | वो हरी आँखों वाली लड़की , ब्लड बैंक जाती है , ओर कुछ खून की बोटल्ज़ लेकर , हॉस्पिटल से निकल जाती है | ओर फिर से हवा की तेज़ रफ़्तार से , जाने लगती है | 

जल्दी ही कुछ ही पलों में , वो लड़की , कोमल की माँ के घर के सामने खड़ी थी | अपने चेहरे पर , मुस्कान के साथ , जल्दी से घर के अंदर जाती है | ओर रक्षांश के गले लग जाती है | रक्षांश जो अभी अभी वापिस आया था , उसे समझ नहीं आ रहा था , की ये लड़की कौन है |लेकिन जब रक्षांश ने , अपनी ही महक उस लड़की के बदन से आती हुई महसूस की , तब रक्षांश को पता चला की , ये लड़की ओर कोई नहीं बल्कि , काम्या है 

रक्षांश की बड़ी बेटी | हाँ , काम्या , काश्वी  की बड़ी बहन | रक्षांश को अचानक से खून की महक आने लगती है | तो उसकी आँखें एक दम  से लाल हो जाती हैं | रक्षांश की हरी आँखें जब लाल हुई , तो कोई भी उस वक्त रक्षांश की आँखें देखता , तो डर के मारे अपनी साँसें ही छोड़ देता | 

रक्षांश के शरीर की नसें , दिखने लगीं थी | वो काम्या से पूछता है | 

रक्षांश :: (भयानक आवाज़ में ) "तुम्ह्मारे पास खून है न काम्या ?" काम्या अपने पिता की ओर देखती है , ओर रक्षांश के सामने खून की साड़ी बोटल्ज़ रख देती है | रक्षांश कुछ ही पलों में , वो सारा खून पी जाता है | ओर फिर , अपने ताकत फील करते हुए , सुकून भरी आवाज़ में रक्षांश  बोलता है | 

रक्षांश ::: (भारी आवाज़ में ) "मज़ा ही आ गया | कितने समय से मैंने इंसानों का खून नहीं चखा था |" 

उसके बाद , काम्या रक्षांश से कहती है | 

काम्या :: "धरती पर आपका स्वागत है पापा |" उसके बाद , रक्षांश के दिमाग में मानो कुछ आया हो , वो काम्या को ध्यान से देखता है | काम्या को देखते हुए , रक्षांश अच्छे से बता सकता था , की काम्या को धरती पर आए , बहुत समय हो गया है | तो रक्षांश अपनी सर्द आवाज़ में काम्या से पूछता है | 

रक्षांश :: "कितना समय काम्या ?" पहले तो काम्या कुछ कहना नहीं चाहती थी | लेकिन , जब काम्या को खुद पर रक्षांश की नजरों की तपश महसूस हुई , तो काम्या हकलाते हुए , बोलती है | 

काम्या :: "वो , लगभग एक साल |" रक्षांश काम्या की बात सुनकर , हैरान रह जाता है | रक्षांश को लगा था , की काम्या ने उसे जीवित किया होगा | लेकिन , अब उसे समझ आ रहा था | की अगर काम्या नहीं , तो उसके बाद , एक ही इंसान था , जिसके खून के कतरे से रक्षांश धरती पर वापिस आ सकता था | ओर वो थी कोमल | काम्या की जुड़वा बहन | 

पर अब रक्षांश को ये समझ नहीं आ रहा था , की काव्या ने क्यूँ उसे जीवित नहीं किया | काव्या के पास तो बहुत समय था , उसे जीवित करने का | तभी रक्षांश को काम्या पर शक होने लगता है | वो काम्या को अपनी सर्द नजरों से देखने लगा | 

काम्या जो रक्षांश के पास अपना मकसद लेकर आई थी , वो जब रक्षांश की नजरों की तपश बर्दाश्त नहीं कर पाई , तब चिलाते हुए कहती है | 

काम्या :: "मुझे भी कोमल ने ही अंजीं में जीवीत किया था |  उसकी कुछ की कुछ बूंदें मेरी कब्र पर आ गईं थीं |"

काम्या इसके बाद चुप हो जाती है | पर रक्षांश का गुस्सा बढ़ता देख , कांपते हुए काम्या कहती है | 

काम्या :: "वो पापा , मुझे याद नहीं रहा | मुझे लगा की कोमल ही आपको जीवित कर सकती है | "

ये खेने के बाद , काम्या अपनी बात को घुमाने लगती है , 

काम्या :: "अरे पापा आप इतने समय बाद आए हैं , ..." 

काम्या जैसे ही आगे कुछ बोलने की कोशिश करती है | रक्षांश तेज़ हवा की रफ़्तार से काम्या के पास आता है | ओर काम्या के सर पर हाथ रखते हुए , ये जानने की कोशिश करने लगता है , की पिछले एक साल में काम्या ने क्या क्या किया है | 

काम्या रक्षांश का हाथ , अपने सर से हटाने की बहुत कोशिश करती है | लेकिन काम्या की ताकत , रक्षांश के आगे कुछ भी थी | आँखें बंद करते ही , रक्षांश को पता चल जाता है , की काम्या ने कई बार , किसी ओर के साथ मिलकर , काश्वी  को मारने की कोशिश की थी | 

इस बात पर गुस्से में रक्षांश अपनी आँखें खोलता है |ओर जो हाथ रक्षांश का काम्या के सर पर था , चंद पलों में वही हाथ काम्या की गर्दन पर था | रक्षांश ये बात कभी भी बर्दाश नहीं कर सकता था , की काश्वी  पर कोई हमला आए | 

यही एक कारण था , की रक्षांश ने खुद को ही मार दिया था | ताकि अनजाने में भी , वो काश्वी  या काश्वी  की माँ को चोट न पहुंचा दे | 

एक राक्षश की मौत कोई नहीं कर सकता | एक राक्षश की मत तभी हो सकती है , जब वो खुद को मरता है | काम्या बच्ची थी , इसलिए रक्षांश ने अपनी शक्तियों से काम्या को भी खुद के साथ मार दिया था | 

क्यूंकि काम्या रक्षांश की पहली बेटी थी | रक्षांश एक राक्षश था | ओर कोमल की माँ एक नागिन | काम्या में रक्षाशी शक्तिया आइन थीं | ओर काश्वी  , कोमल में नागिन की | रक्षांश हमेशा से जनता था , की काम्या खुद पर कंट्रोल नहीं रख पायेगी | क्यूंकि रक्षांश को ही लगभग 10 हजार साल लग गये थे , खुद पर कंट्रोल हासिल करने में | तो काम्या कैसे करती | 

यही एक कारण था , की रक्षांश ने अपने साथ साथ काम्या को भी मार दिया था | पर रक्षांश को लगा नहीं था , की व्ही बेटी , कम्य एक दिन अपनी ही बहन कोमल को जान से मारने की कोशिश करेगी | रक्षांश के लिए ये बर्दाश्त करना बहुत मुश्किल था | जिस कोमल के लिए , एक पिता ने अपनी जान दी थी | भला वो पिता ये कैसे बर्दाश करेगा , की उसी की बड़ी बेटी , उसकी छोटी बेटी को मार दे | 

रक्षांश गुस्से में काम्या की गर्दन दबाते हुए कहता है | 

रक्षांश :: "तुम्हारी इतनी हिम्मत , काश्वी  को मारने की कोशिश की तुमने |" काम्या ने एक झटके से , खुद को रक्षांश के चंगुल से बाहर निकाला , ओर गुस्से में चिलाते हुए , रक्षांश से कहती है | 

काम्या :: "बहुत हो गया पापा | आप उस नागिन के लिए , मुझे मरना चाहते थे | मेरी मौत के बाद ,, वो नागिन , शेष नागिन बन गई | ओर शेष नागिन के ओहदे पर सिर्फ मेरा हक है | सिर्फ मेरा | 

रक्षांश :: (गुस्से में ) "पागल मत बनो  काम्या , तुम राक्षश हो |" तभी काम्या बीच में बोलती है | 

कम्य अ:: (गूंजती हुई आवाज़ में ) :: "ओर नागिन भी ...." रक्षांश ये बात सुनकर हैरान रह जाता है |जब काम्या पैदा हुई थी , रक्षांश को लगा था , की काम्या में नागिन शक्तियां हो सकती हैं | लेकिन जब काम्या पर रक्षाशी शक्तियां हावी होने लगीं थी | तो रक्षांश को भरोसा हो गया था , की काम्या एक राक्षश है | उसके बाद , काम्या आगे बोलती है |

काम्या :: "मैं भी नागिन हूँ | ओर माँ के बाद , उस मणि पर मेरा हक है | सिर्फ मेरा |"

अब रक्षांश क्या करेगा ? ओर क्या सच में एक सगी बहन अपनी ही बहन को मार सकती है , कुछ चंद ताकतों के लिए ? 

जानने के लिए बने रहिये मेरे साथ |