The Author Swati फॉलो Current Read एक कहानी ऐसी भी । By Swati हिंदी जीवनी Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books गोमती, तुम बहती रहना - 7 जिन दिनों मैं लखनऊ आया यहाँ की प्राण गोमती माँ लगभग... मंजिले - भाग 3 (हलात ) ... राजा और दो पुत्रियाँ 1. बाल कहानी - अनोखा सिक्काएक राजा के दो पुत्रियाँ थीं । दोन... डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 76 अब आगे,राजवीर ने अपनी बात कही ही थी कि अब राजवीर के पी ए दीप... उजाले की ओर –संस्मरण नमस्कार स्नेही मित्रो आशा है दीपावली का त्योहार सबके लिए रोश... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी शेयर करे एक कहानी ऐसी भी । (2) 1.4k 3.5k ये कहानी है एक ऐसे परिवार की जिस परिवार में दो बहन और एक भाई थे जहां सारे लोग अपना जीवन कुशल से जी रहे थे ।सबकुछ अच्छा चल रहा था सारे लोग खुशी से रह रहे थे ,एक दिन की बात है पिताजी की तबियत अचानक से खराब हो गई और उनका देहांत हो गया उस दिन उस परिवार में एकदम से सन्नाटा छा गया मां भी चुपचाप से रहने लगी।उस दिन ऐसा हुआ की जैसे पूरे परिवार में पहाड़ टूट पड़ा सबकुछ ठीक होने में थोड़ा वक्त लगा लेकिन सब ठीक हुआ फिर से पूरा परिवार मिलकर रहने लगे ,धीरे धीरे दोनो बहने की शादी हो गई और वो सहर में रहने लग गए ।भाई छोटा था तो उसकी शादी थोड़ा देर से हुई लेकिन उसकी शादी गांव की लड़की से हुई थी चुकी सारा परिवार पढ़ा लिखा था तो उसके घर गांव की लड़की की बहु बनना सबको खटकने लगा ये बात की हमलोग इतने अमीर और पढ़े लिखे और हमारी बहु गांव की गवार,इतने छोटे परिवार से आई है भाई से दोनो बहनों की नोकझोक शुरू हो गई ,मां भी उन्नदोनो के बीच कुछ नही बोलती थी। मां को दोनो बेतिया हमेशा अपनी बहु के खिलाफ भड़काती रहती थी,और एक दिन ये हुआ की मां भी अपने बेटे बहु को छोड़ कर अपनी बेटी के यहां रहने चली गई ।चूंकि उनकी भी उम्र हो गई थी तो वो भी बीमार होने लगी ,कुछ दिन तो उसकी बेटियां उनका इलाज करवाया लेकिन ये ज्यादा दिन के लिए नहीं था ,उनकी तबियत ज्यादा ही खराब होने लगी थी अब ऐसा हुआ की वो बहोत ही लाचार होने लगी उसकी बेटी भी अपनी मां को घर से निकल दिया और अब उनके पास और दूसरा कोई रास्ता नहीं था बजाए अपने बेटे और बहू के पास आने के ।अब उनके पास कोई रास्ता नहीं था वो अपने बेटे बहु के पास आ गई ,लेकिन उनके मन में उतना ही आग और गुस्सा था अपने बहु बेटे के लिए ,ये सब जानते हुए भी बहु और बेटे ने उन्हें अपने घर पे रहने की इजाजत दे दी ।बेटे को ऑफिस जाना होता था तो हर दिन की तरह वो उस दिन भी अपने काम पे चला गया ,लेकिन घर पे बहु और मां ही थी और उनका पोता अब उसकी मां का तमाशा शुरू हो गया वो अपनी बहु को परेशान करने लगी ,और अपने पोते को भी परेशान करती थी फिर भी वो अपनी सास को कुछ नहीं बोलती थी वो चुपचाप उनको अनदेखा कर देती थी ,शाम को जब उसका पति घर आया तो उसकी मां बहु की शिकायत करना शुरू कर दिया फिर भी उसकी बहु कुछ नहीं बोली और चुपचाप उनके लिए खाना लगा दी और बोली मां जी आपका खाना लगा दिया है ,उसकी बहु इतनी अच्छी होने के बाद भी उसकी बुराई रोज अपने बेटे से करती थी ,उसका पति उसको कुछ नहीं बोलता था क्योंकि वो जनता था उसकी पत्नी गलत नहीं कर सकती ।एक दिन की बात है मां जी का पैर फिसल गया और वो गिर गई उनकी कमर टूट गई ,बेटे बहु मिलकर उनको अस्पताल ले गए और उनका इलाज करवाया ।डॉक्टर ने बोला इन्हे 6 महीने का बेड रेस्ट दीजिए और फिर इन्हे घर ले आए ।बहु ने उनका अच्छे से देख रही किया उनके पीछे बहोत मेहनत किया । और वो ठिक हो गई।वो चलने लगी पहले की तरह,जब वो ठिक हो गई तो वो फिर से अपनी बेटी के यहां चली गई।बेटे ने उन्हें फोन करके घर बुलाया तो वो फिर भी घर नहीं आई और बोली मेरी बहु मुझपे अत्याचार करती है।उसकी दोनो बेटी अपने भाई को फोन करके उनको भला बुरा बोलती चूंकि वो अपनी बहन से प्यार करता था तो वो बुरा नहीं मानता उसकी बात का।और एक दिन दोनो बहन और मां मिलकर उनके घर का कागज चुराकर उनका नकली हस्ताक्षर ले उनका घर बेच दिया ।बहु और बेटे को ये बात बहुत बुरा लगा ये सदमा उनके बेटे को बर्दास्त नही हुई और वो भी बीमार रहने लगा ,और एक दिन उनके बेटे की मौत हो जाती है , उसकी पत्नी और उनका बेटा जो की बहूत छोटा था अब उनका कोई सहारा नहीं था ,बहुत दिन तक वो किसी से बात चीत नहीं करती थी ।जब उसका बेटा थोड़ा बड़ा हो गया तब उसने सोचा की उसे कुछ करना चाहिए तो उसने बहुत मेहनत किया और अपने बेटे को लेकर काम पे जाना शुरू कर दिया और आज उसने एक अच्छा जगह पे मुकाम हासिल किया और अपने बेटे को अच्छे स्कूल में दाखिला करवाया ।अब वो अपने बेटे के साथ अच्छे से रह रही हैं।धन्यवाद।। Swati Download Our App