थप्पड़!! Madhu द्वारा महिला विशेष में हिंदी पीडीएफ

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थप्पड़!!

एक जगह (नाम तिलसवा
उत्तर प्रदेश का छोटा सा गाँव) कुछ औरते आपस में बाते कर रही थी या शायद किसी कि बुराई वो भी किसी के घर कि बहुरिया के बारे मा,,,, एक औरत अरे सुनो कमलिया के री अम्मा बहुते गजब हुई गवा ऊ रमेशवा कि रे बहुरिया अपनॆ हि मरदवा का बीच सभा मा" तपड" मार दिहिस सारी सभा बस देखत हि रह गईन, उस एक थप्पड़ कि गूंज से स्तब्ध से सभईन लोग बैठी कि बैठी रह गईन l

"का साची "ऊ दुसरी औरत अपनी बड़ी बड़ी आखो को और बड़ा करते हुये कहती ! जे का कलजुग आ गवा हमाय गाव मा हमका त पहले से लागी राही ऊ रमेशवा कि बहुरिया देखन से लागे रही बडी चकड रहे, देखो नहीं रहि बहिन अपनी बिहाव (शादी) में कैसे कैसे चपड करत रहे कौनो बिटेवा देखी हो भला ऐसन चपड चपड खुद के हि बिहाव मा तनिक लाज शरम हि नाही राहे ई तो होईक रहे एक दिन l

तीसरी औरत राम राम ई का कहत हो बडकी जीजी
का ऐसन हुवा गवा ई तो बहुते बडका कान्ड हुवी गवा ,अपान गाव मा ! हमका तो ऊ छोरी का बड़ी हि चिन्ता लागे का करिहे ऊ छोरी लाने ऊके घर के मरदवा लोग ऊके घर कि औरते तो कुछ कहत हि नाही जैसन चाहे वैसन राखे ऊके घर के मरद लोग!

पहली औरत तुम तो अपन बात हि ना करो दर्शवा के री अम्मा तुमाय घर के मरद भला मरद है कौनो अपनी मेहरारु जी गुलामी करे !!! तुमाय ईया तो मरद का चाहे कौनो बात कह दियो कौनो कुछ फ़रक पडबे हा का ऊ दिन हम देखन रहे तुहार मरद एक कि पराई औरत हाथ पकडकर ऊका अस्पताले ले जाय रहे हम तो देखत रहिगेन तुमओ तो राही!

तीसरी औरत,, हा हम रहिन ऊई जगा हम खुद देखे रहिन दर्शवा के बापु ऊ औरत लैगन रहे ऊ तुम नाही देखो रहो बडकी जीजी ऊ औरत पेट से रहे ऊके साथे कौनो हमका दिखा नाही राहे तो हमईन कहे रहे दर्शवा के रे बापू से ऊका अस्पताले भेजिओ जाईक तब त गईन रहे कौनो के री मदद से और हमार घर के मरद लोग औरतन के री इज्जत करत हमार राम जी बहुत खुश रहत है तुमका का पता बडकी जीजी तुमका त सिरफ़ लोगों कि बुराई करब जानिहो और का करत हो तुम इधर का बात उधर,,,उधर कि बात आज उकी बहुरिया कि बुराईकल ऊकी बहुरिया कि बुराई गुस्सा मा ऊ तीसरी औरत कहन लागी!

ऐ दर्सवा किरे अम्मा जादा हमाय सामने बकैती नाही दिखाऊ तो भला है तुहार, हमका का करे हा तुहार घर के मरद कौछो करे l तुहार घर का मरद लोग हाथन में चूडी पहनाय देयो जाईके जो औरतन कि गुलामी करे है !

पहली औरत तुम काहे आपस मा लडत हो हम ईया कहिके बाते करत है और तुम लोग आपस हि मा लडी मरी जा रही हो ! हम जा रहीन वही जहा जू सब हुई रहा है!!

तीसरी हम तो जाईत रहेन अपने घरे ता लोग करो बुराई राम जी तुम लोगन का सतबुध्दि देवे! राम राम जी बडकी जीजी और छुटकी जीजी l


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एक थप्पड़ कि आवाज से पूरी सभा में हलचल मच गई लोग हैरत भरी आँखो से ऊ नजारा देखन लागे कुछ सेकेण्ड तक कौनो का बिस्वास हि ना भा ई थप्पड़ कौने मारे और किकरे मारे है!!!

उसी वक़्त एक औरत तेजी से उठ कर आई,,,,ई करत तो बिटिया जानत नाही हो का यू तुमरा मरद है त कैसन हाथ उटाई दिहिस, बोलो बिटिया बोलो बिटिया!!!

ऊ लडकी बस करो अम्मा कितना हमका रोकिहो सुरुआत से तुम यही करत हो अम्मा तुम देखे नाही रहो का जब हम तुमाय घरे आईन रहे कैसन हमरे साथ सुलूक करे रहे त तनिक सा भी तुम सबका ख्याल राहे का सोचत हुईओ कि हमरा बिटिया का कितने दुख मा रहत है!!
अब तो तुम दिखिस रहो अभई कैसन बीच सभा मा हमरी इज्जत उछाल रहा का पति ऐसन होवत है जो अपनी हि मेहरारु का सम्मान ना करत है!!
का गलती रहे हमरा अम्मा यही कि हम ईनकी बात ना मानी, शादी हुई गवा हमरे साथे इनका तो का सर्टिफ़िकेटवा मिल गवा हमरे साथे चाहे जो सुलूक करे हम बस पत्निधरम निभाय रही!!
तुम का कहत रहो पति परमेश्वर होत है, ऐसन ऐसन होत है पति जो हमारी इज्जत बीच भरी महफ़िल मा उछाल रहा है, और इया जो सब तुम का दिख रहे ना लोग इमा आधे से जादे लोग खिल्ली उडाय रहे हमरी का कह रहे ऊ तो तुम सुन हि रही हो!

जब वो ये सब बाते कह रही थी उसमी सासू अम्मा जे का कह रही हो भूमी बहुरिया तुमरी ऐतना हिम्मत हमरे लडका के थप्पड़ मार रही हो गुस्से से दनदनाते हुये भूमी के गाल पर थप्पड़ मारे जाय रही रहे,,,गाल तक थप्पड़ पडता तुरंत भूमी रोक लिहिस

ना ना सासू अम्मा ई तो कतई ना करिहो बहुत सह लिनिह हम तुमरी तुमरी घर का लोगन कि और तुमरे सुपुत्र कि अब और नाही ,अपनी लडका कि गलती कबुह न दिनोह जो हमरे साथे का का जुलम किहिस है l
और तुमओ बहुते अच्छे से जाने हो गलत कौन कौन नाही, पर वही है ना ऊ सास वाली औहदा ना रही जईये, साला ज़िन्दगी मा चरस बो दियो हो ,और सासू अम्मा तुमरे पति हमरे पूजनीय ससुर जी वहि करत है जो तुमरा लडका हमरे साथे करत है तुम कुछो नाही बोलत हो सब सहती जावत हो,
जब हमरी बारी पर हमरा साथ न दईके अपने लडका का साथ देवत हो तब तो बडी हा मा हा मिलावत हो तब यू नाही समझ आवत ऊही लागेl

वही लागे एक जोर का तमाचा जडी पर नाही तुम कैसन हमरा साथ दे देहो जो तुमरी साथ तुमरी सास किनिह ऊही हमरे साथे तुम कर रही हो ऊ परम परा निभाय रही हो जे कबुह नाही सोचे हुईहो कि जो हमरे साथे हुवा हम अपनी बहुरिया साथे नाय होय देब!!
कह हि रही थी भूमी कि अम्मा बस कर बिटिया घर जायेक बाते किनिहो यहा देखो कैसन लोग बाते बनाय रहे हैं चुप हो ई जा बिटिया !

नाय अम्मा बहुत हुई गवा हम आज चुप नाय रहिबे, ई लोगन का अम्मा सब समझ आत है ईही लोग भी अपनी लुगाईन के साथे ई सब करत है,,, और ई लोग खुद का मरद बोलत है खुद कि पुरुष वादी सोच का बढ़ाय रहे हैं ऊमा परिवर्तन कुछो नाही करिहे वही दकियानूसी बातन का अपनाय रहे हैं!!

सब कहत है औरत हि औरत कि सबसे बड़का दुसमन होवे और ई बात सब महान औरत और मरद करे है,,,, ता हम सबसे पूछित हन चलो हम मान लिनिह औरत हि औरत कि बडका दुसमन होवे और या बात बहुत जगहन पर सची होवे!!

तो का आदमी लोग ई दुनिया मा झुनझुना बजाय आय है या खाली औरतन पर हाथ उठावे ऊ सब करेस से आदमी कहलहये!! जब जब ऊकरी सास उलहाने देवे बच्चा ना होये पर बिटिया पैदा होये पर दहेज ले ये पर तब का मुह मा छेद नाय रहत है ऊ सब रोके का सही के साथ खडे होये का!!

जब दहेज मा भर भर का पैसा मागा जात तब काहे मुह मा दही जमाय लेत है लडकी गोरी नहीं है ऐसन
नाय है वैसन नाय है तब ता बहुत बड़ी बाते कह जात हो तब यहो सरम नाय करिहि हमरे अम्मा बाबू तब ता सब कह जात हो !!
एक बार तुम आदमी लोग महिलाओ के साथ मजबूती के साथ खडे हो तो कैसन इतना नरक मचे औरतन लोगन कि जिन्दगी मा ,,,, तुम आदमी लोगन साथे तो ऐसन नाय करत हम औरतन लोग बोलो काहे नाही बोल रहे हो ईया का मजा लेवे आय रहो l
हम औरतन लोग ई तो नाही चाही कि तुमार मरद लोगन नीचा दिखाईब या बेज्जती करेब,, ना हि तुम लोगन से आगे जाईय कि होड है ना पीछे जाईक,, ,, हम लोग तुमार लोगन के साथ कदम से कदम मिलाय का चाही हम लोगन तो परेम भरा सम्मान स्वतंत्रता चाहिब!!

"वहा खडे सभी लोग उसकी बातो को बहुत ध्यान से सुन रहे थे...... आदमियो के साथ साथ स्त्रियों आंखों पर स्त्रियों के साथ हि बदसलूकी कि जो पट्टी बन्धी है वो हट रही है "उन स्त्रियों और आदमियो के चेहरे पर जो पुरुषवादी सोच को दम्भ हर वक़्त भरते थे ऐसा लग रहा था वो सोच धीरे धीरे छीण होती जा रही थी l l

भूमी का जो पति था वो अपने गाल पर हाथ धरे अभी थप्पड़ के सहर से निकला हि ना था,,,,,,,कि भूमि हम तुमका ई बीच सभा मा हर रिश्ते से आजाद करत है l यहा हर रिश्ते को हम आजाद कर दिहिस है l तनिक भी शरम नाम कि चीज होवे ता लोग हमार पीछे ना आइबो l
भूमी कि आँखो कि चमक उसके चेहरे कि आत्मविश्वास हर कोई देख सकता था ऐसा लग रहा था कि उसके इस निर्णय से उसे कोई भंग नहीं कर सकता था l

भूमि सबका हाथ जोडकर,,,,,, हम चलत है उम्मीद करित हन कि अब इह गाँव मा जो भी छोरी बहुरिया बन के आवे ऊकरे साथे ई बदसलूकी और हैवानियत कतई ना करना ll

भूमि किसी को पलटकर भी ना देखी वो चल पड़ी नय सफ़र को उसके गर्भ में पल रहा अपने अंश के साथ...उसे नहीं मालूम आगे कैसे क्या करेगी फिर उसे पूरा आत्मविश्वास था वो अपना और अपने बच्चे कि परवरिश बहुत हि बेहतर तरिके से कर लेगी l l

वहा सभी लोग उसे जाते देखते रहे !!

स्त्रिया अपने आप पर आ जाय तो
स्त्रियों से मजबूत कोई नहीं हो सकता है!!

इति!!
स्वस्थ रहिये खुश रहिये ll