साथ जिंदगी भर का - भाग 65 Khushbu Pal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • अनोखा विवाह - 10

    सुहानी - हम अभी आते हैं,,,,,,,, सुहानी को वाशरुम में आधा घंट...

  • मंजिले - भाग 13

     -------------- एक कहानी " मंज़िले " पुस्तक की सब से श्रेष्ठ...

  • I Hate Love - 6

    फ्लैशबैक अंतअपनी सोच से बाहर आती हुई जानवी,,, अपने चेहरे पर...

  • मोमल : डायरी की गहराई - 47

    पिछले भाग में हम ने देखा कि फीलिक्स को एक औरत बार बार दिखती...

  • इश्क दा मारा - 38

    रानी का सवाल सुन कर राधा गुस्से से रानी की तरफ देखने लगती है...

श्रेणी
शेयर करे

साथ जिंदगी भर का - भाग 65

जरूरत नहीं है जाकर काम कीजिए और हां दूसरी लड़कियों से चिपक चिपक चिपक कर बातें भी कीजिए आस्था धक्का देकर चली गई थी क्या आप को जलन हो रही है लेकिन किस से एकांश को कुछ समझ ही नहीं आ रहा था वह भी आस्था के पीछे पीछे चला गया आस्था सुने तो सही एकांश हमें आपसे बात ही नहीं करनी कुंवर जी आस्था बिल्कुल तैयार ही नहीं थी उससे बात करने के लिए यह लड़की एकांश परेशान हो चुका था

क्या हुआ दोस्त वह माने या नहीं एकांश नहीं पता नहीं उन्हें क्या हो गया है पहले तो ऐसी नहीं थी एकांश को चेहरा देखने लायक हो गया था जिस पर रुद्र और बाकी सब को हंसी आ गई थी बस अब बस भी कीजिए सब और रूद्र आप भी एकांश में चिढकर कहा और फिर कुछ सोचते हुए रुद्र की ओर देखने लगा और रुद्र ऐसे क्या देख रहे हैं रुद्र ने अटक ते हुए पूछा क्या किया है आपने रूद्र वह ऐसा ऐसी नहीं है जरूर आप अपने आप में से ही किसी ने कुछ उनसे कहा है और वह ऐसे भी कभी नहीं कर रही सकती हैं

एकांश ने अपनी नजर उन पर रोकते हुए कहा नहीं भाई सा हमने कुछ नहीं किया वह ठीक है मत बताइए हम आस्था तो को तो मना ही लेंगे लेकिन सिर्फ उनसे पूछेंगे अगर उन्होंने आप में से किसी का नाम बी लिया तो देख लेंगे हम क्या करते हैं आपका

एकांश ने उन्हें धमकी दी और चारों ने अपना अपना थूक गटक लिया भाई साहब ने कुछ नहीं किया लेकिन सब किया है सारा और श्रावण भाभी का किया गया है रूद्र हां भाई साहब हम उन्हें मना भी कर रहे थे फिर भी वह नहीं मानी स्वप्न सच में स्वप्न और रुद्र भाई सा आप भी श्रावणी में उन्हें घूर कर देखा एकांश सामने यह सारा प्लान बता दिया रुद्र और स्वप्न का ही था कि डॉल आप को इग्नोर करें आप और बिल्कुल भी आप कोई अटेंशन अटेंशन ना दे लेकिन इसमें और गड़बड़ हो गई

सारा आप टीना भाभी के साथ अंदर आ गए और उनसे हस हस के बातें भी कर रहे थे भाभी सा को जलन हो गई और इन दोनों ने उनका गुस्सा और ज्यादा बढ़ा दिया श्रावणी श्रावणी सारा श्रावणी सारा इल्जाम हम पर मत डालिए भाई सा शुरूआत इन्होंने ही की थी भाभी सा को इन्होंने ही भड़काया था रूद्र और बाकी तीनों की आपस में तो तुम्हें शुरू हो गई बस ऐसे ही गुस्से भरी आवाज से चारों ने अपना सिर झुका लिया हमें लगता श्रावणी हमें लगता था कि आप इन तीनों में सबसे ज्यादा समझदार है लेकिन आप भी इन की ही तरह बन गए

एकांश सॉरी ना भाई सा हमें नहीं पता था कि वह इतना गुस्सा हो जाएंगे श्रावणी सच में डॉल को ज्यादा गुस्सा आता नहीं है लेकिन सारा कहते हुए चुप हो गई लेकिन जब आता है तो तो बस आने से नहीं जाता है राइट एकांश स्माइल करते हुए कहा वह खुश था एक आस्था को अपने लिए इतना possessive देख कर उसकी बेचैनी उसकी नजरों में साफ-साफ जाहिरा हो रही थी

आस्था की तरह उस पर आने वाली नजरें उसे सुकून पूरा रही थी लेकिन वह कितनी जलन बेकरार थी उन आंखों में और भी सवाल थे भाई सा रुद्र ने एकांश कोई मुस्कुराता देख आवाज दी आप परेशान होने के बजाय स्माइल क्यों कर रहे हैं हमसे पूछिए छोटी सी भाभी सा को मनाना कितना मुश्किल है उनकी नाराजगी मिटाते मुटाते ही हमारी जान हलक तक आ जाती थी

अब तो वह नाराज होना उन्हें कब साथ-साथ आपसे गुस्सा भी हैं रुद्र ने कहा और उसे ही तो ज्यादा एक्सपीरियंस था आस्था को मनाने का हां वह तो है लेकिन फिर भी हम उनका गुस्सा होना बहुत अच्छा लग रहा है इसमें मुस्कुराते हुए कहा बाकी सब के चेहरे पर भी स्माइल आ गई

लेकिन उसका यू मुस्कुराते देखा आस्था का गुस्सा पल भर में बढ़ रहा था टीना का उसके करीब होना आस्था के बर्दाश्त के बाहर था एकांश बाद में मुस्कुराया पहले चलकर आपकी जान को गलतफहमी दूर करते हैं टीना ने कहा और वह सब आस्था की तरफ आने लग गए अचानक आस्था के किस से भरे लाल हुए चेहरे पर स्माइल आ गई और सबकी नजर देख रही थी उधर चली गई लो और उसके पास गई और उसके गले लग गई

खुशी आर यू ऑल राइट हैरानी से पूछा भले ही वह काफी अच्छे दोस्त और बिजनेस पार्टनर थे आपने कभी भी इस तरह से नहीं लगाया था यहां तक कि वह लड़कों से हैंडसेट भी काफी सोच समझ कर करती थी ढूंढे डोंट नो डोंट मूव स्टे आस्था ने लियो से कहा व्हाट हैपेंड लिओ want to jealous someone आस्था यू आर जी वो आस्था के चेहरे पर मुस्कुराहट लेकर उससे दूर हुए

क्यों तड़पा रही हो उन्हें लिए शुरुआत उन्होंने की थी सोचा क्यों ना खत्म हम करें हाय बेबी डॉल तू क्या कड़क दिख रही है आस्था पहले भी तो उनकी हालत खराब होगी और ऊपर से तेरा यूं को इग्नोर करना बहुत ही सितम ढा रही है उन पर लिए उसे चढ़ा रहा था वो अपने दिलबर को सताना और तड़पाना में जो मजा है ना वह तुमसे ज्यादा अच्छे से और कौन जानता है होगा यह सच है बाय द वे एक गुड न्यूज़ बतानी है वो जल्दी तुम आंटी बन जाओगी

एंजिला is प्रेग्नेंट एक बार उसे गले लगा लिया और चेहरे पर हल्की गुस्से की लकीर आ गई मेक माय डे और बाकी सब तो उसके सामने आ गए थे क्या हुआ डॉल सारा ने आस्था से पूछा और लियो को ऑफ फॉर्मल हग दे दिया वेसे ( लियो आस्था का फ्रेंड है) उसे गुड न्यूज़ देने वाला था लेकिन उससे पहले ही आस्था बोल पड़ी नथिंग कुछ नहीं हुआ

आस्था ने कहा और गुस्से भरी नजर एकांश पर डाल दी आस्था इनसे मिलिए यह है रियांश और उनकी उनकी वाइफ टीना मान पर्सी और जेनी एकांश ने को उन सब की पहचान बताने ही जरूरी लगी

आस्था को पता लगा टीना रेयांश की वाइफ है यह जानकर खुशी हुई उसके चेहरे पर आई वह एक पल की स्माइल एकांश को खुशी दे गए लेकिन आस्था में फिर से अपना चेहरा नॉर्मल कर दिया उतने में ही बेटर सोंग रंग लेकर आ गया और सबने एक साथ ग्लास उठाया बेबी डॉल क्या कर रही है

उन्होंने आस्था के हाथ से ड्रिंक का गिलस ले लिया व्हाट द हेल बुजुर्ग को लियो का आस्था के हाथ से ड्रिंक जीने ना बिल्कुल ज्यादा पसंद नहीं आया और ना ही आस्था को उसका बेबी डॉल कहना ऑरेंज सोडा खुशी ने कहा और आस्था ने बुरी सी शक्ल बना दी उसे ऑरेंज बिल्कुल पसंद नहीं थे रूद्र आस्था की तरफ देखने लगा रिलैक्स कोई बात नहीं और हमें ऑरेंज और उस से रिलेटेड कोई चीज पसंद नहीं है

सॉरी हम भूल गए थे रूद्र के कहने पर आस्था ने प्री सी स्माइल की खुशी लियो ने शरारती मुस्कान के साथ कहा आस्था से आई कुछ बोलने से पहले ही उसका हाथ थामकर डांस फ्लोर पर ले गया

उसका फेवरेट सॉन्ग और सेकंड एकांश को जलन फील कराना

पल पल दिल के पास तुम रहती हो

जीवन मीठी प्यास यह कहती हो

पल पल . .. . . . . . .

हर शाम आंखों पर तेरा आंचल लहराया

हर रात यादों की बरसात ले आया

मैं सांस लेता हूं

तेरी खुशबू आती है

एक महका महका सा

पैगाम लाते हैं

मेरे दिल की धड़कन भी

तेरे गीत गाती है

पल पल . . . . . . . . . .

कल तुझको देखा था मैने

अपने आंगन में जैसे कह रही थी

तुम मुझे बांध लो बंधन में

यह कैसा है रिश्ता

यह कैसे हैं

सब अपने बेगाने

हो कर भी क्यों लगते हैं अपने

मैं सोच में रहता हूं

डर डर के कहता हूं

पल पल . . . . .. . . .

तुम सोचोगी क्यों इतना

मैं तुमसे प्यार करूं

तुम सोचूंगी दीवाना

मैं भी इकरार करूं

दीवानों की यह बातें

दीवाने जानते हैं

जलन में क्या मज़ा है

परवाने जानते हैं

तुम यूं ही जलते रहना

आकर ख्वाबों में

पल पल दिल के पास

आस्था और लिए एक दूसरे के साथ काफी अच्छा डांस कर रहे थे दोनों भी एकांश को जलन कराने का एक भी मौका नहीं छोड़ रहे थे

डांस के स्टेप उनका मुस्कुराना उनका एक दूसरे के साथ हर किसी को यही लग रहा था कि वह कपल है

एकांश का गुस्सा और जलन किस से बहुत ज्यादा बुरा हाल हो गया था

अब उसे पूरा भरोसा था लेकिन फिर भी उसे लिए उसे इनसिक्योरिटी महसूस हो रही थी

खुशी तुम्हारे कुंवर जी इधर ही आ रहे हैं न्यू ने उनसे कहा

मरीज ए इश्क हूं

मैं कर दे दवा

मरीज ए इश्क हूं

मैं कर दे दवा

हो ओ हो ओ हो ओ हो

म्यूजिक

तलब है तू

तू है नशा

गुलाम है दिल ये तेरा

खुल के जरा जी लूं तुझे

आजा मेरी सांसो में

एकांश ने आस्था को अपने तरफ काफी करीब खींच लिया था और अपने होंठ उसके गाल पर रख दिए थे और गहरी सांस लेकर आस्था की खुशबू अपने अंदर समा ली थी

आस्था ने सिहर कर उसके पीठ पर अपने नाखून को दिए थे

मरीज ए इश्क हूं मैं

कर दे दवा

हाथ रख दे

तू दिल पर जरा

हाथ रख दे

तू दिल पर जरा

ओ हो . . . . हो . . .

एकांश ने उसे घुमा कर उसके कमर पर अपना कब्जा जमाया और उसके साथ नाच ने लगा वह आस्था को अपने करीब लेकर डांस कर रहा था उसका हाथ आस्था को छू रहे थे

तुझे मेरे रब ने मिलाया

मैंने तुझे अपना बनाया

अब ना बिछड़ना खुदाया

मोहब्बत रूह की है

लाजिम है रिजवान रिजा

एकांश ने उसे गोल-गोल घुमाते हुए अपने हाथों पर झेला आस्था के कमर को पकड़ कर उसने उसे किसी गुड़िया की तरह उठा कर और गोल घुमाने लगा

आस्था उसकी आंखों में पूरी तरह से केद हो चुकी थी एकांश में उसको नीचे उतार कर उसके गले पर लव बाइट दे दी थी

एकांश ने उससे अब गोल घुमाया और गाने की हर एक बिट के साथ उसके पीठ पर अपने होंठों से किस करने लगा उसके बालों को एक और करते हुए एकांश होंठों से उसके पीठ को तो अपने हाथों से उसके पेट कुछ हो रहा था

( वैसे मैं आपको बता दूं रुद्र ने पहले से ही स्टेज पर लाइट काफी कम कर दी थी जिस वजह से मैं यह रोमांटिक सीन डाल पाई हूं और किसी को भी एक दूसरे का चेहरा बिल्कुल भी नहीं दिखाई दे रहा था )

चाहा तुझे मैंने वफ़ा से

माँगा तुझे मैंने दुआ से

पाया तुझे तेरी अदा से

करम हद से है ज़्यादा

मुझपे तेरा ....

एकाँश आस्था के साथ बेकाबू होकर डांस कर रहा था और आस्था किसी मोह में बंधे उसके साथ थिरक रही थी ....

एकाँश ने उसका चेहरा अपने हाथ मे थाम लिया और उसकी तरफ प्यार से देखने लगा आखिर अपने जज्बातों से हार कर उसने आस्था के ओठो को अपने ओठो में समा लिया ....

हाथ रख दे

तू दिल पे ज़रा

ओ हाथ रख दे

तू दिल पे ज़रा

ओ हाथ रख दे

तू दिल पे ज़रा

हो..ओ हो .. ओ हो ..

एकाँश भूल चुका था कि वो इस वक़्त कहा है .. वो बस आस्था को महसूस करना चाहता था .... आस्था की किसी और से करीबी का सोचकर ही वो तड़प उठा और अपनी सारी तड़प आस्था के उन नाजुक ओठो पर निकलने लगे गया ।

. आस्था के बालों में हाथ दाल एकाँश ने उसके चेहरे को अपने चेहरे के ठीक सामने पकड़ा और उसकी आस्था अपनी आँखें बड़ी बड़ी . आँखों में देखा कर उसे देख रही थी .

यू आर माइन जान .... सिर्फ हमारी है आप . सिर्फ हमारी .... एकाँश ने हर अल्फाज पर जोर देते हुए कहा और उसके ओठो को कांट दिया ......

कितना जुनून था . उसकी आँखों मे उसके कहे गए हर लफ्ज में आस्था की आँखें भर आयी और एकाँश उसकी नम आंखों को देख वहां से चला गया ।

एकाँश कहा जा रहे है आप .... अजिंक्य बाबासा इम्पोर्टेन्ट काम है ... प्लीज ..... एकाँश अब किसी से कुछ भी कहने के मूड में नही था .... उसे गिल्ट फील हो रहा था . आस्था की वो नम आँखे देख उसे अपने आप पर बेहद गुस्सा आने लगा .....

अजिंक्य जी के आगे लेकिन सुनिए तो सही अजिंक्य जी के आगे कुछ बोलने से पहले ही वो वहां से चला गया . जाने दीजिए भाईसा वाकई में उन्हें काम होंगा . और शायद उनका अकेला रहना वक़्त सही है . . आस्था और उनके दोस्त के वजह इस से वो हर्ट हुए होंगे .मृणाल जी के कहने पर अजिंक्य जी ने एकाँश जिस और गया उधर देखा और हताश होते हुए बाकी गेस्ट से मिलने चले गए

आस्था किसी तरह सबकी नजरें बचाकर स्टेज पर से नीचे आ गयी . .उसकी सांसे काफी हद तक बढ़ चुकी थी . एकाँश के आज की छुवन से उसके बदन में उसे अलग ही अहसास हो रहा था कुछ अजीब सा एक्ससायटमेंट पैदा करने वाला .... स्पेशल .

एक दो गेस्ट ने उसे रोककर उससे बात करनी चाही . उसने बस फॉर्मेलिटी से उनसे हाय हेलो कहा और गार्डन के पीछे वाले हिस्से में आ गयी . ये सब क्या था कुँवरजी . क्या कर दिया आपने हमारे साथ ये अहसास आस्था को एकॉश के ख्याल से ही पूरे बदन पर रोंगटे खड़े हो गए .

इस तरह ..... हमे तड़पता हुआ अकेले छोडकर जाना.... आपको कैसे सही लग सकता है । कुँवरजी . हमे इस अहसास को जीना है . आस्था ने अपने होंठों पर हाथ रखा उसने धीरे से अपना हाथ अपने गर्दन पर लाया और जहा एकाँश ने उसे बाईट किया था वहॉं रखा

आस्था आँखें बंद कर एकाँश की छुवन अपने गले पर कंधे पर महसूस कर रही थी .... बेचैनी से उसने अपनी आँखें और जोर से बंद कर ली

एकॉश के छुवन से उसके अंदर के सारे अहसास अब बेकाबू हो चुके थे इसी बीच किसी ने उसे अपनी और खींच लिया . और आस्था अपनी आँखें खोल हैरांनी से उस शख्स को देखने लगी .

हाश .... बड़ी मुश्किल से ये पार्ट लिखा है ।

वरना मेरा सारा मुड़ ही खराब हो गया था

डिलीट हुआ देख .... पार्ट अब चलिये आप सब लोग पढ़कर कमेंट कीजिये मैने ये पार्ट कल ही डाल दिया था लेकिन पता नहीं केसे डिलीट हो गया तो mne दुबारा लिखा h