प्रिया जब बहुत देर तक डोर बेल बजाने के बाद सिद्धार्थ के लिए दरवाजा नहीं खोलती है तो सिद्धार्थ निराश उदास होकर प्रिया के घर की चौखट से लौट कर वापस अपने घर जाने लगता है, तो प्रिया अपने घर की बंद खिड़की खोल कर कहती है "आज से अजनबी हो तुम मेरे लिए।"
अपनी पत्नी प्रिया के यह शब्द सुनकर सिद्धार्थ को बहुत दुख पहुंचता है।
प्रिया के मां बाप परिवार वाले पहले ही नहीं चाहते थे, की प्रिया गरीब अनाथ सिद्धार्थ से शादी करें।
इसलिए सिद्धार्थ को पता था कि अगर मैंने जल्दी ही प्रिया का गुस्सा शांत नहीं किया तो उसके मां-बाप परिवार वाले मेरा और प्रिया का तलाक करवा कर प्रिया की दूसरी जगह शादी करवा देंगे।
जिस बात को लेकर दोनों पति-पत्नी के बीच में झगड़ा हुआ था, सिद्धार्थ उसी समय से उस बात का हल ढूंढने लगता है, लेकिन सिद्धार्थ के पास उस बात का कोई हल नहीं था, क्योंकि सिद्धार्थ अनाथ था, उसने बचपन से लेकर जवानी तक अकेलापन बर्दाश्त किया था, इसलिए वह चाहता था कि उसका परिवार बड़े और मेरी संतान को मां-बाप के प्यार का बहुत सुख मिले जिस सुख के लिए वह बचपन से जवानी तक तड़पता रहा था।
प्रिया टॉप की मॉडल बनना चाहती थी और वह अपने घर की गरीबी दूर करके मां बनना चाहती थी और अपनी संतान को वह सब ऐशो आराम देना चाहती थी, जो उसे बचपन से सिद्धार्थ से शादी करने तक मिले थे।
सिद्धार्थ प्रिया एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे और हर हाल में एक दूसरे के साथ खुशी से रहते थे, लेकिन जब उन्हें लगता है कि "मैं अपनी जगह सही हूं।" तो वह एक दूसरे को तलाक दे देते हैं।
प्रिया से तलाक होने के बाद सिद्धार्थ एक बेटे एक बेटी का पिता बन जाता है, सिद्धार्थ को औलाद का तो सुख मिल जाता है लेकिन पत्नी के प्रेम का सुख नहीं मिलता है, ऐसा नहीं था कि उसकी पत्नी कुसुम खूबसूरत घरेलू अच्छे चरित्र की युवती नहीं थी बल्कि सिद्धार्थ प्रिया से सच्चा प्रेम करने के बाद अपनी पत्नी कुसुम से सच्चा प्रेम नहीं कर पाया था।
उधर प्रिया टॉप की मॉडल बनने के बाद एक अमीर आदमी से शादी तो कर लेती है, लेकिन ज्यादा आयु होने की वजह से मां नहीं बन पाती है।
एक दिन शॉपिंग मॉल में दिवाली की शॉपिंग अपने अपने नए परिवार के साथ करते हुए सिद्धार्थ और प्रिया की अचानक मुलाकात हो जाती है।
तो दोनों एक दूसरे को अपने और अपने परिवार के बारे में बताते हैं और पछताते हुए एक दूसरे से कहते हैं पति-पत्नी को एक दूसरे को अच्छी तरह समझ कर तलाक का फैसला लेना चाहिए क्योंकि हम दोनों को ही अब समझ आ गया है कि अपनी-अपनी जगह हम दोनों ही सही थे, हमारे गलत फैसले की वजह से आज हम एक दूसरे के लिए अजनबी हो गए हैं।
अब अपने-अपने नए परिवार को बचाने के लिए हमें एक दूसरे को ऐसे देखना और मिलना होगा जैसे कि हम अजनबी हो।
और प्रिया सिद्धार्थ अजनबियों जैसे एक दूसरे की तरफ देखे बिना शॉपिंग मॉल से दिवाली की शॉपिंग करके चुपचाप चले जाते हैं।