इश्क ए प्रपंच - 1 - घर छोड़ दिया Khushbu Pal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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इश्क ए प्रपंच - 1 - घर छोड़ दिया

नैना को आज बहुत ज्यादा बेचैनी हो रही थी उसे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर वह अपने घर वालों को कैसे समझाएं उन्हें कैसे इस बात का यकीन दिलाया कि वह वाकई में करण से बहुत प्यार करती है और करण उससे और सबसे बड़ी बात है फिलहाल नैना किसी भी नए रिश्ते के लिए तैयार नहीं है।

अभी उसे और पढ़ना है और पढ़ाई पूरी करनी है वैसे भी यह उसके कॉलेज का आखरी साल है इसके बाद उसे मॉडलिंग इंडस्ट्री में नाम बनाकर अपना सपना पूरा करना है और उसके दादा श्री यशवंत सिंघानिया जी उसकी बात मानने या सुनने के लिए बिल्कुल भी राजी नहीं है।

यह नैना के मॉडलिंग इंटरसिट में जाने की जिद से तंग आ चुके हैं और अब उन्होंने यह फैसला किया है कि या तो नैना चुपचाप से अपना कॉलेज खत्म करें और उनका परफ्यूम का फैमिली बिजनेस जॉइन करें या फिर अब वह उसकी शादी करा देंगे।

नैना अभी बैठकर इस बारे में सोच ही रही थी कि तभी एक नौकर ने आकर कहा, "मैडम आपको बहुत बड़े साहब बुला रहे हैं।" नैना अच्छे से जानती थी कि दादाजी उसे क्यों बुला रहे हैं इसीलिए उसने अपने दिमाग को शांत करते हुए उनसे कहा, "मैं आ रही हूं।"

यह कहकर नैना नहीं जाकर सबसे पहले अपना मुंह धोया और सीधे अपने दादाजी के पास उनके कमरे की तरफ जाने लगी पर इस वक्त वह उनके तरफ ही आ रहे थे। उन्होंने गुस्सा होते हुए कहा, "तुमने क्या कसम खा ली है कि तुम मेरी कोई भी बात नहीं मानोगी मैंने तुम्हें साफ तौर पर मना किया था कि तुम किसी मॉडलिंग इंडस्ट्री में नहीं जा रही हो? उसके बाद भी यह तुम्हारे लिए यह सारे लेटर पता नहीं किन-कन एजेंसी से क्यों आ रहे हैं?"

नैना ने हखलाते हुए कहा, "वह दादाजी मैंने कुछ मॉडलिंग और कुछ ऐड एजेंसीज क अपनी फोटो भेजी थी उन लोगों ने शायद मेरी फोटो देखी होंगी और शायद उन्हें मेरी फोटो पसंद आ गई होगी इसलिए यह सब.."

नैना अपनी बात पूरी करती उसके पहले ही उसके दादाजी, यशवंत सिंघानिया जी ने लगभग चिल्लाते हुए कहा, "जब मैंने तुम्हें साफ शब्दों में कहा था कि तुम किसी भी तरीके की फिल्म इंडस्ट्री में नहीं जाओगी तब तुम्हें वह बात समझ क्यों नहीं आती है एक बात कान खोलकर सुन लो अच्छे से सिंघानिया खानदान की औरतें इस तरीके के दिखावटी धंधों में नहीं जाती हम बिजनेस वालों का परिवार है अगर कुछ करना ही है तो बिजनेस करो ऐसे घटिया प्रोफेशन में क्या-क्या होता है। और वह सब मुझसे बुलाकर मुझे मेरी जवान खराब करने के लिए मत मजबूर करो वरना इस इंडस्ट्री के काले चिट्ठे में बहुत अच्छे से जानता हूं और समझता भी हूं।"

यह कहकर यशवंत सिंघानिया जी गुस्सा होकर उल्टे पैर नैना के कमरे से बाहर चले गए और जाते-जाते नैना के सामने उन सभी लेटर्स को जमीन पर पटक कर गए थे नैना को समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें वह अपने दादाजी के खिलाफ भी नहीं जाना चाहती थी।

कर्ण को और उन दोनों का सपना को इस तरह तोड़ना भी नहीं चाहती थी नैना ने चुपचाप से उन सभी लेटर को उठाया जिनमें और वापस अपने कमरे के अंदर ले आई इन लेटर्स में उसकी फोटोस को सहारा गया था वह सभी मॉडलिंग एजेंसीज उसके साथ काम करना चाहती थी हालांकि किसी को भी इतनी आसानी से मॉडल बनने का मौका नहीं मिलता है पर क्योंकि नैना का कॉलेज शहर का सबसे बड़ा कॉलेज था और लगभग हर किसी मॉडलिंग एजेंसी की नजर नैना के कॉलेज पर होती है ताकि यहां से नया दाल निकाल सके।

मॉडलिंग एजेंसीज वैसे भी हमेशा ही नए और खूबसूरत चारों को ही तलाश में रहती हैं और नैना ने तो अभी अभी अपने कॉलेज का न्यू कंपटीशन जीता था और इसीलिए उसके पास इतने ऑफर आ रहे थे इन लेटर को हाथ में लेकर नैना यही काफी देर तक बैठी रही और जब उसे कुछ समझ नहीं आया तो आखिर में परेशान होकर नैना ने कर्ण को फोन किया।

करण बोला, "हेलो नैना, क्या हुआ है कैसी हो?"

नैना बोली, "मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है कि मैं तुम्हें कितनी बार कह चुकी हूं आकर एक बार दादाजी से मिल लो पर तुम हो कि उनसे मिलने के लिए तैयार ही नहीं हूं।"

करण ने रोमांटिक अंदाज में कहा, "नैना मेरी जान, मैंने मिलने से इनकार नहीं किया है। मैं मिलूंगा पर तुमसे कितनी बार कह चुका हूं। मैं अभी मैं उनसे किस तरीके से मिलूंगा तुम्हारा परिवार शहर के सबसे ज्यादा रहीस परिवारों में से एक है कई उनके सामने किसी मुंह किस मुंह से जाऊंगा? अभी मुझे अपनी एजेंसी सेट करनी है पहले थोड़ा अपना नाम बनाना है।"

करण अभी बोल ही रहा था कि नैना ने बीच में ही उसकी बात काटते हुए का तब तक दादा जी मेरी शादी कहीं और करा देंगे करन तो तुम उनकी बात मान कर उनका परफ्यूम बिजनेस जॉइन क्यों नहीं कर लेती फिल्म इंडस्ट्री में आग तुम्हारे कैरयर को बनाने के लिए मैं हूं ना दो चार साल उनके पास नौकरी कर लो हमारी एजेंसी का भी अच्छा खसा फंड भी खड़ा हो जाएगा।"

नैना को तो यही समझ आ रहा था कि करन ऐसा कैसे बोल सकता है। करन अच्छे से जानता है कि नैना मॉडल बनना चाहती है पर करणे नैना की मन की बात की परवाह ना करते हुए आगे कहा, "इसके बाद मैं चाहूं तो नौकरी छोड़ देना तब तक मैं अपनी एजेंसी सेटअप कर लूंगा तो तुम मेरे पास आराम से काम कर पाओगी।"

नैना बोली, "तुम ऐसा कैसे कर सकते हो तुम अच्छे से जानते हो कि मैं हमेशा से मॉडल बनना चाहती थी। मुझे दादाजी के परफ्यूम में बिजनेस में कोई भी इंटरेस्ट नहीं है। वैसे भी हमेशा से ही इसी माहौल में बढ़ हुई हूं, लेकिन फिर भी मुझे मॉडल बनना है यह कहकर नैना ने गुस्से में फोन काट दिया थोड़ी देर बाद करण ने उसे दोबारा फोन किया और उसने मना लिया दरअसल नैना करण को इतना प्यार करती थी कि मैं उससे ज्यादा देर के लिए नाराज रह नहीं पाती थी।"

इस सब का कारण शायद उसका अतीत ताकि किसी भी रिश्ते को तोड़ने में बहुत बुरा डर लगता था दरअसल नैना के पापा ने उसकी मां से प्यार तो किया पर उन्हें कभी भी अपना नाम नहीं दे पाए और आखिर में 1 दिन जब नैना की मां नहीं रहे तब उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि उन्होंने क्या खो दिया और इसी वजह से वह नैना को सिंघानिया हाउस ले आए।

इस सब का नैना के दिमाग पर बहुत सारा गहरा असर पड़ा था नैना को जैसे रिश्ते टूटते हुए बर्दाश्त नहीं थे इस इसी डर के चलते नैना ने कभी किसी से कोई शिकायत नहीं की और ना ही अपना हक मांगा और जब उसकी जिंदगी में करन आया तो नैना उसकी होकर रह गई करण थोड़े ही समय में उसकी जिंदगी बन चुका था और नैना उसके साथ एक प्यार भरी शादीशुदा जिंदगी और एक अच्छे सफल कैरियर के सपने देखने लग गई थी।

नैना अपने दादा जी को बहुत ज्यादा प्यार करती थी इसलिए उन्हें दुखी नहीं करना चाहती थी और वैसे भी उसकी मम्मी और पापा के जाने के बाद अब दादाजी ही उसका इकलौता सहारा थे पूरे घर में एक वही थी जो शायद उसे प्यार करते थे और एक उन्हीं के डर की वजह से अब तक किसी ने घर से नहीं निकाला था।

वहां उसकी सौतेली मां नीलम का बस चलता तो वह कब का नैना को सिंघानिया हाउस से बाहर निकाल चुकी होती आज शाम को जब दादाजी वापस घर आए तब बहुत गुस्से में थे और उन्होंने नाना को एक-एक फोटो देते हुए कहा, "यह फोटो देख लो
मैंने तुम्हारे लिए इस लड़के को चुना है ओबरॉय खानदान का एकलौता बरिश है और बिजनेस सर्कल में इसका बहुत बड़ा नाम है मुझे नहीं लगता तुम्हारे दिए इससे ज्यादा बेहतर है जिसका आएगा नैना अपने दादा जी की बात से बिल्कुल भी सहमत नहीं थी
उसने फोटो को बस एक नजर देखा और अपने सामने से हटाते हुए कहा, "दादा जी मैं किसी को प्यार करती हूं।

यशवंत सिंघानिया जी तुम किसी से प्यार करती हो उस फटीचर करण से जिसकी कोई औकात नहीं है मेरे सामने तुम मुझे यह बताओ कि कल को उसके साथ शादी करके तुम क्या मिलने वाला है और मेरी बच्ची तुम्हें समझने की कोशिश करो उसे सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे पैसों में इंटरेस्ट है वह भरोसे के लायक बिल्कुल भी नहीं है उसे कोई फर्क नहीं पड़ता कि तुम क्या सोचती हो और मेरी बच्ची समझने की कोशिश करो मैं तुम्हारा दिल टूटता हुआ नहीं देखना चाहता। इसलिए तो मैं बार-बार समझा रहा हूं अगर तुम यह घर छोड़ देती हो तो हम तुम्हें अपनी जायदाद से बेदखल कर देंगे तो करण तुम्हें इसी वक्त छोड़ देगा।"

नैना बोली, "नहीं दादा जी ऐसा कुछ नहीं होगा तो वह मुझसे सच में प्यार करता है नैना अपने दादाजी की बात को समझना को तो तैयार ही नहीं कि दोनों के बीच में काफी लंबी चौड़ी बात हुई उसके बाद आखिर में दादाजी ने गुस्से से कह दिया कि अगर इतना ही प्यार करती हो तो छोड़ दो घर अब या तो तुम सिंघानिया खानदान में रहती है यह मॉडलिंग इंडस्ट्री में काम करोगी फैसला तुम्हारे हाथों में है पर यह सोच लेना कि अगर तुम एक बार तुमने मॉडलिंग करियर में कदम रखा तो दोबारा अपने नाम के आगे सिंघानिया नहीं लगाओगे।"

"दा दा दादा जी इमेज इतने गुस्से में यह बात करूं यह भी जानते थे पर खून तो आखिर सिंघानिया का ही था इसीलिए मैंने भी गुस्से में घर छोड़ दिया मैं करण के साथ जाकर नहीं रहना चाहती थी इसलिए कुछ दिनों तक अपने एक दोस्त के घर में रही और जिम मॉडलिंग कंपनी में उसे ऑफर आए थे उनमें से एक ड्रीम अनलिमिटेड को मैं नैना ने ज्वाइन कर लिया।"

थैंक यू सो मच लाइक एंड कमेंट करके जरूर बताइएगा कैसी लगी स्टोरी