009 सुपर एजेंट ध्रुव (ऑपरेशन वुहान) - भाग 12 anirudh Singh द्वारा रोमांचक कहानियाँ में हिंदी पीडीएफ

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009 सुपर एजेंट ध्रुव (ऑपरेशन वुहान) - भाग 12

नई दिल्ली का एक पांच सितारा होटल 'रॉयल स्क्वायर' का रूम नम्बर 103.......कमरे के अंदर एक पाश्चात्य एवं भड़कीले लाल वस्त्रों में लिपटी गोरी,सुंदर,छरहरी क़ाया वाली ग्लैमरस युवती टेबल पर रखी कुछ विदेशी ब्रांड की शराब की बोतलों में से एक बोतल उठा कर हाथ मे पकड़े हुए गिलास में शराब उड़ेलती है, और उस गिलास का स्पर्श जैसे ही अपने होंठो से कराती है.....तभी दरवाजे की वेल बजने लगती है.........
वेल की आवाज सुनकर उस युवती के चेहरे पर एक कुटिल मुस्कान दौड़ जाती है,जिससे पता चलता है कि जिसका वह इंतजार कर रही थी,शायद वह शख्स अब आ गया है।

"कम ऑन डार्लिंग.....दरवाजा खुला है।"
उस युवती ने एक जहरीली मुस्कान के साथ पूरे कॉन्फिडेंस के साथ आवाज लगाते हुए वेल ड़ोर बजाने वाले शख्स को अंदर आने का इशारा किया।
शायद वह आश्वस्त थी कि वेलड़ोर बजाने वाला शख्स वही है जिसका वो इंतजार कर रही थी.....

दरवाजा खोल कर बेहद हड़बड़ी में वह शख्स रूम में एंटर होता है और उतनी ही हड़बड़ी में दरवाजा अंदर से लॉक कर लेता है......चेहरे पर बड़ा सा मास्क लगा होने के कारण वह पहचान में नही आ रहा था,पर अंदर आने के बाद वह खुद ब खुद चेहरे से मास्क निकाल देता है......

यह श्रीकांत बख्शी थे, जी हां मेजर श्रीकांत बख्शी.....इंडियन आर्मी के एक बेहद जिम्मेदार ऑफीसर........
"रीमा ,अब क्यों बुलाया मुझे, तुम्हारे जाल में फंस कर आलरेडी मैं गद्दार बन चुका हूँ, अब तो ब्लैकमेल करना छोड़ दो,क्या चाहती हो अब......"
मेजर बख्सी का इस तरह गिड़गिड़ाना जाहिर कर रहा था कि शायद रीमा नाम की इस युवती द्वारा उसे हनी ट्रैप करके ब्लैकमेल किया जा रहा है।
" यू आर सो स्वीट मेजर......कुछ डिटेल्स ही तो मांगती हूँ...बदले में एवरीथिंग इज योर्स.....वो वीडियोज वाली पेन ड्राइव भी दे दूंगी इस बार तो.....बस एक लास्ट इन्फॉर्मेशन दे दो,किसी को पता नही चलेगा......अदरवाइज यू नो मेजर, मुझे न चाहते हुए भी वायरल करने होंगे वो वीडियोज।"

मेजर बख्सी की ओर ड्रिंक से भरा हुआ एक गिलास ऑफर करते हुए रीमा ने धमकी भरे अंदाज में अपनी डिमांड रखी।

मेजर बख्सी बेहद चिंता में अपना सिर पकड़ कर वहीं बेड पर बैठ गए.…...

"यू हैव नो वे मेजर.....सुसाइड का भी सोचना मत, तुमको पता है न डार्लिंग, सुसाइड करके तुम मुझसे पीछा तो छूटा सकते हो पर उसके बाद इन वीडियोज के साथ साथ इंडियन आर्मी की जो सीक्रेट इन्फॉर्मेशन तुमने हमको दी है, उसके एविडेन्स को भी हम वायरल कर देंगे....एक कायर गद्दार के बीबी बच्चे उसकी डेथ के बाद कितनी नर्कनुमा जिंदगी जिएंगे, यह तुम समझ सकते हो मेजर"

मेजर श्रीकांत बख्सी एक सोची समझी बहुत बड़ी साजिश में फंसे हुए थे,पिछले कुछ समय में वह न चाहते हुए भी देश की कई खुफिया जानकारी रीमा के हाथों लाचार होकर उसे दे चुके थे, और उनकी इसी लाचारी का फायदा अब बार बार उठाया जा रहा था।
" मेजर ....'ऑपरेशन वुहान' क्या है....मुझे डिटेल्स में इन्फॉर्मेशन चाहिए,इसका क्या मकसद है और कौन कौन से ऑफीसर्स लीड कर रहे है इसको।"

रीमा तक ऑपरेशन वुहान की खबर पहुंच जाना शुभ संकेत तो बिल्कुल नही था, मतलब साफ था देश के दुश्मनों को भारत के इस टॉप सीक्रेट मिशन की कुछ न कुछ भनक तो लग ही चुकी थी.....मेजर बख्शी भी अब हैरत में थे।
"कम ऑन डार्लिंग....टाइम नही है मेरे पास,बहूत बिजी हूँ...जो पूंछा है जल्दी से बता डालो न माय गुड़ बॉय"

ब्लैकमेलिंग करने का शायद जबरदस्त अनुभव प्राप्त था रीमा को ,तभी तो मेजर बख्सी से मुंह खुलवाने में ज्यादा समय नहीं लगा।

"रीमा,वह एक टॉप सीक्रेट मिशन है,जिसकी इन्फॉर्मेशन सिर्फ रॉ चीफ और चन्द खास लोगो को ही है....मुझे कुछ भी नही पता इस ऑपरेशन के बारे में"

हालांकि मेजर बख्सी को थोड़ी बहुत जानकारी थी इस ऑपरेशन के बारे में,पर वह दिल से गद्दार नही थे,इसलिए सब कुछ नही बताना चाह रहे थे.....

"यू हैव जस्ट 24 ऑवर्स नॉटी बॉय....मुझे ऑपरेशन वुहान की फूल डिटेल्स पता करके दो....कैसे करोगे दिस इज नन ऑफ माय ड्यूटी.....कल मॉर्निंग कैफेटेरिया शॉप चांदनी चौक पर ठीक 9 am.....नही दे पाए,तो 9.05 am पर सोशल मीडिया पर तुम्ही छाए होंगे....ओके बाय डार्लिंग"

धमकी देकर होटल के रूम से बाहर निकल गयी थी रीमा.....और मेजर बख्शी कांपते हुए कदमो के साथ नीचे फर्श पर जा बैठे थे......मजबूरी में ही सही,देश के साथ उनके द्वारा की जाने वाली गद्दारी को झेल नही पा रहे थे अब वह....परिवार,बच्चों,खुद की इज्जत की चिंता करके अभी तक जो गद्दारी उन्होंने की थी....अब उसको और अधिक समय तक जारी रखने की क्षमता शायद अब और नही थी उनके अंदर.......चेहरे पर ढेर सारा तनाव समेटे हुए मेजर बख्सी की आंखों से आंसुओ की धार छूट पड़ी थी......साथ ही अब दिखाई दे रहा था उनके चेहरे पर किसी प्रकार के बड़े निर्णय का भाव भी......मेजर बख्सी कमर में रखी हुई लोडेड़ पिस्टल निकाल कर अचानक से ही अपने सिर से सटा चुके थे........उनके इरादे अब साफ नजर आ रहे थे.......देर से ही सही देश पर सब कुछ न्योछावर करने वाली एक फौजी की आत्मा जाग चुकी थी......आंसुओ की धार और चेहरे का तनाव लगातार बढ़ता जा रहा था,और साथ में बढ़ने लगा था पिस्तौल के ट्रिगर पर उनकी उंगली का दबाब भी......।

रीमा अब तक होटल की पार्किंग तक पहुंच के अपनी ब्लैक कलर की स्कोडा कार में बैठ चुकी थी....तभी उसके मोबाइल पर एक कॉल आया.....स्क्रीन पर चांग ली क़ा नाम डिस्प्ले हो रहा था।
" बॉस,कल मॉर्निंग तक ऑपरेशन वुहान की डिटेल्स आपके पास होगी"
बस इतना ही बोला गया रीमा के साइड से....और फिर तुरन्त ही कॉल कट हो गया,रीमा की कार तेजी से पार्किंग से निकल चुकी थी।

होटल के रिसेप्शन पर लगे हुए टीवी पर फीमेल एंकर द्वारा ब्रेकिंग न्यूज पढ़ी जा रही थी।

"देश के दक्षिणी एवं पूर्वोत्तर भाग के साथ साथ अब कल अचानक से ही उत्तर भारत के सभी राज्यो में ही वायरस संक्रमितों की संख्या अचानक से कई गुना बढ़ने लगी है.....अकेले दिल्ली में ही आज एक हजार से अधिक पॉजिटिव पाए गए....वैज्ञानिकों का मानना है कि वायरस के इस म्यूटेंट रूप में डेथ रेट उच्चतम स्तर पर देखने को मिल सकता है.....वायरस के अचानक से बढ़ते प्रकोप से निपटने को आगे की रणनीति बनाने हेतु प्रधानमंत्री ने आज एक आपातकालीन मीटिंग बुलाई है।"

मतलब साफ था, चांग ली ने कड़ी सुरक्षा के बावजूद भी अपने प्लान के अनुसार देश की सभी सिलेक्टेड लोकेशन्स पर वायरस अटैक कर ही दिया था....जो तेजी से लोगो को अपनी चपेट में ले रहा था।

........कहानी जारी रहेगी.......