"वह इंडिया पर पूरी तरह से वायरस अटैक कर चुके है,अब हमारे पास वक्त नही है....हमें अब हर हाल में अगले चौबीस घण्टो में इस मिशन को पूरा करना है....इतना ही वक्त है तैयारी करने को हमारे पास"
ध्रुव अपने सभी साथियों के साथ 'ऑपरेशन वुहान' को एग्जीक्यूट करने का फाइनल प्लान बना रहा था.....
प्रोजेक्टर के द्वारा सामने की '3डी' डिस्प्ले पर वुहान लैब का इंटीरियर मैप एवं अन्य आवश्यक जानकारी प्रदर्शित हो रही थी,जिसके बारे में अभी अभी जॉन द्वारा विस्तार से समझाया गया था, और उसी के आधार पर ध्रुव ने तैयार किया था चाइना की सबसे सुरक्षित एवं संवेदनशील लैब में सेंध लगाने का एक मास्टर प्लान।
इस प्लान को तैयार करने के लिए काफी रिसर्च किया था ध्रुव ने,सर्वर हैक करके लैब के सैटेलाइट्स मैप,डेटा एवं पिछले कई दिनों के सीसीटीवी रिकॉर्ड्स का सूक्ष्मता से परीक्षण कर लिया था ध्रुव ने।
"
वुहान म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के बनाये हुए सीवर सिस्टम का उपयोग करते हुए मैं और जॉन लैबोरेट्री कैम्पस में सुबह 06 बजे एंटर करेंगे......यह वो समय होता है जब इस लैब कैम्पस में स्वीपर्स साफ सफाई का काम प्रारम्भ होता हैं,लैब कैम्पस में कुल बीस स्वीपर्स काम करते है, जिनके क्षेत्र भी बंटे हुए होते है.....इन बीस में से दो स्वीपर्स ही ऐसे है जिनको लैब के सबसे संवेदनशील भाग में काम करने की अनुमति प्राप्त है,और जिस लाइब्रेरी में में हमें एंटर होना है,उसकी साफसफाई करता है 'झांग म्याऊ' ......."
ध्रुव ने इतना बताने के बाद प्रोजेक्टर के नेविगेशन बटन को क्लिक किया,तो स्क्रीन पर एक शख्स का तस्वीर सहित पूरा बायोडाटा दिखने लगा, ध्रुव के सभी साथी नेइयांग,जेनीफर,जॉन और थॉमस गौर से एक एक बात को सुन रहे थे।
"वुहान लैब में बने सर्वेंट क्वार्टर में रहने वाला 'झांग म्याऊ' ठीक 06 बजे अपने क्वार्टर से निकलता है और सीवर के उस मेनहोल से सटी हुई पगडंडी पर चलता हुआ आगे अपने अन्य साथियों के समूह में शामिल होता हुआ लैब के प्रमुख भाग में एंटर करता है....हमारा काम यहीं से शुरू होगा.....हम 'झांग' को कब्जे में लेकर बेहोश करेंगे.....और हूबहू उसके जैसी कॉस्ट्यूम पहन कर उसका स्थान मैं ले लूंगा ,हमारी खुशकिस्मती है कि इस शख्स की कदकाठी भी लगभग मेरे जितनी ही है...,इस दौरान हम किसी भी सीसीटीवी में नजर न आएं इसकी जिम्मेदारी जेनी पर रहेगी.....जेनी लैब से ठीक 1 किमी दूर हमारी वैनिटी कार में मौजूद रह कर मेरा सिग्नल मिलते ही उस एरिया के सारे कैमरों को हैक करके तीन मिनिट तक फ्रीज कर पाएगी...उन्ही तीन मिनिट्स में मुझे खुद को झांग से रिप्लेस करना होगा,इस रिप्लेसमेंट का जिम्मा जॉन का रहेगा.......यह स्वीपर प्रतिदिन 30 मिनिट में अपना काम खत्म करके बाहर निकल आता है,तो मुझे भी हर हाल में इतने ही समय मे बाहर आना होगा.....मेरे बाहर निकलते ही एक बार फिर से जेनी लैब के सीसीटीवी सिस्टम को हैक करेगी,जिस से पुनः मैं बिना किसी की नजरों में आये सीवर के उसी मेनहोल में वापस जा सकूं,जहां जॉन पहले से मेरा इंतजार करेगा..जेनी की हैकिंग कैपेसिटी कमाल की है,वह वर्ल्ड के चुनिंदा मोस्ट हैकर्स में से एक है......चूंकि प्रोफेसर सीवांग के अनुसार पेनड्राइव में मौजूद डेटा हाईली एन्क्रिप्टेड फॉर्म में है,उसे डायरेक्ट किसी भी माध्यम से किसी भी नेटवर्क पर सेंड नही किया जा सकता है, इसलिए सबसे पहले हम उस ड्राइव को अपनी वैनिटी वैन तक पहुंचाएंगे, जहां पर जेनी उस डेटा को डिकोड़ कर के हमारे देशों के सिलेक्टेड मेल अकाउंट्स पर सेंड करेगी......
....हमारी गैरमौजूदगी में जेनिफर को अपने काम करने के दौरान किसी भी प्रकार का व्यवधान न हो,इसकी जिम्मेदारी थॉमस की रहेगी...और नेइयांग इस दौरान यदि हमारा प्लान फेल होता है,या कोई और आपातकालीन स्थिति आती है तो उस स्थिति से निपटने की तैयारी करेगा.....यानी प्लान- बी"
"वाओ.....प्लान बी भी है....वैसे वो है क्या?"-जेनीफर ने प्रतिक्रिया व्यक्त की।
"उसके लिए वेट करना होगा.....फिलहाल भगवान से प्रे करो कि उसकी जरूरत न ही पड़े।" ध्रुव ने जबाब दिया,शायद प्लान बी को अभी वह किसी से भी सार्वजनिक नही करना चाहता था......
"I have some doubts mr.dhruva?"
थॉमस ध्रुव के प्लान को सुनकर कुछ आशंकित था शायद......
(अपने समस्त हिंदी पाठकों की भाषा सम्बन्धी सुविधा का ध्यान रखते हुए,विभिन्न भाषाओं में किया जाने वाले वार्तालाप का हिंदी रूपांतरण ही प्रस्तुत किया जा रहा है।)
थॉमस ने अपनी आशंका व्यक्त करते हुए ध्रुव से सवाल किया
"आप एक स्वीपर की ड्रेस में अपनी पहचान छिपा कर,चेहरे पर मास्क लगा कर कुछ दूर तो जा सकते है,पर उस लैब में एंट्रेंस गेट पर मौजूद हाइटेक फेस रिकॉनाइजेशन एन्ड सिक्योरिटी सिस्टम को क्रॉस करना कैसा पॉसिबल है...... एम्प्लॉई को पूरी तरह आइडेंटिफाई न किये जाने की स्थिति में तो सारी सिक्योरिटी ही हमारे पीछे पड़ जाएगी......"
थॉमस की चिंता पूरी तरह से जायज थी,और शायद ध्रुव को भी इस सवाल की पहले से ही उम्मीद थी,तभी तो उसने थॉमस का सवाल सुन कर जेनी की ओर मुस्कुरा कर देखा.....जेनी उसका इशारा समझ गयी और उसने तुरंत ही उत्सुकता से भरे हुए थॉमस,जॉन और नेइयांग को जबाब दिया
"फ्रेंड्स,हमारी तैयारी पूरी है.....हम उस स्वीपर झांग म्याऊँ का फेस रिकॉनाइजेशन डेटा अपने एक ऐसे क्लाइंट के साथ शेयर कर चुके है,जो आज शाम तक हमारी स्पेशल डिमांड पर हमें एक ऐसा फेस मास्क तैयार करके दे सकेंगा.....जिसको यूज करके ध्रुव पूरी तरह से 'झांग' बन जायेगा......यहां तक की उसकी आँखों के रेटिना को भी वह फेस रिकॉनाइजेशन सिस्टम पहचान नही सकेगा........मतलब चेहरे का विशुद्ध क्लोन।"
मतलब साफ था रियल फेस टेक्नोलॉजी के सीईओ मिस्टर कायची के साथ ध्रुव की मित्रता परवान चढ़ चुकी थी।
ध्रुव की तैयारी को देखकर उसके दोनो जर्मन साथी भी उसपर गर्व मौजूद कर रहे थे.......हालांकि यह काम इतना भी आसान नही था,बस अभी तक आसान इसलिए लग रहा क्योंकि चाइनीज़ ऑथोरिटीज इस प्रकार के किसी भी खुफिया मिशन से अभी तक अनजान था.....पर घटनाक्रम अभी आगे कई दिलचस्प मोड़ लेने वाला था.....
आज 22 नवम्बर 2021,देश की राजधानी दिल्ली का एक फेमस कैफे.......भारतीय समयानुसार सुबह के 9 बजे......
इस कैफे के लॉन में एक कोने पर स्थित टेबल नम्बर 84 पर ग्लैमरस ब्लैक ड्रेस में रीमा बैठी है, आंखों पर ब्लैक कलर का ही इम्पोर्टेड सनग्लास और हाथ में कॉफी का मग.......हाथ मे पहनी हुई रिस्ट वॉच को घूरती हुई रीमा बेसब्री से मेजर श्रीकांत बख्सी का इंतजार कर रही है........
हालांकि यह इंतजार उसे बहुत लंबे समय तक नही करना पड़ा, क्योंकि अगले 5 मिनिट्स में ही मेजर बख्सी उस कॉफी शॉप के लॉन में एंटर करते हुए नजर आए......चेहरे से मेजर बख्सी इस समय काफी निश्चिन्त नजर आ रहे थे,जैसे मानो उनकी सारी चिंता अब समाप्त हो गयी हो.......रीमा के पास पहुंच कर वह चेयर को खिसकाते हुए बैठ गए......वेटर को एक 'स्ट्रांग कॉफी' आर्डर करने के साथ ही अपनी शर्ट की पॉकेट से एक पेनड्राईव निकालते हुए रीमा को ऑफर की....रीमा ने भी बिना देर किए उसको अपने हाथ से पकड़ कर गौर से देख कर मुस्कुराते हुए शैतानी अंदाज में बोली
"डार्लिंग,यू आर सो केयरिंग..कितना कुछ किया तुमने हमारे प्यार के लिए..."
और अगले ही क्षण वह मेजर को बाय बोल कर उस पेनड्राईव को अपने हैंडबैग के हवाले करते हुए तेजी से वहां से निकल गई....... पर मेजर बख्सी बिना उस पर अधिक ध्यान दिए अभी भी निश्चिन्तता के साथ अभी अभी वेटर द्वारा टेबल पर रखी गयी कॉफी के घूंट लेने में व्यस्त थे।
कॉफी शॉप से कुछ दूरी पर सड़क किनारे पार्क की गई एक ब्लैक ग्लासेज वाली व्हाइट कलर की एसयूवी कार रीमा की थी.....तेज कदमो के साथ रीमा कार तक पहुँची,रिमोट से गेट ओपन किया और ड्राइविंग सीट पर बैठ कर सीट बेल्ट बांधने के बाद जैसे ही कार स्टार्ट की.....फ्रंट विंडो पर मौजूद मिरर में पीछे की सीट पर किसी शख्स की मौजूदगी के अनुभव ने उसे चौंका दिया......इस से पहले कि वह पलट कर पीछे देखती एक जोरदार प्रहार उसकी गर्दन पर हुआ....जिसने गर्दन के निचले भाग में मौजूद एक विशेष प्रकार की नस को कुछ समय के लिए सुन्न कर दिया, जिसकी वजह से शरीर का सारा नर्वस सिस्टम काम करता है......शायद वार करने वाला शख्स इस प्रकार की युध्द कला की भी जानकारी रखता था......और फिर रीमा की आंखों के आगे अंधेरा छा गया और वह बेहोशी की दुनिया में समा गई।
कुछ ही मिनिट्स बाद अब वह बेहोशी की कार की पिछली सीट पर पड़ी हुई थी, और कार अपने गंतव्य स्थल की ओर बढ़ रही थी........ड्राइविंग सीट पर बैठे हुए शख्स का चेहरा दिखाई देता है........यह कैप्टन विराज था.......जी हां फ़्लैश बैक में जब मेजर बख्सी होटल के रूम में पिस्टल को अपनी कनपटी पर रख कर बस ट्रिगर दबा कर आत्महत्या करने ही वाले थे,उस वक्त कमरे में अचानक से एंट्री करके उनको बचाने वाला शख्स भी विराज ही था........दरअसल चांग ली के ठिकाने पर रेड के दौरान जब प्रोफेसर अनन्त कुम्भलकर ने किसी एक ऑफीसर्स द्वारा चांग ली का साथ देने का सच बताया था.....तभी से विराज व्यक्तिगत रूप से ही कई टूटी हुई कड़ियों को जोड़ते हुए उस ऑफीसर्स तक पहुंचने की कोशिश में लगा था.......और फिर इसी सिलसिले में वह अचानक से मेजर बख्सी तक पहुंचा था.......मेजर की जान बचाने के बाद बाकी की कहानी वह उनके मुंह से सुन कर सारा सच जान चुका था........और अब उसने मेजर बख्सी के साथ मिलकर चांग ली के रीमा नाम के इस हथियार का उपयोग उसी तक पहुंचने में करने का ठान लिया था।
........ कहानी जारी रहेगी.....
(कृपया आप सभी पाठकगण कहानी के सम्बंध में अपनी समीक्षा अवश्य प्रस्तुत करें)