009 SUPER AGENT DHRUVA - 4 PDF free in रोमांचक कहानियाँ in Hindi

009 सुपर एजेंट ध्रुव (ऑपरेशन वुहान) - भाग 4

"सर, इस मिशन पर मैं जेनिफर को भी ले जाने की परमिशन चाहता हूँ...."

ध्रुव के इस अनुरोध को सुनकर डॉक्टर देसाई असमंजस में पड़ गए....थोड़ी देर गम्भीर मुद्रा में सोचने के बाद बोले

"ध्रुव.....यू नो दैट.....जेनिफर को हम इन्वाल्व नही कर सकते......"
फिर जेनिफर की ओर देखते हुए संकोच के साथ बोले
"जेनी.....मुझे पता है, तुम भी इंडिया के लिए उतना ही लॉयल हो,जितना ध्रुव...बट.......तुम ब्रिटिश सीक्रेट एजेंसी एम.आई. 5 की मेम्बर रह चुकी हो...ऐसे में रॉ के के अनुसार तुम इस प्रकार के टॉप सीक्रेट मिशन के लिए एलिजिबल नही हो.......सॉरी जेनी....."

ध्रुव ने डॉक्टर देसाई को समझाने की कोशिश की

"सर.....आई नो.....बट सर.....बहुत से रीजन है जेनी को इस मिशन पर ले जाने के लिये.......अगर हम जोड़े में जाएंगे तो आसानी से शक के दायरे में भी नही आएंगे......दूसरी बात यह है कि जेनी एक इंटरनेशनल हैकिंग एक्सपर्ट है....आपको याद होगा चार साल पहले जब अफगानिस्तान में तालिबानियों ने परमाणु बम का फॉर्मूला पाकिस्तान से चुरा कर अपने अवैध एटॉमिक सेंटर से भारत समेत कई यूरोपियन देशों को टारगेट कर उन पर परमाणु हमले की पूरी तैयारी कर ली थी....तो वह जेनी ही थी ,जिसने उनके सारे सिस्टम को हैक कर के डिफ्यूज किया था......सर जेनी ने प्रॉमिस किया है कि वह भारत के हर मिशन में रॉ का साथ देगी, बस वह मिशन ब्रिटेन के विरूद्ध न हो.......सर,इसको मैं अपनी रिस्पॉन्सबिल्टी पर ले जाना चाहता हूँ....प्लीज सर,गिव हर जस्ट अ चांस"

सुपर एजेंट ध्रुव......उसकी शख्सियत ही कुछ ऐसी थी कि डॉक्टर देसाई उसकी किसी भी रिक्वेस्ट और एडवाइस को 'न' नही कर पाते थे।

"ह्म्म्म.......ध्रुव......रॉ को बहुत उम्मीद है तुमसे....तुम चाहते हो तो ले जा सकते हो......बट याद रखना यह एक अनऑफिसियल मिशन होगा......अन ऑफिसियल.....मतलब समझ गए होंगे न तुम"

जबाब में ध्रुव मुस्कुराता हुआ बोला.......

"यस सर......अगर इस मिशन के दौरान मैं पकड़ा गया तो मेरा रॉ से कोई लेना देना नही.......मेरे पकड़े जाने पर अगर चाइना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे को रखा तो आपकी ओर से यही स्पष्टीकरण दिया जाएगा कि मैं रॉ और इंडिया के लिए एक मोस्टवांटेड भगोड़ा हूँ,जिसका अब रॉ से कोई लेना देना नही"

"हां ध्रुव,हम किसी भी प्रकार का इंटरनेशनल प्रेशर को अभी की स्थिति में लेना नही चाहते है...इसी लिए हमारे पास यही एक रास्ता है..........इस मिशन की फुल डिटेल्स और रोडमैप यह सब इस पेनड्राइव में है.....अच्छे से स्टडी कर लेना इसकी......देश का भविष्य अब'ऑपरेशन वुहान' के सफल होने पर ही निर्भर है ध्रुव ।"..….डॉक्टर देसाई ने अपने पेंट की पॉकेट से एक पैनड्राइव निकालते हुए ध्रुव को दी।

सच्चा देशभक्त था ध्रुव......अंजाम की परवाह के बिना देश के लिए कुछ भी कर गुजरने का जुनून हमेशा उसके दिलो दिमाग मे रहता था,उसको पता था कि इस मिशन में फेल होने का मतलब है दुश्मन के हाथो दर्दनाक और लावारिस मौत........स्वंय के देश के द्वारा शहीद का दर्जा तक मिलना सम्भव न था.......फिर भी वह खुशी खुशी अपनी मिट्टी के लिए सब कुछ कुर्बान कर देना चाहता था।

"सर.....इस समय जितना जरूरी चाइना से वायरस का एंटीडोट लाना है....उतना ही जरूरी अपने देश में छिपे रैबिट्रोजोम कैमिकल के भंडार को ढूंढ कर नष्ट करना भी है........जहां तक उस चाईनीज एजेंट चांगली के बारे में मुझे पता है,आज तक उसका कोई भी मिशन असफल नही हुआ है,.......पर इस बार मै उम्मीद करता हूँ की यह उसका आखिरी मिशन साबित होगा,हमारी एंजेसियां जल्द ही उसको ध्वस्त कर देंगी।"

"यस ध्रुव......आईबी और आर्मी की कई ज्वाइंट टीमें दिन रात एक कर रही है चांगली और उस कैमिकल के स्टोरेज को खोजने के लिए.....कुछ क्लू भी मिले है अभी,उम्मीद है बहुत जल्द हम कामयाब भी होंगे..........और हां...... ....कैप्टन विराज इस ऑपरेशन को लीड कर रहा है...........बहुत ही बढ़िया परफॉर्मेंस दी उसने इस दौरान.........बिल्कुल तुम्हारी छवि नजर आती है उसमें.....अरे हां....तुम्हारा खास दोस्त है न वह तो"

विराज का नाम सुनकर अचानक से ध्रुव और जेनिफर दोनो ही असहज हो गये...जेनी और ध्रुव एक दूसरे की ओर देखने लगे......उनके चेहरे के भाव बता रहे थे कि शायद विराज के साथ उनका सब कुछ सामान्य नही है.....डॉक्टर देसाई ने भी उनके मनोभावों को समझ लिया था।

"ओके ध्रुव एन्ड जेनी......मेरी मिस्टर प्राइम मिनिस्टर के साथ मीटिंग है,तो निकलता हूँ मैं.…...सी यू वैरी सून .....।"

डॉक्टर देसाई ने जाते जाते बड़ी ही आत्मीयता के साथ ध्रुव को गले लगा लिया
"टेक केयर माय सन"


और फिर रॉ के प्रोटोकॉल के हिसाब से ध्रुव और जेनी अपनी तैयारी में जुट गए।

......…..........................................

उधर भारत से कोसो दूर.......चाइना की राजधानी बीजिंग शहर के नजदीक........विश्व की सातवीं सबसे बड़ी नदी.….ह्रागहो नदी....... उस में स्थित एक छोटा सा टापू......जिस पर फैला है एक विशालतम जंगल....और उसी जंगल में स्थित चाइनीज खुफिया एजेंसी गुआंग बू(एम.एस.एस) का लगभग सौ एकड़ में फैला विशालकाय और बेहद गुप्त ठिकाना।

जहां अभी एक सीक्रेट मीटिंग चल रही थी....जिसमें मौजूद थे चाइनीज आर्मी तथा गुआंग बू के कुछ आला अधिकारी और वहां की सत्तारूढ़ चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी के कुछ बड़े नेता........मीटिंग का एजेंडा था भारत की बर्बादी......
(मीटिंग के दौरान वहां उपस्थित सभी सदस्य चाइना की राष्ट्रीय भाषा 'मंडारिन' में वार्तालाप कर रहे थे,पर पाठको की सुविधा दृष्टि से हम यहां पर एवं आगे की कहानी में भी चाइनीज वार्तालाप का हिंदी रूपांतरण ही प्रस्तुत करेंगे)

"कमाण्डर जिन-ची, अब समय आ गया है....बिना देर किए इंडिया में थर्ड बेव की शुरुआत कर दो...इंडिया के बर्बाद होते ही सम्पूर्ण एशिया में हमारा एकाधिकार हो जाएगा......अमेरिका को तो हमारे वायरस ने पहले ही तोड़ कर रख दिया है, इस तरह से बहुत जल्द हम विश्व की सबसे बड़ी शक्ति बन जायेंगे......दुनियाभर के देशों का अस्तित्व हमारे रहमोकरम पर रहेगा......इस वायरस को लेकर दुनिया हमें शक की निगाहों से देख रही है,इस से पहले कि उनका यह शक यकीन में बदले,हमे हर हाल में अपने इरादों में कामयाब होना है......इसमें किसी भी प्रकार की देरी का मतलब है विश्व भर के देशों का हम पर एक सम्मिलित हमला"

यह चीन के एक बड़े राजनयिक थे,जो गुयांग बू के प्रमुख को जिन-ची को सम्बोधित कर रहे थे।

प्रतिउत्तर में जिन-ची ने भी जहर उगला .....
"सर......हमारी तैयारी पूरी है, इंडिया में इस मिशन का जिम्मा हमारे बेस्ट कमांडो चांग-ली पर है.....वह कभी फेल नही हुआ है......उसके काम का एक शानदार उदाहरण इंडिया में सेकेंड बेव के दौरान मची हाहाकार था.......ली ने सारी तैयारी कर ली है...3 दिन बाद ही वहां पर तबाही का आरम्भ होने वाले है...इस बार बड़े शहरों के साथ साथ हमने इंडिया का रूरल एरिया भी टारगेट किया है.........इस अटैक के बाद इंडिया की हालत और उसकी इकोनॉमी इतनी बदतर हो जाएगी कि उनकी आने वाली सात पुश्ते भी हमारी गुलामी ही करेंगी........"

चिन-ची की जहरीली बातों को सुनकर वहां मौजूद हर चेहरे पर एक शैतानी मुस्कुराहट दौड़ पड़ी थी........चाइना का वह राजनेता जो कि इस सभा को सम्बोधित कर रहा था,त्रेतायुग के दानवो की तरह अट्टाहास वाली हंसी हंसता हुआ 'चिन-ची' और उसकी एजेंसी गुयानबू को प्रोत्साहित करने लगे।

"वेलडन मिस्टर चिन-ची.....हमारी पार्टी ने निर्णय लिया है कि हम इस मिशन की सफलता के बाद तुम और तुम्हारी गुयानबू को ही हम इनाम के तौर पर एक व्यापारिक संस्था के रूप में इंडिया के साथ व्यापार करने की अनुमति देंगे....... व्यापार तो दरअसल दिखावा रहेगा ,उसकी आड़ में हमारा उद्देश्य तब तक पूरी तरह से तबाह हो चुके इंडिया और उसकी भूखी गरीब जनता पर अपना एकाधिकार स्थापित करने का रहेगा"

बदले में कमांडर चिन-ची ने भी शुक्रिया अदा किया
"धन्यवाद ग्रेट 'सी काइनोंग'..….मैं और हमारी गुयानबू तैयार है।"

............

(कहानी जारी रहेगी।)

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Vijay

Vijay 6 महीना पहले

Parash Dhulia

Parash Dhulia 6 महीना पहले

Kaumudini Makwana

Kaumudini Makwana 7 महीना पहले

Prafulla Chothani

Prafulla Chothani 7 महीना पहले

anirudh Singh

anirudh Singh मातृभारती सत्यापित 7 महीना पहले

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