वेरोनिका का विश्वास Yogesh Kanava द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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वेरोनिका का विश्वास

वेरोनिका का विश्वास 

रोज़ाना की तरह आज भी आई विटनेस होम में सभी बच्चे अपने नियत समय पर उठकर अपनी दिनचर्या से निवृत हो कर दैनिक पूजा पाठ के लिए एकत्रित हो रहे थे । गायत्री मंत्र के साथ आरंभ होती पूजा प्रायः गीता के श्लोकों के साथ सम्पन्न होती है, तो ज़ाहिर सी बात है कि आज भी वही होगा । बच्चों में इसके प्रति प्रायः उत्सुकता रहती थी, आज भी थी । बस सभी अपनी अपनी कतार में लग गए और आरंभ हो गई पूजा । जैसे ही पूजा सम्पन्न हुई आॅरफनेज के द्वार पर एक सफेद दाढ़ी वाला लाल सफेद कपड़ों में विचित्र सा दिखता घण्टी बजा रहा था और सभी बच्चों को अपनी ओर बुला रहा था । बच्चों ने देखा नहीं था कभी इस प्रकार से तो थोड़ा सा सहम भी रहे थे तभी राधेश्यामजी, हाँ अनाथाश्रम के संचालक ने बच्चों से कहा - बच्चों ये सांता क्लाॅज है बच्चों की सभी विश पूरी करते हैं और मिठाइयाँ, खिलोने, गिफ्ट सब कुछ देते हैं । इतना कहते कोने में खड़ी एक करीब छः सात साल की सकुचाई सी किन्तु बेहर सुन्दर बच्ची ने पूछा सर आप सच्ची बोल रहे हैं । सान्ता सारी विश पूरी करते हैं ।
राधेश्यामजी ने तत्कार हां भरते हुए उसे गोद में उठा लिया हां वेरोनिका बिटिया ये सान्ता ना सबकी विश पूरी करते हैं । उस बच्ची ने अपनी बात को सन्ता से पुष्टी चाही और सान्तर की ओर जाकर वही वही बात फिर पूछी - सर जो कह रहे हैं वो सच है ना सान्ता जी । सान्ता ने बोला हां बेटा हम सब बच्चों की विश पूरी करते हें कहो तुम्हे क्या दें ?
वेरोनिका को अब विश्वास हो गया था कि उसकी विश सान्ता पूरी कर सकता है । वो तपाक से बोली तो फिर मेरे मम्मी पापा को मेरे पास भेज दो वो अपने साथ रखेंगे ।
इतना सुनते ही सानता बोला ओ के बेटा आइ विल टेल दैम एण्ड दे विल डेफीनेटली कम टू यू । सान्ता चला गया तो बेरोनिका को विश्वास था कि उसके मम्मी पापा ज़रूर आएंगे । उधर सान्ता बने एलबर्ट परेशान था कि उस छोटी से लड़की का सान्ता पर गहरा विश्वास बना ह ैअब कैसे उसका विश्वास बना रहेगा । वो एल्बर्ट को नहीं जानती है केवल सान्ता को जानती है और उसका विश्वास जगाया है एल्बर्ट ने सान्ता के वेश में । अब एल्बर्ट झूठा साबित हो तो कोई खास फर्क नहीं पड़ता है लेकिन सान्ता तो झूठा नहीं पड़ना चाहिए ना । इसी उलझन में वो घर पहुँच गया । अपना सान्ता का भेस उतारा और एल्बर्ट के रूप् मे सामने आ गया था । घर में उसकी पत्नी वेरटिना उसके परेशान चेहरे को देख आंखों ही आंखों में सवाल पूछ बैठी थी । क्या हुआ? और वो अपनी परेशानी को कैसे बताए यही सोच रहा था । आखिरकार वेरटिना की ज़िद पर उसने सारी बात बता दी । तो उसने पूछा क्या नाम बोला तुमने उस लड़की का ? एल्बर्ट ने बताया उसका नाम था बेरोनिका । क्या ? अचानक ही वेरटिना के मुंह से निकला । एलबर्ट उसके इस प्रकार से बाले जाने पर चैंक पड़ा - कहा - तुम जानती हो उसको
नहीं लेकिन पता नहीं क्यों ये नाम मुझे अच्छा लगा और किचन में चली गयी अपनी विववापूर्व की ज़िन्दगी में खो गई । सिनेमा की रील की तरह एक-एक कर सारी बातें सामने आती गई । किस तरह से अमरीश ने उसे धोखा दिया था शादी का झांसा देकर ----- । और जब प्रिग्नेण्ट हो गयी तो कैसे छोड़कर भाग गया था । उसने भी उस बच्चें को जन्म देने का निर्णय ले लिया था और आदिवासयिों के इलाके में रहते हुए उसने एक बेहद सुन्दर बच्ची को जन्म दिया था । कोई दस महिने की हुई होगी तीाी उसके घरवालों ने बेरटिना को खोज लिया था । घर वालों के दबाव में आकर उस बच्ची को उसके आइ बिटनेस होम के दरवाज़े पर एक पर्ची के साथ रख दिया था जिसमें लिखा था - प्लीज इस बच्ची का नाम वेरोनिका ही रहने देना ।
बस और कुछ नहीं लिखा था उसमें । राधेश्यामजी ने भी उस बच्ची का नाम वेरोनिका ही रखा था । उधर एल्बर्ट बेहर परेशान अपने द्वारा किए गए एक झूठे आश्वासन से, एक झूठे वादे से जो अनजाने में ही उसके मुंह ने निकल गया था लेकिन अब उसे कैसे पूरा करे यही साचे जा रहा था । वैसे भी उसके घर में कोई औलाद नहीं थी बेरटिना और एल्बर्ट दोनो जानते थे कि एल्बर्ट एहुओस्पमिंया से ग्रसित है । उनके घर में संतान नहीं हो पाएगी । तो फिर क्या वो इस बच्ची को अपने घर ले आए । उसने मन ही मन सोचा लेकिन बेरटिना का पक्ष वो नहीं जानता था । उसकी हिम्मत भी नहीं हो रही थी कि वो बेरटिना से उस बच्ची को गोद लेने के लिए कहे । असमजंस मे था कि वो आज क्रिसमन का भी दिन है । वेरटिना अपने अतीत को लेकर परेशान है तो एल्बर्ट अपने वर्तमान को लेकर । दोनो अपनी-अपनी जगह परेशान । वेरटिना चाहकर भी अपनी ही बेटी को अपने घर नही ला पा रही थी तो एल्बर्ट चाहकर पितृृसुख से वंचित अपनी-अपनी संभानाओ के क्षितिज पर उतरते हुए किन्तु आशंकाओं के बादलों के साथ । तभी वेरटिना का मातृृत्व जाग उठो वो बेचैन हो उठी उसे भीतर भीतर ही लग रहा था कि ये वेरोनिका उसी की बेटी होनी चाहिए । उसने एल्बर्ट से पूछा - सुनो तुम्हे वा लड़की कहां मिली थी । तो एल्बर्ट ने बताया कि वो अनाथाश्रम के बच्चों को गिफ्ट देने गया था । आई विटनेस होम में वहीं बच्ची सभी बच्चों के साथ खड़ी थी ।
आई बिटनेस होम का नाम आते ही उसे कन्फर्म हो गया कि वेरोनिका उसी की बेटी है ।  बोली लिसन एल्बर्ट ---- तुम सान्ता होना, यस डार्लिग ? ओ के बिल यूूं फुलफिल माई विश सांटा ?
- ओ व्हाट केने आई डू फोर यू माई डार्लिग
- आई वांट दै बेबी हियर एज मार्ह चाइल्ड, विल यू ?
- ओह आई विल ।
शाम होने से पहले ही अपनी गाड़ी को गुब्बारों से सजा कर एल्बर्ट और वेरटिना आई विटनेस होम चले गए । तमाम खाना पूर्ति करने में कोई देा घण्टे लगे वेरोनिका के एडोप्शन में । वो क्रिसमस तीनो की ज़िन्दगी के लिए एक महत्वपूर्ण दिन , वेरटिना और एल्बर्ट अपने भीतर सुकून महसूस करते और इधर वेरोनिका का विश्वास बना सान्ताक्लोज, एक अटूट विश्वास ।


योगेश कानवा,
105/67, अहिंसा मार्ग,
विजय पथ,
मानसरोवर,
जयपुर-302020