जब वंदना अपनी बड़ी बहन की शादी की वजह से पांच दिन कॉलेज से छुट्टी लेकर कॉलेज नहीं आती है, तो उस समय आदित्य को महसूस होता है कि वह वंदना से उसे बेइंतहा मोहब्बत हो गई है।
और जब आदित्य अपने कॉलेज के दोस्तों के साथ वंदना की बड़ी बहन की शादी में जाता है, तब वंदना को अपनी बड़ी बहन के देवर के साथ बहुत ज्यादा घूल मिलकर बातें करते देख उसे इतना बुरा लगता है कि वह अपने कॉलेज के दोस्तों और वंदना के रिश्तेदारों के सामने ही वंदना को अपनी बड़ी बहन के देवर से बात करने के लिए मना करता है।
वंदना को आदित्य का यह बदला हुआ स्वभाव बिल्कुल भी पसंद नहीं आता है और वह आदित्य का अपमान करके अपने से दूर रहने के लिए आदित्य से कहती है।
और जब वंदना को पता चलता है कि आदित्य उसकी इस बात का बुरा मान कर उसकी बड़ी बहन की शादी से बिना खाना खाए चला गया है, तो वंदना आदित्य से फोन करके माफी मांगती है।
वंदना का फोन आने के बाद आदित्य को पूरा विश्वास हो जाता है कि वंदना भी उससे प्रेम करती है, इसलिए जब वंदना कॉलेज जाती है, तो कॉलेज की कैंटीन के बाहर वंदना को रोक कर उससे अपनी मोहब्बत का इज़हार करता है।
आदित्य और वंदना फर्स्ट ईयर केे स्टूडेंट थे, वंदना का बड़ा भाई फाइनल ईयर का और वह आवारा गैर जिम्मेदार किस्म का युवक था, इसलिए जब वह आदित्य को वंदना से यह बात कहते हुए सुन लेता है तो गुस्से में आदित्य के साथ मारपीट करने लगता है।
वंदना भी आदित्य के चेहरे पर एक जोरदार थप्पड़ मारती है। आदित्य को वंदना के थप्पड़ मारने का दुख नहीं था, उसे दुख तो इस बात का था कि वंदना को उसके भाई का झगड़ा़ करना और खुद उसके थप्पड़ मारने के बाद वंदना के चेहरे पर कोई अफसोस नहीं था।
वंदना का बड़ा भाई अविनाश अपने माता-पिता को आदित्य की इस हरकत के बारे में सब कुछ बता देता है।
वंदना के माता-पिता ने भी लव मैरिज की थी, वह प्यार करने वालों की कदर करते थे और उन्हें आदित्य पसंद भी था, इसलिए वह वंदना से पूछते हैं? "अगर तुम आदित्य को पसंद करती हो तो तुम दोनों की शादी से हमें कोई एतराज नहीं है।"
अपने माता-पिता की यह बात सुनकर वंदना उनसे कहती है "मैं आदित्य को बस अपना अच्छा दोस्त मानती हूं।"और यही बात वंदना दूसरे दिन आदित्य से कहती है।
कुछ दिनों बाद आदित्य को पता चलता है कि वंदना अपनी बड़ी बहन के देवर से प्रेम करती है और उसी से शादी करेगी।
यह खबर सुनने के बाद आदित्य रात भर सोच विचार करके फैसला लेता है कि "अगर मैं वंदना के पीछे अपनी जान भी दे दूंगा, तो वह कुछ दिन दुखी होकर फिर मुझे भूल जाएगी।"
इसलिए आदित्य अपनी मां को अपने और वंदना के एक तरफा प्रेम के बारे में बात कर कहता है कि "जल्दी से जल्दी वंदना जैसी लड़की ढूंढ कर उससे मेरी शादी करवा दो।"
आदित्य के माता-पिता अपने बेटे की दुख और परेशानी को समझ कर वंदना जैसी खूबसूरत लड़की देखकर उसकी शादी करवा देते हैं।
और शादी की पहली रात जब आदित्य अपनी पत्नी दीपा को वंदना और अपने एक तरफा प्रेम की पूरी कहानी बताता है, तो आदित्य की पत्नी दीपा कहती है "जैसे वंदना ने आपके प्रेम की कदर नहीं की वैसे आप मेरे साथ कभी मत करना।"
"ऐसा कभी भी नहीं हो सकता है, मैं एक तरफा प्रेम अग्न को अच्छी तरह महसूस कर चुका हूं। आज के बाद तुम मेरी मैं तुम्हारा हूं।"आदित्य कहता है