मुझसे शादी कर लो - 5 Kishanlal Sharma द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ

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मुझसे शादी कर लो - 5

उस औरत का नाम राधा था।राधा रोज सुबह आती और रात को चली जाती।वह घर का सारा काम करती।माया के लिए खाना पीना और अन्य काम के साथ उसे नहलाना,कपड़े धोना।जाते समय कभी कभी राघव उसे आवाज दे देता और तब वह माया के समाचार उसे बता जाती।माया का व्यवहार के कारण कोई भी उसके घर नही जाता था।
और एक रात सब लोग सो चुके थे।राधा घर जा चुकी थी।माया अपने कमरे में सो रही थी।रात को अचानक हल्ला मचा गया।ऊपर की मंजिल में जिसमे माया भी रहती थी।उसमें शार्ट सर्किट की वजह से आग लग गयी और आग तेजी से फेल गयी।लोग जान बचाकर नीचे भागने लगे।
माया की भी आंखे खुल गयी।वह चीखने लगी।फ्रेक्चर की वजह से वह भाग नही सकती थी।और राधा जाते समय बाहर से दरवाजा लोक कर जाती थी।
"कौन चीख रहा है?"
"माया अपने रुम में है
आग की लपटें चारो तरफ फैल चुकी थी।ऐसे में कौन उसे बचाने के लिए जाता।
लेकिन लोगो के रोकने के बावजूद राघव ऊपर भागा।उसने जैसे तैसे दरवाजा तोड़ा और माया को गोद मे लेकर नीचे भागा।माया को ले आया और उसके साथ जमीन पर गिर पड़ा।माया तो पहले ही बेहोश थी और राघव भी बेहोश हो गया।
सोसायटी में आग लगने की सूचना फायर ब्रिगेड को दे दी गयी थी।फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस के साथ पुलिस व अन्य लोग भी आ चुके थे।
तुरन्त माया और राघव को अस्पताल भेज दिया गया।माया को होश आया तो उसने खुद को अस्पताल में पाया।माया को याद आने लगा।
राधा के जाते ही माया को नींद आ गयी।और रात को चीखे सुनकर उसकी आंखें खुल गयी थी।आग उसके कमरे में फैल चुकी थी।उसने उठने की कोशिस की लेकिन और वह चीखी थी।और उसके घर का सामान जलने लगे और कमरे में भरे धुंए से उसका दम घुटने लगा और वह बेहोश हो गयी।
"मुझे यहाँ कौन लाया?"माया ने नर्स से पूछा था।
"एम्बुलेंस से आई थी
और माया को छुट्टी मिल गयी।राधा और माया की कम्पनी के सहयोगी उसे घर ले गए थे।सोसायटी के सचिव ने वापस घरों की मरमत और रंग रोगन करा दिया था।
माया के पैर का प्लास्टर कट चुका था।उसने राधा से पूछा,"यह तो पता लगा मुझे कमरे में से कौन बाहर ले गया था।"
और राधा आकर बोली,"राघव
और राधा ने अखबार उसे लाकर दे दिया।उस पुराने अखबार में सोसायटी में आग लगने और माया को बचाने का समाचार छपा था।उसमें राघव की बहादुरी के चर्चे थे।उसे बचाने के चक्कर मे वह जूल्स गया था।माया अस्पताल जा पहुंची।
"राघव किस वार्ड में है
और उसे पता चला आज सुबह ही राघव को छुट्टी दे दी गयी।माया ने घर का पता किया लेकिन उसने घर छोड़ दिया था।
राघव की बहादुरी के बारे में पाल ने अखबार में पढ़ था।पाल बहुत बड़ा व्यापारी था।उसके एक बेटी थी। बेटी को जब तब कुछ लड़के परेशान करते रहते थे।उसे एक बहादुर बॉडी गार्ड की जरूरत थी।पाल ने उसे अपनी बेटी का बॉडी गार्ड बना दिया।उसे रहने के लिए फ्लेट भी दे दिया था।।इस बारेमे न सोसायटी में किसी को पता था,न ही वह पहले जहाँ रहता था वहाँ किसी को।
माया उसे खोजने लगी।पता करने लगी