याचना और अयाची बैठकर मूवी ("हीरो "सनी देओल और प्रीति ज़िन्टा) आधी हि हुई थी मूवी ,,याचना बीच बीच में उघाने लगी l
अयाची ; याचू तू सो जा जाकर मै पूरी मूवी देख कर हि सोऊगा l
जी दादा कहकर चली गई अपने कमरे l
अयाची ; मूवी देखने लगा l
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कमरे में जाते ही वो सीधा बिस्तर पर पसर गई ,,पूरी नीन्द में जाने हि वाली थी कि उसका फोन बजने लगा (वो अपना फोन साईलेन्ट पर नहीं रखती थी, क्योंकि वो जब भी सो जाती थी पूरी कुंभ कर्ण बन जाती है कही किसी कि फोन आ गया तो सामने वाला करता हि रह जायेगा उसे पता भी नहीं चल पायेगा l वैसे भी अयाची ज्यादातर काल करता था या फिर चन्द्रा!!)
जब तक उठाती उठाती काल कट कर गया वो वैसी हि लेटी रही l इस बार फिर उसका फोन घनघनाया मन मानकर उसे उठाना हि पडा!!
देखा तो वही राँग नम्बर का काल आया था ,,,
हे राम ये क्यों क्यों बार बार काल करता है झुलझुलाकर बोली....
बोलो क्यों फोन करते हो ना जान ना पहचान हम तुम्हारे मेहमान बने रहते हो l दिमाग विमाग ठीक है कि सटक गई है दिमाग कि!!
सामर्थ्य (राँग नम्बर),,,, हाय तुमाई आवाज कतई जहर है पता कितना सुकून मिलता है तुमाय आवाज सुनकर ,,,तुम क्या सबसे ऐसी हि बात करती हो या हम कुछ खास है !!
ये फ़्लर्टगिरी मुझ से मत किया करो नहीं तो पीट देगे समझे... खास और तुम मेरी जूती भी ना होवे क्यों काल करते हो कहा रहते हो नाम क्या है तुम्हारा ?
अरे इतना गुस्सा क्यों होती हो मै क्या कुछ कर रहा हूँ अच्छा रखता हूँ ख्याल रखना अपना मिस राँग नम्बर कहकर मुस्कुरा दिया l
है......
इसे क्या. हुआ आज बड़ी जल्दि. रख दिया
छोडो. मुझे क्या करना कौन ब्याह रचाना इससे..... याचना धीमी से. हस दि. काल कट हो गई l
(याचना और सामर्थ्य का ओफ़िशियाली और पर्सनल नम्बर अलग अलग है,,,, जिस नम्बर पर सामर्थ्य काल करता है याचना को वो पर्सनल नम्बर है !)
याचना फिर नीन्द कि बाहो में चली गई आज उसे बहुत बाद सुकू कि नींद आई थी इतने दिनों बाद भाई का स्नेह उसे सुकून पहुंचा रहा था.... आज राँग नम्बर से बात भी आज उसे अजीब सा सुकून मिलने लगा क्योंकि उसकी खिलखिला कर मुस्कुराने कि आवाज याचना को अलग दुनिया में ले कितनी निश्चलता थी उसकी खिलखिलाहट में वो खुद भी मुस्कुरा दि थी जिसे खुद भी महसूस ना कर पाई!!
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सामर्थ्य याचना कि आखिरी बात सुन लि थी ब्याह बाली,,,,, खुद से मिस राँग नम्बर से बात करके इतना सुकून क्यों मिलता है मुझे क्यों इससे बात करने कि तलब लगी. रहती है। गुस्सा लगता हर वक़्त नाक पर हीधरा रहता है l
फोन में याचना का नम्बर मिस राँग नम्बर से सेव कर लिया था उस दिन जब पहले दिन हि बात कि थी l
सामर्थ्य अपने घर पर सभी से बात किया उसके घर पर उसके माँ पापा और एक बहन है l
उसके बाद कुछ ओफ़िस वर्क देख वो भी नीन्द कि अगोश में चला गया l
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अर्जुन अपने कमरे में बैठ गहरी सोच में ...हाथो में सिगरेट लिये गश पर गश लिये जा रहा था l
फिर यादो में खो गया....
उस रोज पैदल हि किसी काम से वो रहा था कि देखा एक लडकी याचना कि उम्र की गुम सी ख्यालो में रोड पार कर रही थी उसी वक़्त ट्रक होर्न होर्न पर बजाय तेजी से बढता आ रहा था,,, अर्जुन भी उसे कई बार आवाज दी वो सुनी हि नहीं.....ट्रक उस लडकी को छूता तब तक अर्जुन उसकी बाँह को घसीट लिया और दोनों हि एक किनारे गिर पड़े l
अर्जुन कि बाँह में छिल गई थी जिससे हल्का हल्का खून रिसने लगा l
अर्जुन अपनी चोट ध्यान ना देते हुये उस लडकी कि बाँह पकडकर उसे जमीन से उठाते हुये जोरो से चीखा अन्धी हो या बहरी जो तुम्हे इतना बड़ा ट्रक ना दिखाई दिया कितनी हि आवाजे दी क्या सचमुच बहरी हो!! उसकी बाँह को जोरो से पकडकर कहता है l
जारी है !!